डांस काम्पटीशन और चूत मस्ती
(Dance Competition Aur Chut Masti)
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार!
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, मेरा नाम रिकी और मेरी उम्र 30 वर्ष है, मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ।
यह कहानी आज से 4 साल पहले की है।
मेरा एक दोस्त है जोकि एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कराने वाली चलाने वाली संस्था चलाता है।
एक बार उसने एक डांस कम्पटीशन आयोजित कराया और उस काम्पटीशन के बारे में अखबार में प्रकाशित कराया, उसमें आयोजक के रूप में मेरा भी मोबाइल नम्बर दे दिया।
कुछ दिन बाद मेरे मोबाइल पर एक लड़की की कॉल आई, उसकी आवाज बहुत मीठी थी। उसने मुझसे काम्पटीशन के बारे में जानकारी ली और फोन काट दिया।
दो दिन बाद उसका फोन आया कि उसे फार्म जमा करना है, कहाँ जमा होगा।
मैंने उसे उस स्थान का पता दिया जहाँ फार्म जमा होना था। उस दौरान मैं भी वहाँ पहुँच गया।
जब वो फार्म जमा करने आई तो मैंने देखा कि वह एक सांवले रंग की लड़की थी, उम लगभग 19 साल तीखे नैन-नक्श, 34-26-36 का फिगर, बिल्कुल मस्त माल।
मैंने उसका फार्म ले लिया और वहाँ जमा करा दिया। उस दिन के बाद से कभी कभी वह मुझे फोन करके कार्यक्रम की जानकारी लेती रहती, मैंने बातों बातों में उससे कह दिया कि उसकी आवाज बहुत अच्छी लगती है मुझे।
फिर डांस काम्पटीशन के दिन उसे द्वितीय पुरस्कार मिला डांस में। मैंने उससे पार्टी देने को कहा तो वह मान गई।
कुछ दिन बाद रविवार को उसका फोन आया कि वह मुझे पार्टी देना चाहती है तो मैं उसको लेने पहुँच गया।
वो चूड़ीदार सलवार सूट पहन कर आई थी, बहुत मस्त लग रही थी।
बाईक से हम दोनों एक रेस्टोरेन्ट गये, वहाँ खाया पिया फिर हम लोग रेजीडेन्सी गये, वहाँ कुछ देर टहले तो वहाँ बहुत से जोड़े चुम्बन आदि करते नजर आये तो वह शर्मा गई।
मैंने उससे कहा कि मैं भी उसे किस करना चाहता हूँ तो वह कुछ नहीं बोली।
मैंने झट से उसके होठों से अपने होठों को मिला दिया और किस करने लगा।
धीरे-धीरे मेरा एक हाथ उसके एक वक्ष पर गया तो उसने मेरा हाथ हटा दिया और अलग हो गई।
फिर वह कहने लगी कि यहाँ से चलो।
मेरे मनाने पर भी वह नहीं मानी फिर मैं उसे उसके घर छोड़ आया।
दो दिन हमारी बात नहीं हुई फिर तीसरे दिन उसका फोन आया तो मैंने उसे सॉरी कहा तो उसने कहा- मैं तुमसे नाराज नहीं हूँ बल्कि तुम मुझे अच्छे लगने लगे हो और मैं तुमसे मिलना चाहती हूँ।
मैंने कहा- कल मिलते हैं!
तो उसने हाँ कह दी।
अगले दिन मैंने ऑफिस से छुटटी ली और उसको ले कर जू (चिडि़याघर) गया, वहाँ हम लोगों ने बोटिंग की, घूमे फिरे।
फिर मैं उसको एकान्त की तरफ लेकर गया और वहाँ ले जाकर किस करने लगा।
थोड़ी देर बाद वो मेरा साथ देने लगी, धीरे-धीरे मैंने उसके एक वक्ष को पकड़कर सहलाया तो उसने मेरा हाथ हटा दिया।
फिर मैंने हाथ रखा, इस बार उसने कुछ नहीं कहा।
मैं उसके वक्ष को दबाने लगा… क्या मस्त दूध थे। उसके निप्पल कड़े होने लगे तो मैं समझ गया कि यह गर्म हो रही है।
मैंने धीरे से उसका कुर्ता ऊपर किया और ब्रा के ऊपर से दूध को चूसने लगा।
वो सी सी की आवाज निकाल रही थी, फिर धीरे से उसने कहा- ब्रा हटाकर चूसो!
उसका इतना कहना था कि मैं तुरन्त उसके ब्रा को ऊपर करके दोनों दूध बारी-बारी चूसने लगा, वह मेरे बालों को सहलाते हुये मेरा सर अपने सीने पर दबा रही थी। मैं उसके दोनों उरोजों को मसल रहा था चूस रहा था फिर मैंने धीरे से अपनी जीन्स की चेन खोलकर उसका हाथ अपने सामान पर रख दिया।
दोस्तो, मैं झूठ नहीं बोलूंगा, मेरा लण्ड 5 इंच का है।
वह धीरे धीरे लण्ड सहलाने लगी, मैंने अपना एक हाथ उसकी सलवार में डालकर उसकी चूत को पैन्टी के ऊपर से सहलाने लगा, उसकी पैन्टी गीली हो चुकी थी।
मैं उसकी सलवार का नाड़ा खोलने लगा तो उसने मना कर दिया कि यहाँ ठीक नहीं।
फिर हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े ठीक किये और चल दिये।
शाम को उसका फोन आया और फोन पर हम लोगों ने खूब मस्ती/सेक्स किया। फिर उसने बताया कि उसके घर वाले सन्डे को सुबह सुबह पूजा करने हेतु लखनऊ से 24 किलोमीटी दूर चन्द्रिका देवी जायेंगे और वहाँ दोपहर हो जायेगी लौटने में।
मैं सुबह 7 बजे उसके घर के पास पहुँच गया, जब देखा कि उसके माता-पिता, चाचा और उसकी छोटी बहन चले गये तो मैंने उसे फोन किया तो उसने कहा- थोड़ी देर में आ जाना!
फिर मैंने जलेबी रबड़ी का नाश्ता पैक कराया और उसके घर पहुँच गया।
दरवाजा खोलते ही मैं अन्दर गया और वह दरवाजा बन्द करते ही मुझसे लिपट गई। मैंने उसको अलग किया और उसको देखा तो देखता ही रह गया, उसने सिल्क लाल रंगी की पारदर्शी नाइटी पहन ली थी और उसके नीचे उसी रंग की ब्रा और पैटीं।
उसकी नाइटी ऊँची होने के कारण उसकी पैंटी को बमुश्किल छुपा पा रही थी।
मैं यह देखकर पागल सा हो गया और उसे बाहों में लेकर चमूने लगा। वो भी मुझे बेतहाशा चूमने लगी।
चूमते चूमते हम उसके कमरे में पहुँच गये जहाँ वो मेरे कपड़े खोलने लगी और एक एक करते सब कपड़े उतार दिये और मेरा लण्ड पकड़कर सहलाने लगी।
मैंने भी उसकी नाइटी और ब्रा खोल दी और उसके उरोजों को मसलते हुये चूसने लगा।
वो बहुत गर्म हो रही थी, फिर मैं जो जलेबी-रबड़ी लाया था उसमें से कुछ रबड़ी निकाल कर उसके पेट, उरोजों, गले और होठों पर गिराने लगा।
यह देखकर उसकी आंखें और नशीली होने लगी, मैं उसके पूरे बदन का रस चाटने लगा।
फिर मैंने कुछ रस अपने लण्ड पर गिराकर उसको चूसने के लिये बोला तो वह पहले मना करने लगी, फिर धीरे धीरे चूसने लगी। उसे मजा आने लगा तो वह कस कस कर चूसने लगी, मुझे लगने लगा कि मैं उसके मुंह में ही पानी गिरा दूँगा।
तो मैंने उसको अलग किया और उसकी पैंटी उतारकर उसकी चूत सहलाने लगा, वो आंखें बन्द कर मजा लेने लगी, उसके मुंह से सी… सी… उंह… उउई उउह आहहहहह की आवाजें निकल रही थी।
फिर वह कहने लगी कि अब और मत तड़पाओ, अब करो।
तब मैंने उसको कण्डोम देकर अपने लण्ड पर चढ़ाने को बोला तो उसने चढ़ाया और पैर फैलाकर लेट गई।
मैंने उसकी दोनों टांगें अपने कन्धों पर रखी और अपना लण्ड का सुपारा उसकी चूत पर रखकर रगड़ने लगा और धीरे धीरे अन्दर डालने लगा।
चूत चिकनी होने के कारण सुपारा आसानी से चला गया, उसको दर्द होने लगा तो वह कहने लगी- निकालो बाहर… मुझे नहीं कराना…
फिर मैंने थोड़ा झटका देकर अपना लण्ड अन्दर कर दिया, वह उछल पड़ी और चिल्ला पड़ी। मैंने जल्दी से उसके मुँह को दबाया ताकि आवाज बाहर न जाये और उसे किस करने लगा और बिना हिले डुले उस पर लेटा रहा।
थोड़ी देर बाद वह अपनी कमर हिलाने लगी तो मैंने भी झटके लेने शुरू किये।
पहली बार में मैं जल्दी ही झड़ गया, जब उठा तो देखा कि निरोध पर हल्का सा खून लगा था, मैं समझ गया कि आज एक कली फूल बन गई।
फिर हम लोगों ने नाश्ता किया और नहाने साथ में गये।
वहाँ मैंने उसके सारे बदन में साबुन लगाया और फिर उसे झुकाकर पीछे से उसकी चूत में डाल दिया।
थोड़ी देर बाद उसके पैर कांपने लगेतो मैं समझ गया कि यह झड़ने वाली है और थोड़े झटकों के बाद उसने पानी छोड़ दिया।
मैं उसे उठाकर बिस्तर पर लाया और लगभग 15 मिनट चुदाई की।
वह दो बार और झड़ी फिर मेरा भी पानी निकल गया और हम लोगों चिपक कर लेट गये।
लगभग 12 बजे मैं उसक घर से निकल गया।
तब से 2 साल तक मैंने उसे खूब चोदा।
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