मकान मालिक कुंवारी बेटियां- 4

(Hot Babes Sex Kahani)

संदीप 22 2023-07-05 Comments

हॉट बेब्स सेक्स कहानी में मैंने दो सगी बहनों की कुंवारी बुर की चुदाई का मजा लिया. पहले छोटी वाली मेरे लंड का शिकार बनी. फिर बड़ी वाली ने अपनी बुर मुझे परोसी.

फ्रेंड्स, मैं संदीप कुमार आप सभी का अपनी सेक्स कहानी में स्वागत करता हूँ.
कहानी के पिछले भाग
कमसिन कुंवारी लड़की की कामवासना
में अब तक आपने पढ़ा था कि भावना मेरे साथ मेरे कमरे में थी और मेरा लंड चूस रही थी.

अब आगे हॉट बेब्स सेक्स कहानी:

भावना को दुबारा बेड पर लेटा कर अपने पूरे कपड़े नि‍काल कर नंगा हुआ और उसके पास लेट गया.

ऊपर से नीचे की तरफ एक-एक अंग को पूरे जोश में किस करते हुए एक बार फिर से अपने होंठों को उसने स्तन के निप्पल पर ले जाकर चूसने लगा.

इसी तरह से बारी बारी से उसके दोनों स्तनों को चूमने चूसने में लग गया.

उसी के साथ अपने एक हाथ को चूत की लकीर पर ले गया और बुर के दाने को हल्के हल्के से रगड़ना शुरू कर दिया.
इससे एक बार फिर से भावना पूरी उत्तेजित हो गई.

मैं उसे चूमते हुए फिर से उसके पैरों के पास आ गया और दोनों पैरों को अलग करके एक बार फिर से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.

मेरे होंठ चूत में पड़ते ही उसकी ‘आ … आह …’ की आवाज निकल गई जिससे मेरे अन्दर और भी ज्यादा जोश भर गया.

अब मैं कुत्ते की तरह बुर को बेपनाह चाटने लगा था.
भावना भी अपनी कमर उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी.

भावना न झड़ जाए, ये सोच कर एक बार फिर से मैंने अपने होंठों को उसकी चूत से अलग कर दिए ताकि वो एक बार फिर से चरम सुख तक पहुंचते पहुंचते रह जाए.

यह देख कर भावना बोली- ये क्या है, रूक क्यों गए?
दोस्तो, मैं उसकी बेचैनी समझ सकता था.
कैसा लगता होगा … जब कोई चरम सुख को पाने के अंतिम कदम तक पहुंचते पहुंचते रह जाए, कितनी बेचैनी होती होगी.

मैंने कहा- अब मेरी बारी.
मैं लगभग उलट कर अपना लंड उसके मुँह के पास ले गया.
वो समझ गई कि क्या करना है.

उसने लपक कर मेरा लौड़ा लॉलीपॉप की तरह अपने मुँह में लिया और चूसने लगी.

थोड़ी देर यूँ ही लंड चुसवाने के बाद हम दोनों पूरी तरह से 69 पोजीशन में आ गए.
आप तो जानते ही हैं कि 69 पोजीशन क्या होता है. मेरा लंड उसके मुँह में और उसकी चूत मेरे मुँह में थी.

लगभग तीन चार मिनट तक हम दोनों इसी पोजीशन में बने रहे.
फिर मैं उसके मम्मों पर आ गया.

यही काम मैंने दो बार और किया. कभी चूत में … कभी उसके मुँह में, कभी उसके दूध पर.

आखिर वो बेचैन होकर बोल पड़ी- ये कब तक ऐसा चलेगा?

मैंने मन ही मन कहा कि जब तक तू खुद चोदने को न कह दे.

सामने से मैंने उत्तर दिया- कुछ और ट्राई करते हैं.

मैं भावना के दोनों पैरों को फैला कर उसके बीच बैठ गया और कड़क लंड को हिलाते हुए थोड़ा सा उसकी ओर झुक गया.

अपना लंड उसकी चूत के पास ले गया, जिसे देख कर वो डर से बोल पड़ी.

‘अरे अरे … ये क्या रहे हो?’
मैंने उससे कहा- चिंता न करो, मैं इसे चूत में नहीं डालूंगा. बस बाहर-बाहर से रगड़ूँगा.

ये कह कर मैंने अपने लंड को उसकी बुर की लकीर में एक बार ऊपर से नीचे फेर दिया.
वह डर से मेरी तरफ लगातार देखने लगी.

कई बार लंड ऊपर नीचे करते देख कर वो पूरी निश्चिंत हो गई कि मैं लंड अन्दर नहीं डाल रहा हूँ.

अब वह आंखें बंद कर लेट गई और इस क्रिया का मजा लेने लगी.
साथ ही वो बुदबुदाती हुई बोली- आह और जोर से … बहुत अच्छा लग रहा है.

भावना की उत्तेजना देख कर मैं लगातार अपना लंड भावना की चूत में रगड़ने लगा था जिससे मुझे भी काफी उत्तेजना हो गई थी.

एक बार को तो ऐसा लगा कि जैसे लंड उसकी चूत में डालकर सब खत्म ही कर दूँ. पर मैं उसकी सहमति के बिना कुछ नहीं करना चाहता था.

अब मैं लंड को उसकी चूत से अलग कर उसे उसके मुँह के पास ले गया.
भावना को पता था कि उसे क्या करना है.

वह तुरंत लंड मुँह में ले कर पूरे जोश में चूसने लगी.
इसका नतीजा यह हुआ कि मैं अपने आपको रोक नहीं पाया और वीर्य उसके मुँह के अन्दर ही मार बैठा.

यह देख कर भावना ने आश्चर्य के भाव से कहा- ये क्या है?
मैंने कहा- वीर्य … जब कोई मर्द झड़ जाता है, तो ये रस निकल जाता है.

भावना ने बेचैनी भरे स्वर में कहा- मैं कब झड़ूँगी?
‘तुम्हें बस मेरा साथ देना होगा.’

वह डर गई.
उसने कहा- कहीं अपना लंड अन्दर तो नहीं डालोगे ना!

मैंने कहा- चिंता न करो बस ऊपर ऊपर से करूंगा. फिलहाल तो लंड दुबारा खड़ा करो.

उसने कहा- कैसे?
मैंने कहा- चूस चूस कर!

फिर उसने लंड मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी.
मेरा लंड तुरंत ही खड़ा हो गया.

मैंने भावना के पैर फैलाए और उसके बीच में आ गया.
अबकी बार लंड उसकी चूत में और भी जोर-जोर से रगड़ने लगा.

मैं मन ही मन सोचने लगा कि साली किस मिट्टी की बनी है, इतने में तो कोई भी हार मान कर अपने आपको लंड के हवाले कर देती.

पर मैं भी कहां हार मानने वाला था. अपने पूरे अनुभव और सब्र के साथ लगातार लंड चूत में रगड़ता रहा.

इस बार तो लंड भी आसानी से नहीं झड़ने वाला था.

अबकी बार मैं भावना के ऊपर लेट गया और अपने दोनों हाथों को उसके सिर के नीचे ले जाकर सिर ऊपर उठा दिया.

अब मैं अपने पूरे नियंत्रण के साथ उसे किस करने लगा.
उसने भी मेरा भरपूर पर साथ दिया.

एक तरफ मैं कमर के नियंत्रण से ही लंड उसकी चूत की रेखा में ऊपर नीचे करता रहा.

भावना किस करने में व्यस्त थी.
अब वह अपने आपको सरेंडर कर चुकी थी. उसमें किसी प्रकार का डर या प्रतिरोध नजर नहीं आ रहा था.

इसका फायदा उठा कर मैंने अपने लंड को उसकी बुर के छेद में थोड़ा अन्दर धकेला.
मेरा लंड जगह बनाते हुए थोड़ा अन्दर घुस गया और किसी चीज से टकरा कर रूक गया.

शायद ये चीज उसकी चूत की सील थी जो अब तक नहीं टूटी थी और उसके कुंवारे होने का सबूत दे रही थी.

मैंने लंड थोड़ा बाहर खींचा और लंड चूत की फांकों में ऊपर नीचे फिराता रहा.

थोड़ी देर बाद फिर से चूत के छेद में लंड को हल्का सा अन्दर पेला.
उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

ऐसा मैंने चार-पांच बार किया, बल्कि उसने मुझे और जोर जोर से करने का इशारा दिया.
उसने अपनी जीभ निकाल-निकाल कर मुझे किस करना चालू कर दिया था.

साथ ही उसने मुझे बहुत जोर से दोनों हाथों पैरों से पकड़ रखा था.
मेरा लंड चूत के छेद में जगह बना कर हल्का अन्दर सुपारा से जगह बना चुका था.

उसी समय जोरदार आवाज के साथ बादल गरजे और बहुत तेज आवाज आई, जिसके कारण हम दोनों के शरीर ने यकायक एक तेज झटका खाया और पूरा का पूरा 7 इंच का मोटा लंड भावना की चूत की सील को तोड़ता हुआ अन्दर समा गया.

उसे तेज दर्द महसूस हुआ और उसने जोर से चिल्लाना भी चाहा, पर उसकी आवाज मेरे होंठों में ही दब गई.

उसने छटपटाना चाहा पर मैंने उसे इस तरह से पकड़ा हुआ था कि वो हिल नहीं पाई.

मैं कुछ देर उसी पोजीशन में भावना के ऊपर लेटा रहा.
फिर जब वह ढीली पड़ी तो मैंने अपने होंठ उसके होंठों से अलग किए और उसकी तरफ देखा.

उसकी आंखों में आंसू थे.
उसके चेहरे का भाव ऐसा था, जैसे कह रही हो कि ये क्या हो गया!

यह देख कर मैंने उससे कहा- मुझे माफ कर दो. मैंने अपना लंड तुम्हारी चूत में जानबूझ कर नहीं घुसाया.

उसने कहा- कोई बात नहीं, मैं भी यही चाहती थी, पर कह नहीं पा रही थी. शायद नेचर को यही मंजूर था. नेचर से भी मेरी तड़प देखी नहीं गई.

उसके मुँह से यह सुन कर मैं बहुत खुश हुआ और उसके आंसू पौंछते हुए गाल पर एक प्यारी सी पप्पी जड़ दी.

‘क्या‍ दर्द हो रहा है?’
उसने हां में सर हिला दिया.

मैंने कहा- पहली बार था न … इसलिए थोड़ा दर्द हुआ. बस तुम मेरा साथ दो, दर्द कम हो जाएगा.

अब मैंने अपनी कमर आगे पीछे कर हल्के झटके देना शुरू कर दिया. उसकी चूत बहुत ही ज्यादा टाइट थी.
हल्के झटके में भी उसे काफी दर्द हो रहा था, पर मैं लगा रहा.

उसके मुँह से ‘आह उई …’ की आवाज लगातार निकल रही थी.

धीरे-धीरे मैंने अपने स्पीड बढ़ा दी और पूरी बेरहमी से अपना 7 इंच का मोटा लंड भावना की छोटी और नाजुक चूत में धंसाता निकालता चला गया.

थोड़ी देर ऐसे ही चादने के बाद मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाला.
चूत और लंड खून से पूरे सने हुए थे.

खून देख कर भावना डर गयी और उसने कहा- ये खून!
उसे लगा कि उसकी चूत फट गई है.
वह अपनी चूत चैक करने लगी.

मैंने कहा- डरो नहीं, पहली बार सेक्स करने से सील टूटने से कभी कभी थोड़ा खून निकल जाता है. जितना खून निकलना था, निकल गया … अब और नहीं निकलेगा.

मैंने एक रूमाल लिया और चूत और लंड में लगे खून को अच्छी तरह साफ कर दिया.

फिर मैंने भावना को डॉगी स्टाइल में आने को कहा.
उसने कहा- कैसे?

मैंने कहा- जूली के जैसे … अपने दोनों हाथ और पैर के सहारे बेड से लग कर खड़ी हो जाओ.
उसने डॉगी पोजीशन ले ली.

मैंने अपना लंड दुबारा से उसकी चूत में रगड़ते हुए धीरे से अन्दर डाल दिया.
वो थोड़ी ‘आह …’ की आवाज के साथ थोड़ा आगे को झुक गई.

मैंने उसकी कमर में हाथ रख कर पीछे खींच लिया और दे-दनादन चुदाई शुरू कर दी.
उसने भी अब पूरे मजे से आवाज निकाल-निकाल कर चुदना शुरू कर दिया.

हमने हर पोजीशन को ट्राई किया.
कभी उसको उल्टा लेटा कर पीछे से, कभी साईड में लेटा कर पीछे से.

फिर मैं बेड पर लेट गया और उसे अपने ऊपर बुला लिया.
अब भावना सेक्स की इंचार्ज थी. उसने पूरे जोश के साथ पागलों की तरह कमर हिला-हिला कर ऊपर नीचे होना चालू किया और लंड को अन्दर बाहर लेकर चुदती रही.

मैंने भी नीचे से कमर उठा कर उसका साथ दिया.
थोड़ी देर की उछल कूद के बाद भावना ने मुझे कसके पकड़ा और झड़ गई.

वो लंबी-लंबी सांस लेती हुई मेरे बगल में लेट गई.
उसके चेहरे पर एक मीठी सी मुस्काभन थी.

भावना का तो हो गया था, पर मेरा अभी बाकी था.
मैं उसके ऊपर आ गया और मिशनरी पोजीशन में उसे पूरी ताकत से चोदने लगा.

मैंने अपना वीर्य भावना की चूत में डाल दिया और उसके ऊपर ही लेट गया.
रात के 3 बज गए थे.

भावना उठी और अपने जिस्म पर लगा वीर्य साफ करके अपने कपड़े पहनने लगी.

जाने से पहले मुझे एक प्यारा सा किस दिया और लंगड़ाती हुई अपने कमरे में चली गई.

अगले दिन भावना से रहा नहीं गया.
वह रात को फिर से मेरे रूम आ गई.
फिर से उसकी धकापेल चुदाई हुई.
दो दिन ऐसा ही चला.

फिर भावना के भाई की मंगनी का दिन आ गया जिसमें भावना की बहन पूजा भी आई हुई थी.

पूजा मुझसे नजरें चुरा रही थी.
उसने मुझे एक बार भी नहीं देखा जबकि भावना के साथ मैंने खूब डांस किया.

मंगनी के दूसरे दिन घर के सभी मेहमान और घर वाले घूमने चले गए.
घर में बस उनकी बूढ़ी नानी ही रह गई थीं जिनकी तबियत अकसर खराब रहती थी.
उनके साथ उनकी देखभाल के लिए पूजा घर में रह गई.

सभी सुबह ही निकल गए थे.
अब वो लोग शाम तक ही आने वाले थे.

जैसे ही सभी घूमने निकले, पूजा ने सबको बाय कहा और वह हॉट बेब्स सेक्स के लिए ऊपर मेरे कमरे में आ गई.
आते ही उसने मुझे जोर से गले लगाया.

कुछ देर यूं ही वो मुझसे लिपटी रही थी.
मैं शांत खड़ा रहा और कोई भी हरकत नहीं की.
यह देख कर पूजा ने पूछा- क्या हो गया तुम्हें?

मैंने कुछ नहीं कहा, तो उसी ने कहा- इतना नाराज, लो मैं आ गई हमेशा के लिए तुम्हारी होने!

मैंने कहा- और जो तुम्हारा बायफ्रेंड … उसका क्या?
उसने कहा- हो गया, जो होना था. अब उसका नाम मत लो.

मैंने मन में कहा- आ गई साली बुर चुदवा के!
और मैं उस पर टूट पड़ा.

मैंने पूजा को अपने आपसे सटा दिया, उसके स्तन मुझसे आ टकराए.

मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और जोरदार चुंबन क्रिया शुरू कर दी.
पूजा मेरा पूरा साथ दे रही थी.

कुछ देर चुंबन के बाद मैंने उसकी टी-शर्ट को निकाल दिया.
अब वह मेरे सामने केवल काली ब्रा में थी.

मैंने एक हाथ पीठ पर ले जाकर उसकी ब्रा कर हुक को खोल दिया.
अब उसके स्तन फुदक कर मेरी आंखों के सामने आ गए.

मैंने दोनों स्तनों को बारी-बारी से ऐसे दबाना शुरू कर दिया जैसे हाथों से आटा गूँथ रहे हों.
अपने होंठ मैंने पूजा के एक निप्पल में लगा कर बच्चों के जैसे चूसना शुरू कर दिया.

पूजा पूरे उफान पर आ गई.
मैं धीरे से अपना हाथ पूजा की पैंटी के अन्दर ले गया और चूत पर हाथ फेर दिया.

उसने अपनी बुर के पूरे बाल साफ किए हुए थे.
उसकी चूत बड़ी ही चिकनी लग रही थी.

मैं अपना हाथ चूत की फांकों के बीच में ले गया और दाने को रगड़ने लगा.

दाने को रगड़ने से पूजा पूरी तरह उत्तेकजित हो गई.
उसकी सांसें लंबी होने लगीं और चूत पूरी गीली हो गई.

मैंने उसे नीचे बैठा दिया और अपना 7 इंच के लंड उसके सामने लहरा दिया, उसका सिर लंड के पास ले आया.

पूजा लंड को लालीपॉप की तरह चूसने लगी.
यह सब देख ऐसा लगा जैसे उसने अपने बायफ्रेंड का लौड़ा काफी बार चूसा है.

मेरा लंड तुरंत ही पूरे आकार में आकर कड़क हो गया.

मैंने देर ना करते हुए पूजा को उठा कर बेड पर लेटा दिया और उसके दोनों पैर फैला दिए.

वो कुछ समझ पाती कि मैंने अपनी जीभ को निकाल कर उसकी चूत में फेर दिया.
उसने जोर से अपना हाथ मेरे सिर पर रख दिया.

मैंने बेतहाशा चूत चाटना शुरू कर दिया.
पूजा कमर उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी.

मैंने अपनी जीभ काफी ज्यादा बाहर निकाल कर पूजा की चूत के छेद में डालना चाही पर चूत कुछ बंद-बंद सी लगी.
जीभ को अन्दर जाने से कोई रोक रहा था.

मैंने सिर ऊपर किया और चूत की फांकों को फैला कर देखा.
आह दोस्तो … क्या बताऊं मेरी खुशी का ठिकाना न था.

मेरी जीभ को चूत के अन्दर जाने से रोकने वाली और कोई नहीं … पूजा की चूत की सील थी.
पूजा अब भी कुंवारी थी.

मैंने पूजा से पूछा- क्या तुमने अपने बायफ्रेंड से सेक्स नहीं किया?
उसने कहा- नहीं.

मैंने कहा- पर क्यों नहीं?
उसने बताया- जिससे मैं हद से भी ज्यादा प्यार करती थी और जिसके लिए मैंने अपना कुंवारपन बचा कर रखा था, वह इस लायक था ही नहीं. उसने मुझे धोखे में रखा. मेरे घर आने के बाद वह किसी और लड़की के साथ रातें रंगीन कर रहा था. मैं जब यहां से आधी छुट्टी मना कर गई, तभी ये सब पता चला.

यह सब सुनने के बाद पूजा को फिर से पूरे शरीर में किस किया और फिर अपना लंड पूजा की चूत के पास ले जाकर चूत की फांकों में रगड़ने लगा.

लंड को अपनी चूत के काफी पास देखकर उसकी उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी.

मैंने कहा- तैयार हो?
उसने हां में सर हिला दिया.

मैंने अपना लंड एक हाथ में पकड़कर चूत के छेद में सैट किया और उसके ऊपर लेट गया, उसे किस करते हुए अच्छे से पकड़ लिया.
मैं जानता था कि 7 इंच का लंड अन्दर जाएगा तो दर्द तो होगा ही.

मैंने पूरे भार के साथ अपना लंड एक ही झटके में चूत की सील तोड़ते हुए पेला और लंड चूत की गहराई तक उतार दिया.

पूजा ने छटपटाना चाहा पर मेरे शरीर के भार की वजह से वो कुछ कर ही नहीं पाई.
उसकी आवाज मेरे होंठों में ही दब गई.

दो मिनट उसके ऊपर लेटे रहने के बाद मैं उसके ऊपर से हटा और लंड बाहर को खींचा.

मेरा पूरा लंड खून से लथपथ हो गया था.

पूजा की आंखों में आंसू थे.

मैंने लंड फिर से चूत में डाल कर हल्का-हल्का झटका देना शुरू कर दिया.
पूजा अब मेरा साथ देने लगी.

यह देख मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
हमने हर तरह के आसन में चुदाई का मजा लिया.

करीब बीस मिनट बाद पूजा झड़ गई.
फिर मैंने पूजा को डॉगी स्टाईल में लाकर पूरी स्पीड से चोद कर उसकी चूत में ही अपना वीर्य डाल दिया.

हम दोनों एक दूसरे से चिपके लेटे रहे.

उस दिन हमने चार बार सेक्स किया.
पूजा की चूत पूरी सूज गई थी.

इस तरह से मैंने दोनों कुंवारी बहनों की सीलतोड़ चुदाई का मजा लिया था.

दोस्तो, आपको मेरी ये हॉट बेब्स सेक्स कहानी कैसी लगी?
प्लीज कमेंट्स से बताएं.
लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.

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