कभी सोचा न था कि वो खुद चूत देगी -2
(Kabhi Socha Na Tha Ki Vo Khud Chut Degi- Part 2)
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अब तक आपने पढ़ा..
मेरे एग्जाम आ गए.. तो मैं थोड़ा बिजी हो गया.. हम दोनों की कुछ दिन बातें नहीं हुईं।
जब एग्जाम खत्म हो गए.. तो बातें फिर शुरू हो गईं।
वो मेरे साथ सेक्स करने के लिए मरी जा रही थी।
जब मैं छुट्टियों में अपने घर नांदेड गया.. तो उससे मेरी बातें बहुत अधिक होने लगी थीं। वो मुझसे मिलने के लिए बातें कर रही थी। उससे अब कंट्रोल नहीं हो रहा था और वैसे मुझे भी सेक्स करने की चुल्ल सवार हो चुकी थी।
मैं भी जोश में था.. कहीं से कुछ अरेंज होता है क्या.. बस ये सब देख रहा था।
अब आगे..
मेरा एक बहुत ही खास दोस्त था.. उससे मैंने कहा- एक कमरे का जुगाड़ कर दो यार..
वो बहुत खुश हुआ और बोला- आखिरकार तू सेक्स करने वाला है.. मेरी बरसों की इच्छा पूरी होने वाली है।
साले कमीने दोस्त होते ही ऐसे हैं, सेक्स मैं करने वाला था और मुझसे ज्यादा वो खुश हो रहा था।
उसने तो आज तक बहुतेरी लौंडियों को चोदा था और मुझे सेक्स करने के लिए भी बोलता था.. पर अभी तक मैंने कुछ नहीं किया था.. तो अभी करने वाला हूँ.. ये सुनकर ही वो खुश हो उठा था।
उसने 3-4 दिन में एक कमरे का बंदोबस्त कर दिया.. तो मेरे मिलने का प्लान फिक्स हुआ.. मैंने सब तैयारी कर ली थीं। कंडोम.. पेनकिलर.. और लुब्रिकेंट जैली वगैरह सब लेकर रख लिए थे।
ये सब भी मेरे उसी दोस्त ने ही अरेंज किया था।
मैंने एक अच्छा सा डिओ स्प्रे लिया.. मस्त ड्रेस पहन लिया.. पर प्रॉब्लम बहुत बड़ी थी। हम एक दूसरे से 1 साल बाद मिलने वाले थे.. तो मन में बहुत हिचकिचाहट थी.. वैसे भी मुझे लड़कियों से बात करने की आदत नहीं थी।
वो भी डर रही थी कि कैसे मिलें.. क्या बोलें.. हम जो कर रहे हैं.. वो सही है या नहीं.. वगैरह-वगैरह..
तभी उस दिन का प्लान फ्लॉप हो गया, सब मेहनत पानी में चली गई।
मेरा दोस्त बहुत गुस्सा हुआ, मैं भी गुस्सा था.. पर करता भी तो क्या।
उसे अगले दिन के लिए मनाया.. पर उस दिन रूम ना मिला.. तो 3 दिन बाद सब सैट हुआ।
फिर से तैयारी की शुरुआत हुई, वो डरते-डरते आई।
हम दोनों दोस्त के फ्लैट पर मिले.. दोनों घबराए हुए थे.. कोई कुछ ना बोल पा रहा था।
हम दोनों की नजरें मिलीं.. मैंने उसे बाँहों में भर लिया.. जो उसकी इच्छा थी ‘मुझे जोर से अपनी बाँहों में पकड़ लो.. मुझे अपने पास ले लो..’
फिर मैंने उसे किस किया जैसे उसे सेक्स चैटिंग के समय उससे बोला था। वैसे ही सब मैंने करने की कोशिश भी की.. पर मैंने उसे सब कुछ साफ-साफ बोल दिया था कि अगर तुम शादी करने के इरादे से ये सब कर रही हो.. तो मुझे माफ करो.. मैं तुम्हें शादी करने का वचन नहीं दे सकता। अभी मुझे अपने कैरियर पर ध्यान देना है.. मेरी शादी को अभी 6-7 साल बाकी हैं और तुम्हारी 1-2 साल में शादी हो ही जाएगी।
हमारे यहाँ लड़कियों की शादी जल्दी हो जाती है.. 24 साल तक..
तो वो बहुत दुखी हो गई।
ये सब बातें मैंने उससे चैटिंग के टाईम ही बोल दी थीं.. तो उसने दूसरे दिन बोला था कि मैं सब समझ गई.. पर मुझे तुमसे एक बार प्यार करना ही है.. सेक्स करना है.. प्लीज़ मुझे चोद दो..
उसके बाद ही हम मिले थे।
क्यूंकि ऐसे बहुत बार होता है कि सेक्स कर लिया तो हम दोनों जन्म-जन्मांतर के साथी बन गए.. ‘अब मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकती..’
वगैरह-वगैरह..
मैं ऐसे झूटे वादे नहीं कर सकता क्यूंकि मैं स्त्री जाति का और उसका भी सम्मान करता हूँ। तो मैं सब कुछ पहले ही क्लियर करना चाहता था।
तो वो ये सब बोलने के बाद भी तैयार हो कर आई थी।
मेरा तो जैसा सोया हुआ नसीब ही जाग गया था।
तो अब वो मेरी बाँहों में थी, उससे मैंने पूरा प्यार करने का वादा किया था, उसके रसीले होंठों को मैं चूमे जा रहा था।
थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ दे रही थी।
मैंने उसके एक-एक करके ऊपर के और नीचे के होंठ चूमे.. हम अब फ्रेंच किस करने लगे थे। ऐसे किस करते-करते मैं उसकी जीभ को चूसने लगा। उसका थूक मेरे मुँह में आ गया था।
वो भी मैं जैसे कर रहा था.. वैसे ही किए जा रही थी, उसने पूरी तरह से खुद को मेरे हवाले कर दिया था.. जैसे वो कोई डॉल हो.. जो मेरे इशारे पर साथ देती हो।
ये मेरे लिए एक अलग रोमांचक और आनन्द से भरा अनुभव था।
अब मैं उसको सब जगह चूम रहा था उसकी गर्दन पर.. उसके सुंदर होंठों पर..
अब मैंने उसकी टी-शर्ट को निकाल दिया.. वो पूरी तरह सहम उठी.. उसने खुद के सर को मेरे छाती में छुपा लिया उसे शरम आ रही थी।
उसकी ब्रा के ऊपर से ही मैं उसके मम्मों को चूसे जा रहा था और दबा रहा था। वो बहुत ही मुलायम थे.. एक अद्भुत अनुभव था.. इसकी तुलना में किसी चीज के साथ नहीं कर सकता।
अब उसने उत्तेजना में खुद ही मम्मे निकाल कर मेरे मुँह में दे दिए.. मैं उस हसीन चीज को देखता ही रह गया।
उसके चूचे एकदम नरम एकदम शेप में थे.. किसी सुंदर सी पोर्नस्टार के चूचों की तरह एकदम उठे हुए थे।
मैं पागल हो गया था.. उसके निप्पल चूस रहा था.. मम्मे दबा रहा था।
उसने अब दूसरा मम्मा मेरे मुँह में ठूंस दिया।
जब तुम औरत का एक स्तन चूसते हो तो वो दूसरा स्तन अपने आप चूसने के लिए दे देती है।
उसके हाथ मेरे बालों में घूम रहे थे, अब मैं उसके पेट पर किस करता हुआ नीचे पैंटी पर आ गया।
पैंटी के ऊपर से उसकी महक को सूँघ रहा था.. एक अलग ही महक थी।
अब वो घड़ी आ गई.. जिसका बरसों से इंतजार था
चूत.. चूत.. चूत..
मैं पूरा सहम उठा.. इस अहसास से कि आज मुझे चूत चोदने के लिए मिल गई।
उसने आज ही पूरी तरह से चूत को क्लीन किया था।
मेरी जीभ लपलपाई.. मैं पूरी ललचाई हुई नजरों से चूत को आखें फाड़-फाड़ कर देख रहा था.. जैसे कभी चूत देखी ही ना हो।
हालांकि यह सच भी था कि मैंने वास्तविक नंगी जवान चूत को कभी नहीं देखा था।
मैंने अपनी जीभ चूत में घुसा दी..
वो बोलने लगी- आह्ह मेरी ‘पुच्ची’ चाट..
मराठी में चूत को पुच्ची बोलते हैं और चूसने को चाट कहते हैं।
मैं अपनी जीभ उसकी मखमली चूत में डाल कर उसकी चूत के दाने को चूस रहा था, वो मेरे बालों में अपना हाथ घुमा रही थी और मेरा सर अपनी फूली हुई चूत पर दबा रही थी।
अब मैंने दो उंगलियां चूत में डाल दीं और बहुत जोर से आगे-पीछे करने लगा था। उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं और वो 5 मिनट बाद झड़ भी गई।
अब वो तकरीबन चिल्लाने लगी थी कि अब ज्यादा देर मत करो.. मेरी चूत फाड़ दो।
उसने मेरा लंड हाथ में पकड़ कर चूत के मुहाने पर रख दिया। उसको लंड चूसना शायद पसंद नहीं था.. मैंने भी उसे फ़ोर्स नहीं किया। मैंने उसकी लपलप करती हुई चूत में लंड पेल दिया.. पर वो फिसल कर बगल में हो गया।
उसकी चूत बहुत गीली होने की वजह से ऐसा हुआ था।
मैंने फिर से कोशिश की.. इस बार मेरा सुपारा चूत में चला गया.. पर वो जोर से चिल्ला उठी और मुझे दूर को धकेलने लगी।
मैंने झट से उसे पकड़ लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
उसे बहुत दर्द हो रहा था.. वो दर्द के मारे रो रही थी।
उसकी सील टूट गई थी और खून भी निकल रहा था।
थोड़ी देर बाद मैंने धक्के मारने शुरू कर दिए। वो अब थोड़ा बेहतर महसूस कर रही थी और थोड़ी देर बाद वो साथ देने लगी। हल्के-हल्के धक्कों की तीव्रता बढ़ रही थी।
वो अब पूरी तरह से मेरा साथ दे रही थी।
कुछ देर बाद हमने पोजीशन बदल दी.. और चुदाई चालू रखी..
अब मैं उसे डॉगी स्टाईल में चोद रहा था।
वो दो बार झड़ चुकी थी.. अब मेरी बारी थी, मैंने अब धक्के जोरदार मारना चालू कर दिए, वो भी पूरा जोश में थी।
मैंने धक्के मार-मार के उसकी गांड लाल कर दी.. बिलकुल किसी पॉर्न मूवी की तरह चुद रही थी।
मैं 15 मिनट बाद कंडोम में ही झड़ गया।
अब हम दोनों बुरी तरह से थक गए थे.. पूरा पसीना-पसीना हो गए थे।
हम दोनों का यह पहली बार का चुदाई का मौका था।
करीब 20 मिनट हम वैसे ही बिस्तर पर पड़े रहे, उससे उठा भी नहीं जा रहा था, मैं उसे गोद में उठा कर बाथरूम में ले गया और उसकी चूत का खून साफ किया।
फिर 15 मिनट बाद मेरा फिर से खड़ा हो गया।
हम दोनों की चुदाई का फिर एक मस्त राउंड हुआ। मैं तो और एक के लिए तैयार था.. पर उसने मना कर दिया।
उसको मैंने पेनकिलर दी और उसकी चूत में मलहम लगाई।
उससे उसको थोड़ा आराम मिला। अब हम बाहर आ गए.. थोड़ा बाहर खाना खाया.. आइसक्रीम खाई और मैं उसे उसके घर से थोड़ा दूर छोड़ आया।
उसका दूसरे दिन फ़ोन आया, वो बोल रही थी- थैंक्यू.. तुमने मेरी सालों की इच्छा पूरी कर दी। मुझे बहुत मजा आया.. अगली बार तुम जब भी मुझे बुलाओगे.. मैं आ जाऊँगी.. आई लव यू..
मैंने भी बोला- मुझे भी मज़ा आया तुमसे सेक्स करके..
पर मैं उससे ‘आई लव यू’ नहीं बोल पाया.. क्योंकि मैं झूठ नहीं बोल सकता हूँ। जो मुझ पर इतना भरोसा करके आई थी उससे झूठ कैसे बोल देता।
अब देखते हैं अगली बार कब मौका मिलता है।
यह मेरी एकदम सच्ची कहानी है.. कुछ भी गलत लगा हो तो माफ़ कर देना.. पहली बार है न..
मुझे अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ना बहुत पसंद है.. पर आज पता चला कि कहानी लिखने में कितना ज्यादा मज़ा आता है। कहानी लिखते वक्त ऐसे लग रहा था.. जैसे मेरी आखों के सामने पूरा का पूरा उस दिन का वीडियो चल रहा हो।
सच में मुझे बहुत मज़ा आया, मेरी बरसों की तमन्ना पूरी हुई.. पूरी तरह अनपेक्षित..
कहानी लिखना एक अलग ही रोमांचक अनुभव था। अगर आपको भी कुछ लिखना है.. तो प्लीज़ लिखिए और हम सब अन्तर्वासना के परिवार से अपने अनमोल क्षण बाँटिए।
मुझे मेरी कहानी अन्तर्वासना के साथ बांटने में बहुत खुशी हुई है।
अन्तर्वासना मेरी फेवरेट साईट है.. फेसबुक से भी ज्यादा..
सभी अन्तर्वासना की नटखट लड़कियों को.. भाभियों को.. चाचियों को.. मामियों को.. मेरे खड़े लंड का प्यार भरा प्रणाम। आपको मेरी कहानी पसंद आई? प्लीज़ मुझे मेल कीजिए और मुझसे दोस्ती कीजिए। मुझे आपके मेल का बेसब्री से इंतजार है।
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