मैं कैसे बन गई चुदक्कड़-2

(Mai Kaise Ban Gayi Chudakkad- Part 2)

This story is part of a series:

दोस्तो, आपको कोमल का प्यार भरा नमस्कार,
आपने मेरी कहानी के पिछले भाग में पढ़ा कि कैसे मुझे जॉब देकर मेरे बॉस ने मुझे अपने जांल में फंसा लिया.
अब उससे आगे की कहानी सुनिए!

मैं वैसे ही टॉवल लपेटे सोफे में बैठी थी और बॉस भी आकर मेरे बगल में बैठ गए.
अब मैं बिल्कुल शांत बैठी थी, वो अपने दोनों हाथों से मेरे चेहरे को पकड़ के बोले- वाह, कितनी सुन्दर हो तुम कोमल!
मैंने अपनी आँखें बंद कर ली.

उन्होंने अपने होंठ मेरे काम्पते हुये होंठों पर रख दिए, मेरे तो पूरे जिस्म में करंट सा दौड़ गया. वो मेरे गुलाबी होंठ बहुत प्यार से चूस रहे थे और एक हाथ से मेरी चिकनी जांघ को सहला रहे थे.
आज पहली बार किसी मर्द ने मेरे जिस्म को छुआ था. मेरे पूरे जिस्म में अज़ीब सी हलचल मची हुई थी. वो अहसास शायद ही जिंदगी में कभी भूल पाऊँ!

वो बेइंतहा मेरे होंठों को चूसते जा रहे थे. मेरी सांस बहुत जोरों से चल रही थी.

तभी बॉस ने मुझे खड़े किया और अपनी शर्ट उतार दी. मैंने जैसे ही उनका सीना देखा तो डर गई. उनके पूरे सीने में घने बाल थे और उनके पूरे शरीर पर भी बाल ही बाल थे.
वो बोले- क्या हुआ? क्या देख रही हो?
“कुछ नहीं … मैंने कभी ऐसा नहीं देखा.”
तो वो हँसते हुए बोले- अब देख लो मेरे शरीर को!

उनके शरीर के सामने तो मैं बिल्कुल बच्ची लग रही थी.
अब वो बोले- लाओ जरा तुम्हारा जिस्म भी तो देखें कि अंदर से तुम कितनी सुन्दर हो.
यह कहते हुए उन्होंने एक झटके में मेरे जिस्म से टॉवल खींच दिया.
मैंने अपनी आँखें बंद कर ली.

मेरे गोरे जिस्म को देख कर एकदम से बॉस बोले- वाह … तुम तो अंदर से एकदम मलाई हो!
मैं एकदम नंगी उनके सामने खड़ी थी. मेरा फिगर 34-30-36 है, वो ऊपर से नीचे तक मुझे देखे जा रहे थे.

अचानक बॉस ने मेरा हाथ पकड़ के अपनी बांहों में ले के लिपटा लिया. उनके शरीर का स्पर्श पाकर मेरे मुँह से आह निकल गई. वो मुझे बेदर्दी से हर जगह चूमने लगे. उनका शरीर बहुत भारी था 90 किलो से कम तो नहीं रहा होगा. और तब मैं मात्र 51 किलो की थी.

उनके अंदर गजब की ताकत थी, अपने मोटे सख्त बाजुओं से बॉस ने मुझे जकड़ रखा था. उन्होंने मुझे अब सोफे पे लिटा दिया और मेरी गोरी जांघों को फैला दिया.
मैं अपनी आँख बंद किये हुए थी.
मेरी कुंवारी बुर को देख कर वे बोले- बाप रे … इतनी छोटी सी बुर है तेरी, कैसे ले पायेगी मेरे इस लंड को?

उन्होंने अपनी पैन्ट और चड्डी को उतार दिया, बोले- जरा आँखें तो खोल!
जैसे ही मैंने आँखें खोली, उनका विशालकाय लंड देख कर मेरी आँखें फटी सी रह गई. काला सा मोटा सा 8 इंच का लंड मेरे सामने था.

फिर पता नहीं क्या हुआ कि वो बोले- चल आज तुझे नहीं चोदता, 2 दिन बाद मुझे ऑफिस के काम से बाहर जाना है. तब तू भी चलना साथ में, वहां मजा करेंगे.
और मुझे कपड़े पहनने को कह कर उन्होंने अपने भी कपड़े पहने और फिर मुझे अपनी कार से घर छोड़ने चल दिए.

पूरे रास्ते मैं बस यही सोच रही थी कि ऐसा क्या हुआ जो बॉस ने मुझे गर्म करने के बाद भी नहीं चोदा.
घर पहुंच कर उन्होंने माँ से मुझे साथ ले जाने की इजाजत ले ली और खुशखबरी भी दे दी कि मुझे नौकरी में पक्का कर दिया है और मेरी सैलरी अब 40000 कर दी है.
मेरे घर पर सभी बहुत खुश थे. मगर उनको क्या पता था कि मैं आज अपने आप को बेच कर आई थी।

2 दिन बाद हम दोनों वायुयान से गोवा चले गए.
वहाँ जाकर उन्होंने बताया- यहाँ कोई काम से नहीं आये हैं हम … यहाँ बस मैं तुझे चोदने के लिए लाया हूँ.
वहाँ 5 सितारा होटल में बहुत आलीशान रूम लिया.

फिर वे मुझे होटल के पास ही एक पार्लर ले गए और मुझे वहाँ फुल बॉडी हेयर रिमूवल करने को बोला. पार्लर में उन्होंने 5000 रुपये दिए. करीब 2 घंटे बाद मैं पार्लर से निकली और सीधा होटल चली गई.
वहां सर मेरा इन्तजार कर रहे थे.

बॉस ने मुझे नहाने को बोला और मैं बाथरूम में चली गई. वहां जब मैंने अपने कपड़े उतारे, तब सामने लगे शीशे में अपने आपको देख कर दंग रह गई. मेरी पूरी बॉडी दूध जैसी चमक रही थी.
अब मैं समझी कि वो मुझे पार्लर क्यों ले के गए.
मैं अच्छे से नहा कर बाहर निकली तो उन्होंने पहले से ही मेरे लिए एक खास ड्रेस लेकर रखी थी, ब्लू कलर की वो छोटी सी ड्रेस पहन के मैं तैयार हो गई.

फिर हम दोनों ने बाहर जाकर रेस्टोरेंट में खाना खाया, उस ड्रेस में सभी लड़के मुझे ही घूर रहे थे, मैं बहुत असहज महसूस कर रही थी. सभी की निगाह मेरी मोटी गोरी नंगी जांघों पर ही जा रही थी.
खाना खाकर हम दोनों रात करीब 8 बजे वापस होटल आ गए.

रूम में आकर बॉस ने रूम का दरवाजा लॉक किया और रूम का ए सी फुल कर दिया. कुछ ही देर में पूरा रूम बिल्कुल ठंडा हो गया. रूम का जो पलंग था वो इतना बड़ा था कि कई लोग उस पर सो सकते थे. और इतना गद्देदार कि क्या बताऊँ … आज तक इतने अच्छे पलंग पर मैं कभी नहीं सोई. उस पर लाल रंग की चादर बिछी थी और पूरे रूम में एक मादक गंध फैल रही थी जिससे माहौल पूरा सेक्सी हो रहा था.

मैं यही सब देख रही थी कि तभी सर बाथरूम से बाहर आये. वो एक पिंक कलर की नाईट ड्रेस पहने थे जो सामने से पूरी खुली थी और एक डोरी से बंधी हुई थी. ऐसी ड्रेस मैंने पहले फिल्मों में ही देखी थी.
सर मेरे पास आये और मेरे कंधों पर दोनों हाथ रख कर बोले- आज तैयार हो ना जान?
मैंने बस हां में अपना सिर हिला दिया।

वो मेरी गोरी मोटी बांहों को सहला रहे थे और ऐसे ही प्यार से मुझे लेकर पलंग पर बैठ गए और मेरे गोरे गाल को सहलाते हुए बोले- जानती हो कि मैं तुमको उस दिन ऑफिस में क्यों नहीं चोदा?
मैं बोली- नहीं … मैं यही सोच रही थी कि आपने क्यों नहीं किया मुझे नंगी करने के बाबजूद?
तो उन्होंने कहा- जान, मैंने जब तुमको नंगी किया और देखा कि तुम तो बिल्कुल कुंवारी हो और तुम्हारी बुर इतनी छोटी है कि तुमको वहां चोदता तो तुम सह नहीं पाती. और मैं तुमको बहुत अच्छे से चोदना चाहता था क्योंकि आज तक मैंने किसी कुंवारी लड़की की सील नहीं तोड़ी है. और जल्दबाजी में मैं तुमको नहीं चोदना चाहता था. इसलिए तुमको यहाँ लेकर आया हूँ.

ऐसा कहते हुए उन्होंने मेरे होंठों पे अपने होंठ रख दिए और उनको चूसने लगे।
उन्होंने मेरी ड्रेस उतार कर फेंक दी. अब मैं केवल चड्डी में थी क्योंकि उस ड्रेस के साथ ब्रा नहीं पहनी थी.

उन्होंने मेरे दोनों बड़े बड़े दूध को दोनों हाथ से सम्हाला और मेरे गुलाबी निप्पल को चूसने लगे. ऐसा करने से मेरे जिस्म में एक अलग ही तरंग फैल गई, वो बहुत जोर जोर से दूध दबा रहे थे. जिससे मुझे दर्द हो रहा था और मैं आआअ आह आअ आआउम्मआ आआआ किये जा रही थी.

उन्होंने भी अपना लबादा उतार फेंका. वो अंदर से बिकुल नंगे थे, उनका काला मोटा लंस फनफना के सामने आ गया. उसको देख मैं यही सोच रही थी कि ये कैसे मेरे अंदर जा पायेगा. आज पता नहीं मेरा क्या होगा।

इतने में सर ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और बिस्तर पर लिटा दिया. उनके वजन से मैं दबी जा रही थी. मैं भले कद काठी में अच्छी थी मगर वो मुझसे काफी ज्यादा मोटे और ताकतवर थे
वो मेरे होंठ को अपने दांतों से मसल रहे थे.

मैं भी अपने दोनों हाथ उनकी पीठ पर रख कर साथ देने लगी, उनकी पीठ पर भी बहुत बाल थे. उनका लोहे जैसा गर्म लंड मेरी जांघों को सहला रहा था. वो मेरे होंठ और गालों को पागलों की तरह चूम रहे थे. बॉस एक हाथ से मेरे दूध के निप्पल को दबाने लगे जिससे मैं बहुत ही तेजी से चिल्लाई- उईईईई उईई ईईई!

अब मैं भी गर्म होती जा रही थी और धीरे धीरे मेरी दोनों जांघें अपने आप फैल गई और उनका लंड मेरी चड्डी के ऊपर से मेरी बुर में टिक गया. मेरी बुर से भी पानी निकल रहा था और चड्डी गीली हो गई थी.

वो एकदम से उठे और मेरे जांघों के बीच में बैठ कर मेरी चड्डी निकाल दी. अब मैं पूरी नंगी थी. वो मेरी बुर में हाथ रख कर सहलाने लगे और मेरी बुर की लाइन को उंगली से फैला कर बुर के छेद को देखा और बोले- वाह … क्या मस्त बुर है तुम्हारी मेरी रानी! आज मजा आ जायेगा.
और फिर अपने होंठ मेरी बुर में रख दिए.
कसम से मेरी आह निकल गई.

वो अपनी जीभ से मेरी मुलायम चुत को चाटने लगे. मैं तो बिना पानी की मछली की तरह पूरे बिस्तर पे मचलने लगी. मेरे मुँह से बस आआ आअह्ह आअह्ह ऊऊईई ईईई निकल रहा था. 5 मिनट के बाद अचानक मेरे अंदर से एक झटका सा लगा और मेरी बुर ने पानी छोड़ दिया. मैं सुस्त हो गई पर वो रुके नही और पूरी बुर चाट के साफ़ कर दी.

मेरे बॉस बुर फैला के जीभ से छेद को चाटने लगे, कुछ ही देर में मैं फिर से गर्म हो गई. वो मुझे अभी भी पागलों की तरह चूम-चाट रहे थे.
करीब आधे घंटे तक यही सब चलता रहा और तब जाकर वो मेरी बुर के पास से उठे और अपना घोड़े जैसा लंड दिखा कर बोले- अब मैं तुझे चोदने वाला हूँ.

वे मेरे ऊपर आ गए और एक हाथ से लंड को बुर में रगड़ने लगे. उनका 3 इंच मोटा लंड था, उनके सामने मेरी बुर कुछ नहीं थी.
सर ने मुझे जोर से अपनी बांहों में कस लिया और अपने होंठों से मेरा मुँह बंद कर दिया। वे अपना एक हाथ नीचे ले गए और लंड पकड़ के मेरी बुर पे रगड़ने लगे. उनका लंड इतना गर्म था कि क्या बताऊँ … उनके लंड का सामने का भाग काफी मोटा था. वो मेरी गुलाबी बुर को लंड से दबा दबा के रगड़ रहे थे.

मेरी बुर अब बिल्कुल गीली हो गई थी, वो अब चोदने वाले थे. उन्होंने अपने पैरों से मेरी जांघों को दबा लिया और दोनों हाथ को मेरी पीठ पे ले जाकर मुझे अपने सीने से चिपका लिया. अब मैं बिल्कुल भी हिल नहीं पा रही थी.

उन्होंने अपना लंड मेरी नाजुक नन्ही बुर के छेद में लगाया. मैंने जोर से अपनी आँख बंद कर ली क्योंकि मैं जान गई थी कि अब वो काला मोटा लंड मेरे शरीर के अंदर जाने वाला है।
उन्होंने मेरे होंठों को आजाद कर दिया. शायद वो मेरी चीख सुनना चाहते थे.

अब उन्होंने अपनी कमर को थोड़ा ऊपर किया, मैंने कस के उनको पकड़ लिया. उन्होंने जोर से एक धक्का लगाया मगर लंड छिटक के मेरे पेट की तरफ आ गया. उन्होंने फिर से लंड मेरी बुर में लगाया और फिर धक्का दिया. मगर बुर इतनी टाईट थी कि फिर वो छिटक के मेरी जांघ की तरफ चला गया।

पर वो भी बहुत माहिर थे एक हाथ से लंड को बुर में सेट किये और वैसे ही एक जोरदार धक्का लगा दिया।
लंड का मोटा सुपारा मेरी बुर के छेद को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया।
मैं एकदम से चिल्लाई- उईईई ईईईईई आआआ आआआअह्ह्ह ह्ह्ह!
मेरी आँखों के सामने अन्धेरा छा गया, इतना तेज़ दर्द हुआ मुझे … मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी- नहीं, मत करो, मत करो, नहीं जा रहा है! छोड़ दो मुझे! मैं मर जाऊँगी.

मगर वो कहाँ मानते … अपने कमर की पूरी ताकत लगा दी और उनका लोहे जैसा लंड बुर को चीरता हुआ आधा अंदर चला गया. अचानक हुए इस हमले को मैं सह नहीं सकी और जोर जोर से चिल्लाते हुए रोने लगी. मेरी आँखों से आंसुओं की तेज़ धार निकल रही थी.
मैं बस ‘आआआ आआअ नही नहीं नहीं … छोड़ दो मुझे … भगवान के लिए निकाल लो!’ यही कहती जा रही थी.

मगर वो नहीं माने और एक और धक्का दे दिया. लंड मेरी बुर को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर घुस गया और सीधा मेरे बच्चेदानी से टकराया. मैं उनसे छूटने की पूरी कोशिश कर रही थी मगर उनकी ताकत के सामने मैं कुछ भी नहीं थी. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कोई गर्म चाकू मेरी बुर में डाल दिया गया हो. मेरा पूरा शरीर दर्द से काम्प रहा था।

वो ऐसे ही मेरे ऊपर लेटे रहे. मैं उनके शरीर के नीचे दबी थी और कुछ भी नहीं कर पा रही थी.

करीब 15 मिनट के बाद मुझे दर्द से कुछ आराम मिला। मगर अभी भी दर्द हो रहा था. हम दोनों कुछ भी नहीं बोल रहे थे, बस वो मेरे ऊपर लेटे हुए थे।
अब उन्होंने अपना लंड आराम से बाहर किया, तब मुझे कुछ अच्छा लगा.

मैंने चादर को देखा तो मेरी बुर से निकला खून लगा था. मैं डर गई कि ये क्या हुआ.
तो वो बोले- ऐसा पहली बार होता ही है. आज तुम्हारी बुर फटी है. अब आज से तुमको कभी तकलीफ नहीं होगी, आज से बस तुम चुदाई का मजा लो.

इतना कह कर वो फिर मेरे ऊपर लेट गए और फिर से लंड अंदर डालने लगे. लंड बुर में एकदम टाईट था अभी भी मुझे दर्द हो ही रहा था. मेरे बॉस ने पूरा लंड फिर अंदर किये और अब धीरे धीरे मुझे चोदना शुरु कर दिए. लंड बुर से बिल्कुल चिपक के अंदर बाहर हो रहा था। मैं आअह आअह उम्म्ह… अहह… हय… याह… अह्ह ऊऊऊ उईई ईईई उफ अह कर रही थी. वो बस मुझे चोदे जा रहे थे.

धीरे धीरे उनके झटके तेज़ होते जा रहे थे, अब मेरा दर्द कुछ मजे में बदल रहा था. मेरे हाथ अपने आप उनकी पीठ पर चले गए और मैंने अपने नाख़ून पीठ पे गड़ा दिए. वो भी समझ गए और अपने धक्के तेज़ करते गए. मेरी चिल्लाने की आवाज अब सिसकारी में बदल गई. अपने आप मेरी गांड ऊपर उठने लगी. उन्होंने धीरे से अपने दोनों हाथ मेरे गांड के नीचे लगा दिए और मेरी गांड को कस के पकड़ के तेज़ी से धक्के मारने लगे.

अब मुझे मजा आ रहा था, मेरी बुर से फच फच की आवाज़ आने लगी. उनका पूरा लंड मेरे अंदर तक जा रहा था और हर चोट में बच्चेदानी से टकरा रहा था. मुझे इतना ज्यादा मजा मिलने लगा कि अभी कुछ समय पहले के जानलेवा दर्द को भूल गई.

अब वो अपनी पूरी ताकत से मुझे चोदने लगे, मैं उनसे चिपक गई और झड़ गई. वो भी 30-40 धक्कों के बाद झड़ गए और अपना पूरा माल मेरी बुर में भर दिया और मेरे ऊपर ही लेट गए.
करीब आधे घंटे के बाद उनका लंड एक बार फिर से टाईट हो गया और हम दोनों ने फिर से चुदाई शुरु कर दी. इस खेल में अब मुझे भी मजा आ रहा था, मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी.

चुदाई करते करते कब सुबह हो गई, पता नहीं चला. हम दोनों ही बहुत थक चुके थे. 4 बार चुदाई से मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा था.
ऐसे ही हम दोनों नंगे चिपक के सो गए.

दोस्तो, अब आगे की कहानी अगले भाग में जरूर पढ़ें. आपके सहयोग के लिए धन्यवाद.
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