इत्तफाक से मिली चूत
(Ittefak Se Mili Chut)
अन्तर्वासना के सभी दोस्तों को मेरे खड़े लंड का प्रणाम.. हैलो दोस्तों मेरा नाम है विक्की है.. मैं जबलपुर का रहने वाला हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और अन्तर्वासना की कहानियों से प्रेरित होकर अपने जीवन की एक सत्य घटना आप लोगों को बताना चाहता हूँ।
बात तब की है.. जब मैं एग्जाम की वजह से छुट्टियाँ लेकर अपने घर जबलपुर आया था।
अचानक एक दिन मेरा एक दोस्त आया और कहने लगा- यार ये कोई कल रात से मैसेज कर रहा है.. पता नहीं कौन है.. जरा पता तो कर..
मैंने कहा- नंबर दे उसका उसने नंबर दिया ***..
मैंने फोन किया किसी लड़की ने फोन उठाया और बोली- कौन?
मैंने कहा- विक्की.. आप कौन?
उसने कहा- रूपाली (बदला हुआ नाम )
मैंने कहा- आपके कल रात से मैसेज आ रहे हैं?
तो वो बोली- आर यू मैड.. मैंने कोई मैसेज नहीं किया..
और इतना कहकर फ़ोन कट दिया.. पर दोस्तो, मुझे उसकी आवाज इतनी अच्छी लगी कि मैंने उसे एक मैसेज कर दिया- आपकी आवाज बहुत प्यारी है..
मुझे जवाब की उम्मीद नहीं थी.. पर कुछ देर बाद रिप्लाई आया- थैंक्स..
अपनी तो जैसे ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।
फिर उससे कुछ दिन इसी तरह मैसेज से बात चली और फिर मैंने उसे एक दिन प्रपोज कर दिया और उसने एक्सेप्ट भी कर लिया।
फिर क्या था.. फिर हम रोज बात करने लगे, एक दिन बातों-बातों में उसने मुझे बताया कि मेरी शादी हो चुकी है।
मुझे बहुत गुस्सा आया और सोचा कि अब इस लड़की से बात नहीं करूँगा..
पर उसने मुझे मना लिया और एक दिन उसने मुझे अपने घर बुला लिया।
वो किराए के मकान में रहती थी। उसके घर में मकान-मालिक.. उनकी पत्नी उनके दो बेटे.. और उनकी बहू और एक 2 साल की बेटी रहती थी।
रूपाली ने मकान मालकिन की बीवी को पहले ही बता दिया था कि उसके रिलेशन का एक लड़का मकान देखने आने वाला है.. तो मुझे उसके घर जाने में कोई परेशानी नहीं हुई और मैं उसके घर पहुँचा.. वो मेरा इंतजार कर रही थी। उसने मैक्सी पहनी हुई थी.. जब मैंने उसे देखा तो बहुत सुन्दर थी.. मैं उसे देखते ही रह गया।
उसने इशारे से कहा- अन्दर आ जाओ।
मैं अन्दर जाकर सोफे पर बैठ गया और वो पानी लेकर आई.. मैंने पानी पिया और उसे देखता ही रहा.. वो मुझे यूँ देखते हुए देख कर मुस्कुरा रही थी।
मैं उससे बात करने में डर रहा था क्योंकि पहली बार कोई लड़की पटाई थी और पहली बार ही मिलने गया था.. इस कारण मुझे बहुत डर लग रहा था।
वो मेरे बाजू में आकर बैठ गई, मैंने उससे बात करनी चालू की और कुछ देर बात करने के बाद वो अपने पति के बारे में बताते-बताते रोने लगी।
मैंने उसे गले से लगा लिया और करीब 10 मिनट तक उसे गले से लगाए रखा। उसके साथ चिपकने से अब तक मेरा लंड खड़ा हो चुका था।
मैंने उसके आंसू पोंछे.. और उसे किस करने लगा.. वो भी मेरा साथ देने लगी। फिर मैंने उसके दूध पर हाथ लगाया.. क्या गजब के दूध थे उसके.. मेरे हाथ में ऐसे फिट हो गए.. जैसे मेरे लिए ही बने हों।
फिर कुछ देर तक तो मैं उसके मम्मों को दबाता रहा.. फिर मैंने उसे गोद में उठाया और उसके बेडरूम में ले जाकर लेटा दिया।
पहले तो उसने मना किया.. फिर वो मान गई।
मैंने उसकी मैक्सी उतारी.. देखा तो देखता ही रह गया।
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क्या गजब की बला थी वो.. काली पैंटी में उसका दूध सा गोरा जिस्म.. आह्ह.. एकदम क़यामत लग रही थी।
मैंने उसे बाँहों में जकड़ा और चूमने लगा, चुम्बन करते-करते उसके दूध दबाने लगा.. फिर उसे लेटाया और उसे देखने लगा।
वो शर्मा गई और चादर ओढ़ ली और कहा- मुझे शर्म आती है।
मैंने कहा- कैसी शर्म रानी..
मैंने चादर खींच कर हटा दी और उसके दूध दबाने लगा।
फिर मैं उसकी पैंटी में हाथ डालकर सहलाने लगा और फिर उसकी पैंटी निकाल दी।
अब वो बिल्कुल नंगी थी.. वो बहुत गर्म हो चुकी थी.. उससे रहा नहीं जा रहा था। मैं उसे ऊपर से लेकर नीचे तक चूमने लगा। उसने मुझसे कहा- अब बर्दाश्त नहीं होता.. आओ ना!
यह कहते हुए उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और कहा- अब मत तड़पाओ .. डाल भी दो अन्दर..
मैंने देर न करते हुए उसकी चूत पर लंड रखा और धक्का लगाया.. उसकी चूत थोड़ी टाइट थी और मैं भी इस खेल में नया था.. तो लंड बाहर फ़िसल गया।
उसने खुद मेरा लंड अपनी चूत में लगाया और पेलने के इशारा किया.. मैंने धक्का लगा दिया.. उसकी चीख निकल पड़ी।
मेरा लंड आधा उसकी चूत में उतर चुका था। उसने आँखें बंद कर लीं.. मैंने दूसरा धक्का मारा.. तो पूरा 8 इंच का लंड अन्दर समां गया.. वो तड़प उठी और मुझे कसकर पकड़ लिया।
मैं थोड़ी देर रुका रहा और फिर धक्के लगाना चालू कर दिए।
कुछ देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी और करीब दस मिनट की चुदाई के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और झड़ने लगी।
मुझे थोड़ा गरम-गरम लगा और मैंने अपना काम चालू रखा।
करीब 15 मिनट और चोदने के बाद लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ.. तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसे जोर-जोर से चोदने लगा।
वो भी नीचे से गांड उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी।
उसका और मेरा शरीर अकड़ने लगा और हम दोनों एक साथ झड़ने लगे और एक-दूसरे को कसकर पकड़ लिया और फिर करीब पंद्रह मिनट तक ऐसे ही लेटे रहे और फिर हमने अपने आपको साफ किया और कपड़े पहन कर बाहर वाले कमरे में आकर बैठ गए।
फिर उसने मेरे लिए नूडल्स बनाए और अपने हाथों से खिलाए।
हम दोनों ने साथ में बैठ कर चाय पी।
मैंने देखा तो तीन बज चुके थे और उसके पति के आने का टाइम हो गया था.. तो मैंने उसे एक लम्बा किस किया और आ गया।
तो दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना.. मुझे मेल करना।
इस घटना को हुए करीब एक साल हो गया है.. उसके बाद मैंने उसे कई बार चोदा और अब तो मैं एक कॉल बॉय बन चुका हूँ.. और बहुत सारी लड़कियों और भाभियों की चूत शांत कर चुका हूँ.. तो दोस्तों मुझे मेल करना न भूलना.. आपको मेरी कहानी कैसी लगी जरूर बताना।
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