गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स की शुरुआत

(Hot GF Xxx Story)

हॉट GF Xxx स्टोरी मेरी क्लासमेट के साथ सम्बन्ध की है. वो बहुत सेक्सी टाइप थी. मैंने उसे प्रोपोज किया तो वो तुरन्त मान गयी. एक दिन वो घर में अकेली थी.

दोस्तो, मैं कुणाल अपनी पहली कहानी लेकर आपके सामने हाज़िर हूं।
कहानी शुरू करने से पहले मैं अपने और कहानी से जुड़े किरदारों के बारे में बता देना चाहता हूं ताकि आप सभी को कहानी समझने में आसानी हो।

मैं छत्तीसगढ़ के छोटे से शहर से हूं और पढ़ाई में तेज होने के साथ-साथ दोस्तों में काफी मशहूर हूं।
मेरी हाइट 5.9 फीट है और रंग गोरा है।

कहानी में जिस लड़की का जिक्र हुआ है उससे संबंधित जानकारी को गोपनीयता के लिए बदल दिया गया है।

हॉट GF Xxx स्टोरी की शुरुआत तब हुई थी जब मैं 12वीं क्लास में था।
पढ़ाई में होशियार होने के कारण मैं स्कूल का हेडब्वॉय था और स्कूल में बहुत पॉपुलर था।

मेरे स्कूल की दो खूबसूरत लड़कियों के साथ मेरा नाम जोड़ा जाता था जो आपस मे पक्की सहेलियां भी थीं।

यह कहानी मेरी और उन दो लड़कियों में से एक, जिसका नाम वीना है, की है।
उसके साथ रिलेशनशिप में आना मेरी सबसे बड़ी गलती थी।
वीना के बारे में बताऊं तो वह एक गोरी, सुंदर लड़की थी जिसके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं थे फिर भी उसका फिगर गजब का था।

उसकी गांड बाहर को निकली हुई थी और सारे लड़के पर उस पर लाइन मारने की कोशिश किया करते थे।

साल भर ऐसे ही निकल गया और फाइनल पेपर नजदीक आ गए।
अभी तक हमारी कोई खास बात नहीं हुई थी।

एग्जाम में वो मेरे पीछे बैठा करती थी, मैं भी उसको पसंद किया करता था लेकिन कभी अपने से मैंने शुरुआत नहीं की।

एग्जाम देने के बाद मैं इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए भिलाई चला गया। मैं अपनी तैयारी में इतना बिजी हो गया कि लड़कियों को जैसे भूल ही गया।

मैं जवान तो हो ही चुका था।
ऐसे ही एक दिन मैंने उससे बात करने की सोची और उसे प्रोपोज कर दिया जो उसने तुरंत एक्सेप्ट कर लिया और यहाँ से हमारी प्रेम कहानी शुरू हो गयी।
धीरे धीरे हमारी फ़ोन पर बातें होने लगीं और हमारे बीच सब अच्छा चल रहा था।

फिर एक दिन मैं वापस छुट्टियों में अपने घर गया और मैंने उसको बताया कि मैं उसके घर आ रहा हूं।
हम सब दोस्त पहले भी एक दूसरे के घर जाया करते थे तो उसके घर जाने में मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं थी।

अपने घर पहुंचने के बाद मैं अपनी बाइक लेकर उसके घर पहुंच गया जहाँ उसकी बहन ने दरवाजा खोला।
उसकी बहन बहुत सुंदर थी और मेरी जूनियर थी स्कूल में। उसको पता था कि स्कूल में हम दोनों का नाम एक दूसरे के साथ जोड़ा जाता था।

वीना की बहन ने मुझे अंदर बैठने को कहा और वीना को बुलाने चली गयी।
जब वीना आई तो मुझे देख खुश हो गई।
उससे मिलकर मैं वापस आ गया।

फिर दो दिन बाद मैं वापस भिलाई चला गया।
इंजीनियरिंग का एग्जाम हुआ और मुझे अच्छी रैंक मिली।
मैंने एक बढ़िया कॉलेज में मैकेनिकल ब्रांच में एडमिशन ले लिया।

नये कॉलेज में मैं नये दोस्तों के बीच बिजी हो गया और धीरे धीरे वीना से मेरी बात होना बहुत कम हो गई।
अभी तक हमारे बीच में सेक्स जैसा कुछ भी नहीं हुआ था।

इस बीच एक दिन एक अंजान नंबर से मेरे पास कॉल आया पर मैंने क्लास में होने के कारण कॉल रिसीव नहीं किया।

वो कॉल वीना का ही था।
फिर हमारी बात होनी चालू हो गयी।
हम रात भर बातें करने लगे।
मैं अब उसको लेकर सीरियस होने लगा था।

ऐसा करते करते 2-3 महीने निकल गए।
उसने बताया कि वो घर आने वाली है तो मैं भी उसी समय प्लान करके घर चला गया।
अब हम दोनों अपने अपने घर पहुंच चुके थे और हमारी नार्मल बात होती थी फ़ोन पर।

एक दिन शाम को हम बात कर रहे थे, उसने बताया कि उसके घर कोई नहीं है.
तो मैंने पूछा- तुम कहो तो मैं आ जाता हूं।
उसने मना कर दिया लेकिन वो भी मन ही मन चाह रही थी मिलने के लिए।
मैं जिद करने लगा तो वो मान गयी और बोली- दरवाजा खुला रखूंगी, सीधे अंदर आ जाना।

खुश होते हुए मैं अब मैं उसके घर के पास पहुंच गया।
मुझे डर भी लग रहा था क्योंकि सब मुझे जानते थे।

अपनी बाइक को दूर खड़ा कर मैं उसके घर के अंदर चला गया।
जाते ही उसने दरवाजा बंद कर लिया।

हम दोनों ने एक दूसरे को गले से लगा लिया और बस चिपके हुए एक दूसरे के बदन को सहलाने लगा।
करते करते हम लोग कब दीवार के पास पहुंच गए, पता ही नहीं लगा।

अब हम दोनों एक दूसरे की सांसों को महसूस कर रहे थे।
मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू किया। वो मेरा बराबर साथ दे रही थी।

अब धीरे धीरे मैं अपने हाथों को उसके शरीर पर चलाने लगा और उसने कोई विरोध नहीं किया।
मैं अभी भी उसको किस किये जा रहा था और उसके बदन पर हाथ चला रहा था।

अब मेरे लिए कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था।
मेरा लंड एकदम कड़क हो गया था जो उसकी चूत में जाने के लिए फटा जा रहा था।
उसको भी मेरे लंड का दबाव महसूस होने लगा था लेकिन उसके घर वालों के आने का डर भी हमें था।

मैं लंड को कपड़ों के ऊपर से ही उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
उसको भी मजा आ रहा था।
मैंने उसको कहा कि अब रुका नहीं जा रहा, कुछ करो।

वो बोली- क्या करूं?
मैंने कहा- मेरे लंड को मुंह में ले लो प्लीज!
उसने भी मना नहीं किया।

वो घुटनों के बल बैठ गई और उसने मेरे लंड को मुंह में ले लिया।
मुझे तो गजब का मजा आ गया।
वो मेरे लंड को चूसे जा रही थी और मजे में मेरी आंखें बंद होने लगीं।

वो मेरा लंड चूस रही थी और नीचे से मेरे आंडों को सहला रही थी।
अब मैं भी झड़ने वाला था।
3-4 मिनट की चुसाई के बाद मुझे लगा कि अब मेरा निकलने वाला है तो मैंने उसके मुंह को चोदना चालू किया और दस पंद्रह धक्कों के बाद उसके मुंह में ही झड़ गया।

अब जल्दी से हम दोनों एक दूसरे से अलग हुए और मैं उसको लव यू बोल कर उसके घर से बाहर आ गया।
ये हमारी मुलाकात का पहला अनुभव था।
उसके बाद मैं भिलाई आ गया।

हम दोनों में रात में बात होती थी। फिर धीरे धीरे मैंने देखा कि उसका स्वभाव थोड़ा बदलने लगा।
धीरे धीरे बात कम होने लगी।

वो बोलती कि वो पढ़ाई में ध्यान देने लगी है।
मैंने भी उसको ज्यादा कुछ नहीं बोला क्योंकि मैं अपनी तरफ से किसी को ज्यादा भाव नहीं देता था।

फिर एक दिन मैंने उसको रात को 12 बजे कॉल किया।
उसका नंबर बिजी आया।

फिर वो थोड़ी देर बाद कॉल करके बोली कि दीदी का फ़ोन था।
मैंने कुछ नहीं कहा और बात करके सो गया। फिर हमारी नॉर्मल बात होती रही और सब कुछ ठीक चल रहा था।

एक दिन मेरे नंबर पर उसके नंबर से मैसेज आया, जिसमें उसने लिखा था कि- तुम्हें मेरी कसम … सिगरेट नहीं पिओगे।
मैं देखकर हैरान हो गया क्योंकि मैं तो सिगरेट पीता ही नहीं था। फिर सोचा कि उसने ऐसा क्यों लिखा?

मैंने उससे पूछा तो कहने लगी कि अपने किसी फ्रेंड को भेज रही थी, गलती से मेरे नंबर पर आ गया।

मुझे पता नहीं क्यों, अब उसके ऊपर भरोसा नहीं हो रहा था।
मैंने दोबारा रात को कॉल किया।
फिर से उसका फ़ोन बिजी आया तो उसने मैसेज करके कहा कि घर में बात कर रही हूं, बाद में करूंगी।

अब मेरा दिमाग खराब हो गया कि किसके घर वाले रात के 12 बजे बात करते हैं, वो भी इतनी लम्बी बात!
मुझे गुस्सा आ गया और मैंने उसको खूब सुना दिया।
मैंने उससे कहा कि किसी और से बात करनी है तो मेरे पास फोन करने की जरूरत नहीं है।

उस दिन के बाद हमारी बात बंद हो गई।
कई बार उसने कॉल भी किया लेकिन मैंने उसका कॉल कभी रिसीव नहीं किया।

धीरे धीरे मेरे कॉलेज का फाइनल इयर आ गया।
आगे पढ़ाई करने से पहले मैं वापस घर आ गया।

कई साल से वीना से बात नहीं हुई थी।
मैं अपने घर दोस्तों के साथ मस्ती करने लगा था।

एक दिन इसी बीच मुझे उसके नंबर से कॉल आया और मैंने भी इस बार उसका कॉल रिसीव कर लिया।
यही कोई शाम के 8 बजे का टाइम था।

वीना- कैसे हो तुम?
मैं- ठीक हूं, आपने आज कैसे याद कर लिया?
वीना- अब तुम तो याद करते नहीं हो, तो मैंने ही याद कर लिया।
मैं- अब तुम्हारे पास तो है ही पहले से एक, इस कारण मैं नहीं करता।
वीना- चलो, मैं रखती हूं।

उसको बात लग गई और मुझे समझ आ गया था कि उस लड़के ने इसको बेवकूफ बना दिया है।
मैं उससे बुरा व्यवहार नहीं करना चाहता था क्योंकि अगर मैं भी उसके जैसे बन जाता तो हम दोनों में कोई अंतर नहीं रहता।
फिर मैंने उसको समझाया कि जो हुआ उसको भूल जाओ।

इसके बाद से हमारी नार्मल बात होने लगी।
फिर एक दिन उसने मुझे प्रोपोज़ कर दिया।
मैंने भी सोचा कि इसको एक मौका और देकर देखते हैं और मैंने हां बोल दिया।

उसकी भिलाई में ही जॉब लग गयी थी और वो वहाँ फ्लैट लेकर रहने लगी।
मैं भी आगे की पढ़ाई के लिए भिलाई आ चुका था।

एक दिन उसने कहा कि उसको कुछ अच्छा नहीं लग रहा है, और वो मुझे उसके फ्लैट पर बुलाने लगी।

मैंने घर में कॉल करके बोला कि आज मैं दोस्त के घर रुकने वाला हूं, जैसे कि मैं हमेशा अपने घरवालों से रात को फोन पर बात करके सोता था।
मेरे मन में कोई भी गलत ख्याल नहीं था। मैं बस जल्दी से उसके पास जाना चाहता था कि कहीं वाकई में तबियत खराब न हो।

मैं पहुंचा तो पाया कि उसको थोड़ा फीवर था और सिर दर्द था.
तो हमने साथ में खाना खाया, फिर उसको पैरासिटामोल की गोली देकर आराम करने को बोला और मैं मोबाइल में टाइम पास करने लगा।
वो बिस्तर में लेटी हुई थी।

फिर मैंने उससे कहा कि वो आराम करे और मैं अपने दोस्त के यहां चला जाता हूं।
वो बोली कि उसे अच्छा नहीं लग रहा, और रात बहुत हो गयी है, यहीं रुक जाओ।
मैंने भी सोचा कि ठीक है, और मैं रुकने के लिए तैयार हो गया।

उसके बेड का साइज ज्यादा बड़ा नहीं था तो मैंने कहा कि नीचे सो जाता हूं।
वो बोली कि वो एडजस्ट कर लेगी, ऊपर ही सो जाओ।
मैं अब उसके साथ ही सोने लगा।

मैंने उसके माथे को छुआ कि बुखार कितना है, तो पता चला कि उसका फीवर उतर गया था।
अब मैं भी सोने की कोशिश करने लगा लेकिन मुझे जल्दी से दूसरी जगह नींद नहीं आती थी इसलिए मैं काफी देर तक जागता रहा।

वो भी करवट लेते हुए मेरे सामने आ गई।
अब उसका चेहरा मेरे ठीक सामने था और वो सोते हुए मुझे बहुत सुंदर लग रही थी, मैं उसे बस देख रहा था।

उसने पहले जो मेरे साथ किया था वो मुझे याद भी नहीं था।
मुझे उसकी सांसें महसूस हो रही थीं जो काफी गर्म थीं।

अचानक उसका हाथ मेरी कमर में आ गया और उसने आंखें खोल दीं।
हम दोनों की नजर मिली और उसने मुझे होंठों पर चूम लिया।

मैं कुछ सोच नहीं पा रहा था कि इसका क्या जवाब दूं, मैं बस हल्का सा मुस्करा दिया।

उसने फिर से मेरे होंठों को चूमा और फिर आंखें बंद कर लीं।
अब मैं भी गर्म होने लगा था और मेरा लंड तनाव में आने लगा था।
धीरे धीरे मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया।

अब मेरी बारी थी। मैंने उसको किस करना शुरू किया और हम दोनों जल्दी ही एक दूसरे में खो गए।
कुछ पल बाद दोनों के हाथों ने हरकत करना शुरू कर दिया था।
हम दोनों एक दूसरे के इतने पास थे कि सांसों को महसूस कर रहे थे, एक दूसरे के बदन पर हाथ फिरा रहे थे।

मैं उसकी पीठ सहला रहा था।
हाथ को धीरे धीरे उसके कूल्हों पर फिरा रहा था, फिर उसके बूब्स को दबाने लगा।

वो मेरे बाल सहलाते हुए मुझे किस किए जा रही थी और मैं उसके बदन से खेल रहा था।
मैंने अब उसके टॉप को निकाल दिया और उसके लोअर के अंदर हाथ डाल दिया।
मैं उसकी चूत को ऊपर से सहलाने लगा।

उसकी चूत पूरी गीली हो गयी थी।
अब मुझसे रुका न गया और मैंने जल्दी से उसके कपड़े उतरवा दिए और वो पैंटी में रह गई।
उसने भी मेरे कपड़े उतारने शुरू किए और जीन्स उतारते समय मेरे लंड की गर्मी को महसूस किया।

वो मेरा लंड पहले भी चूस चुकी थी लेकिन वो बहुत पहले की बात हो चुकी थी।
अब मैं सिर्फ चड्डी में था और मेरा लंड बाहर आने को तैयार था।
मैंने खुद ही चड्डी को उतार फेंका।

नंगा होते ही मेरा लंड उसके बदन से टकराने लगा और उसने हाथ से पकड़ कर हिलाना चालू कर दिया।
मैं भी उसकी पैंटी में हाथ डालकर उसकी चूत में उंगली डालने लगा, जहां थोड़ा लसलसा सा महसूस हुआ।

वो मुझे चूमते हुए नीचे जाने लगी और मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी।
फिर मैंने उसको 69 में आने को कहा।

मैं बेड पर सीधा लेट गया और वो ऐसे मेरे ऊपर आयी कि उसकी चूत मेरे मुंह पर और मेरा लंड उसके मुंह में चला गया।

मैंने जल्दी से उसकी पैंटी निकाल दी और उसकी चूत को चूसना चालू किया।
वो भी मेरे लंड को चूस रही थी और मैं अपनी जीभ से उसकी गीली चूत को चाट रहा था।
अब उसने मेरे मुंह मे चूत को दबाना चालू किया और मैंने चूत को चूसना तेज कर दिया।

वो भी और तेज मेरे लौड़े को चूसे जा रही रही थी।
मेरे से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था।
इधर उसकी चूत भी पानी छोड़ने के लिए तैयार थी।

मेरी जीभ उसकी चूत में तेजी से अंदर बाहर हो रही थी।

मैंने उसकी गांड में उंगली डाल दी जिससे वो कंट्रोल नहीं कर पाई और मेरे मुंह में झड़ गयी।

अब बारी मेरी थी।
उसने चूस चूस कर लंड का बुरा हाल कर दिया था।

बहुत दिनों के बाद लंड चुसाई का मजा मिला था तो मैं भी उसके मुंह में जल्दी ही झड़ गया।
वो मेरे पूरे वीर्य को पी गई।

थोड़ी देर तक हम दोनों तेज सांसें लेते रहे और फिर होश में आए।
मैं नंगा ही बाथरूम गया और लंड को धोकर आया।
फिर किचन में जाकर पानी पीने लगा।

थोड़ी ही देर में फिर से हमारा मूड बन गया। किस करते हुए दोनों फिर गर्म हो गए।

वो चोदने के लिए रिक्वेस्ट करने लगी और इधर मुझे भी चुदाई की आग लगी थी।
अब मैंने देर करना ठीक नहीं समझा और उसके ऊपर आ गया।

मैंने उसे टांगें फैलाने के लिए कहा।
ये मेरा पहली बार था लेकिन मैंने बहुत ब्लू फिल्में देखी थीं तो पता था कि कैसे क्या करना है।

उसने टांगें फैला दीं और मैं लंड को चूत पर रगड़ने लगा। मैंने अंदर डालने की कोशिश की लेकिन लंड अंदर नहीं गया।
वीना ने हाथ से लंड को पकड़ कर सेट किया।

उसकी चूत गीली थी तो लंड रगड़ते हुए अंदर जाने लगा और मुझे लंड में दर्द होने लगा।
वो भी धीरे धीरे आह आह करने लगी।

लंड अंदर फंसाकर मैं थोड़ी देर रुक गया।
मेरा दर्द कम हुआ तो मैंने धक्के मारना चालू किया।

अब उसे भी मजा आ रहा था। मैं उसे चूमते हुए चोद रहा था।

दोस्तो, चूत मारने में ही असली मजा है, ये बात उस दिन मुझे पता चली।
लंड मैंने जरूर चुसवाया था लेकिन चुदाई का अपना अलग मजा है।
काफी दर मैं उसको उसी पोजीशन में चोदता रहा।

फिर मैंने उसको डॉगी स्टाइल में आने को कहा।
उसने पोजीशन ली तो मैंने पीछे से अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया और फिर धक्कापेल चुदाई करने लगा।

अब मैं उसकी कमर को पकड़ कर पूरा लंड उसकी चूत में डाल रहा था।
धक्कों के कारण पूरे कमरे में पट-पट की आवाज आ रही थी।

चुदते हुए वीना एक बार झड़ चुकी थी।

चोदते हुए लगभग 20 मिनट गुजर चुके थे, अब मेरा भी वीर्य निकलने के कगार पर था।

मैंने उससे पूछा तो उसने कह दिया कि अंदर ही निकाल दो।
10-15 धक्कों के बाद मैंने पूरा वीर्य उसकी चूत में निकाल दिया और लंड को वहीं रहने दिया।

उसकी चूत की गर्मी मुझे, और वीर्य की गर्मी उसको संतुष्ट कर रही थी।
मैं वीना के साथ नंगा ही सो गया और उस रात 3 बार अलग अलग तरीकों से मैंने उसे चोदा।
फिर सुबह उठकर मैंने किचन में उसकी चुदाई की।

मैं दोबारा से उसके साथ रिलेशनशिप में आ गया, मुझे लगा कि वो अच्छी लड़की है लेकिन बाद मैं मुझे अपनी GF का Xxx राज पता चला।

आपको आगे मैं बताऊंगा कि मुझे वीना के बारे में कौन से राज पता चले और फिर कैसे मैंने अपने प्यार का बदला लिया।
आगे की कहानी मैं जल्द ही लेकर आऊंगा। आप थोड़ा सा इंतजार करें।

यह हॉट GF Xxx स्टोरी आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स और मैसेज में जरूर बताएँ।
मुझे आप सबकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा इसलिए अपना फीडबैक देना न भूलें।
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