सगी भतीजी की सीलतोड़ चूत चुदाई- 2
(Maa Xxx Xxx Beti Sex Kahani)
माँ Xxx Xxx बेटी सेक्स कहानी में मेरी भाभी ने अपने सामने अपनी बेटी को मेरे लंड से चुदवाकर उसकी पहली चुदाई करवाई. मैंने अपनी भतीजी की सील तोड़ी उसकी अम्मी के सामने!
दोस्तो, मैं आलम एक बार फिर से अपनी सेक्स कहानी में आप सभी का इस्तकबाल करता हूँ.
अब तक आपने मेरी भतीजी की चुदाई की कहानी के पहले भाग
भाई की सगी बेटी की कुंवारी बुर
में पढ़ लिया था कि जन्नत भाभी जान के सहयोग से मैं अपनी भतीजी की चूत में अपने लंड का सुपारा पेलने में कामयाब हो गया था.
पर उसी दौरान मेरे मुँह से अपने भाई जान के बारे में कुछ गलत निकल गया और वे दोनों मुझसे खफा हो गईं.
अब आगे माँ Xxx Xxx बेटी सेक्स कहानी:
भाभी- आलम मत भूल, मेरा शौहर तेरा भाई भी है … इज्जत करना सीख कुत्ते!
नाज़रीन- हां चाचू, मेरे अब्बू को कुछ गलत मत बोलो!
मैं सकपका गया था तो माफी मांगने लगा.
तभी जन्नत भाभी बोलीं- बेटी, वह तेरे अब्बू सिर्फ नाम के हैं … बाकी तू चमन काका के लंड का नतीजा है … और तेरा भाई दिलशान चरण काका के लंड का नतीजा है. तेरे अब्बू का लंड नहीं नुन्नी है. वह खुद कई बार गांड मरवाता है, उसके कारण ही तो मुझे बहुत सारे लंड मिले हैं!
नाज़रीन- फिर भी मुझे अब्बू के बारे में कुछ नहीं सुनना.
जन्नत- देखा देवर जी, बातों बातों में कैसे दर्द चला गया इसका … अब मचा दे धकापेल!
मुझे भाभी की स्कीम समझ में आ गई और मेरे होंठों पर मुस्कान आ गई.
नाज़रीन- हां चाचू अब डाल दिया है तो पूरा पेलो. मुझे अब मजा आ रहा है, बस मेरी चूत में मीठी मीठी जलन हो रही है.
भाभी- बेटी अभी सिर्फ टोपा अन्दर गया है … इस शैतान का पूरा लंड बाहर पड़ा है.
नाज़रीन- चाचू अब जो होगा देखा जाएगा. तुम बस ठोक दो अपना मूसल और मुझे चोदना चालू करो.
तभी भाभी ने नाज़रीन के मुँह पर अपनी चूत रख दी और मुझे धक्का मारने का इशारा कर दिया.
मैंने अपनी पूरी ताक़त लगा कर एक धक्का लगा दिया.
मेरा हैवी लंड चूत की फांकों को चीरता हुआ आधा अन्दर चला गया.
नाज़रीन इस धक्के को बर्दाश्त नहीं कर पाई. वह बेहोश हो गई.
उसके चेतना शून्य होने से मैं घबरा गया और लंड निकालने की कोशिश करने लगा.
तभी जन्नत भाभी जान ने कहा- देवर जी घबराओ मत, इसकी बुर में पहली बार लंड गया है. इसकी सील टूट गई है बस … कुछ देर बाद इसको आराम मिल जाएगा.
मैं- तो भाभी अब मैं क्या करूं. इसकी बुर से खून भी निकल रहा है!
जन्नत- भोसड़ी के साले हरामी … जा अपनी माँ को चोद. तेरे बस का नहीं है सील तोड़ना. साले मैं तुझसे कह भी रही हूँ कि अभी ये बेहोश है, तो पूरा घुसा दे … इसको होश आया तो ये बजाने नहीं देगी!
मुझे भी गुस्सा आ गया.
मैंने फिर से पूरा जोर लगाया और एक और बमपिलाट धक्का दे मारा.
इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया.
उसकी चूत से खून बहते हुए मेरी टांगों पर बहने लगा था.
पूरी चादर खून खून हो गई थी.
जन्नत- मुबारक हो देवर जी, आज आपकी भतीजी लड़की से औरत बन गई है!
मैं- पर भाभी मेरी तो गांड फट रही है … इसको होश कब आएगा?
भाभी- अबे लौड़ू घबरा मत … तू चोदना चालू रख!
फिर मैं अपना लंड आगे पीछे करने लगा.
मेरा लंड उसकी बुर में बड़ी मुश्किल से आगे पीछे हो रहा था.
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लंड किसी भट्टी में डाल दिया हो.
कुछ देर बाद नाज़रीन की चूत गीली होने लगी.
अब मेरा लंड आराम से अन्दर बाहर हो रहा था.
धीरे धीरे वह भी कसमसाने लगी, उसको होश आने लगा था.
नाज़रीन रोती हुई- ऐईयया अम्मीईई मार दिया ज़ालिम ने … मेरी चूत में जलन हो रही है … ऐसा लग रहा है जैसे मेरी चूत में किसी ने तलवार घुसा दी हो!
जन्नत- रांड … पहले तो चुदने के लिए मरी जा रही थी, अब रंडी रोना रो रही है!
नाज़रीन तनिक गुस्से में बोली- साली रंडी, यह सब तेरे कारण हुआ है. तू रोज नए नए लंड ना लेती, तो मुझे ये गधे जैसा लंड नहीं सहना पड़ता … ऐयय चाचू अब जब फाड़ दी है तो अब जम कर चोदो. आज इसकी सारी गर्मी मिटा दो. कबसे इस रांड को चुदते हुए देख देख कर मैं तड़फ रही थी.
मैंने समझ लिया कि अब लौंडिया मस्त होने लगी है.
तो मैंने उसकी दोनों टांगें अपने कंधों पर रख लीं और उसको ताबड़तोड़ चोदने लगा.
नाज़रीन- आह हहह चचाजान … और जोरर से पेलो … आईय अम्मी रे. और जोर से हरामी बहनचोद और जोर रररर लगा कर चोद! मेराअआ होने वाला है … आह जल्दी जल्दी धक्के मार साले!
अब मैं भी पूरी रफ़्तार से उसको चोदने लगा.
जन्नत भाभी ने फिर से अपनी चूत को नाज़रीन के मुँह पर रख दिया.
अब नाज़रीन की आवाज़ जन्नत की चूत में दबने लगी थी.
दो चार धक्के मारने पर मेरी भतीजी का पानी निकल गया और वह किसी कुतिया की तरह हांफने लगी.
कुछ देर के बाद नाज़रीन की सांस काबू में आ गई.
वह बोली- चाचू अब रहम करो … मुझे छोड़ दो. मेरी चूत दर्द के कारण फट रही है … और मैं बहुत थक भी गई हूं!
भाभी- देवर जी अब इसको सोने दो, रात को फिर से चोद लेना. अब तो ये तेरी रंडी है … जब मन करे तब चोद लेना!
नाज़रीन- हां चाचू प्लीज छोड़ दो. अब तो मैं आपकी गुलाम हूं. मेरी सील आपने तोड़ी है तो आज से मैं आपकी भतीजी नहीं, आपकी बीवी हूं! आपकी रखैल हूं … अभी छोड़ दो मेरे मालिक!
मैं- पर मेरा पानी नहीं निकला है भाभी?
जन्नत भाभी जान बोलीं- तो जा अपनी बहन महजबीं और अमीरा को चोद दे … या फिर मेरी सास को चोद ले. साला गांडू अंधा … मैं तुझे नहीं दिख रही क्या!
मैंने हंसते हुए अपना लंड भतीजी की चूत से निकाला और जन्नत भाभी जान ने मेरे लंड को अपनी बेटी नाज़रीन के साथ मिल कर चाट चाट कर साफ कर दिया.
फिर नाज़रीन वही पास में नंगी ही सो गई और मैं भी उसी के बाजू में लेट गया.
भाभी लपक कर मेरे लंड पर बैठ कर अपनी चूत में फंसा कर उस पर अपनी गांड उछालने लगीं.
नाजरीन अपनी अम्मी के उछलते हुए दूध देखने लगी.
दोस्तो, जिसने अभी अभी रसमलाई खाई हो, उसको दही भल्ले कैसे अच्छे लगेंगे.
कुछ देर पहले कमसिन की सील पैक चूत चोदने के बाद किसी बाजारू रांड को चोदने में मुझे जरा भी मजा नहीं आ रहा था.
जन्नत- साले चूतिये … मेरे दूध दबा न, तुझे मजा नहीं आ रहा क्या?
मैं कुछ नहीं बोला.
“हां हां तुझे तो आज कच्ची कली जो मिल गई, अब तुझे मेरी भोसड़ी कहां अच्छी लगेगी!”
मैं मुस्कुरा कर बोला- नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं है, आपके कारण ही तो मुझे भतीजी की चूत मिली है.
जन्नत- अब डायलॉग मत मार, ऊपर आ और धक्के मार मेरी टांगों को राहत दे, उनमें दर्द हो रहा है.
फिर भाभी लेट गईं और मैं उनकी टांगें अपने कंधों पर रख कर उनको ताबड़तोड चोदने लगा.
कुछ देर बाद भाभी कसमसाने लगीं. पूरा घर चुदाई के शोर से गूंजने लगा था- आईंयय शाबास देवर जान और जोर से पेल आह ऐईईई … बस मैं गयीईई.
वे मेरी पीठ पर नाख़ून गड़ाने लगीं और मेरे गाल पर दाँत गड़ाती हुई झड़ने लगीं.
कुछ ही धक्कों के बाद हम दोनों साथ में झड़ गए. हम दोनों की सांसें धौंकनी की तरह चल रही थीं.
थोड़ी देर बाद हम दोनों सामान्य हो गए.
भाभी- देवर जी, अब अभी सो जाओ, मेरी चूत भी आज दर्द कर रही है. शाम को देखेंगे कि क्या करना है.
फिर हम सब नंगे ही सो गए.
रात को फिर चुदाई का कार्यक्रम शुरू हो गया.
आधी रात तक मैं नाज़रीन और जन्नत भाभी को बारी बारी से चोदता रहा.
रात को 12 बजे माँ Xxx Xxx बेटी सेक्स का मजा लेकर हम तीनों सो गए.
सुबह 9 बजे मेरी आंख खुली.
भाभी उठ चुकी थीं और चाय बनाने चली गई थीं.
नाज़रीन मेरे पास नंगी सोई हुई थी.
उसके पूरे बदन पर हम दोनों का मिक्स रस लगा हुआ था.
ये सब देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैं उसके बदन पर लगा सारा वीर्य चाट कर साफ करने लगा.
मेरी चुसाई के कारण उसकी आंख खुल गई.
फिर वह मेरे से लिपट गई और मुझे चूमने लगी.
मैं- बेटी, मजा आया रात को!
नाज़रीन- चाचू दर्द तो बहुत हुआ, पर मजा भी बहुत आया. ये देखो मेरी चूत सूज गई है!
उसकी चूत सच में सूज गई थी, चूत के होंठ सूज के लाल हो गए थे.
मैं- तो एक राउंड और हो जाए बेटा!
नाज़रीन- जो हुकुम चाचू, पर आराम से चुदाई करना.
फिर मैंने उसको लिटाया और उसकी चूत को चाटने लगा, अपनी पूरी जीभ चूत में डाल कर घुमाने लगा.
नाज़रीन- आह चाचू … अब तड़फाओ मत … जल्दी जल्दी कर लो … आज अब्बू आने वाले हैं वरना अम्मी इतनी जल्दी नहीं उठतीं.
मैंने उसको लिटाया और उसकी टांगें कंधों पर रख लीं, चूत में लंड पेल कर मैं जोर जोर से चोदने लगा.
नाज़रीन- आईंय यआआह चाचूऊऊ दर्द कर रहा है … अइयय याह चाचू आप नीचे लेट जाओ … मैं आपके ऊपर आ जाती हूं.
फिर मैं लेट गया और वह ऊपर आ गई और आराम आराम से लंड को अन्दर बाहर करने लगी.
मैं- नाज़रीन ऐसे मजा नहीं आ रहा है … तुम कुतिया बन जाओ!
वह कुतिया बन गई.
नाज़रीन- आज पहली बार किसी कुतिया को गधे के लंड से चुदना पड़ रहा है!
हम दोनों हंसने लगे.
मैंने उसको कुतिया बनाया और उसकी चूत मारने लगा.
“अहही ईईया चाचू आपके लंड का जवाब नहींईई … मैंने अम्मी को बहुत लोगों से चुदते हुए देखा है, पर आपके जैसा कोई नहीं चोदता अअह अइ आहहह चाचू आपने मुझे बचपन में अपनी बांहों में उठाया है … आज फिर सेउठाओ!”
मैं- ठीक है मेरी जान आओ तुझे लंड के झूले पर बिठाता हूं.
फिर मैं खड़ा हो गया और नाज़रीन ने अपने दोनों हाथ मेरी बांहों में डाल कर अपने दोनों पैर मेरी कमर पर कस लिए.
मैंने उसको अपनी बांहों में लेकर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और खड़े खड़े चोदने लगा.
हम दोनों की जोर जोर से सांसें चल रही थीं.
जन्नत- अब जल्दी करो देवर जी, आपके भाईजान आने वाले हैं.
फिर मैंने नाज़रीन को नीचे लिटाया और ताबड़तोड़ चोदने लगा.
कुछ देर के बाद नाज़रीन का बदन अकड़ने लगा.
नाज़रीन- आईं ययय योह चाचू मेरा होने वाला है … आईं ईईया अम्मीईई मैं गयीईई आईंईई मैं आईंईई!
फिर वह झड़ गई और उसने मुझे कसके जकड़ लिया.
उसका शरीर झटके पर झटका खा रहा था.
कुछ देर बाद वह सामान्य हो गई.
मैं- मेरा भी होने वाला है … अन्दर गिरा दूँ क्या?
भाभी चाय लेकर आईं और कहने लगीं- देवर जी अन्दर मत गिराना, हम दोनों को पिला दो.
फिर मैंने लंड नाज़रीन की चूत से निकाल कर दोनों के मुँह में माल गिरा दिया और उन दोनों ने मजे से चाट चाट कर लंड रस पी लिया.
अब हम सब चाय पीने लगे.
भाभी साफ सफाई में लग गईं.
मैं और नाज़रीन उनकी मदद करने लगे.
भाभी ने खून से सनी चादर को लॉकर में रख दिया.
नाज़रीन- अम्मी, ये गन्दी चादर लॉकर में क्यों रख रही हो?
जन्नत भाभी- ये तेरे लिए है, तेरी यादगार के लिए!
फिर हम सब नहा धोकर तैयार हो गए.
कुछ देर बाद भाईजान आ गए और मैं अपने घर चला गया.
आप सबका साथ रहा तो दोस्तो वापस मिलते हैं.
यह माँ Xxx Xxx बेटी सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, अपने कमेंट्स करें.
लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.
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