क्या यही प्यार है-1

अन्तर्वासना पढ़ने वालों को मेरा नमस्कार !
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, इतनी सारी कहानियाँ पढ़ने के बाद मैंने भी सोचा कि अपनी जिंदगी का एक सच्चा किस्सा आपके सामने पेश करूँ।
लेकिन 2 साल के बाद अब वो किस्सा मैं आपके सामने पेश करने रहा हूँ। दोस्तो, यह मेरी जिंदगी की सच्ची कहानी है।
यह बात उन दिनों की है जब मैं अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा था, रोज़ मेरे लिए लिए नए नए रिश्ते आते थे लेकिन मैं शादी नहीं करना चाहता था क्योंकि दोस्तों मुझे जो लड़की चाहिए वो मुझे नहीं मिल रही थी।
मेरा ऐसा मानना था कि उसको ढूँढा नहीं जा सकता, वो एक दिन खुद मुझे मिल जायेगी।
मेरी माँ ने कुछ और ही सोच रखा था कि इसकी रजामंदी हो या न हो उसे बहू चाहिए।
खैर दोस्तो, मैं भी उनका दिल नहीं तोड़ना चाहता था इसलिए जहाँ से भी रिश्ता आता, मैं लड़की देखने चला ज़ाता यह सोचकर कि अगर पसंद नहीं आई तो मना कर दूँगा।
लेकिन किस्मत को कुछ और ही खेल खेलना था मेरे साथ।
एक दिन एक रिश्ता आया मेरे लिए लड़की का बाप अपनी लड़की का फोटो भी साथ लेकर आया।
मुझे बुलाया गया और उसने देखते ही मुझे पसंद कर लिया, यह मैंने उसके चेहरे से पहचान लिया।
लेकिन मेरा उत्तर प्रदेश साइड से शादी करने का मन नहीं था।
इतने मैं उसने अपनी लड़की का फोटो मेरे सामने रख दिया।
मैंने लड़की का फोटो देखा तो गोल चेहरा और कम उम्र की लड़की दिखाई दी, तकरीबन 19-20 साल की लग रही थी।
लडकी का बाप फोटो देकर चला गया यह कहकर कि जब लड़की देखने आओगे तब साथ ले आना।
दूसरे दिन फिर लड़की के बाप का फ़ोन आ गया इसलिए हमको जाना ही पड़ा।
जब हम उस लड़की के घर पहुँचे तो देखा कि उसका बाप घर के बाहर बैठा हमारे आने की प्रतीक्षा कर रहा है।
उसने हमारा स्वागत किया और घर में ले गया। थोड़ी देर बाद ही चाय आई मगर यह क्या… चाय लड़की नहीं कोई और लेकर आया। हमने कहा- लड़की कहाँ है?
वो कहने लगे- अभी आ जाएगी।
यह सुनकर हम चुप हो गए लेकिन बहुत देर होने के बाद भी लड़की नहीं आई फिर मुझे संदेह होने लगा कि आखिर वो कहाँ है।
दो घंटे हो गए बैठे बैठे, अब तो सब्र की इन्तिहा हो गई।
हमने उनसे जाने के लिए बोला तो इतने में लड़की आ गई, वह कहीं बाहर से आई थी, उसके हाथ में पूजा की थाली थी।
यह मैंने अंदाजा लगाया कि शायद पूजा करने गई थी।
क्या लाजवाब फिगर था।
थोड़ी देर बाद ही वो हमारे सामने आ गयी और नमस्ते की।
दोस्तो, क्या लड़की थी… एकदम जन्नत !
मैंने जीवन में ऐसी लड़की कभी नहीं देखी होगी और न ही कभी देख पाता ! सर से लेकर पाँव तक जन्नत।
मेरी तो सांस ही बंद हो गई।
फिर हमने बातें शुरु कर दी, मैंने उस से उसका नाम पूछा, उसने अपना नाम बताया और मैंने अपना नाम।
अब मैं उससे डरकर बात कर रहा था कि कहीं कुछ गलती न हो जाए और वह शादी के लिए मना कर दे।
उसने अपनी एक सहेली को भी बुला रखा था, थोड़ी देर बाद वह भी आ गई। वह मुझसे अजीब अजीब सवाल करने लगी लेकिन लड़की साफ़ साफ़ और मज़ेदार सवाल कर रही थी।
सारे सवाल जवाब होने के बाद हमने उनसे जाने के लिए बोला।
लेकिन उसके परिवार वाले तो जैसे हमारे पीछे ही पड़ गए, कहने लगे- खाना खाकर जाना।
अब खाने का किसको होश था, मन में वैसे ही लड्डू फूट रहे थे।
फिर लड़की ने भी बोला- खाना खाकर जाना !
भला उसकी बात को मैं कैसे टाल सकता था।
अब कुछ खा पीकर हम लोग घर के लिए निकलने लगे तो क्या देखते हैं कि 100-100 के नोट हमारे हाथों में पकड़ा दिए गए।हमने कहा- यह क्या है?
लड़की ने बोला- यह सबको मिलता है जो हमारे यहाँ आता है।
मैंने सोचा कि यार यह तो बहुत ही अच्छा परिवार लगता है।
हम घर आ गए, मेरे पिताजी ने पूछा हमेशा की तरह कि अपना निर्णय बताओ तो मैंने झट से हाँ कह दी।
इतने में लड़की के बाप का फ़ोन आ गया, उसको मुझसे भी ज्यादा जल्दी हो रही थी।
उसने मेरे पिताजी से पूछा- आपको रिश्ता मंजूर है?
पिताजी ने हाँ बोल दिया।
वो लोग 3-4 दिन बाद मुझे पक्का करने आ गए और वो 15-16 लोग मुझे पक्का करके चले गए।
अब मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था।
लेकिन मेरी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। जिस लड़की से मेरी शादी होनी थी, उसे मैंने फ़ोन किया उसी दिन, वो कहने लगी-
मैं किसी और से प्यार करती हूँ।
यह सुनकर मेरे पैरों तले से ज़मीन निकल गई, समझ नहीं आ रहा था कि यह सच है या वो मेरे साथ मस्ती कर रही है क्योंकि जब मैं उसको देखने गया था तो मुझे ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगा था कि वो किसी से प्यार करती होगी।
आजकल अगर कोई किसी से प्यार करता है तो शुरू में बात क्लियर कर देता है।
मैंने उससे बात क्लियर करने के लिए बोला और वो कहने लगी कि मैं कल आपसे बात करुँगी।
मैं उसके फ़ोन की प्रतीक्षा करने लगा।
अगले दिन जो टाइम उसने बोला था ठीक टाइम पर उसका फ़ोन आया, कहने लगी- मैं लेट तो नहीं हुई?
मुझे ऐसा लगा कि यह शायद मुझसे मज़ाक कर रही है कि वो किसी से प्यार करती है।
लेकिन वो सच था, उसने सारी बात बताई और फिर बात घुमाने लगी कि आप इस शादी से मना कर दो।
मैंने कहा- क्यों? तुम खुद मना कर दो।
वो अपने घर वालों की नजर में बुरी नहीं बनना चाहती थी, असल में उसके घरवालों को सारी बात का पता था।
मैंने भी अपनी तरफ से मना नहीं किया और आखिर कर उसको ही मना करना पड़ा।
यह बात मैंने उसके घर वालों को फ़ोन पर बताई, वो जैसे पहले से ही जानते थे, उन्होंने फ़ोन कट कर दिया और शायद लड़की को पीटा।
यह बात मुझे तब पता चली जब दूसरे दिन मैं लड़की के घर चला गया, मैंने उससे पूछा- अपना फाइनल डिसीज़न दो।
उसने कहा- मेरे घर वालों ने साफ़ मना कर दिया है कि उस लड़के से शादी नहीं होगी तेरी, चाहे तू मर ही क्यों न जाए।
यह बात सुनकर मेरी जान में जान आई।
अब मैंने उससे पूछा- क्या तुमने कोई फ़ैसला लिया?
कहने लगी- नहीं, अब तो मैं आपसे ही करूँगी।
मैं अपने सीने पर बोझ लेकर उससे शादी नहीं करना चाहता था इसलिए मैंने उससे क्लियर बोल दिया कि अगर किसी और से करना चाहती हो तो मैं चला जाता हूँ।
लेकिन उसने मुझे जाने नहीं दिया।
मैंने उससे कहा- अगर ऐसा है तो ‘गिव मी ए किस।’
वह कहने लगी- शादी के बाद कर लेना !
मैंने कहा- नहीं, मुझे अभी चाहिए।
थोड़ी देर बाद वो तैयार हो गई और मुझसे अपनी आँख बंद करने को कहा।
जैसे ही मैंने अपनी आँखें बंद की, उसने अपने लाल लाल होंठ मेरे होंठों पर रख दिए, मुझे आनन्द से भर दिया, इतना अच्छा मैंने जिंदगी में कभी महसूस नहीं किया था जितना उसके रसीले होंठों को चूसने में मुझे मज़ा आया।

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मेरा लंड बड़ी तेजी से खड़ा हो गया, ऐसा मन हो रहा था कि यह बस ऐसे ही लगी रहे।
वो मेरे मुँह में अपनी जीभ डालकर फिरा रही थी।
अब मैं कण्ट्रोल से बाहर हो गया और उसके रसीले होंठों को काट लिया, उसकी चीख निकल गई, उसने धक्का देकर छुड़ा लिया और अलग होकर शीशे में अपने होंठ देखने लगी, उसमें थोड़ा खून निकल आया था।
वो मुझे भी दिखाने लगी- देखो, आपने यहाँ काट लिया है।
मैंने उसके रसीले होंठों को देख रहा था जिनमें से थोड़ा सा कट का निशान बन गया था और हल्का सा खून भी आ गया था।
उसने मुझसे कहा- चलो, मैं तुम्हें अपना घर दिखाती हूँ।
मैंने कहा- मुझे नहीं देखना तुम्हारा घर !
लेकिन वह ज़बरदस्ती ऊपर ले गई। वहाँ कोई नहीं था। वह अपने घर के कमरे दिखाने लगी, मैंने उसे दोबारा से चुम्मी देने के लिए बोला और वो तैयार हो गई।
इस बार मैंने उसको दीवार से लगाया और खूब चूसा, अब उसकी हालत खराब होने लगी थी और मेरी भी।
उसने अपने आप को अलग कर लिया और गहरी गहरी सांस लेने लगी।
वह गर्म हो गई थी बहुत, मेरा मन तो कर रहा था कि अभी चोद दूँ साली को मगर उसके घरवाले आवाज देने लगे उसको।
अब मुझे घर वापस आना पड़ा।

कहानी जारी रहेगी.

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