कुंवारी लड़की की कामेक्षा तृप्ति
(Kunvari Ladki Ki Kameksha Tripti)
दोस्तो, मेरा नाम मोनू (परिवर्तित नाम) है। मैं शादीशुदा हूँ तथा मेरी शादी को आठ साल हो चुके हैं। मेरी सरकारी नौकरी है।
मेरी वर्तमान उम्र 32 साल है.. कद 5 फीट 8 इंच तथा जब एक्टिव होते है तब मेरे बाबू साहब भी आम लौड़ों से लम्बे हो जाते हैं।
मैं पिछले कई महीनों से अन्तर्वासना की कहानियों का जिज्ञासु पाठक हूँ।
यह किसी गैर के साथ मेरा पहला सेक्स अनुभव है.. जो कि एक कुँवारी लड़की के साथ था।
मुझे सेक्स का बहुत शौक है। शादी से पहले लड़कियों से दोस्ती बहुत रही है.. लेकिन नासमझ होने के कारण कभी किसी लड़की के साथ सेक्स नहीं किया.. हालांकि उन लोगों की तरफ से बहुत यौन आमंत्रण मिलता था.. लेकिन मैं पागल था.. जो इन सब मौकों का कभी फायदा नहीं उठाया और मन ही मन में किसी कुँवारी लड़की के साथ सेक्स करने को तरसता रहा।
अपने हाथों से मुठ मारने का भी बहुत शौक था और मैं पिछले कई सालों से मुठ मारता आया हूँ।
किसी कुँवारी लड़की के साथ सेक्स करने का आनन्द मुझे मेरी शादी के बाद मिला।
जिस कुँवारी लड़की के साथ मैंने सेक्स किया था.. वो किसी कंपनी की तरफ से हमारे डिपार्टमेंट में आई थी। हालांकि मैं उस समय उससे कोई भी बात नहीं करता था। उसने उस कंपनी को छोड़ दिया।
दो साल बाद एक दिन मैं अपनी बीवी को डॉक्टर को दिखाने गया.. तब वहीं वो लड़की फिर से मिल गई। वो लड़की उस डॉक्टर के यहाँ फार्मासिस्ट के पद पर कार्य करती थी।
उस लड़की का नाम नेहु (परिवर्तित) था।
मेरी उससे आँखें मिलते ही उसने मुझे पहचान लिया और हमने एक-दूसरे का अभिवादन भी किया।
चूंकि वहाँ पर वो लड़की एक फार्मासिस्ट के रूप में कार्य करती थी.. इसलिए मैंने उसका मोबाइल नंबर यह कह कर ले लिया कि कोई जरूरत हुई तो मैं उसे कॉल करके जानकारी ले लूँगा।
यह वो समय था.. जब मैं सरकारी नौकरी में उच्च पद पर जाने के लिए एक्जाम की तैयारी कर रहा था तथा रोज रात को 1 या 2 बजे तक पढ़ता रहता था।
जब से मैंने नेहु से मोबाइल नंबर लिया.. उसी समय से मेरा उससे टेक्स्ट चैट शुरू हो गया था।
दस अगस्त 2011 की रात 11 बजकर 45 मिनट पर जब मैं उससे टेक्स्ट चैट कर रहा था.. तब उसका मैसेज आया- मुझे कॉल करो।
मैंने तुरंत कॉल किया..
तो उसकी बहुत हल्की सी आवाज आई।
उस समय मुझे पता नहीं क्या हुआ और मैंने उसे मोबाइल पर किस कर दिया।
ठीक एक मिनट बाद उसने मुझे ‘आई लव यू’ कह दिया।
आपको क्या बताऊँ.. मैं कितना खुश था। क्योंकि मैं सिर्फ उसके साथ एन्जॉय करना चाहता था।
उस रात करीब 15 मिनट बात हुई लेकिन उस 15 मिनट में उसने मुझे जो कहा.. वो आपके साथ जरूर शेयर करना चाहूँगा।
नेहु बोली- मोनू, मैंने कुछ नहीं पहन रखा है।
मैंने बोला- मैं समझा नहीं नेहु..
नेहु ने कहा- मोनू, मैं हमेशा बिल्कुल नंगी सोती हूँ।
मैंने कहा- क्यों तुम्हें डर नहीं लगता कि कोई तुम्हें देख लेगा?
नेहु बोली- मोनू मेरा रूम मम्मी-पापा के रूम से अलग है और मैं अकेली सोती हूँ तथा मुझे रात को पूरी नंगी सोने की आदत है।
मैंने मन ही मन बस पूरा प्रोग्राम बना लिया, उससे बात करने के बात मैंने मुठ जरूर मारी।
फोन रखने से पहले मैंने उससे मिलने की ख्वाहिश जाहिर की.. तो उसने कहा- तुम कल दिन में एक से दो बजे के बीच हॉस्पिटल ही आ जाना क्योंकि उस समय सब लंच पर चले जाते हैं और मरीज भी नहीं आते।
अगले दिन मैं कल एक बजने का इंतज़ार करने लग गया, ठीक एक बजे मैं हॉस्पिटल गया।
नेहु मुझसे मिलने आई तब उसने अपने कुर्ता थोड़ा नीचे की तरफ खींच लिया था ताकि मुझे उसके मम्मे नजर आएं और हुआ भी यही कि मुझे उसके बड़े-बड़े मम्मे नजर आए।
उस दिन मिलने के बाद मैंने नेहु को फोन करके पूछा- तुमने अपना कुर्ता इतना नीचे क्यों कर रखा था?
तो नेहु ने जवाब दिया- ताकि तुम्हें मेरे मम्मे नजर आएं।
बात खुल चकी थी.. बस अब तो वो मौका चाहिए था.. जब उसे मैं चोद सकूँ। 21 सितंबर 2011 को वो मौका आ ही गया।
वो मेरे साथ घर से हॉस्पिटल जाने का बहाना बना कर कार में होटल के लिए रवाना हो गई। मैं बहुत खुश था क्योंकि एक कुँवारी लड़की को चोदने का मौका मिलना था।
मैंने अपने साथ मैनफोर्स कंडोम का पैकिट ले लिया था। लम्बे सफर के बाद हम दोनों होटल पहुँचे और एक एसी रूम लिया।
रूम में जाते ही मैंने रूम बंद किया और उसके मम्मों को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लग गया और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए। बस इधर मेरे होंठ उसके होंठ को रगड़ रहे थे और उधर मेरे हाथ उसके दोनों मम्मों को मसलने में लगे थे। बहुत देर तक उसके मम्मों को दबाया।
नेहु कभी ‘उहह.. आहह..’ करती.. तो कभी मेरे लन्ड को अपने हाथों से रगड़ने लगती।
मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और चोदने की ख्वाइश सामने रखी तो उसने अपनी सिर्फ पैन्टी उतार दी और कंडोम लगा कर चोदने के लिए कहा।
मैंने तुरंत कंडोम पहना और उसकी चूत में डाल कर तेज-तेज हिलाने लगा। नेहु भी मेरे इस काम में नीचे से अपनी गाण्ड को ऊपर-नीचे करके पूरा साथ दे रही थी।
वो बोलती जा रही थी- मोनू चोदो मुझे.. बहुत तेज-तेज चोदो.. आह्ह.. मैं रोज रात को चुदने के लिए तड़पती हूँ।
मैं उसे काफी देर तक चोदता रहा.. उसके बाद वो तृप्त हो गई।
अब वो थक चुकी थी और इसी बीच मैंने उससे पूछा- क्या अभी तक तुम अपनी उंगली से करती थीं?
तो उसने कहा- जब मन होता था.. तब मैं अपनी दोनों टाँगों के बीच पिलो रख कर अपनी गाण्ड को तेज-तेज ऊपर-नीचे करती हूँ।
यह बात सुनकर मैं फिर से एक्टिव हो गया और उसे फिर से चोदने की बात कहने लगा।
इस बार मैंने उससे यह भी कहा- अबकी बार तुम पूरी नंगी हो जाओ।
नेहु ने ऐसा ही किया।
उसके दोनों बोबों के साथ मस्त चूत.. वाह क्या नजारा था।
मैंने तुरंत फिर से कंडोम पहना और अपने लन्ड को उसकी चूत में डाल दिया।
मुझे अपने चरम सीमा पर पहुँचने से ज्यादा लड़की को तृप्त करने में बहुत मजा आता है।
इस बार नेहु मेरे ऊपर आ गई और अपनी गाण्ड को तेज-तेज ऊपर-नीचे करने लगी। वो अपने दोनों हाथों से मेरे गालों को पकड़ बोलने लगी- मोनू तुझसे मैं रोज चुदना चाहती हूँ.. तुम्हारा लन्ड बहुत मोटा है और लंबा है। मेरी शादी होने के बाद भी मैं तुझसे खूब चुदवाउंगी मोनू!
थोड़ी देर बाद उसने मुझे ऊपर ले लिया और कहा- मोनू मेरी जान.. मुझे ऐसे चोदो कि ‘थपाथप’ की आवाज आए।
मैंने ऐसा ही किया और उसे तेज-तेज ‘थप.. थप..’ आवाज के साथ चोदा।
उसे खूब मजा भी आया।
इसके बाद मैंने उसे कई बार चोदा और अब तक उसके साथ लगभग 50 पारियाँ खेल चुका हूँ।
उसके साथ मैंने फोन सेक्स भी बहुत किया है। फोन पर मैं अपने लन्ड को हाथों से रगड़ता था और वो पिलो को अपनी टाँगों के बीच रख कर अपनी गाण्ड को तेज-तेज ऊपर-नीचे करती।
हम दोनों ‘उहह.. आहह..’ की आवाज के साथ एक-दूसरे के साथ कंप्लीट भी हो जाते। इस फोन सेक्स के कारण मैं अपने पूरे कमरे में अपने वीर्य का छिड़काव कर चुका हूँ।
यह थी मेरी पहली सेक्स स्टोरी.. उम्मीद है आप सबको पसंद आई होगी।
मुझे मेल जरूर करें।
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