इंजीनियरिंग की लड़की की पहली चुदाई
(Engineering Ki Ladki Ki Pahli Chudai)
सभी दोस्तों का मैं रॉकी आज अन्तर्वासना.कॉम पर स्वागत करता हूँ. मैं आप सबको अपनी आपबीती सुनाने जा रहा हूं. यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है, आईये सीधे कहानी सीधे पर चलते हैं.
मेरी लम्बाई ज्यादा नहीं बस 5 फुट 5 इंच ही है, लेकिन मैं किसी भी लड़की या भाभी को बखूबी सन्तुष्ट कर सकता हूँ.
वैसे तो मैं बरेली के पास शाहजहांपुर का रहने वाला हूँ. पर अभी दिल्ली में एक सरकारी कंपनी में इंजीनियर हूँ.
बात उस टाइम की है… जब मैं अपना डिप्लोमा करने पीलीभीत आया. यूँ तो मेरी क्लास में बहुत सी लड़कियां थीं लेकिन कोई खास नहीं थीं. ऐसा नहीं था कि मैंने किसी को पटाने की कोशिश नहीं की हो, लेकिन मेरे से ये सब न हो सका.
एक दिन मेरी मेकनिक्स की क्लास थी तो सब अपना अपना जॉब वर्क कर रहे थे. तभी मेरी नज़र एक नई लड़की पर गई, वो बला की खूबसूरत थी. उसका फिगर 34-30-36 का रहा होगा. उसकी आँखें गोल गोल और बड़ी सी थीं. उसके चूचे भी काफी बड़े थे. मैं तो उस पटाखा को देखता ही रह गया और सोचने लगा कि काश ये लड़की मिल जाती तो दबा कर चोद दूँ. मैंने ध्यान से देखा, उसकी लंबाई 5’7″ थी, वो मेरे से थोड़ा लंबी थी.
उस दिन उससे कोई बात नहीं हो पाई. उसको देख कर बस लंड खड़ा हो गया था. मैं खड़े खड़े ये सोच रहा था कि जो लड़की इतनी सुन्दर है, उसकी चूत कितनी रसीली होगी, जिस लड़की को देखने मात्र से मुझे इतना मज़ा आ रहा है, उसको चोदने में कितना मज़ा आएगा.
तभी मेरे रूम पार्टनर जो कि हर टाइम मेरे साथ रहता है, उसने मुझे हिला कर कहा कि क्या सोच रहा है बे?
मैं- कुछ नहीं.
रूम पार्टनर- तेरा काम हो गया हो तो चलें?
मैं- हाँ, चल यार रूम पर चलते हैं.
हम लोग अपने रूम पर चले आए. फिर शाम को मैंने सारी बात अपने रूममेट को बताई, तब उसने मुझे बताया कि अरे उस लड़की की बात कर रहा है, उसका नाम ऋतु है और वो इलेक्ट्रीकल ब्रांच की है और हाँ… उसके पीछे कई लड़के पागल हैं. कई अपने सीनियर भी उसकी जवानी भोगने के चक्कर में हैं.
साला ये सुन कर मेरी तो हवा ही निकल गई. खैर रात को मैंने पढ़ाई करने के बाद उसके उसके नाम की मुठ मारी और सो गया. आज मुझे मुठ मारते वक्त इतना मज़ा आया, जितना पहले कभी नहीं आया था… जितना उसको ख्यालों में चोदने का सोच कर आज मुठ मार कर आया था.
फिर तो रोज़ का यही काम हो गया था. उसको कॉलेज में देखना और रूम पर आ कर मुठ मारना.
फिर एक दिन हम लोग अपने रूम पर कॉलेज से वापस आ रहे थे. दोपहर का समय था. हम लोग (मैं और मेरा रूममेट) सड़क एक किनारे से चले जा रहे थे, तभी एक लड़की हमारे पास से निकली… वो साइकिल से थी. तभी सामने से एक ट्रक वाला तेज़ी से निकल गया, जिसके कारण उस लड़की का बैलेन्स बिगड़ गया और वो सड़क के किनारे जा गिरी. हम लोग ने देखा तो दौड़ कर गए. देखा तो वो हमारे कॉलेज की ऋतु थी. हम लोग उसे उठा कर अपने रूम पर ले आए.
मैं उसे देख कर बहुत खुश था. उसको हल्की चोट लगी थी, मैंने उसकी चोट पर दवा लगा कर पट्टी कर दी.
फिर कुछ टाइम बाद जब वो नार्मल हो गई, तब उसने मेरा नाम पूछा और थैंक्यू बोला. जब वो जाने लगी तो उसने मेरे गले लगकर थैंक्स बोला. उस टाइम जब वो मेरे गले लगी, तो उसके मोमे मेरे सीने को स्पर्श कर रहे थे. तब मुझे बड़ा सॉफ्ट सॉफ्ट सा लग रहा था और मेरा लौड़ा खड़ा हो चुका था. जिसकी लंबाई साढ़े छह इंच की हो चुकी थी. शायद मेरे इस खड़े लंड का आभास उसको भी हो चुका था, वो उस समय थोड़ा ललचाई नज़रों से देख रही थी, लेकिन वो अलग होकर जाने लगी.
मैंने उससे कहा- रोज़ पट्टी करवाती रहना.
वो मुझे अजीब सी नजरों से देखते हुए ओके बोल कर चली गई. उस दिन से वो मुझे अच्छी से तरह जान गई थी.
अगले दिन कॉलेज में मिली तो मैंने पूछा- पट्टी करवाई?
ऋतु- नहीं…
मैं- क्यों?
उसको घुटने के थोड़ा ऊपर चोट आई थी.
ऋतु- मुझे किसी को वो जगह दिखाने में शर्म आती है.
मैं- फिर मुझसे कैसे पट्टी करवा ली?
ऋतु- तुम नहीं करते तो कौन करता!
मैं- अच्छा तो फिर मेरे रूम पर आ जाना, मैं कर दूंगा.
उसने मेरा नंबर लिया और चली गई, जाते टाइम वो एक कातिलाना स्माइल दे कर गई. मैं समझ गया कि लड़की सैट हो गई है.
ये सारी बात मैंने अपने पार्टनर को बताई और कहा- कल तू दीदी के यहाँ चला जा. मौका मिला तो मैं कल उसे चोद दूंगा.
वो मान गया.
अगले दिन जब वो चला गया. कुछ टाइम बाद ऋतु का कॉल आया, वो बोली- मैं आ रही हूँ.
मैंने बोला- आ जाओ.
कुछ देर में वो आ गई. आई तो मैं नीचे कपड़े धो रहा था. उसने जीन्स और कुर्ती पहन रखी थी. ऋतु ने आते ही हैलो बोला. मैंने उसे ऊपर कमरे में चलने को कहा… फिर मैं भी रूम में आ गया.
मैंने कहा- अपनी जीन्स निकाल दो.
तो वो हँस कर बोली- तुम्हारे सामने?
मैं- बाद में भी तो मैं ही देखूंगा.
फिर वो थोड़ा मुस्कुराई और जींस निकालने लगी. वो जैसे जैसे जीन्स निकाल रही थी, उसी के साथ मेरा लंड भी कड़क होता जा रहा था. उस टाइम मेरे लंड को रोक पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था.
मैं- तुम बैठो, मैं अभी आता हूँ.
मैं बाथरूम में गया और मुठ मार कर आ गया. अब मैं उसकी नंगी जांघें देख रहा था. बहुत ही कोमल जांघें थीं. मैं अपने आप पर काबू नहीं कर पा रहा था. मैंने जैसे तेज़ पट्टी बांध दी. अब वो मुझे देखे जा रही थी और मैं धीरे धीरे उसकी जांघों को सहलाने लगा.
वो लंबी सांसें लेने लगी, मैंने तुरन्त मौका देखा और चौका मारते हुए उसके होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में ले लिया. शायद वो कुछ बोलना चाह रही थी, पर मैंने होंठ नहीं छोड़े. उसको किस करते करते उसकी कुर्ती निकाल दी. उसने ब्लैक कलर की ब्रा पहन रखी थी. मैं किस करते करते उसके चुचे तक आ चुका था. वो गरम हो रही थी, मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही चुचे दबा रहा था.
फिर उसने मेरे सर को हटाते हुए कहा- नहीं… मैं ये नहीं कर सकती, मुझे कुछ हो जाएगा.
मैं- कुछ नहीं होगा.
ऋतु- सब कहते हैं… बहुत दर्द होता है.
मैं- अरे नहीं स्टार्टिंग में थोड़ा दर्द होता है… फिर बहुत मज़ा मिलता है.
कुछ देर बाद वो मान गई.
फिर मैंने उसको बताया कि मैं तुमको पहले दिन से ही पसंद करता हूँ… आई लव यू ऋतु!
उसने भी लव यू टू का जबाब दिया.
मैंने उसे गले लगा लिया और पीछे हाथों से ब्रा का हुक खोलने लगा, पर मुझसे नहीं खुला तो वो हँसने लगी और खुद ही ब्रा खोल कर मुझे दूध की तरफ इशारा करके आमंत्रित करने लगी.
उसके 34 के चूचे देख कर मैं तो पागल हो गया. मैंने उसके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया. अब तो वो पगली सी सिसकियां ले रही थी- आह… शिईय… आह… सीई… उह्ह्हो…
फिर मैं उसके पेट पर उसकी नाभि पर जीभ फेरने लगा. वो और भी गरम हो गई और मैं धीरे धीरे उसकी नाभि के नीचे तक अपनी जीभ को गोल गोल घुमा रहा था और वो अपने पेट को बार बार ऊपर की तरफ उछाल रही थी.
मैं धीरे से नीचे आ गया, तब तक उसकी पैंटी पूरी भीग चुकी थी. मैंने एक झटके में ही उसकी पैंटी को उसकी टांगों से अलग कर दिया था. अब उसकी सील पैक चूत मेरे बिल्कुल सामने थी.
पहले मैंने उसमें एक उंगली घुसाई तो उंगली ही बड़ी मुश्किल से अन्दर गई. अब उसको और जोश चढ़ रहा था. वो बार सिसकारी ले रही थी- सी… इस्स्ससस्स… उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह… रॉकककी चोद दो मुझे प्लीज… आह मैं मर जाउंगी… अब और मत तड़पाओ…
मगर मैं कहाँ मानने वाला था और मैंने उसकी चूत के अन्दर अपनी जीभ घुसा दी. उसकी मादक सिसकी निकल गई.
उसने अपने दोनों हाथों से बैड की चादर को भींच लिया और कमर को ऊपर करके चुत मेरे मुँह से सटा कर बोलने लगी- आह और मत तड़पाओ… चोद दो मुझे…
मैं उसकी चूत चाटे जा रहा था.
फिर मौका देख कर मैंने अपने सारे कपड़े भी उतार दिए. वो मेरा मोटा लंड देख कर डर गई और बोलने लगी- इतना मोटा… मैं मर जाऊँगी!
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा, चिंता मत करो… मैं बड़े आराम से तुमको पेलूंगा.
मैंने अपना कड़क हो चुका लंड उसकी तरफ बढ़ा दिया. लेकिन उसने लंड को चूसने से मना कर दिया. पर वो मेरे कहने पर मान गई और लंड को चूसने लगी.
दोस्तो, आप समझ नहीं सकते कि मुझे लंड चुसाई में कितना आनन्द आ रहा था. जैसे मैंने तो जन्नत की सैर ही कर ली हो. पूरे 5 मिनट तक लंड चुसाई करने के बाद अब मुझे भी अकड़न का अहसास होने लगा था. तब तक वो एक दो बार झड़ चुकी थी. मैं फिर से उसकी चूत का रस पान करने लगा.
अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था. मैंने लंड को उसकी चूत पर सैट किया और उसकी टांगों को अपने कंधे पर रखा कर एक हल्का सा पुश किया.
वो चिल्ला पड़ी- औउई मर गई माँ…
मैंने उसके माथे पर हाथ फेरते हुए आराम दिलाया और जब आराम सा हुआ और वो चुप हुई, तब उसको बिना बताये ही एक तेज़ धक्का मार दिया. साथ ही मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से कस लिया ताकि आवाज बाहर तक न जाए. उसकी आँखों से आंसू आ रहे थे और वो छटपटा रही थी. पर मैंने ये सब इग्नोर कर दिया और रुक रुक कर शॉट मारता रहा.
कुछ देर बाद जब लंड ने चूत में जगह बना ली तो वो भी मज़े लेने लगी और पूरे रूम में फच फच… की आवाज आने लगी. अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और बोल रही थी- यस रॉकी फ़क मी हार्डर!
अब मैंने उसको दूसरी पोजीशन में चोदना शुरू कर दिया. उसको अपनी गोद में बैठा कर उस पर धक्के लगा रहा था और वो भी गांड उठा कर चुदाई के मज़े ले रही थी. कुछ देर उसको चोदने के बाद मेरी कमर भी दर्द करने लगी थी. ऐसे में उसकी चूत से से निकला खून और उसका योनि रस मिल कर भी बाहर आ रहा था.
फिर मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया. अब वो मेरे लंड के ऊपर नीचे हो रही थी.
वो बोलने लगी- मेरा होने वाला है…
वो मेरे ऊपर ही झड़ कर गिर गई और जोर जोर सांसें लेने लगी. मैं अभी तक झड़ा नहीं था, तो मेरा जोश और बढ़ गया था. मैं भी 10-15 जोर जोर के झटके लगा कर निढाल हो गया.
कुछ देर बाद जब दोनों नार्मल हुए तो मैंने पूछा- कैसा लग रहा है?
तो कहने लगी- बरसों की थकान आज दूर कर दी तुमने… आई लव यू रॉकी
उसके चहरे पर सेटिस्फिकेशन दिख रहा था. हमने एक दूसरे को साफ किया और बाथरूम में जाकर नहाए. एक दूसरे के जिस्म से खेलते हुए बाहर आ गए.
फिर वो कपड़े पहन कर जाने लगी और एक जोरदार किस करके बोली- मैं फिर आऊँगी… तुमने मुझे आज मेरी सील तोड़ कर लड़की से औरत बना दिया है. मैं बहुत खुश हूँ.
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी चुदाई की कहानी… अपनी मेल मुझे जरूर करें.
मैं इंतज़ार करूँगा.
[email protected]
What did you think of this story??
Comments