चुपके चुपके चूत चोदने का मजा
(Chupke Chupke Chut Chodne Ka Maja)
मेरा नाम प्रफुल्ल है.. अभी इंदौर में रहता हूँ। मुझे अन्तर्वासना पर लड़कियों की लिखी हुई हिन्दी सेक्स कहानी पढ़ना ज्यादा अच्छा लगता है।
मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा दीवाना हूँ। मैं सेक्स कहानी पढ़ने के बाद मुठ मारे बिना नहीं रह पाता हूँ।
यह मेरी जिन्दगी की सच्ची कहानी है।
बात उन दिनों की है.. जब मैंने डिप्लोमा में एडमिशन लिया था। मेरा होमटाउन और वर्तमान शहर पास-पास ही है।
मैं अपने होम टाउन में डिप्लोमा करने चला गया.. जहाँ मेरी दादी अकेली रहती थीं.. पास ही मेरा बचपन का दोस्त रिंकू रहता था।
एक दिन हम दोनों घूमने गए.. तभी वो बोला- चल मेरी गर्लफ्रेंड से मिलाता हूँ। उसका नाम एंजेल था।
मैंने मजाक में कहा- चल..
थोड़ी देर में हम कॉलोनी पहुँच गए.. उसने अपनी गर्लफ्रेंड को फ़ोन लगाया और कुछ बोला।
फिर मैंने देखा- वो पीछे के दरवाजे से अन्दर घुस गया और मुझे भी जल्दी से अन्दर बुला लिया।
उसकी गर्लफ्रेंड एंजेल ने दरवाजा खोल रखा था.. हम दोनों अन्दर चले गए।
मैं तो उसकी गर्लफ्रेंड एंजेल को देखता ही रह गया। क्या गदर माल थी। गोल-गोल गाल.. काली आँखें.. एकदम गोरी चिकनी.. ऐसा मन हो रहा था कि अभी इसे नंगी करके चोद दूँ।
उसने हमें बैठाया.. गर्मी का टाइम था तो उसने कोल्डड्रिंक पिलाई।
हम थोड़ी देर बैठे ही थे कि उसकी छोटी बहन काजल आ गई.. जो अपनी समर क्लास गई हुई थी।
मेरा मन तो उसे देख कर खुश हो गया.. वो भी एकदम कमाल की थी।
उसके बोबे भी थोड़े बड़े थे.. जो कि बहुत ही मस्त लग रहे थे।
वो भी वासना की खुली दुकान सी थी।
मेरे दोस्त ने मुझे उससे मिलाया और वो अपने कमरे में चली गई।
थोड़ी देर बाद रिंकू ने एंजेल से कहा- मैं थोड़ी देर में आता हूँ और हम दोनों चले गए।
बाहर निकलते ही मैं अपने दोस्त पर टूट पड़ा- साले क्या माल फंसाया है।
वो मुस्कुराने लगा।
मैंने कहा- इसके घर में कोई नहीं रहता क्या?
वो बोला- ये लोग बाहर के हैं.. उनके पापा-मम्मी अपने गाँव वाले घर गए हैं.. वे अक्सर इन्हें यहीं छोड़ जाते हैं.. क्योंकि वो सरकारी कॉलोनी में रहते थे, तो कोई डर वाली बात नहीं थी। वहाँ गार्ड भी रहते हैं।
मैंने पूछा- इनके पेरेंट्स कब आएँगे?
वो बोला- वो 4-5 दिन बाद आएंगे और में 4-5 दिन तक दिन भर यहीं रहूँगा.. कभी-कभी तो रात को भी यहीं रहता हूँ। मुझे ऐसा मौका मिलता रहता है।
तभी मैं बोला- वो उसकी छोटी बहन.. उसका कोई बॉयफ्रेंड है क्या?
वो बोला- नहीं.. वो ऐसी नहीं है।
मैं बोला- मुझे वो चाहिए।
वो बोला- मैं अपनी गर्लफ्रेंड से बात करता हूँ।
मैंने कहा- अभी कर..
क्योंकि मेरा लंड तो चूत के लिए तड़प रहा था। उसने फ़ोन लगाया और एंजेल से बात की और उसने मेरी बात काजल से कराई।
मैंने काजल से कहा- आपको देखते ही मुझे प्यार हो गया है।
वो कुछ नहीं बोली..
तो मैंने ‘आई लव यू’ बोल दिया।
वो तब भी कुछ नहीं बोली।
मैंने कहा- आपका क्या इरादा है।
वो बोली- मुझे टाइम चाहिए।
पर मैंने कहा- अभी ‘हाँ-ना’ जो है.. बोल दो.. मैं इंतज़ार नहीं कर सकता। फिर कुछ सोचते हुए उसने ‘आई लव यू टू’ बोल दिया।
मैं तो मन ही मन खुश हो रहा था। फिर रिंकू थोड़ी देर बाद एंजेल के घर जा रहा था.. उसने मुझसे कहा- नई गर्लफ्रेंड से मिलने चलना है क्या?
पर मुझे थोड़ा डर लग रहा था.. तो मैंने मना कर दिया, वो चला गया।
जब शाम को आया तो बोला- काजल तेरे बारे में पूछ रही थी कि ‘वो’ नहीं आए।
फिर वो बोला- आज तो बहुत मजा आया मैंने 4 बार चुदाई की.. काजल अपनी फ्रेंड के यहाँ चली गई थी.. क्योंकि तू नहीं आया था ना।
मैंने कहा- अभी तो 3 दिन बाकी हैं यार.. कल चलेंगे।
मैं रात भर यही सोचता रहा कि कल क्या होगा.. क्योंकि मुझे उस वक़्त लड़कियों से थोड़ा डर लगता था।
यह मेरी जिन्दगी में पहली लड़की थी।
मैं दूसरे दिन नहा कर तैयार हो गया।
तभी रिंकू आया और बोला- आज काजल ने हम दोनों को अपने घर खाने पर बुलाया है।
हम दोनों चल दिए.. हम सब लोग हॉल में ही बैठे थे कि तभी रिंकू एंजेल को ले कर उसके कमरे में चला गया।
बोला- तुम लोग बात करो।
हम दोनों एक ही सोफे पर बैठे थे।
वो बोली- खाना लगा दूँ।
मैंने कहा- आपके ही साथ खाऊँगा।
वो बोली- ठीक है..
हम दोनों ने एक ही थाली में खाना खाया।
फिर हम बात करने लगे.. मैं थोड़ा उसके पास चिपक कर बैठ गया।
वो कुछ नहीं बोली, तो मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गई।
मैंने उसके हाथ को अपने हाथ में लेकर बोला- मुझे एक किस चाहिए।
वो शरमा गई..
पर मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने ही उसके गाल पर एक किस कर दिया।
वो कुछ नहीं बोली।
मैंने कहा- तुम मुझे भी एक किस करो..
ना-ना करते ही उसने एक किस कर दिया।
मैंने कहा- अब एक होंठों पर भी चाहिए।
वो बोली- आप कर लो।
मैंने कहा- पहले आप करो।
उसने कहा- ठीक है..
और जल्दी से चुम्मी करके वो अलग हो गई।
मैंने कहा- होंठों पर ऐसे किस करते हैं?
वो बोली- आप बता दो.. कैसे करते हैं।
अब वो भी बातों से गर्म होने लगी थी। मैंने उसके होंठों पर एक लम्बा किस लिया और पूरे होंठों को चूस लिया।
वो बोली- गुदगुदी हो रही थी।
मैंने कहा- अब आप करो।
उसने भी एक लम्बा किस किया।
मुझे तो मज़ा आ गया।
पहली बार जो किस मिला था।
फिर मैंने अपना हाथ काजल के कंधे पर रख दिया और उसके गले में किस करने लगा। मेरा हाथ पता नहीं कब उसके बोबों पर चला गया। मैं चूचे दबाने लगा.. तो वो दूर हो गई।
बोली- दीदी आ जाएगी।
यह सुन कर मुझे भी थोड़ा डर लगा।
मैं थोड़ा दूर हो गया और कुछ ही देर में वो लोग भी अपने रूम से आ गए।
हमने चाय पी और घर चले गए।
रिंकू ने पूछा- कुछ किया कि नहीं?
मैंने कहा- सिर्फ किस ही लिया.. एंजेल का डर लग रहा था।
वो बोला- वो कुछ नहीं बोलेगी और न ही परेशान करने आएगी, मैं उसे देख लूँगा।
मैं खुश हो गया और बोला- तो ठीक है में उसको कल चोद दूंगा.. बस तू देख लेना।
तभी रिंकू बोला- कल हम शाम को चलेंगे।
मैंने पूछा- क्यों?
वो बोला- कल रात वहीं अपनी गर्लफ्रेंड के बिस्तर पर गुजारेंगे।
मैंने कहा- ठीक है।
हम दूसरे दिन चल दिए.. रात का खाना भी हमने वहीं खाया। फिर सब बातें करने लगे।
तभी रिंकू बोला- मुझे नींद आ रही है।
मैंने कहा- हाँ.. मुझे भी।
पर मैं तो रात भर चुदाई करने वाला था और वो उठ कर कमरे में चला गया।
काजल दीदी से पूछने लगी- प्रफुल्ल कहाँ सोयेंगे?
एंजेल बोली- जहाँ तू सोती है।
वो इतना कह कर चली गई।
मैं भी उठकर कमरे में चला गया और बिस्तर पर लेट गया। काजल मेरे पास आ कर बैठ गई।
मैंने कहा- दरवाजा बन्द कर लो।
वो बोली- दीदी क्या सोचेगी?
मैंने कहा- उनका दरवाजा भी तो बंद है।
मैंने उठ कर दरवाजा बंद कर दिया और उसे बिस्तर पर लेटा दिया, मैं भी उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठों को चूसने लगा।
मैंने उसका दुपट्टा निकाल कर फेंक दिया और ऊपर से ही उसके बोबों को दबाने लगा।
उसे भी मज़ा आने लगा, उसकी आँखें बंद हो गईं।
मैं जोर-जोर से दबाने लगा, उसके मुँह से ‘आहाहाह..’ की आवाज आने लगी।
तभी गेट पर घन्टी बजी..
‘कौन आया होगा इतनी रात को?’ मैंने कहा।
जैसे ही घंटी बजी काजल ने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया और हॉल की तरफ बड़ी बहन एंजेल भी उधर ही आ गई।
हम दोनों दोस्त सोचने लगे कि कौन होगा..
ऐंज़ल ने देखा तो पास वाली आंटी थीं।
आंटी बोलीं- आपकी मम्मी का फ़ोन आया था। उन्होंने बोला है कि आप अंजलि दीदी को अपने यहाँ सुला लो।
अंजलि पास वाली आंटी की लड़की थी। वो भी कुंवारी थी.. बस इन लोगों से दो साल बड़ी थी।
वो दोनों मना करने लगीं- हम सो जायेंगे।
पर आंटी नहीं मानी और अंजलि को भेज दिया।
हम दोनों काजल के रूम के बाथरूम में घुस गए।
दीदी सीधे कमरे में ही आ रही थीं।
हम दोनों एक घंटे तक बाथरूम में ही रहे और दीदी के सोने का इंतज़ार करते रहे।
फिर दीदी सो गईं तो एंजेल ने हमें बाहर बुलाया।
रिंकू तो सीधा एंजेल के कमरे में चला गया।
काजल ने कहा- अब आपको हाल में सोना पड़ेगा। मेरे कमरे में दीदी हैं।
मैं हाल में चला गया.. पर मन कहाँ मानने वाला था। मैंने काजल को भी हाल में ही सुला लिया और फिर अपना काम शुरू कर दिया।
मैंने उसकी कुर्ती उतार दी.. वो मना करने लगी- अंजलि दीदी उठ गईं तो?
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा।
मैंने उसकी कुर्ती उतार दी, उसने पिंक कलर की ब्रा पहनी थी। क्या मस्त बोबे थे उसके.. फिर मैंने भी अपना शर्ट और पैन्ट उतार दिया।
फिर मैं उसको किस करने लगा और उसकी सलवार भी उतार दी। उसने पैन्टी भी पिंक कलर की पहनी थी। मैंने वो भी उतार दी और उसे पूरी नंगी कर दिया।
अब तक मेरा लंड भी कड़क हो चुका था। मैंने जैसे ही अपना लंड निकाला।
काजल बोली- बाप रे इतना बड़ा है आपका.. मैंने तो यह पहली बार देखा है। क्या मैं टच करूँ?
मैंने बोला- यह तुम्हारे लिए ही तो है।
वो मेरा हथियार देखने लगी।
मैंने कहा- मेरे लंड को हाथ में लेकर हिलाओ।
वो हिलाने लगी.. मुझे मज़ा आने लगा, मैंने कहा- इस पर एक किस करो।
उसने कुछ नहीं कहा तो मैंने उसको लेटा दिया और उसके पैर को चूमते हुए उसकी चूत पर आ गया। उसकी चूत एकदम चिकनी थी। मैं अपने होंठों से उसकी चूत चूसने लगा।
उसे मज़ा आने लगा, वो ‘आहआह आह आह..’ करने लगी।
फिर मैंने उसकी चूत में उंगली डाली और अन्दर-बाहर करने लगा।
कुछ ही पलों में वो झड़ गई, मेरी उंगली पूरी उसके पानी में भीग गई।
फिर मैंने उसके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया।
हम दोनों पागल हो गए थे।
मैंने उसे अपने लंड पर तेल लगा कर मालिश करवाई.. जिससे मेरा लंड और टाइट हो गया।
फिर मैंने तेल से भीगे लंड को उसकी चूत के मुँह पर रखा और जोर से एक ही बार में आधा डाल दिया.. जिससे वो चिल्ला पड़ी। उसकी आँखों से पानी आ गया।
मैंने उसके होंठों को चूमना चालू कर दिया और एक और जोर से झटका दिया और पूरा लंड डाल दिया, जिससे उसकी चूत से खून आने लगा।
मैंने वो साफ़ किया और फिर जोर-जोर से चोदने लगा। वो ‘आहाह.. ऊऊईई.. माँ..’ करती रही।
मैं भी जोर-जोर से चोदे जा रहा था और फिर मैं भी झड़ गया। मैंने सारा पानी उसके पेट पर ही छोड़ दिया।
वो बोली- यह क्या है?
मैंने उसे बताया ये अमृत है। फिर मैंने अपने लंड को उससे चुसवाया और एक बार फिर चुदाई चालू कर दी।
अब मैंने उसकी गांड मारने का प्लान बनाया। अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और गांड में डालने लगा। दोस्तो गांड मारने में बहुत दम लगता है।
जैसे ही मैंने जोर लगाया.. वो बोली- बहुत दर्द हो रहा है।
मेरा भी लंड अन्दर नहीं जा रहा था.. पर मैंने और दम लगाया। मेरा लंड थोड़ा अन्दर गया, पर वो मेरे नीचे से हट गई।
बोली- बहुत दर्द हो रहा है।
मैंने कहा- ठीक है।
अब मैंने वापस चूत में लंड डाल दिया.. कुछ ही धक्कों में वो दुबारा झड़ चुकी थी।
फिर हमने एक-दूसरे को कपड़े पहनाए।
इसके बाद वो वापस रूम में अंजलि दीदी के पास सोने चली गई।
उसके बाद जब भी उसके घर कोई नहीं होता था तो हम दोनों खूब चुदाई करते थे।
लेकिन आज वो मुझसे दूर हो गई, उसकी शादी हो गई है, मैं आज भी उसे चाहता हूँ।
आपको कहानी कैसी लगी जरूर बताना।
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