बुर की चुदाई करने को मिली अन्तर्वासना की हिंदी सेक्सी स्टोरी पढ़वा कर
(Bur Ki Chudai Karne Ko Mili Antarvasna Ki Hindi Sexy Story Padhva kar)
अन्तर्वासना साईट मुझे कारण मुझे एक कुंवारी बुर की चुदाई करने को मिली.
मेरा नाम राहुल है, मैंने अभी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है।
बात उस समय की है, जब मैं 12वीं क्लास में था। उस वक्त हमारे घर में एक दुकान बनी थी, जिस पर मैं बैठता था। दुकान ज़्यादा नहीं चलती थी.. सो बहुत ग्राहक भी नहीं आते थे, मतलब ज्यादातर समय मैं फुर्सत ही रहता था और अन्तर्वासना पर ही टाइम पास करता रहता था।
एक दिन मैं बुर की चुदाई की सेक्सी स्टोरी पढ़ रहा था कि एक लड़की मेरे पास दुकान पर स्टेफ्री (बुर का ढक्कन) लेने आई। मैं तो उसे देखकर पागल सा हो गया और उसके तने हुए चूचे देख कर मेरा लंड मुझसे ज़्यादा कड़क हो रहा था।
सच में यार.. क्या मारू फिगर था उसका.. कसे हुए चूचे, मस्तानी चाल, नशीली आँखें, टमाटर से लाल उसके गाल, रस से पूरे भरे होंठ और सीधा कहूँ तो मस्त हरी-भरी चीज़ थी वो। उसका नशीला फिगर 34-28-34 का था, हाइट 5 फुट 8 इंच के लगभग होगी, मस्त चिकना आइटम था।
उसे देख कर मेरे लंड में खलबली मची.. तो मैंने मोबाइल को साइड में रखकर उसे स्टेफ्री दे दी।
उस दिन तो वो चली गई.. लेकिन जिस अंदाज से वो मुझे देख रही थी, मुझे लगता है कि उसने मेरे मोबाइल से दिखती हुई अन्तर्वासना की सेक्स स्टोरी की झलक देख ली थी। उसे पता चल गया था कि मैं क्या कर रहा था। उस वक्त वो हल्की सी स्माइल पास करके चली गई।
दो दिन वो वापस मेरी दुकान पर आई और मुझसे 34 साइज़ की ब्रा-पेंटी दिखाने की बोली और साथ में वो मेरे बात भी कर रही थी। मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम अंजलि बताया।
फिर बातों ही बातों में उसने मुझसे उस दिन की सेक्सी स्टोरी की साईट के बारे में पूछा तो मैंने सहज भाव से कह दिया- नेट पर मिल जाएगी।
अंजलि धीरे से दूध दिखाते हुए झुक कर बोली- मेरे को साईट का नाम बताओगे?
मैंने आँख मार कर कहा- कल आ जाना, यहीं प्रेक्टिकल करके पढ़ा दूंगा।
मैंने उसे अगले दिन बुलाया, तो वो अगले दिन आ गई। आज वो एक टी-शर्ट और माइक्रो स्कर्ट में थी।
उसकी सेक्सी ड्रेस देख कर मेरा दिमाग़ खराब हो गया.. क्योंकि मैं अब तक पहले ही उसके नाम की कई बार मुठ मार चुका था और आज साली खुद क़यामत बन कर आई थी। आज मेरा मन उसको चोदने का हो रहा था।
वो मेरे करीब आई तो मैंने उसे अन्तर्वासना की साइट खोल कर दे दी, उसने स्टोरी पढ़नी शुरू कर दी।
वो कहानी पढ़ रही थी और मेरा लंड तंबू बना हुआ था। उसकी नज़र मेरे लंड पर गई तो उसे भी पता चल गया कि मुझसे भी रहा नहीं जा रहा है।
मैंने उसके कंधों पर हाथ रख दिया, उसने कुछ नहीं कहा तो मैं उसे सहलाने लगा। फिर टी-शर्ट के ऊपर से ही उसके मम्मों दबाने लगा था। उसकी साँसें तेज हो रही थीं और मेरा मसलना भी उसकी सांस लेने की गति के साथ ही तेज होता जा रहा था।
अब मैंने उसकी टी-शर्ट्स के ऊपर के बटन खोले तो देखा कि वो बिना ब्रा के आई थी।
मैंने अब उठ कर दुकान की शटर बंद कर दी और अन्दर आकर उसके होंठों पर होंठ रख दिए। वो मजे से मचलने लगी और मस्त होने लगी.. मुझे भी मजा आने लगा। मैं उसके होंठों का रस पिए जा रहा था और उसके मम्मों को दबाए जा रहा था।
मैंने उसका स्कर्ट ऊपर करके देखा… तो उसकी बुर दिख रही थी, साली ने पेंटी भी नहीं पहनी थी।
कम्प्लीट चुदासी थी रंडी!
मैंने उसका स्कर्ट और टी-शर्ट दोनों खोल दिए। उसका गोरा और चिकना बदन मेरे सामने नंगा था। मैं उसकी बुर पर हाथ फिराने लगा, उसकी बुर एकदम सफाचट थी। उसकी बुर क्या नमकीन लग रही थी.. मेरा तो जी कर रहा था कि उसकी बुर का रस पी जाऊँ.. लेकिन उसने मेरा लंड मेरे लोवर के ऊपर से ही पकड़ लिया था, तो मैंने लंड चुसाना ठीक समझा।
मैंने देखा कि वो मेरे लंड को मेरे लोवर से बाहर निकाल कर उसे सहलाने लगी। इसमें मुझे मजा आने लगा और मेरी आँखें बंद हो गईं।
यह मेरा पहला चान्स था कि जब कोई लड़की मेरे लंड को पकड़ कर हिला रही थी। उसने लंड को जीभ से टच किया तो मेरी आँखें बंद होने लगीं.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मुझे और ज़्यादा मजा आने लगा।
मुझे उसकी जीभ का अहसास कुछ अधिक गीला सा लगा तो मैंने आँखें खोलीं.. देखा कि अंजलि मेरा लंड मुँह में ले कर चूस रही थी। मुझे बहुत मजा आने लगा था। कुछ ही पलों में मेरा शरीर अकड़ने लगा और मैं अंजलि के मुँह में ही फ्री हो गया।
उसके गले तक लंड था और उसी वक्त लंड ने उल्टी कर दी.. सो उसे उबकाई सी आने लगी। लेकिन मेरा माल उसके कंठ में चला गया था, वो तो वापिस आ ही नहीं सकता था.. तब उसने थोड़ा सा वीर्य बाहर थूक दिया और बाकी तो उसे निगलना ही पड़ा।
अब मैं 69 में होकर उसकी बुर के पास आया और अपनी जीभ से उसकी बुर की चुदाई करने लगा। वो बुर पर मेरी जुबान पाते ही लम्बी-लम्बी सिसकारियां लेने लगी थी और लगातार मेरे सिर को अपनी बुर पर दबाए जा रही थी।
मेरी जीभ और उंगली दोनों अंजलि को छोड़ रहे थे। तभी अंजलि अकड़ उठी और उसका पानी निकल गया।
मैंने माल को चाटा.. अह.. क्या मस्त टेस्ट था उस पानी का.. एकदम नमकीन लस्सी जैसा स्वाद था। उसकी बुर को मैंने चाट कर साफ़ कर दिया।
अब मेरा लंड उसकी बुर की चुदाई को बेताब था.. सो मैंने उसको अपने नीचे लिटा कर उसकी बुर पर तेल लगा दिया। फिर अपना 7″ लम्बा और 3″ मोटा लंड उसकी बुर पर रख कर घिसा।
मेरे को पता था कि जैसे ही मेरा मूसल ब्रांड लंड इसकी जरा सी बुर में जाएगा.. तो अंजलि चीखेगी, इसलिए मैंने पहले से ही उसके होंठों को अपने होंठों में दबाकर लंड पर जोर लगाया।
बुर गीली होने के कारण मेरा लंड का सुपारा उसकी बुर में फंस गया था। सुपारे की मोटाई से ही उसकी आँखों में पानी आ गया।
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वो मेरे को धकेलने लगी। मुझे मालूम था कि कैसे सील तोड़ना है। मैं रुक गया और सुपारे ही ही बुर की फांकों में हिलाता रहा। दो मिनट के बाद उसकी बुर सुपारे की मोटाई की अभ्यस्त हो गई.. तो मैंने एक और धक्का दे दिया।
अबकी बार लंड लगभग आधे से थोड़ी ज़्यादा अन्दर घुस गया था। मुझे इतने में ही लगने लगा था कि अंजलि की बुर पानी सा छोड़ रही है.. लेकिन हाथ से छू कर देखा तो पता लगा कि वो खून था।
अब मैंने एक और झटका लगाकर पूरा लंड उसकी बुर में डाल दिया।
थोड़ा देर रुकने पर उसका दर्द कम हुआ और उसे मजे आने लगे और वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी। फिर तो धकापेल चुदाई का खेल हुआ.. दस मिनट की बुर फाड़ चुदाई के बाद मेरा माल निकलने वाला हो गया था, तो उसे मुझे पूरी तरह से जकड़ लिया और मेरा पूरा वीर्य उसकी बुर में ही निकल गया।
इस तरह हमने मजे से बुर की चुदाई की, फिर अलग हुए और एक-दूसरे को साफ़ किया। अंजलि ने मुझको प्यार करते हुए खूब गालियां भी दीं कि इतनी खतरनाक तरह से कोई चोदता है क्या?
मैं हंसने लगा.. इसके बाद तो अंजलि समय और मौका पाते ही आ जाती थी और बुर की खुजली मिटवा जाती थी।
ये मेरी सच्ची बुर की चुदाई की कहानी है आप मुझे अपने मेल भेज सकते हैं।
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