चूत चुदवाने को मान ही गई वो आखिरकार
(Chut Chudwane Ko Maan Hi Gayi Vo)
मेरे प्रिय अन्तर्वासना के पाठको,
मेरा नाम लकी है.. मैं हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 25 साल है.. कद 5 फुट 9 इंच है.. तथा मेरे लण्ड का साइज़ भी काफी लम्बा है।
अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है।
बात कुछ साल पहले की है.. जब मैं पढ़ता था। उस समय मैं दिखने में इतना स्मार्ट नहीं था.. जितना कि अब हूँ। इस वजह से मैं लड़कियों से बात करने में शर्माता था।
पर मेरे मन में जवानी की गर्मी बढ़ने लगी थी.. जिसे मैं हर रोज अपने हाथों से ठंडी करता था।
मैं भी और लड़कों की तरह लड़की पटाने के लिए सोचता रहता था।
मेरे मोहल्ले में एक लड़की रहती थी.. उसका नाम ज्योति था, वो कमाल की खूबसूरत थी.. पर दिखने में ज़रा सी पतली थी इसलिए जवानी उस पर पूरी तरह से नहीं चढ़ी थी।
हम मोहल्ले के लड़के गली में क्रिकेट खेला करते थे। मैं उसे रोज देखा करता था.. पर वो मुझ पर ज्यादा ध्यान नहीं देती थी पर मुझे मालूम था कि वो भी मुझे देखने लगी थी।
एक दिन मुझे अपने एक दोस्त के घर से उनका फोन नम्बर मिल गया.. पर मेरी कभी भी उससे बात करने की हिम्मत नहीं हुई।
फ़िर भी एक दिन मैंने हिम्मत करके उसे फोन कर दिया।
फोन उसने ही उठाया, उधर से आवाज़ आई- हैलो कौन बोल रहा है?
मैंने हिम्मत करके जवाब दिया- आपका चाहने वाला..
उसने फिर पूछा- कहाँ से बोल रहे हो?
मैंने डरते हुए बता दिया- आपके करीब से ही..
उसने मेरा नाम पूछा.. मैंने बता दिया.. पर उसने कुछ गुस्सा जाहिर नहीं किया.. शायद वो भी मुझे पसंद करती थी।
ऐसे ही हमारी रोज बातें होने लगीं।
एक दिन मैंने उससे कहा- मैं तुम्हें प्यार करता हूँ।
पर उसने कोई जवाब नहीं दिया और मुझसे दो दिन का टाइम माँगा।
दो दिन बाद उसका मैसेज आया कि वो भी मुझे प्यार करती है।
इसके बाद हम दोनों दिन में कई-कई घंटे बात करने लगे।
एक दिन मैंने उसे मिलने के लिए बुलाया।
थोड़ी नानुकर के बाद वो आने को तैयार हुई। मैंने उसे सुबह 6 बजे पास के खाली पड़े प्लॉट में बुलाया था। सर्दियों के दिन थे.. इसलिए थोड़ा कोहरा भी था।
वो हमारी पहली मुलाकात थी.. उस दिन हमने 30 मिनट तक एक-दूसरे को चूमा।
उसके बाद हम रोज़ उसे जगह मिलने लगे पर मेरा मन तो उसके साथ सेक्स का था तो एक दिन मैंने उसे रात को मिलने के लिए कहा.. वो तैयार हो गई।
उसने मुझे अपने घर बुलाया.. मैं रात को 11 बजे उसके घर गया।
उसका घर दो मंज़िला था.. नीचे कोई नहीं रहता था। वो नीचे मेरा इंतजार कर रही थी।
उधर एक पलंग पड़ा था, मैंने उसको उस पर लेटाया और उसे किस करने लगा, उसके चूचे दबाने लगा।
उसने सलवार-कमीज़ पहन रखा था, कुछ देर के बाद मैं उसका नाड़ा खोलने लगा.. पर उसने साफ़ मना कर दिया।
वो बोली- ये नहीं चलेगा।
मैंने भी ज्यादा ज़बरदस्ती नहीं की.. पर मेरे अन्दर भी आग लगी थी। ऐसे ही हमारी रात को मुलाकात होने लगी.. पर वो कुछ करने नहीं देती और मैं ज़बरदस्ती नहीं करना चाहता था।
एक दिन मैंने उसे चोदने की योजना बनाई।
मैं जानता था कि वो मुझसे बहुत प्यार करती है इसलिए एक रात को मैं अपने साथ एक ब्लेड ले गया।
रोज की तरह मैंने उसके नाड़ा खोलने की कोशिश की.. पर उसने मना कर दिया। मैंने गुस्से में अपने हाथ की नस काट दी.. मेरे हाथों से खून बहने लगा.. जिसे देख कर वो रोने लगी।
मैंने उससे सेक्स के लिए कहा.. उसने मेरी हालत देख कर ‘हाँ’ कर दी। पर उस दिन उनके परिवार में से कोई उठ गया था.. जिस वजह से उस दिन काम ना बन सका।
उसने मुझसे अगले दिन का वादा किया।
मैं अगली रात का इंतजार करने लगा। आज का दिन मुझे बहुत बड़ा लग रहा था।
जैसे-तैसे करके रात के 11 बजे.. मैंने उसे फोन किया, उसने मुझे 12 बजे आने को कहा।
मैं 12 बजे उसके घर पहुँचा और जाते ही उससे लिपट गया। उसे जल्दी से बिस्तर पर लेटाया और उसे किस करने लगा.. साथ में उसकी चूत को भी सहलाने लगा।
फिर धीरे से मैंने उसका नाड़ा खोल दिया, अब वो मेरे सामने बिना सलवार के थी, उसकी टाँगें बहुत पतली थीं।
मैंने उससे अपने कपड़े उतारने को कहा.. उसने मना कर दिया। मैंने उसके कुरते को वैसे ही ऊपर कर दिया.. और मैं उसके चूचे को चूसने लगा, साथ में मैं उसकी चूत को सहला रहा था।
यह मेरे जीवन का पहला सेक्स अनुभव था।
उसके बाद मैंने अपनी पैंट उतार दी, मैंने अपना लम्बा लण्ड बाहर निकाला.. जिसे देख कर वो शर्मा गई।
मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया और अपना लण्ड उसकी चूत पर रख दिया।
उसकी चूत बहुत टाइट थी.. लण्ड बिल्कुल भी अन्दर नहीं जा रहा था।
जैसे ही लण्ड जरा सा अन्दर गया.. वो रोने लगी और मेरी छाती पर ज़ोर-ज़ोर से मारने लगी।
मैं भी डर गया.. मैंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और किसी तरह उसे चुप किया।
अब मैंने उससे तेल लाने को कहा।
उसने कपड़े पहने और ऊपर जाकर तेल लेकर आई।
उसके बाद मैंने बहुत सारा तेल अपने लण्ड पर लगाया और उसकी चूत पर भी लगाया।
अब मैंने अपना लण्ड पेल दिया।
लण्ड आधा अन्दर घुस गया। मैंने उसके होंठों को पहले से ही दबा लिया था.. पर वो एक दबी हुई चीख के साथ बेहोश हो गई।
मेरे हाथ-पैर काँप गए, मैंने उसको सलवार पहनाई और उसके मुँह पर पानी मार कर उठाया।
अब मैं उसे वैसे ही अनचुदी छोड़ कर आ गया।
सुबह उसका फोन आया.. उस पर चला भी नहीं जा रहा था। उसके बाद हम 2 दिन तक नहीं मिले।
दो दिन के बाद उसने ही मुझे फोन करके बुलाया।
मैं डरता हुआ गया.. पर आज मैं पूरी तैयारी में था। मैं अपने साथ दो डिब्बी वैसलीन की लेकर गया था.. साथ में एक दर्द ना होने की दवाई भी ले गया था।
मैंने जाते ही उसे दवाई खिलाई.. फिर मैंने उसकी सलवार उतारी और अपना लण्ड बाहर निकालकर पूरी एक डिब्बी वैसलीन अपने लण्ड पर लगा दी।
अब मैंने अपना लण्ड उसकी चूत की दरार में रख कर अन्दर डालने लगा। आज लण्ड पहले के अपेक्षा धीरे-धीरे अन्दर जाने लगा।
फिर मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा, मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस गया।
उसकी चीख निकल गई।
अब मैं थोड़ी देर के लिए रुका.. फिर धीरे-धीरे लण्ड आगे-पीछे करने लगा।
अब उसे भी मज़ा आने लगा, वो भी अपने चूतड़ ऊपर-नीचे करने लगी।
मैं 10 मिनट में स्खलित हो गया।
मैंने उससे पूछा.. पर उसने कोई जवाब नहीं दिया।
कुछ मिनट में मेरा दोबारा खड़ा हो गया। अब मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी चूत में अपना लण्ड पेल दिया।
उस रात मैंने उसे कई बार चोदा और सुबह 5 बजे मैं अपने घर आ गया।
उस रात के बाद जब भी मुझे मौका मिलता.. मैं उसके साथ चुदाई करता हूँ।
मैं उसे बहुत प्यार करता हूँ। चार साल के बाद उसका ब्याह हो गया।
मुझे प्लीज़ मेल कीजिएगा।
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