प्यार और वासना की मेरी अधूरी कहानी- 3

(Desi GF Sex Kahani)

देसी GF सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं अपनी गर्लफ्रेंड के साथ कमरे में था. हम दोनों सेक्स करना चाहते थे पर मेरी परी शर्मा रही थी, बार बार अपनी बुर को हाथ से छिपा रही थी.

फ्रेंड्स. मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग
रोमांस के बाद अब वासना का जोश
में अभी तक आपने पढ़ा था कि मेरे बर्थडे के दिन मैं और सोनी एक लॉज में गए थे.
उधर हमने साथ में केक काटा और एक दूसरे को खिलाया.
उसके बाद हम दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे और वासना के उसी ज्वार में मैंने सोनी की सलवार और पैंटी को उसके घुटनों तक सरका दिया.

सोनी ने अपनी जांघों को चिपका कर दोनों हाथ अपनी बुर पर रख लिए और अपनी बुर छुपाने की कोशिश करने लगी.

अब आगे देसी GF सेक्स कहानी:

मैंने सोनी के हाथ हटाने की कोशिश की तो सोनी ने और मजबूती के साथ अपना हाथ जमा लिया.

एक दो बार कोशिश करने पर जब सोनी ने अपना हाथ हटाने नहीं दिया तो मैं फिर से उसके ऊपर आ गया और उसे चूमने लगा.

मैं चूमते चूमते नीचे की तरफ जाने लगा.
अभी तक सोनी सिर्फ नीचे से ही नंगी थी, उसके टॉप ने अभी भी उसके उरोज़ों को ढक कर रखा था और मेरा एक भी कपड़ा नहीं निकला था.

जैसे ही मैं सोनी की नाभि तक पहुंचा, सोनी ने फिर से अपने हाथ बुर पर रख दिए.
मैंने अपनी जीभ को नुकीला बनाकर उसकी नाभि में घुसा दिया. इससे हुई गुदगुदी के मारे सोनी उछल पड़ी और उसने मेरे चेहरे को पकड़ कर हटा दिया.

जैसे ही सोनी फिर से अपना हाथ योनि पर रखने गयी, मैंने उसके दोनों हाथों को पकड़ लिया और उसकी बुर के भगनासे के ठीक ऊपर बालों वाले हिस्से को चूम लिया.
सोनी एकदम सी कांप गयी और ढीली पड़ गयी.

अब मैं इत्मीनान से उसके पैरों के पास बैठ गया और उसकी सलवार को पैंटी सहित निकाल कर बगल में रख दिया.

मेरे सामने सोनी का निचला हिस्सा बिना कपड़ों के खुल गया था. सोनी ने शर्मवश अपनी टांगों को घुटनों से मोड़ कर एक दूसरे से चिपका लिया.

मैं एक बार फिर उसके बगल से होते हुए उसके चेहरे के पास गया और उसके होंठों को चूमने लगा.

चूमने के बाद जैसे ही मैं नीचे जाने लगा, सोनी ने मुझे पकड़ लिया और विनती करते हुए कहने लगी- बेबी प्लीज, बस करो. इससे आगे नहीं.
मैं- डरो मत बेबी, मैं ऐसा कुछ भी नहीं करूंगा जो तुम नहीं चाहती, मुझ पर भरोसा रखो.

मेरी बातें सुनकर सोनी ने खुद को ढीला छोड़ दिया.
मैं एक बार फिर से उसके पैरों के पास जाकर बैठ गया और उसकी दोनों जांघों को अलग कर दिया.

उफ्फ … एक लड़की के जिस्म का सबसे खूबसूरत हिस्सा, छोटे छोटे रेशमी बाल और उनके बीच में एक लम्बी दरार के ऊपरी हिस्से में बिल्कुल अनछुई हल्की सी उभरी हुई मदनमणि.

मैंने झुक कर अपने होंठों के एक स्पर्श से उसका अभिनन्दन किया.
किसी भी बुर पर मेरी जिंदगी का ये पहला चुम्बन था.

पहले तो बुर की महक और स्वाद थोड़ा अजीब सा लगा, पर जल्दी ही वो महक और स्वाद मेरा पसंदीदा बन गया.

मेरे चुम्बन से सोनी उछल सी पड़ी. एक तेज आवाज़ उसके कंठ से निकलकर उसके मुख से बाहर आई- आह्ह्ह … बेबी … उम्म् …

मैंने अपनी जीभ से उसकी दरार को चीरते हुए नीचे से ऊपर और फिर ऊपर से नीचे कई बार चाटा.
घुटनों से मुड़े पैरों के बीच में मेरा मुँह और मेरी जीभ अपना काम कर रही थी और उसकी बुर से लगातार बहता काम रस का झरना मुझे मजा देने लगा था.

पहले यौवन का रस और मैं उसको चाटता और पीता हुआ मदांध होता जा रहा था.
सोनी अपना सर तकिए से ऊपर करके मुझे और मेरी हरकतों को देख रही थी.

अभी उसकी योनि को चाटते हुए कुछ ही पल बीता था कि इतने में सोनी ने मेरे सिर को पकड़ लिया और अपनी बुर पर दबाने लगी.
इसी के साथ साथ उसके मुँह से लगातार निकल रहा था- आह … सी … ई … बेबीईई … आह … करते रहो … अह … आ … ऐसे ही … अच्छा लग रहा है.

अब सोनी ने मेरा सर कसकर अपनी योनि पर जोर से दबा दिया जिससे मुझे सांस लेने में दिक्कत होने लगी.
मैंने अपने होंठ हटा लिए.
मेरे होंठ हटाते ही सोनी ने अपना सर तकिए पर पटक दिया और लंबी लंबी सांस लेने लगी.

कुछ देर बाद मैंने फिर से जीभ को उसकी बुर पर लगा दिया और चाटने लगा.
वो फिर से ‘आअहह उम्म ह्म्म्म अम्म …’ जैसी आवाजें निकालने लगी.

थोड़ी ही देर में उसका बदन अकड़ने लगा और वो एक लंबी आह के साथ भलभला कर आ गयी … मतलब वो एक बार स्खलित भी हो गयी.

उसके बाद मैंने सोनी को छोड़ दिया और अपने कपड़े ठीक करने लगा.

सोनी भी उठी और अपने कपड़े पहनने लगी.
फिर हम दोनों लॉज से निकल आए.

रास्ते भर सोनी ने मुझसे बात नहीं की, मैं बार बार पूछता रहा पर उसके मुँह से एक शब्द नहीं निकला.

घर पहुंच कर मैंने उसे सॉरी का मैसेज किया और अपने लॉज वाली हरकत के लिए माफ़ी मांगी.
सोनी ने कोई जवाब नहीं दिया.
मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर सोनी मुझसे किस बात पर नाराज़ है?

मैंने उसे कई मैसेज किए पर सोनी किसी भी मैसेज का जवाब नहीं दे रही थी.

करीब एक डेढ़ घंटे बाद सोनी का मैसेज आया.
‘बोलो!’

मैंने उससे उसकी नाराज़गी की वजह पूछा, तो वो कहने लगी कि आज जो कुछ तुमने किया, कहीं उस वजह से मैं प्रेग्नेंट हो गयी तो?
उसका ये मैसेज देखकर मुझे हंसी आ गयी.

पर अच्छा था कि हम व्हाट्सएप पर बात कर रहे थे और सोनी मुझे देख नहीं पा रही थी वरना पक्का वो और नाराज़ हो जाती.

मैंने उसे कॉल करने को बोला.
फिर उसे समझाया कि ये रामायण या महाभारत वाला युग नहीं है जो किसी के छूने या गले लगाने से या चूमने से लड़की प्रेग्नेंट हो जाती है.

इसके साथ ही मैंने उसे प्रेग्नेंट होने की पूरी प्रक्रिया को समझाया.
उसके बाद सोनी शांत हो गयी और अच्छे से बात करने लगी.

रात को व्हाट्सएप पर चैटिंग के दौरान जब मैंने उससे पूछा- लॉज में जो कुछ किया, वो सब कैसा लगा?
उसने बताया- मुझे तो कुछ समझ में ही नहीं आया कि उस वक़्त क्या हो रहा था. मेरे लिए वो सब कुछ एकदम नया अहसास था.

फिर जब मैंने पूछा- कैसा लगा?
तो उसने बताया- मुझे बहुत मज़ा आया.

उसके बाद हम दोनों ने प्यार भरी बातें की और एक दूसरे को शुभरात्रि कह कर सो गए.

उस दिन के बाद हम अक्सर लॉज में जाने लगे और सब कुछ भूल कर एक दूसरे के साथ समय बिताने लगे.

धीरे धीरे सोनी की झिझक कम होती गयी.
अब उसे मेरे सामने कपड़े निकालने में कोई झिझक नहीं होती थी.

हमें जब भी मौका मिलता, हम दोनों लॉज में या मेरे घर पर मिल लेते.

इस दौरान उसके चूचों के साथ ही साथ मैं उसकी योनि का भी रसपान कर लेता था, पर अभी तक हमारे बीच बात सहवास तक नहीं पहुंची थी और ना ही मैंने एक भी बार सोनी को अपना लंड चूसने के लिए बोला था.

मैंने कई बार उसे सहवास के लिए मनाने की कोशिश भी की, पर हर बार सोनी साफ साफ मना कर देती.
मैं भी उस पर ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहता था इसलिए चुप हो जाता.

अब हमें बस लॉज या होटल में जाने के लिए एक बहाने की जरूरत होती और जैसे ही हमें मौका या बहाना मिलता, हम पहुंच जाते.
उधर बातचीत के दौरान भी हमारी बातों में सेक्स एक अहम टॉपिक होता, हम खुल कर एक दूसरे से सेक्स की बातें करते.

इस दौरान हमारे रिश्ते की एनीवर्सरी, सोनी का बर्थडे और फिर से मेरा बर्थडे भी आया.
हम हर मौके पर लॉज में जाते और 2-3 घंटे यादगार टाइम बिता कर वापस आ जाते.

मेरी स्नातक की पढ़ाई की दौरान मेरा भी दोस्तों का एक समूह था, जिसमें कुछ लड़कियां भी थीं.

सोनी के साथ रिश्ते में आने के बाद के दूसरे बर्थडे पर मैंने सबको सोनी से मिलाने के लिए एक छोटे से रेस्टोरेंट में पार्टी दी.

समय की कमी के कारण सोनी जल्दी निकल गयी.

सोनी के जाने के बाद मेरे कुछ दोस्तों ने झिझकते हुए बताया कि उन्हें सोनी मेरे लायक नहीं लगी.

मैंने सबकी बातें सुनी, पर ना तो मैंने उन्हें कुछ बोला और ना ही सोनी को कुछ बताया.
मुझे सोनी पसंद थी तो दुनिया उसके बारे में क्या सोचती है या क्या कहती है … इससे मुझे फर्क नहीं पड़ता.

हमारे रिश्ते को करीब डेढ़ साल होने वाला था, पिछले साल मेरे बर्थडे से लॉज या होटल में जाने का सिलसिला अभी भी जारी था.

सेक्स की आग तो दोनों तरफ लगी थी.
हम दोनों ही एक दूसरे के साथ सेक्स करना चाहते थे पर सोनी प्रेग्नेंट होने की वजह से डर रही थी या फिर शायद उसे अभी तक मुझ पर भरोसा नहीं हुआ था.

मैंने भी सेक्स के लिए उस पर कभी दबाव नहीं डाला … पर चूमाचाटी या बुर की चटाई या चुसाई के दौरान मैं उसे सेक्स के लिए एक बार पूछ जरूर लेता था.

मेरे बर्थडे के यही कोई 10-12 दिन बाद हम वैसे ही लॉज में गए थे और हम दोनों एक दूसरे के साथ चूमाचाटी में लगे थे.
इसी दौरान जब योनि चटाई और चुसाई के समय मैंने सोनी को सेक्स के लिए पूछा, तो उसने हां कह दिया.

शायद वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी या उसे भी अब मुझ पर पूरा भरोसा हो गया था या फिर उसे भी अब सेक्स का मज़ा लेना था.

उसके हां कहते ही मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और मिशनरी आसन में ही उसकी बुर के छेद पर लंड टिका कर हल्के से धक्का लगा दिया.

मेरा पहला प्रयास विफल गया और मेरा लंड सरक कर ऊपर निकल गया.
मैंने फिर से बुर के छेद पर लंड टिका कर जोर लगाया तो लंड का सुपारा सोनी की बुर में घुस गया.

सुपारा घुसते ही सोनी छटपटाने लगी और उसने मुझे धक्का देकर हटा दिया.

उस वक़्त सेक्स के बारे में मुझे भी ज्यादा कुछ मालूम नहीं था.
हां मैंने इससे पहले एक भाभी के साथ एक बार सेक्स किया था और ये बात मैंने सोनी को भी बता दिया था.
पर पहली बार किसी कुंवारी लड़की के साथ सेक्स कैसे करते हैं, ये मुझे नहीं पता था.

उसके बाद मैं सोनी को मनाता रहा, पर सोनी दूसरी बार ट्राय करने को नहीं मानी.
थक हार कर मैं भी चुप हो गया और हम दोनों अपने अपने कपड़े पहन कर वहां से निकल गए.

उस विफल प्रयास के बाद मुझे अहसास हो गया कि मैंने पिछली बार जल्दबाजी कर दी थी और अब मैं आगे मिलने वाले मौके को छोड़ना नहीं चाहता था.
इसलिए मैंने इंटरनेट से पहली बार चुदाई के कई वीडियोज डाउनलोड किए और उन्हें ध्यान से देखा, कई बार देखा.

उनमें से कुछ वीडियोज़ मैंने सोनी को भी दिखाए और साथ में भी देखे.

अब सोनी भी एक और बार ट्राय करने को तैयार थी, पर पहली बार में होने वाले दर्द का डर अभी भी उसे डरा रहा था और वो तो होने वाले दर्द का छोटा सा हिस्सा महसूस भी कर चुकी थी.

मैंने उसे भरोसा दिलाया कि अगर उसे ज्यादा दर्द हुआ तो मैं आगे नहीं करूंगा.

पर मन ही मन मैं जानता था कि अगर इस बार भी मैं विफल रहा तो शायद सोनी कभी सेक्स के लिए तैयार नहीं होगी.
इसलिए इस बार मैंने सोनी के साथ थोड़ा निर्दयी बनने का फैसला कर लिया था.

मुझे अच्छी तरह याद है, उस दिन 12 अगस्त था. हम दोनों अपनी फिक्स जगह यानि उसी लॉज में पहुंच गए और एक दूसरे में व्यस्त हो गए.

हर बार की तरह इस बार भी मैंने सोनी के एक एक करके सारे कपड़े निकाल दिए और खुद का भी अंडरवियर छोड़ कर सारे कपड़े निकाल दिए.

हम दोनों एक दूसरे के शरीर के ऊपरी हर हिस्से को चूमने लगे. मेरी देसी GF सेक्स के लिए तैयार थी.

आज का दिन मेरे लिए बहुत अहम था, आज मुझे हर हाल में सोनी का योनिभेदन करना ही था इसलिए आज सोनी को पूरी तरह गर्म भी करना जरूरी था.

कुछ देर तक उसके ऊपरी हिस्से को चूमने के बाद मैं अपने घुटने पर बैठ गया और उसकी नाभि के आसपास का हिस्सा चूमते हुए नीचे की तरफ जाने लगा.
जैसे ही मैंने उसकी बुर के भगनासे को अपने जीभ से छुआ, सोनी ने सिसकारी लेते हुए मेरे सर को पकड़ कर अपनी बुर पर दबा दिया.

खड़े खड़े ही सोनी अपनी टांगें जितना खोल सकती थी, उसने उतना खोल कर मेरी जीभ और चेहरे के लिए जगह बना दी.
मैंने अभी तक कई आसनों में सोनी के बुर की चटाई और चुसाई की थी, पर ये स्टैंडिंग आसन आज मैं पहली बार आज़मा रहा था.

इस आसन में मेरी जीभ चूत के भगनासे तक तो आराम से पहुंच रही थी, पर योनि की दरार में ज्यादा अन्दर नहीं जा पा रही थी.
मैंने एक दो बार कोशिश भी की कि अपनी जीभ को बुर की दरार की गहराई में पहुंचा दूँ, पर मैं सफल नहीं हो पाया.

सोनी भी उस आसन में सहज महसूस नहीं कर पा रही थी तो उसने दीवार का सहारा लेकर अपनी एक टांग को उठाकर मेरे कंधे पर रख दिया और अपना एक हाथ मेरे बालों में फिराने लगी.

मेरे कंधे पर पैर रखते ही सोनी की बुर की दरार खुल सी गयी और मैंने बुर के निचले हिस्से में अपनी जीभ को नुकीला बना कर घुसेड़ दिया.
मैं उसकी बुर को चाटने और चूसते हुए और अन्दर तक जीभ को घुसाने लगा.

कुछ देर तक वैसे ही करने के बाद मैं अपनी जीभ को बुर की दरार में ऊपर नीचे घुमाने लगा.

सोनी से यह बर्दाश्त नहीं हुआ और वो एक लंबी आह के साथ लड़खड़ा गयी.

जैसे ही सोनी ने खुद को संभाला, मैं फिर से शुरू हो गया.

बीच बीच में मैं बुर को अपने पूरे मुँह में भी भरने की कोशिश करता या फिर चूत के होंठों को अपने होंठों से खींच लेता.
काफी देर तक मैं बैठे बैठे ही मैं सोनी की बुर का रसपान करता रहा.

सोनी भी मज़े लेकर मेरा साथ दे रही थी.
मैं सोनी को गर्म तो करना चाहता था … पर उतना नहीं कि वो स्खलित हो जाए.

इसलिए जब मुझे लगा कि सोनी का स्खलन निकट आ गया है, तब मैं रुक गया और उठ खड़ा हुआ.

सोनी मेरी तरफ देखते हुए कहने लगी- बेबी, थोड़ी देर और करते, अच्छा लग रहा था मुझे!
मैं- हां बेबी, अभी और करूंगा पर उससे पहले जो हम डिसाइड करके आए हैं, वो कर लें!

सोनी थोड़ा निराश होते हुए बोली- ह्म्म्म … ठीक है. पर कैसे करेंगे?
उसका पूछने का मतलब था कि किस आसन में.

मैं- जैसे तुम बोलो.
सोनी- जैसे तुम्हें ठीक लगे.
मैं- ठीक है, डॉगी स्टाइल में करते हैं.
सोनी- ह्म्म्म.

हमने जो भी पहली चुदाई के वीडियोज़ देखे थे, उन सब में हमें डॉगी स्टाइल वाला पसंद आया था तो हमने भी वैसे ही करने का सोच लिया था.

मैंने ये स्टाइल इसलिए भी चुना कि अगर लंड घुसाने के वक़्त सोनी आगे सरकने की कोशिश करेगी, तो मैं उसको कमर से पकड़ कर आगे नहीं जाने दूंगा.

मेरे कहते ही सोनी बेड पर डॉगी स्टाइल में आ गयी.
उसके बाद मैंने अपनी पैंट की जेब में रखी तेल की शीशी को निकाला और अपनी उंगलियों पर उड़ेल लिया, फिर उसको सोनी की चूतके छेद और आसपास लगा दिया.

काफी सारा तेल मैंने अपने लंड पर लगा लिया.

मैंने सोनी की टांगों को घुटनों से और चौड़ी कर दीं और उसकी चूतके छेद में अपनी बीच वाली बड़ी उंगली डाली.

उंगली को चला कर मैंने तेल को अन्दर तक पहुंचा दिया. सोनी लगातर आहें भरती रही.
उसके बाद मैंने सोनी का योनिभेदन करने के लिए अपने लंड का सुपारा छेद पर लगा दिया.

सोनी ‘शी शी ई …’ करती रही.
वो मुझसे कहने लगी- बेबी, अगर ज्यादा दर्द हुआ, तो रुक जाना प्लीज.
मैं- सच में असली मज़ा लेना है, तो थोड़ा तो दर्द सहना ही पड़ेगा. अगर तुम्हें डर लग रहा है, तो फिर रहने देते हैं.

सोनी ने मेरी ओर सर घुमाकर देखा और बोली- ठीक है करो.

कुछ देर तक मैं चूतकी दरार में अपने लंड को ऊपर नीचे करता रहा. साथ ही साथ दूसरे हाथ से मैं सोनी के चूचों को भी मसलता रहा.

सोनी सांस रोके मेरे झटके का इंतजार कर रही थी पर मैंने झटका ना देकर धीरे धीरे लंड पर दबाव डालना शुरू किया.

बुर और लंड दोनों पर तेल लगे होने की वजह से लंड का सुपारा गप्प करके घुस गया.
सुपारा अन्दर घुसते ही सोनी के मुँह से दर्द भरी आह निकल गई और उसने अपनी कमर उचका ली.

सोनी की कमर उचकाने की वजह से सुपारा बाहर आ गया.

दोस्तो, इस बार मैं पूरी तैयारी से आया था.
आपको सेक्स कहानी के अगले भाग में सोनी की चूतफाड़ चुदाई की कहानी लिखूँगा.

आप इस देसी GF सेक्स कहानी से संबंधित कोई विचार मुझे मेरे ईमेल आईडी पर बता सकते हैं.
[email protected]
धन्यवाद.

देसी GF सेक्स कहानी का अगला भाग: प्यार और वासना की मेरी अधूरी कहानी- 4

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