बहन का लौड़ा -33
(Bahan Ka Lauda-33)
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अब तक आपने पढ़ा..
रोमा के दिल के किसी कोने से आवाज़ आई कि तू यहाँ चूत चटवाने आई है.. मगर लगता है आज तेरी चूत चुदने वाली है।
रोमा मन ही मन कहने लगी.. नहीं कुछ भी हो.. सेक्स नहीं करेगी.. बस ऐसे ही मज़ा लेकर चली जाएगी।
नीरज बस अंडरवियर में था और उसके होंठों पर एक मुस्कान थी.. जो साफ बता रही थी कि आज का मौका वो किसी हाल में नहीं जाने देगा। उसका लंड भी तनाव खाने लगा था।नीरज जब बिस्तर पर आया तो रोमा ने अपने हाथों से अपना चेहरा छुपा लिया।
नीरज- वाह मेरी जान.. पूरी जवानी खोल कर चेहरा छुपा रही हो..
रोमा- मुझे शर्म आ रही है।
नीरज- अभी कुछ देर की बात है.. तुम्हें इतना मज़ा दूँगा कि तुम बेशर्म बन जाओगी।
इतना कहकर नीरज उसके बगल में लेट गया और धीरे-धीरे उसके मम्मों को सहलाने लगा।नीरज बहुत तेज था.. वो बस मम्मों को हल्के से सहला रहा था.. जिससे रोमा की उत्तेजना बढ़ने लगी थी। वो चाहती थी नीरज ज़ोर से दबाए.. मगर वो ऐसा नहीं कर रहा था।
अब आगे..
रोमा कुछ देर तो जिस्म को इधर-उधर हिलाती रही.. जब उसका सब्र टूट गया तो बोल पड़ी- आह.. क्या आप भी.. थोड़ा ज़ोर से दबाओ ना.. ऐसे मज़ा नहीं आ रहा।
नीरज- मेरी जान.. जब ज़्यादा आगे बढूँगा.. तो रोक दोगी.. इसलिए ऐसे ही ठीक है..
रोमा- नहीं रोकूंगी.. करो ना प्लीज़।
नीरज को बस रोमा की ‘हाँ’ का इंतज़ार था.. अब वो जंगली बन गया था। रोमा के मम्मों को ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा था।
रोमा- आह.. हाँ ऐसे ही करो.. आह.. ब्रा निकाल दो.. आह.. चूसो मेरे मम्मों को.. आह.. कल बहुत मज़ा आया था.. आह.. आज भी वैसा मज़ा दो ना..
नीरज ने ब्रा निकाल दी.. अब रोमा के कड़क मम्मे आज़ाद हो गए थे.. जिन पर नीरज भूखे कुत्ते की तरह टूट पड़ा.. वो निप्पल को दाँतों से हल्का काटने लगा और साथ ही मम्मों को चूसता रहा जिससे एक मीठी टीस सी रोमा की चूत में उठने लगी.. वो चुदास से भर कर तड़पने लगी।
रोमा- आह.. आईईइ.. नीरज आह.. मेरे नीचे कुछ करो ना.. आह.. बहुत गुदगुदी हो रही है आह..
नीरज ने रोमा की पैन्टी भी निकाल दी अब वो रोमा की कच्ची चूत को जीभ से चाटने लगा था।
रोमा- आह.. नीरज मज़ा आ गया आह.. उह.. आज तो कल से भी ज़्यादा मज़ा आ रहा है आह..
नीरज अचानक से बैठ गया। रोमा को ये बिल्कुल अच्छा नहीं लगा.. उसको अधूरापन महसूस हुआ..
रोमा- आह.. क्या हुआ.. आप करो ना.. प्लीज़ मुझे ऐसे बीच में मत छोड़ो.. प्लीज़ मैं आपके हाथ जोड़ती हूँ..
नीरज ने अपना अंडरवियर भी निकाल दिया था.. अब उसका लौड़ा रोमा को सलामी दे रहा था।
नीरज- तुम तो रोज मज़ा ले कर चली जाओगी.. मेरे लौड़े का भी ख्याल करो जान.. थोड़ा सा इसको भी प्यार कर लो।
रोमा- आह.. कर दूँगी ना.. बाद में.. आह.. पहले मुझे ठंडा कर दो.. बाद में अपने हाथों से तुम्हारे लौड़े को सहलाऊँगी प्लीज़..
नीरज- नहीं जान.. प्यार में जब तक बराबरी ना हो.. प्यार मजबूत नहीं होता है। मैं जब अपने होंठों से तुम्हारी मखमली चूत को चूसता हूँ.. तो तुम्हें भी अपने होंठों से मेरे लंड को चूसना चाहिए।
रोमा- नहीं.. मुझे अच्छा नहीं लगता प्लीज़.. कुछ करो ना प्लीज़..
नीरज- अच्छा ज़्यादा नहीं.. बस थोड़ी देर किस कर दो।
रोमा मान गई तो नीरज ने अपना लौड़ा उसके मुँह के पास कर दिया।
रोमा बेमन से सुपाड़े को चुम्बन करने लगी। अपनी जीभ से हल्के उसको चाटने लगी।
नीरज- आह.. तुम्हारे मुलायम होंठों का स्पर्श कितना अच्छा है.. एक बार मुँह में ले लो ना मेरी जान..
रोमा ने धीरे से सुपाड़े को मुँह में ले लिया और नीरज ने उसके सर को पकड़ कर आधा लौड़ा उसके मुँह में घुसा दिया। रोमा छटपटाने लगी मगर नीरज ने उसका सर कस कर पकड़ लिया।
नीरज- आह.. बस थोड़ी देर चूसो.. आह.. प्लीज़.. मज़ा आ रहा है..
रोमा ना चाहते हुए लौड़े को चूसने लगी नीरज अब उसके मुँह को चोदने लगा।
मगर ज़्यादा देर ये नहीं चला रोमा की सांस रुक गई.. तो वो झटके से पीछे हो गई।
रोमा- उहहू..उहहू.. क्या आप भी उह मारने का इरादा है क्या..
नीरज ने उसको आगे बोलने नहीं दिया और उसको लेटा कर खुद ऐसे लेट गया कि उसका लौड़ा रोमा के मुँह के पास हो गया.. अब वो उसकी चूत चूसने लगा।
अब दोनों 69 के पोज़ में थे.. नीरज चूत को चूस रहा था.. रोमा सिसक रही थी.. लौड़ा उसके मुँह के एकदम करीब था.. तो रोमा सेक्स की उत्तेजना में लौड़े को खुदबखुद चूसने लगी।
करीब 5 मिनट तक ज़बरदस्त चूसमचुसाई चलती रही। अब रोमा की उत्तेजना बढ़ गई थी.. उसका पानी निकलने वाला था। अब उसको लौड़े का टेस्ट भी अच्छा लगने लगा था।
वो लौड़े को पूरा मुँह में ले कर चूसने लगी और गाण्ड को हिला कर झड़ने लगी.. जिसे नीरज पीने लगा।
नीरज के लौड़े में अभी जान थी और वो रोमा के मुँह में झड़ना नहीं चाहता था.. तो उसने लौड़ा मुँह से निकाल लिया।
रोमा- आह आई.. मज़ा आ गया.. तुम क्या चूसते हो.. कसम से आह.. मज़ा आ गया और अब तो तुम्हारा लौड़ा भी मज़ा दे रहा है.. निकाल क्यों लिया.. चूसने दो ना..
नीरज- चुसवाऊँगा मेरी जान.. मगर अभी ज़्यादा चूसोगी तो इसका रस तुम्हारे मुँह में निकल जाएगा.. जो तुम्हें पसन्द नहीं आएगा।
रोमा- तुम कैसे मेरी चूत का पानी पी जाते हो.. मुझे तो सोच कर घिन आती है.. प्लीज़ मेरे मुँह में कभी पानी मत निकालना..
नीरज- नहीं निकालूँगा मेरी जान.. मगर मेरे लौड़े को ठंडा तो कर दो.. देखो कैसे झटके खा रहा है बेचारा..
रोमा- लाओ अभी हाथ से कर देती हूँ या ऐसा करती हूँ.. मुँह से चूसती हूँ.. बस पानी आने के समय बाहर निकाल देना प्लीज़..
नीरज- नहीं जान.. तुम बस सीधी लेट जाओ.. मैं तुम्हारी चिकनी चूत पर लौड़ा रगड़ कर पानी निकालूँगा..
रोमा- नहीं नहीं.. प्लीज़ सेक्स नहीं करेंगे.. ऐसे ही निकाल दूँगी ना..
नीरज- अरे डर मत.. अन्दर नहीं घुसा रहा हूँ.. बस ऊपर से रगड़ कर मज़ा लूँगा.. प्लीज़ मान जाओ..
रोमा- अच्छा ठीक है.. मगर अन्दर मत घुसड़ेना प्लीज़..
नीरज खुश हो गया और रोमा के ऊपर लेट गया। अब नीरज दोबारा रोमा के मम्मों को चूसने लगा व अपने लंड को चूत के ऊपर घिसने लगा.. जिससे रोमा की कामवासना फिर से जागने लगी।
रोमा- आह.. मज़ा आ रहा है.. उई तुम्हारा लौड़ा चूत के अन्दर जाने की कोशिश कर रहा है.. आई.. रोको दर्द होता है आह..
करीब 5 मिनट तक नीरज रोमा को मसलता रहा.. अब उसके लौड़े का बाँध भी टूटने को आ गया था। वो सीधा बैठ गया और लौड़े को हाथ से पकड़ कर रोमा की चूत पर रगड़ने लगा।
रोमा- आह आई.. मज़ा आ रहा है नीरज.. उह.. दर्द मत करो आह.. ऐसे ही रगड़ो आह..
नीरज धीरे-धीरे चूत की फाँक को उंगली से खोल कर लौड़े का सुपाड़ा चूत में घुसेड़ने की कोशिश करता और रोमा सिहर जाती..
नीरज के लौड़े ने आग उगल दी.. सारा माल रोमा की चूत पर गिर गया अब नीरज ठंडा हो गया और रोमा के एक तरफ लेट गया।
रोमा- आह.. कितना अच्छा लग रहा था.. जब तुम लौड़े को चूत पर घिस रहे थे.. आह.. पानी क्यों निकाला.. थोड़ी देर और करते ना.. आह.. तो मेरा भी पानी निकल जाता..
नीरज- थोड़ा सब्र कर मेरी जान.. लौड़े को खड़ा होने दे.. अबकी बार तेरा पानी लंड से ही निकालूँगा..
रोमा ने ‘आई लव यू नीरज’ कहा और उससे लिपट गई। नीरज ने भी उसको कस कर पकड़ लिया।
बहुत देर तक दोनों ऐसे ही लिपटे रहे और उसके बाद अलग होकर अपने आगे के जीवन की बातें करने लगे कि शादी के बाद ऐसा करेंगे.. वैसा करेंगे।
हैलो दोस्तो, आप तो यार बस जिधर सेक्स देखा.. उधर के ही हो जाते हो.. अब इनकी लाइफ प्लान को सुनकर क्या करोगे.. वहाँ ममता ने राधे को चाय पिला दी होगी.. तो वहाँ का दुबारा का धमाल देखते हैं.. तो चलो..
उम्मीद है कि आप को मेरी कहानी पसंद आ रही होगी.. मैं कहानी के अगले भाग में आपका इन्तजार करूँगी.. पढ़ना न भूलिएगा.. और हाँ आपके पत्रों का भी बेसब्री से इन्तजार है।
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