सीलपैक माल की उसी के घर में चुदाई

(Hot Padosan Sex Kahani)

राज सिंह 2021-12-30 Comments

हॉट पड़ोसन सेक्स कहानी मेरे सामने वाले घर में रहने वाली एक खूबसूरत लड़की की चुदाई की है. उसी ने पहल करके मुझे लव लैटर भेजा था.

मुझे सेक्स करने की चाहत स्कूल टाइम से थी, शर्मीला होने के कारण मैं कभी किसी से बात नहीं कर पाया और पता नहीं चला कि मैं कब कॉलेज में आ गया.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राज है, मेरी उम्र 25 साल है और मैं आपके साथ अपनी लाइफ का सबसे पहला अनुभव साझा करने जा रहा हूं.
यह अनुभव मुझे अपनी कॉलेज लाइफ के दौरान मिला था.

जब मैंने कॉलेज जाना शुरू किया तो मुझे पता चला कि जवानी क्या होती है. वहां की लड़कियों की जवानी देख देख कर मेरे लंड में तनाव आने लगा.

अब तो मेरे दिमाग में सेक्स का बुखार चढ़ा रहता था. मैं हमेशा सेक्स करने के बारे में सोचता रहता था पर मौका नहीं मिल पाया था क्योंकि मैं बहुत ज्यादा शर्मीला था.

एक दिन की बात है, मैं और मेरा मौसेरा भाई अपनी गली से निकल रहे थे.
तभी सामने वाले घर में रहने वाली एक खूबसूरत लड़की हमें देख रही थी.

मुझे लगा कि वह मेरे भाई को देख रही है. तभी मेरे भाई ने बताया कि वह लड़की मुझे रोज देखती है.

मैं आपको बताना चाहूंगा कि उस लड़की का नाम शालू था, काफी ज्यादा गोरी-चिट्टी थी और भरे हुए शरीर की मालकिन थी.
उसका फिगर 34-28-36 रहा होगा.

जब भी शालू हम दोनों की तरफ देखती थी तो मुझे लगता था कि वो मेरे भाई को देख रही है.
इसी वजह से मैंने उसकी तरफ देखना कम कर दिया था.

इस बीच मेरी एक दो बार नजर शालू की आंखों से मिलीं तो उसकी आंखों में मुझे खुस के लिए एक कशिश सी दिखाई दी.
मगर मैं अपने शर्मीले स्वभाव के कारण उससे नजर हटा कर आगे बढ़ जाता था.

कुछ दिनों के बाद मेरे कॉलेज की परीक्षा चल रही थीं.
मैं परीक्षा देने के बाद जब घर आया तो मेरे भाई ने मुझे बताया कि उस लड़की ने एक लैटर भेजा है.

ये सुनकर मैं चौंक गया और मैंने कहा- क्या बात है भाई … तेरी तो लॉटरी लग गई है.

तब उसने दूसरा धमाका करते हुए बताया- वह लैटर उसने मेरे लिए नहीं बल्कि तुम्हारे लिए भेजा है.
यह सुनकर मैं बहुत ज्यादा आश्चर्यचकित हो गया.

मैं अब उस लैटर को देखने के लिए काफी उतावला हो गया था. मैंने अपने भाई से उस लैटर को दिखाने के लिए कहा.

मेरे भाई ने मुस्कुराते हुए मुझे लैटर देने से पहले बियर पिलाने की बात तय करवा ली.

जब मेरे भाई ने मुझे लैटर दिया तो मैंने उसे पढ़ना शुरू किया.
उसने उस लैटर में लिखा था कि मैं तुम्हें तुम्हारे भाई के साथ जाते हुए देखती हूं और मैं तुम्हें काफी ज्यादा पसंद करती हूं, पर तुमने मुझ पर कभी ध्यान नहीं दिया … इसलिए मैंने आज लैटर तुम्हारे लिए लिखा है.

उसका लैटर पढ़ने के बाद तो मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं था और मुझे लग रहा था कि मेरी वर्षों की तमन्ना आज पूरी होने जा रही है.

उसके लैटर के जवाब में मैंने भी कह दिया- मैं तुम्हें काफी ज्यादा पसंद करता हूं और मुझे तुम्हारा नंबर चाहिए.
मेरे लैटर के जवाब में उसने अपना नंबर दे दिया और हमारी बातचीत शुरू हो गई.

धीरे-धीरे हम दोनों काफी ज्यादा बातें करने लगे और इससे ये हुआ कि हम दोनों एक दूसरे के काफी ज्यादा करीब आ गए.

हमारी धीरे-धीरे सेक्स चैट भी शुरू हो गई और हमने दिन में कम से कम एक बार सेक्स चैट करना शुरू कर दिया.

हम धीरे-धीरे बेकाबू होने लगे और सेक्स के लिए तड़पने लगे.

अब हमारी सेक्स की तड़प इतनी ज्यादा हो गई थी कि हमसे रहा नहीं जा रहा था.
हम दोनों मिलने के लिए प्लान बनाने में लग गए.

मैं उसे किसी होटल में ले जाना चाह रहा था मगर शालू होटल जाने की बात से डर रही थी.
उसका डरना सही भी था क्योंकि होटल में तमाम तरह के खतरे थे.

मैं शालू से अकेले में मिलने के लिए किसी कमरे का इंतजाम करने की जुगाड़ में लग गया पर नतीजा कुछ भी नहीं निकला.
इधर शालू की बेचैनी बढ़ती जा रही थी.

एक दिन उसने कहा- दो दिन बाद मेरे घर वाले कहीं बाहर जा रहे हैं और घर में मेरे अलावा उसकी बूढ़ी दादी ही रहने वाली हैं.
मैंने कहा- दादी के रहते हमारा मिलना कैसे सम्भव हो पाएगा?

उसने कहा- दादी की तबियत खराब रहती है और वो रात में दवा लेकर सो जाती हैं. मैं कई बात इस बात को चैक कर चुकी हूँ कि दादी रात को बेसुध होकर सोती रहती हैं. तुम रात को घर आ जाना और हम दोनों ऊपर की मंजिल पर बने कमरे में मिल लेंगे.
मैंने कहा- सिर्फ मिलना है या सेक्स भी करोगी.

वो पहले तो शर्मा गई फिर बोली- तुम भी पूरे लुल्ल हो. मैं रात को अकेली कमरे में तुमसे मिलने की बात कर रही हूँ … तो क्या सब कुछ खुल कर ही कहना पड़ेगा?

मैं समझ गया कि मैं वाकयी लुल्ल हूँ और एक लड़की की चुदने की चाहत को समझ नहीं पा रहा हूँ.

मगर अब सब कुछ आईने की तरह साफ़ था.

मैंने शालू से पूछा कि क्या कंडोम लाऊं?
वो खुल कर बोली- नहीं नहीं कंडोम नहीं … ऐसे ही करने का मन है.

मैंने कहा- अगर कुछ हो गया तो?
वो बोली- कुछ नहीं होगा. मेरा सेफ पीरियड चल रहा है.

मेरी समझ में नहीं आया कि ये भोसड़ी का सेफ पीरियड क्या होता है.
मगर मैंने फिर से लुल्ल न बनते हुए उससे मिलने के लिए हामी भर दी.

फिर हम दोनों ने प्लान बनाया कि दो दिन बाद रात के 1:00 बजे के बाद उसी के घर में कमरे में मिलेंगे.

दो दिन तक मैं सारा कुछ देखता रहा कि किधर से उसके घर में जाना है.

उस दिन देर रात को मैंने हिम्मत करके उसके घर में जाने का तय कर लिया.

उसने देर रात का इसलिए कहा था ताकि जब मेरे घर के सब लोग सो जाएं और उसकी दादी भी गहरी नींद में सो जाएं तब हम दोनों आराम से मिल सकें और सेक्स कर सकें.

आखिरकार वो दिन आ गया और हम दोनों रात होने का इंतजार करने लगे.

रात को करीब 8:30 बजे उसका फोन आया. उसने बताया कि सब कुछ तैयार है, बस आप टाइम से आ जाना.

करीब 12:45 बजे मैं अपने घर से निकल गया.
उसके घर में जाने का सिर्फ एक ही रास्ता था कि मुझे दीवार कूदकर जाना होगा.

सेक्स की तड़प इतनी ज्यादा थी कि मैं उसकी दीवार को कूदकर अन्दर चला गया.

हालांकि जब दीवार को मैंने फांदा तो मुझे घुटने में हल्की सी चोट भी आई थी मगर अपनी प्रेमिका से मिलने की ख़ुशी ने मेरे दर्द को भुला दिया.

मैं उसके घर में घुसा और अन्दर जाकर जीने से उसके ऊपर बने कमरे की तरफ आ गया.
उसने अपने कमरे का दरवाजा खुला रखा था ताकि मुझे आने में कोई परेशानी ना हो.
मैं सीधे उसके कमरे में घुस गया.

जैसे ही मैं कमरे के अन्दर पहुंचा, उसने मुझे पीछे से कस पकड़ लिया.
मैंने भी मुड़ कर उसे जोर से गले लगा लिया.
उस वक्त उसने लाल रंग की नाइटी पहनी हुई थी.

मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैंने बिना देरी किए उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसके होंठों का रसपान करने लगा.
वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.

करीब 10 मिनट तक मैंने उसके होंठों का भरपूर रसपान किया.
अब मैंने उसकी नाइटी उतार दी और साथ में मैंने उसके शरीर से पैंटी और ब्रा को भी अलग कर दिया.

उसके बड़े बड़े बूब्स देख मैं पागल सा हो गया और उन पर टूट पड़ा.
मैं उसके मम्मों को जोर जोर से चूसने लगा.

उसके मुँह से आह आह की आवाजें निकल रही थी.

उसकी कामुक आवाजें मुझे मदहोश कर रही थीं, जिससे कि मैं और ज्यादा तेजी से उसे चूमने चाटने लगा.

वो मुझे अपने हाथ से पकड़ कर दूध पिलाने लगी और मादक आवाजें करने लगी.

मैं मस्ती से उसके दोनों मम्मों को बारी बारी से पी रहा था और उसे चूम रहा था.

उसने मेरी आंखों में देखा और कहा- अब ये ही चूसते रहोगे क्या?
मैं तुरंत बोला- मैं इतना भी लुल्ल नहीं हूँ मेरी जान … मुझे मालूम है कि जन्नत का सुख किधर से मिलेगा.

वो हंस दी और उसी वक्त मैंने अपना एक हाथ ले जाकर उसकी बुर पर रख दिया और वो अपनी बुर पर एक मर्द का हाथ पाकर कांपने लगी.

उसकी चूत एकदम चिकनी थी.
मैंने कहा- मैदान ऐसे ही साफ़ रहता है या किया है.
वो बोली- आज ही शाम को साफ़ की है.

मैंने कहा- हां, आज ही मैंने भी अपना चमकाया है.
वो फिर से हंस दी.

मैं धीरे-धीरे उसकी बुर पर उंगली घुमा रहा था और वो पागल हुई जा रही थी.

हम दोनों की तड़प बर्दाश्त से बाहर होने लगी थी.

वो बोलने लगी- जान अब तड़पाओ मत … जल्दी से डाल दो.
मैंने कहा- क्या डाल दूँ जान?

वो बिंदास हो गई और बोली- मेरी चूत तड़प रही है. जल्दी से अपना लंड चूत में डाल दो.

मैंने भी देरी ना करते हुए उसे बिस्तर पर चुदाई की पोजीशन में लिटाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया.

मेरा लंड अभी थोड़ा सा ही अन्दर गया था कि उसे दर्द होने लगा क्योंकि वह अभी तक कुंवारी थी.

मैंने कहा- क्या हो रहा है?
वो बोली- दर्द हो रहा है.

मैंने कहा- क्यों?
वो बोली- तुम सच्ची में लुल्ल हो … मैं पहली बार लंड ले रही हूँ मेरे प्यारे लुल्ल जी.

मैं झेम्प गया और बिना कुछ कहे उसके मम्मों को सहलाने और चूसने लगा.
उसे दर्द में राहत मिलने लगी.

वो बोली- मैंने अभी तक किसी का लंड तो छोड़ो अपनी उंगली को भी अन्दर नहीं लिया है.
मैंने कहा- हां समझ आ रहा है जान कि तुम्हारी चूत एकदम कसी हुई है.

आज मेरे लिए तो यह सुनहरा मौका था क्योंकि कुंवारी चूत चोदने का मौका पहली बार मिला था.
मैंने उसको संभालते हुए धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए.

कुछ ही देर बाद उसे मजा आने लगा तो वह गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी.
अब मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार तेज कर दी.

चुदाई करने से पूरे कमरे में पच पच की आवाज आने लगी.

कुछ देर बाद वो एकदम से आह आह करने लगी और उसके मुँह से आंह राज और जोर से करो … मुझे मजा आ रहा है.

उसकी टांगें अपने आप फ़ैल गई थीं और कुछ हवा में उठने लगी थीं.
मैं उसके ऊपर कुत्ते की तरह झुका था और चूत में लंड को अन्दर बाहर कर रहा था.

मेरा लंड उसकी चूत में बहुत टाईट जा रहा था और मुझे लग रहा था कि मेरा लंड कुछ छिल सा गया है.

मगर चुदाई का मजा इतना ज्यादा आ रहा था कि दर्द को हम दोनों ही भूल चुके थे और धकापेल चुदाई चल रही थी.

करीब दस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.
वो मुझसे चुदवा कर काफी खुश थी.

उस रात हम दोनों ने दो बार सेक्स किया.

करीब एक साल तक हमें जब भी मौका मिलता, हम दोनों सेक्स कर लेते.

अब उसकी शादी हो गई है तो वह कहीं और चली गई है … और मैं कहीं और.

दोस्तो, आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी? अगर अच्छी लगी हो, तो मुझे मेल जरूर करें.
ईमेल आईडी है
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