स्कूल गर्ल को कमरे में लाकर चोदा- 2

(Hot Teen Girl Chudai Kahani)

हॉट टीन गर्ल चुदाई कहानी में मैंने स्कूल में पढ़ने वाली चिकनी गोरी लड़की की गुलाबी बुर की सील तोड़ कर मजा लिया. उसकी क्यूट बुर को चाटने का मजा अलग ही था.

फ्रेंड्स, मैं अभय आपको एक कमसिन स्कूल गर्ल की चुदाई की कहानी का मजा सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
मस्त चिकनी माल लड़की से दोस्ती
में अब तक आपने पढ़ा था कि प्रिया मेरे नीचे थी और मैं उसकी बुर को चाट रहा था.

अब आगे हॉट टीन गर्ल चुदाई कहानी:

जैसे जैसे मेरी जीभ उसकी बुर की फांकों में ऊपर नीचे हो रहा था, उसकी बुर और गीली होने लगी.

प्रिया को भी अब मजा आने लगा था और वह मेरे सर को पकड़ कर अपनी बुर पर रगड़ने को कोशिश करने लगी.

मैं प्रिया की बुर पर जीभ फिराते हुए अपने हाथों को उसकी कमर पर ले गया.
उसकी कमर को सहलाते हुए मैं अपनी जीभ को उसकी बुर पर दबाव देते हुए ऊपर नीचे फेरने लगा.
जीभ के दबाव से मानो उसकी बुर किसी रसदार फल की तरह रिसने लगी थी.

वह बेहद मस्ती में मचल उठी और मेरे सर को अपनी बुर में घुसेड़ लेने की चेष्टा करने लगी.

इधर मैंने अपने हाथों की उंगलियां उसकी पैंटी में फंसा दीं.

अब मेरा लक्ष्य था कि उसकी रसीली बुर में सीधे अपनी जीभ को पेला जाए.
उसके लिए उसका कमर उठाना जरूरी था.
इसके लिए मैंने रास्ता खोज लिया था.

मैंने उसकी बुर की फांकों में जैसे ही अपनी जीभ को जोर देते हुए अन्दर को घुसाया, प्रिया मदहोशी में उछल गई.

फिर जैसे ही प्रिया की कमर ऊपर उठी, मेरी उंगलियों में फंसी उसकी पैंटी सरक कर उसकी जांघों के नीचे तक आ गई.

वह जब तक कुछ समझ पाती तब तक तो खेल हो गया था.

मैंने उसकी पैंटी एक झटके में पूरा उसकी टांगों से बाहर निकाला और वापस पैरों को अपने कंधों पर रख लिया.
वह मेरे इस करतब पर हंस दी और उसने अपने हाथों से अपनी बुर को ढक लिया.

मैंने उसकी आंखों में नशे से देखते हुए पैंटी को चूमा और उसे प्रिया के चेहरे पर फेंक दिया.

प्रिया अपनी उतरी हुई पैंटी देख कर शर्म के मारे लाल हो गई और अपने हाथों से अपनी बुर को छुपाने की कोशिश करने लगी थी.
मगर जब मैंने पैंटी उसके मुँह की तरफ फेंकी तो उसने अपने दोनों हाथों से पैंटी को पकड़ने की कोशिश की और इस कारण से उसकी बुर पुन: अनावृत हो गई.

मैंने उसकी जांघों को चूमते हुए जैसे ही सामने देखा तो तबीयत मस्त हो गई.

सामने उसकी मस्त मखमली बुर किसी पावरोटी के जैसी फूली हुई थीं.
उसकी बुर पर एक भी बाल नहीं था.
पूरी बुर साफ साफ दिख रही थी.
फूली हुई बुर के बीच में एक लकीर थी जो बुर की दोनों फांकों के बीच की दरार को दर्शा रही थी.

बुर की फांकें पूरी गीली हो गई थीं जो भीगी होने के कारण और भी मादक दिख रही थीं.

उसकी मदमस्त बुर देख कर मेरे लंड का बुरा हाल हो गया था.

ऐसा लग रहा था कि मेरा अंडरवियर फाड़ कर उसकी बुर में घुसता चला जाएगा.
मैंने जैसे ही उसकी जांघें कुछ ज्यादा फैलाईं, उसकी बुर की दोनों फांकें फ़क की आवाज़ के साथ थोड़ी और खुल गईं.

जैसे ही बुर की फांकें खुलीं, उफ … उसकी सीलपैक बुर के अन्दर का हल्का सा गुलाबी रंगत वाला भाग दिखने लगा.

उसकी बुर से यौवन रस निकल रहा था, जो उसकी जांघों से होते हुए उसकी गांड की दरार में जा रहा था.

मेरा लंड बेकाबू होने लगा, उसकी गुलाबी बुर देख कर मुझसे रहा नहीं गया.

मैंने जैसे ही उसके गुलाबी बुर को चूमा, वह सिहर उठी और उसके मुँह से सिसकारी निकलना और तेज़ हो गई ‘आहहह उउम्म्म उउफ्फ्फ.’

मैं भी उसकी बुर की दरार में जीभ घुसा कर उसकी बुर चाटने लगा.
उसने कसके चादर को भींच लिया.

उसके मुँह से लगातार आवाजें आ रही थीं- आहह उउफ्फ बस करो प्लीज … आह मुझे कुछ हो रहा है … आह हटो ना!

मैंने उसकी टाइट बुर को और तेज़ी से चूसना शुरू कर दिया, अपनी जीभ को उसकी बुर की फांकों में अन्दर बाहर करने लगा.
उसकी बुर पूरी पानी पानी हो गई.
कुछ देर और करता तो शायद वह स्खलित हो जाती.

अब वह मेरा लंड लेने के लिए मचलने लगी थी.
उसने कह भी दिया- क्या जीभ से करोगे!
मैं समझ गया और तुरंत उठ कर मैंने अपना अंडरवियर उतार कर फेंक दिया.

मेरा लंड पूरी तरह से फनफना रहा था.
प्रिया ने जैसे ही मेरे मोटे और लम्बे लंड को देखा, वह डर गई. वह समझ गई कि आज उसकी बुर पूरी फटने वाली है.

मैंने प्रिया की बुर फिर से चाटना शुरू कर दिया.
उसकी चुत, यौवन रस से पूरी गीली हो गई थी.

उसकी बुर को चाटते हुए धीरे धीरे मैं ऊपर को आने लगा, उसकी मदमस्त टाइट चूचियों को पकड़ कर मसलने लगा.

प्रिया वासना से पूरी भर गई.

उसकी चूचियों को मसलते हुए जैसे ही उसके एक कड़क निप्पल को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया, उसकी मादक आवाजें निकलना और तेज़ हो गईं ‘आहह उफ्फ फ्फ्फ़ …’

मैं प्रिया के गुलाबी होंठों तक पहुंच चुका था.
जैसे ही मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में लिया, वह पूरी तरह से मदहोश हो गई और उसने मुझे कस कर जकड़ लिया.

प्रिया के होंठों और गालों को चूमते हुए मैं उसकी कान के पास गया और उसकी कान की लौ को चूसते हुए उसके कान में फुसफुसाया- क्या मस्त कमसिन गुलाबी टाइट बुर है तुम्हारी … बिल्कुल फूली हुई पावरोटी की तरह!

यह सुनकर प्रिया वासना में भर गई.
उसने मुझे बांहों में जकड़ते हुए मेरे कान के पास आकर अपनी वासना भरी आवाज़ में कहा- प्लीज अभय, और मत तड़पाओ मेरी बुर को. अपना लंड घुसा कर फाड़ दो मेरी बुर को.

प्रिया की बात ने मेरे अन्दर और वासना भर दी.
मेरा लंड भी अब पूरा बेकाबू हो गया था.

मैंने पास में रखे तेल को अपने लंड पर अच्छे से लगा दिया और थोड़ा तेल प्रिया की बुर पर भी लगा दिया.

अब मैंने उसकी टांगों को घुटनों से मोड़ दिया और उसकी जांघों को अच्छे से खोल दिया.

जैसे ही प्रिया की जांघें खुलीं, उसकी बुर की फांकें भी थोड़ी खुल गईं.

अब मैंने प्रिया की दोनों जांघों के बीच में आकर अपने मोटे लंड के टोपे को उसकी बुर की फांकों में सटा दिया.

जैसे ही मेरे लंड की गर्मी प्रिया की बुर को मिली, उसकी कमर मेरे लंड को अन्दर लेने के लिए ऊपर उठने लगी.

मैंने अपने लंड का सुपारा उसकी बुर की फांकों में रगड़ना शुरू कर दिया.
प्रिया मचलने लगी.
वह बोली- आह अभय मत तड़पाओ ना … घुसा दो अपना लंड मेरी बुर में!

मैं भी उसके होंठों को अपने होंठों में लेते हुए एक जोर का धक्का मारा.
लंड का सुपारा उसकी बुर में घुसने को हुआ और प्रिया के मुँह से एक जोर आअह्ह्ह निकली.

मगर निशाना चूक गया था. मेरा लंड उसकी बुर से फिसल कर उसके पेट पर आ गया.
उसकी बुर बहुत टाइट थी और पूरी तरह से सीलपैक थी.

मैंने फिर से लंड को उसकी बुर की फांकों में फँसाया और अपने हाथों से उसकी कमर पकड़ कर एक जोरदार धक्का उसकी बुर में मारा.

इस बार काम हो गया, मेरा लंड बुर की सील फाड़ते हुए आधा अन्दर घुस गया.

प्रिया के मुँह से जोर की चीख निकली- उइईई मां मर गई … आह उह्म्म … निकालो अपने लंड को … आंह बहुत दर्द हो रहा है अभि … प्लीज निकाल लो.

वह छटपटाने लगी.
मैंने उसे कसके जकड़ लिया.

मेरे लंड को कुछ गीला गीला लगा, मैं समझ गया की उसकी सील टूट गई है और बुर से खून आ रहा है, जो मेरे लंड को महसूस होने लगा है.

प्रिया का दर्द से बुरा हाल था.
मैंने उसकी चूचियां मसलना और सहलाना शुरू कर दिया, उसके गालों और होंठों को चूसना चालू रखा.
इससे प्रिया का दर्द थोड़ा कम हुआ.

जैसे ही प्रिया का दर्द कम हुआ, मैंने अपने लंड को उसकी बुर से थोड़ा बाहर निकाला.
प्रिया को लगा मैं लंड बाहर निकाल रहा हूं, वह थोड़ी ख़ुश हुई.

मगर जैसे ही लंड थोड़ा बाहर आया, उसकी कमर पकड़ कर मैंने उसकी बुर में एक जोरदार धक्का मारा.
मेरा लंड बुर को पूरी तरह से फाड़ते हुए पूरा अन्दर तक घुस गया.

इस बार प्रिया की मुँह से और जोर की चीख निकली- उईई मां आहह फट गई …. उह्म्म मर गई … बाहर निकाल साले लंड को … आह कमीने मेरी बुर फट गई … आअह्ह उह्म्म!
उसके मुँह से गाली निकलने का मतलब साफ था कि सारी मुहब्बत की माँ चुद गई थी. उसे उस वक्त सिर्फ अपने दर्द की परवाह थी. वह बेहद छटपटा रही थी.

मैंने भी उसे कसके पकड़ लिया और उसके निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा.
उसके होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसता रहा.

थोड़ी ही देर में प्रिया का दर्द कम होने लगा.
प्रिया बोली- अभय प्लीज़ लंड बाहर निकालो … मेरी बुर फट गई है.

मैंने प्रिया के कान में फुसफुसाते हुए कहा- बस जान … जो दर्द होना था, वह हो गया. तुम्हारी बुर की सील टूट गई है रानी … अब बस तुम्हें जन्नता का मज़ा मिलने वाला है.
प्रिया की बुर में मेरा लंड पूरी तरह से कस गया था, उसकी बुर की फांकों ने मेरे लंड को पूरा जकड़ लिया था.

मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे किसी गर्म भट्टी में मेरे लंड को डाल दिया गया हो.
अब मैंने प्रिया की चुदाई शुरू कर दी, लंड थोड़ा थोड़ा अन्दर बाहर होने लगा.

जैसे जैसे लंड अन्दर बाहर हो रहा था, प्रिया की आवाजें भी तेज़ होने लगी थीं ‘आहह ऊफ्फ फ्फ्फ़ ऊंम्म्म आहह.’

प्रिया की बुर में मेरा लंड बहुत कसाव के साथ अन्दर बाहर हो रहा था.
जैसे जैसे लंड अन्दर बाहर हो रहा था, उसकी बुर भी गीली होने लगी थी.

दोस्तो, मैं शब्दों में आपको बता नहीं सकता कि उसकी टाइट बुर को चोदने में कितना मज़ा आ रहा था.
बुर ने मेरे लंड को किसी बोतल के मुँह में कॉर्क के ढक्कन की तरह कस लिया था.
प्रिया की बुर बहुत कसी हुई थी.

जैसे जैसे बुर गीली होने लगी, मेरा लंड और तेज़ी से अन्दर बाहर होने लगा.

प्रिया को भी अब मज़ा आने लगा था.
अब वह भी अपनी कमर उठा उठा कर चुदवा रही थी.
हर धक्के के साथ प्रिया की मादक आवाजें तेज़ होने लगी थीं ‘आअह उउम्म उफ्फ और चोदो … घुसा दो पूरा लंड मेरी बुर में.’

प्रिया की आवाजों ने मुझे और गर्म कर दिया.
अब मैंने अपने चोदने की रफ़्तार और तेज़ कर दी.

प्रिया की बुर में लंड तेज़ी से अन्दर बाहर हो रहा था.
उसकी सिसकारियों से पूरा रूम भर गया था ‘आहहह उउउह्ह्हहह और तेज़ चोदो मेरी बुर को उइईई.’

अब तो लंड को इतना ज्यादा रस मिल चुका था कि मैं पूरा लंड बाहर निकाल कर एक ही झटके में उसकी बुर में अन्दर तक पेल देता.
मेरे हर धक्के पर प्रिया की चीख निकल जाती- आहह उह्ह्ह हह उईई मां मर गई.

मैंने भी चोदने की रफ़्तार और तेज़ कर दी.
लंड तेज़ी से उसकी बुर में अन्दर बाहर अन्दर बाहर हो रहा था.

प्रिया की आवाजें भी और तेज़ हो गईं- आह्ह उफ्फ आईई हह और तेज़ चोदो मेरी बुर को चोद कर पूरा फाड़ दो!

उसने अपनी दोनों टांगें मेरी कमर में लपेट लीं और अपने दोनों हाथों से मेरे पीठ को सहलाते हुए कसके जकड़ लिया.
मेरी चुदाई की तेज रफ़्तार को प्रिया की बुर सह नहीं पाई.

करीब 10 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद प्रिया की बुर से जोरदार धार के साथ उसका स्खलन आरंभ हो गया.
उसकी बुर ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया.

प्रिया ने मुझे कसके अपनी बांहों में जकड़ लिया.
उसकी तेज़ सिसकारी के साथ उसकी बुर रस भी तेज़ी से उसके बुर से निकलने लगी थी.

प्रिया लगभग रोने लगी थी- आअह उफ्फ आअ ह्ह्ह मर गई.
ये सब रिएक्ट करती हुई वह अपनी कमर को उठा उठा कर अपनी बुर से पानी निकालने लगी थी.

उसकी बुर के रस ने मेरे लंड को पूरा भिगो दिया था.
मेरा लंड टाइटली उसकी बुर में घुसा हुआ था.
कमर उठा उठा कर पानी छोड़ने के बाद प्रिया बेड पर रिलैक्स हो गई.

रिलैक्स होने के बाद प्रिया ने मेरी आंखों में देखा और एक प्यारी सी मुस्कान के साथ बोली- सच में आज तुमने मुझे जन्नत के मज़े दिए.

प्रिया बहुत खुश थी, उसकी ख़ुशी उसके चेहरे पर साफ साफ दिख रही थी.

मैं प्रिया के होंठों और गालों को चूमते हुए उसके कान में बोला- प्रिया, मेरा लंड अभी भी खड़ा है. उसका पानी नहीं निकला है. वह तुम्हारी बुर में टाइटली घुसा हुआ है.

प्रिया एकदम से अहसास करती हुई बोली- उफ्फ अभय … क्या मस्त चुदाई करते हो. किसी भी लड़की को खुश कर सकते हो तुम!
उसने मेरे होंठों को चूमते हुए अपनी बांहों में मुझे जकड़ लिया.

मैं प्रिया के ऊपर लंड डाले थोड़ी देर लेटा रहा.
थोड़ी देर बाद मैंने प्रिया को फिर से किस करना शुरू किया.

मैंने जैसे ही उसके होंठो को चूमना शुरू किया, वह फिर से गर्म होने लगी.

फिर मैं धीरे से उसकी चूचियों को मसलते हुए, उसके निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा.
वह और गर्म होने लगी.
उसकी बुर में भी थोड़ी हलचल होने लगी.
वह फिर से गीली होने लगी.

उसके निप्पल को मैं जैसे जैसे चूस रहा था, वैसे वैसे वह और गर्म होती जा रही थी और अपनी कमर को फिर से ऊपर नीचे उठा रही थी.

मैं समझ गया प्रिया फिर से चुदने के लिए तैयार हो गई है.
मैंने अपने टाइट लंड को बुर से थोड़ा बाहर निकाला और एक जोर के धक्के के साथ पूरा अन्दर घुसा दिया.

उसके मुँह से सिसकारी निकल गई- आह ऊफ्फ … धीरे धीरे चोदो अभय … बुर में दर्द हो रहा है.
मैं उसे धीरे धीरे चोदने लगा.

वह भी अपनी कमर उठा उठा कर मेरा लंड अपनी बुर में ले रही थी.

जैसे ही मेरा लंड बाहर निकलता, प्रिया अपनी कमर नीचे कर लेती और जैसे ही मैं अपने लंड को जोर का धक्का देकर बुर में पेलता, प्रिया अपनी कमर ऊपर उठा कर मेरा लंड पूरा बुर में अन्दर तक ले लेती.

इस तरह हम दोनों एक दूसरे की चुदाई कर रहे थे.
कुछ देर बाद मेरा लंड तेज़ी से प्रिया की बुर में अन्दर बाहर होने लगा.
प्रिया की भी सिसकारी बढ़ने लगी- आहह उफ्फफ्फ्फ़ चोद दो अभय मेरी कमसिन बुर को!

उसने अपनी टांगें फिर से मेरी कमर में लपेट लीं और कमर उठा उठा कर चुदवाने लगी.
मैं भी तेज़ धक्कों के साथ उसे पेल रहा था.

क्या कसी हुई माल थी प्रिया.
उसकी बुर पेलने में बहुत मज़ा आ रहा था.

उसने मुझे फिर से कस के पकड़ लिया और चिल्लाने लगी- आह और तेज़ चोदो अभय … और तेज़ … पूरा लंड अन्दर पेल कर फाड़ दो मेरी बुर … आअहह उफ्फ फ्फ्फ़.

मैं समझ गया कि प्रिया फिर से झड़ने वाली है.
मैंने चुदाई और तेज़ कर दी, लंड तेज़ी से अन्दर बाहर होने लगा.

मेरा लंड भी अब अपनी चरम पर पहुंच चुका था.
करीब 20 मिनट चुदने के बाद प्रिया ने मुझे कसके अपनी बांहों में जकड़ लिया.

जैसे ही मैंने चार पांच जोर के धक्के बुर में मारे, प्रिया अपनी कमर उठा कर चिल्लाने लगी- आह ऊफ्फ फ्फ्फ़ उईई मां!
बस प्रिया ने अपनी बुर से रस की तेज़ धार को छोड़ना शुरू कर दिया.

जैसे ही उसकी बुर रस ने मेरे लंड को छुआ, मेरा लंड उसकी बुर रस की गर्मी सह नहीं पाई.

मैंने भी एक जोर का धक्का मार कर पूरा लंड बुर में घुसा दिया और मेरे लंड से वीर्य की तेज़ धार निकलने लगी.

चार पांच तेज़ धार के साथ वीर्य निकल कर प्रिया की बुर में चला गया.
मेरा गर्म वीर्य जैसे ही प्रिया की बुर गया, उसे लगा मानो उसे चरम सुख मिल गया हो.

प्रिया निढाल होकर बेड पर लेट गई.
मैं भी प्रिया के ऊपर ही लेट गया.

कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे.
मेरा लंड अपने आप प्रिया की बुर से बाहर निकल गया.

जब मैंने उठ कर प्रिया की बुर को देखा तो देखता ही रह गया.
उसकी बुर पूरी तरह से सूज़ गई थी, बुर की दोनों फांकें थोड़ी खुल गई थीं.

बुर की फांकों से अभी भी मेरे लंड का वीर्य निकल रहा था.
यह रस उसकी गांड से होते हुए बेड पर टपक रहा था.

जब मैंने चादर को देखा तो दंग रह गया.
चादर पूरी लाल हो गई थी.

प्रिया की वर्जिनिटी टूटने से चादर का ये हाल हो गया था.

थोड़ी देर में प्रिया भी उठने की कोशिश की पर बुर में दर्द होने के कारण वह उठ ही नहीं पाई.
प्रिया को जोर की सुसू आई थी, मैं उसे उठा कर बाथरूम में ले गया.
वह सुसू करने के लिए बैठ गई.

जैसे ही प्रिया की सुसू तेज़ धार के साथ निकली, उसकी मुँह से आहहह निकल गई.
मैं समझ गया कि चुदाई के कारण हॉट टीन गर्ल की फटी बुर में जलन हो रही है.

सुसू करने के बाद प्रिया उठी.
उसने बाथरूम में अच्छे से अपने आपको साफ किया और बाहर आ गई.

प्रिया की चाल थोड़ी बदल गई थी, वह अपनी टांगों को थोड़ा खोल कर चल रही थी.
शायद बुर में दर्द के कारण ऐसा था.

प्रिया रूम में आकर अपने कपड़े पहने और मेरे गले से चिपक गई.

वह मुझे चूमती हुई बोली- अभय, तुमने मुझे जन्नत का मज़ा दिया है. पहली बार इतना मज़ा मिला, जिसे भूल नहीं सकती. अब मैं अच्छे से मन लगाकर पढ़ सकती हूं.

मैं भी अपने कपड़े पहने और प्रिया को उसके घर पर छोड़ कर आ गया.

मुझे पता है, मेरी ये कहानी पढ़ कर कुंवारी लड़की हो … या शादीशुदा भाभी हो, स्कूल गर्ल हो या कॉलेज गर्ल, सब अपनी पैंटी को गीली होने से रोक नहीं पाई होंगी.
साथ ही लंडधारियों का तो बुरा हाल हो गया होगा.

आपको मेरी कुंवारी हॉट टीन गर्ल चुदाई कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं ताकि मैं आपके लिए अगली सेक्स कहानी लिख सकूँ.
[email protected]

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