बॉयफ्रेंड का लंड चूसकर चुद भी गई
(Boyfriend ka lund chuskar chud bhi gayi)
कैसे हो दोस्तो आप सब!
मेरा नाम सनाया है. मैं 20 साल की हूँ.
मेरा फिगर 34-26-34 का है.
देखने में मैं माल लगती हूँ क्योंकि सेक्सी शब्द मेरे लिए कम होगा.
अगर कोई भी जवान या बूढ़ा लंड मुझे देखेगा तो मुझे देखकर ही झड़ जाएगा.
मैं अपनी ज्यादा तारीफ नहीं करना चाहती लेकिन बस आपको एक आइडिया दे रही हूँ क्योंकि मुझे चुदाई करवाने में बड़ा ही मज़ा आता है.
जब मैंने पहले बार चुदाई करवाई थी तो उसके बाद से ही मुझे चुदाई करवाने की ऐसी लत लग गई है कि मैं बिना लंड लिए रह नहीं पाती हूँ।
आज मैं आपको अपनी उसी पहली चुदाई की कहानी बताने जा रही हूँ.
उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी पढ़कर लौड़ों और चूतों से पानी निकल जाएगा.
मेरी रिश्तेदारी में एक लड़का है. उसका नाम कमलेश है.
देखने में वह बहुत ही ज्यादा स्मार्ट है.
जब मैं उससे पहली बार मिली थी तो हम दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया था.
उसके बाद से ही हम दोनों मिलने लगे थे.
मुझे वह बहुत पसंद है और उसको भी मैं बहुत पसंद करती हूँ.
हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं.
लेकिन कमलेश ने कभी भी मुझे चोदने की कोशिश नहीं की.
वह शायद मेरी इज्जत करता था इसलिए उसने कभी मेरी चूत की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखा था.
हम अक्सर सिनेमा हॉल में मिलते रहते थे.
मुझे उससे मिलना बहुत ही अच्छा लगता था.
लेकिन वो वहां पर अपनी बाहों में लेकर बस इधर-उधर किस कर दिया करता था.
इसके अलावा अगर ज्यादा कुछ होता तो वह मेरी चूचियों को दबा देता था या फिर उनको पी लेता था.
मैं गर्म होकर ऐसे ही रह जाती थी.
चूंकि मैं लड़की थी तो इसलिए मैंने कभी उससे नहीं कहा कि मैं उससे चुदना भी चाहती हूँ।
ऐसा करते-करते बहुत दिन हो गए थे लेकिन मेरी प्यास हर दिन बढ़ती जा रही थी.
कमलेश मुझे गर्म तो कर देता था लेकिन बस मेरे होंठों को चूस कर या मेरी चूचियों को दबाकर ही काम चला लेता था.
मैंने कभी उसके लंड को खड़े हुए भी नहीं देखा था.
मैं भी देखना चाहती थी कि लड़कों का लंड कैसा होता है और खड़ा होने के बाद कैसा दिखता है.
हम आज तक जब भी मिले थे तो सिनेमा हॉल में ही मिले थे.
वहां पर बहुत अंधेरा होता है.
मुझे कभी भी उसकी पैंट के अंदर उसका लंड देखने का मौका नहीं मिला था.
मैं चाहती थी कि एक बार मुझे पता तो चल जाए कि उसका लंड कितना बड़ा है.
मुझे तो यह भी शक होता था कि पता नहीं उसका लंड है भी या नहीं.
इसलिए मैं जल्दी ही उसके लंड को खड़ा देखना चाहती थी.
एक बार अगर मुझे उसके लंड को देखने का मौका मिल जाए तो मैं उसको अपनी चूत में लेने के लिए भी गर्म करने की तैयारी में थी.
फिर मैंने सोचा कि ऐसे तो वह कभी भी मुझे नहीं चोदेगा.
एक दिन उसका फोन आया और उसने मुझसे कहीं बाहर घूमने जाने के लिए पूछा.
मैंने उसको बिना सोचे समझे ही हाँ कर दी क्योंकि सिनेमा हॉल में तो मैं उसके साथ कई बार जा चुकी थी. वहाँ पर वह कुछ नहीं कर पाता था.
मैं देखना चाहती थी कि बाहर ले जाकर वह मेरे साथ क्या करता है.
इसलिए मैंने उसको झट से हां कर दी.
उसके बाद मैं घर वालों को बताकर बाहर घूमने निकल गई.
मैंने यह नहीं बताया कि मैं कमलेश के साथ घूमने जा रही हूं।
अगर मैं ऐसा बता देती तो मेरे घरवाले मुझे कभी उसके साथ नहीं जाने देते.
इसलिए मैंने अपने घरवालों को यह बोल दिया कि मैं अपनी सहेलियों के साथ घूमने जा रही हूँ।
मेरे घरवाले भी जल्दी ही मान गए.
फिर मैं घर से निकल गई और बाहर आकर कमलेश से मिली.
हम पास की ही जगह पर घूमने निकल गए.
वहां पर जाकर हमने एक होटल में कमरा भी ले लिया.
हमने थोड़ा आराम किया और फिर नहा-धोकर फ्रेश हो गए.
उसके बाद हम दोनों पास की ही मार्केट में घूमने के लिए चले गये.
मैं कमलेश की बांहों में बांहें डालकर चल रही थी.
मुझे वह बहुत अच्छा लगता था.
वह भी मेरे साथ बहुत खुश था.
कुछ देर मार्केट में घूमने के बाद हम लोग वापस होटल के कमरे में आ गए.
हम लोग काफी थक गए थे.
हमने खाना मंगवा लिया और साथ में ही खाना खाया.
खाना खाने के बाद हम आराम करने लगे.
मैंने कमलेश के बालों को सहलाना शुरू कर दिया तो वह समझ गया कि मैं उसको प्यार करना चाहती हूँ।
कमरे की लाइट जल रही थी.
मैंने कमलेश के चेहरे को चूमना शुरू कर दिया.
वह भी मेरी गर्दन को चूमने लगा.
मैंने कमलेश के हाथ अपनी चूचियों पर रखवा लिए.
उसने मेरी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया और मैं गर्म होने लगी.
जब कई मिनट तक मैं उससे प्यार करती रही तो मैंने कमलेश की पैंट में देखा कि उसका लंड खड़ा हो चुका था.
उसका लंड काफी बड़ा था.
मैंने पहली बार उसके लंड का साइज़ देखने की कोशिश की थी.
मुझे उसकी पैंट में खड़ा हुआ लंड देखकर बहुत खुशी हो रही थी.
मैं उसको छूना चाहती थी लेकिन मुझे थोड़ी शर्म भी आ रही थी.
मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया.
वह भी मेरे होंठों को चूस रहा था. साथ में मेरी चूचियों को भी दबा रहा था.
फिर ऐसा करते करते रुक गया.
मैंने कहा- क्या हुआ?
वह बोला- बस इसके आगे फिर मुझसे कंट्रोल नहीं हो पाएगा.
इतना कहकर कमलेश मुझसे अलग हो गया.
मैं तो पूरी गर्म होने ही वाली थी लेकिन उसने बीच में ही सारा मज़ा खराब कर दिया.
लेकिन मैं शर्म के मारे उसको कुछ बोल नहीं पाई.
आज एक बार फिर मैं उसके लंड के करीब पहुंच कर वापस आ गई थी.
उसके बाद कमलेश मेरी गोद में लेट गया और उसको नींद आ गई लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी.
मैं सोच रही थी कि यह बीच में आकर रुक क्यों जाता है.
हो सकता है कि यह मेरी चूत मारने से डर रहा हो कि कहीं मैं प्रेग्नेंट न हो जाऊं.
शायद इसीलिए यह आगे नहीं बढ़ पाता है.
यह सोचते-सोचते मुझे भी नींद आ गई.
हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे के साथ पड़े हुए सो गए.
उसके बाद अचानक रात को मेरी नींद खुल गई तो मैंने देखा कि कमलेश एक तरफ लेटा हुआ था.
वह गहरी नींद में था.
मैंने उसको ध्यान से देखा.
फिर मैंने सोचा कि क्यों न इस मौके का फायदा उठाया जाए.
इस वक्त यह गहरी नींद में है और मैं अपनी इच्छा भी पूरी कर सकती हूँ.
मुझे कमलेश के लंड को देखने का इससे अच्छा मौका फिर कभी शायद मिले न मिले.
यह सोचकर मैंने धीरे से कमलेश की चादर को हटा दिया.
उसने पैंट पहनी हुई थी और मुझे उसके लंड की हल्की सी शेप उसकी पैंट में दिखाई दे रही थी.
उसके बाद मैंने धीरे से कमलेश की पैंट का बटन खोलने की कोशिश शुरू कर दी.
उसका पेट थोड़ा भारी था इसलिए मुझे पैंट का बटन खोलने में परेशानी हो रही थी.
मैंने बड़ी मुश्किल से कई मिनट कोशिश करने के बाद उसकी पैंट का बटन खोल लिया.
लेकिन वह काफी भारी था इसलिए पैंट को नीचे करने में बहुत दिक्कत हो रही थी.
मुझे यह भी डर था कि अगर यह जग गया तो मुझे अपना लंड नहीं देखने देगा.
इसलिए मैं धीरे-धीरे उसकी पैंट को नीचे सरकाने की कोशिश कर रही थी.
मैंने धीरे से उसकी पैंट की चेन को खोल दिया.
उसका अंडरवियर मुझे दिखाई देने लगा था.
लेकिन अभी तक उसका लंड अंदर ही था.
मैं उसकी पैंट को पूरी तरह से उतारने की कोशिश कर रही थी लेकिन वह मुझसे हिलाया नहीं जा रहा था.
उसके बाद मैंने उसके पेट पर हल्की सी उंगली चला दी.
इसके कारण कमलेश हल्का सा हिला और मैंन उसी वक्त उसकी पैंट को नीचे कर दिया.
उसकी पैंट को घुटनों तक खींच दिया.
उसका लंड उसके अंडरवियर में अभी भी सो रहा था.
मैंने धीरे से उसके अंडरवियर के कट के अंदर से हाथ डालना शुरू कर दिया और उसके लंड को टटोलना शुरू कर दिया.
मेरे हाथ उसके लंड पर टच होने लगे और उसका सोया हुआ लंड मेरी उंगलियों में मुझे फील हो रहा था.
उसके बाद मैंने धीरे से उसके लंड को बाहर निकाल लिया.
उसका लंड ज्यादा बड़ा तो नहीं था लेकिन मैंने पहली बार उसके लंड को देखा था इसलिए मैं बहुत खुश हो गई थी.
मैंने धीरे से उसके लंड को टच करना शुरू कर दिया.
मेरे अंदर की वासना भी जागने लगी थी. उसका लंड उसके अंडरवियर के बीच में सोया हुआ था और मैं उसको सहला रही थी. फिर मुझे पता नहीं क्या हो गया मैंने एकदम से उसके लंड को चूसना शुरु कर दिया.
धीरे-धीरे कमलेश का लंड खड़ा होना शुरु हो गया.
मैंने कमलेश के लंड को जल्दी-जल्दी चूसना शुरू कर दिया.
फिर अचानक से कमलेश की आंख खुल गई.
एक बार तो वह हैरान हो गया फिर मैंने उसके होंठों को उसकी वक्त चूसना शुरू कर दिया और उसके लंड को हाथ में लेकर सहलाना जारी रखा.
मैंने उसको अपने हाथ में लेकर मसलना शुरू कर दिया.
कमलेश गर्म होकर मुझे ज़ोर से चूसने लगा था.
फिर उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरे ऊपर आकर मुझे चाटने लगा. उनके हाथ मेरे बूब्स को मसल रहे थे.
मैं मचल रही थी. मैं भी उसकी शर्ट के एक बटन को खोलकर उसकी चेस्ट को चाट रही थी.
किस करते हुए उन्होंने मेरे टॉप को खोल दिया और ब्रा के ऊपर से ही चूची को दबाने लगा.
मुझे दर्द भी हो रहा था लेकिन मज़ा भी बहुत आ रहा था.
उसके बाद उन्होंने मेरी जीन्स खोल दी.
अब मैं सिर्फ रेड ब्रा और पैंटी में थी.
उनको रेड ब्रा बहुत पसंद थी. इसलिए मैंने पहनी हुई थी.
मेरी रेड ब्रा और पैंटी को देखते ही वह मेरे ऊपर टूट पड़ा और बोला- जान, आज तो मैं तुम्हें जन्नत में लेकर चलूंगा.
यह बोलकर उसने मेरे पूरे बदन को चाटना शुरू कर दिया.
मैं गर्म हो रही थी, मेरी सांसें तेज़ होने लगी थी. फिर उसने मेरी ब्रा और पैंटी को भी खोल दिया और मेरे बूब्स को पूरी तरह मसलने लगा.
मुझसे रहा नहीं गया, मैंने कहा- जानू, प्लीज़ इसको पी लो ना!
मैंने कमलेश के सिर को अपने बूब्स पर दबा दिया और वह ज़ोर से मेरे दूध को पीने लगा. वह ऐसे पी रहा था जैसे बहुत दिनों से प्यासा ही था.
बूब्स चूसते हुए उसने एक हाथ मेरी चूत पर रखा और सहलाने लगा.
मैं कामुक सिसकारियाँ ले रही थी.
वह किस करते हुए नीचे तक पहुंच गया और मेरी चूत को किस करने लगा.
मैं तो बेचैनी से मरी जा रही थी. मैंने उसके सिर को ज़ोर से दबाकर चूत के पास रखा.
वह मेरी चूत को बहुत अच्छे से चाट रहा था. मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था. वह अपनी जीभ अंदर-बाहर डाल कर चाट रहा था.
फिर उसने अपनी अंडरवियर भी उतार दी थी.
उसका लंड बहुत ही बड़ा और मोटा हो चुका था.
मैंने इससे पहले कभी किसी मर्द को नंगा नहीं देखा था.
वह बोला- इसको किस करो जानू … तभी तो यह शरारत करेगा.
मैंने उसके लंड को किस किया और चाटा भी. मुझे बहुत मज़ा आया.
अब वह अपने लंड से मेरी चूत की अगल-बगल सहला रहा था. वह मुझे हर पल तड़पा रहा था.
जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने कहा- जानू, प्लीज़ इसे मेरी बुर में डाल दो. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा. अब मुझे और ज्यादा मत तडपाओ. मैं आपकी रानी हूँ। आज मुझे जी भर कर चोद दो.
तब उसने कहा- ज़रूर … आज तो मैं तुझे अपनी रानी बनाकर ही रहूंगा.
उसने अपने लंड को मेरी चूत पर रखा और अंदर करने लगा.
मेरी चूत बहुत टाइट थी तो लंड आसानी से अंदर नहीं जा रहा था.
वो धीरे-धीरे धक्का मार रहा था.
अभी तक उसके लंड का सुपारा ही अंदर गया था मगर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मेरे मुंह से आवाज़ निकल रही थी. आह्ह … उह्ह्ह … ओह्ह्ह … करने लगी थी मैं.
यह सुनकर वह जोश में आ गया.
उसने मुझे ज़ोर देकर धक्का दिया और लंड मेरी चूत में घुस गया.
मैं दर्द से कराहने लगी.
उसने मेरा दर्द कम करने के लिए मुझे किस करना शुरू कर दिया.
वह मेरी चूची को मसलने लगा. धीरे-धीरे कमर हिलाते हुए उसने लंड को अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया.
धीरे-धीरे मेरा दर्द मज़े में बदल गया. मुझे अब मज़ा आने लगा था, मैंने कहा- और जोर से मेरे राज़ा … फाड़ दो इस चूत को.
मैं अपनी गांड हिला-हिलाकर उसका साथ दे रही थी.
वह अपनी स्पीड बढ़ाने लगा था. मुझे और ज्यादा मज़ा आने लगा था.
मैंने कहा- चोद मेरे राजा … और चोद मुझे …
वह धक्के पर धक्के मारे जारे रहा था. साथ ही मेरे बूब्स को भी दबा रहा था.
हम लोग पूरे सेक्स में खो चुके थे.
करीब 20 मिनट चोदने के बाद वह मेरी चूत में ही झड़ गया.
उसके लंड के गर्म-गर्म पानी से मेरी चूत की आग शांत हो गई.
वह अपना लंड मेरी चूत में डाले हुए ही मेरे ऊपर लेट गया. वह मुझे चूमने लगा.
मैंने कमलेश को अपनी बाहों में भर लिया और उसको किस करने लगी.
उसके बाद हमने कुछ देर रुकने के बाद फिर से चुदाई शुरू कर दी.
उस रात हमने चार बार सेक्स किया. कमलेश ने मुझे अलग-अलग पॉजिशन में चोदा.
हम दोनों को बहुत मज़ा आया.
उस दिन की सुनहरी यादों को सोचकर मुझे आज भी चुदने का मन होने लगता है.
यह थी मेरी और मेरे लवर की चुदाई की पहली कहानी. आप सबको यह कहानी कैसी लगी.
आप अपने मेल के ज़रिए हमारी चुदाई की कहानी के बारे में ज़रूर बताना.
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