अल्हड़ पंजाबन लड़की संग पहला सम्भोग-7
(Alhad Panjaban Ladki Sang Pahla Sambhog- Part 7)
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पायल मेरा लण्ड पूरी शिद्दत से चूस रही थी और मैं लण्ड चुसाई का भरपूर आनन्द ले रहा था ‘अह्ह्ह्ह् उफ्फ्फ अह्ह्ह्ह्ह..’
उसके होंठों की.. और मुँह की गर्माहट ने मेरी उत्तेजना को जल्दी ही चरम पर ला दिया। मैं नीचे से कमर हिला कर उसके मुँह को चोदने लगा।
पायल भी तेजी से लण्ड को अन्दर-बाहर करने लगी।
‘अह्ह्ह पायल मेरा निकलने वाला है.. उफ़ पायल मेरा हो जाएगा।’
यह सुन कर पायल ने तुरंत लण्ड को मुँह से निकाल कर जोर-जोर से आगे-पीछे करने लगी।
मैंने भी एक जोर से सिसकारी भरते हुए अपना सारा रस निकाल दिया ‘आआ आआह्ह्हह.. ऊऊऊह्ह्ह ह्ह्ह..’
मेरा रस उछल कर उसके मुँह के ऊपर उसकी चूची पर गिरने लगा।
पायल भी तब तक लण्ड को हिलाती रही.. जब तक मेरा पूरा रस निकल नहीं गया।
मैं पायल को खींच कर उसके होंठों का चुम्बन लेने लगा।
दोनों ही कुछ देर शांत पड़े रहे.. अपनी सांसों को ठीक करने की कोशिश करते रहे। पायल की आँख पूरी लाल थी.. पायल उठी और पास पड़े तौलिये से अपना और मेरा शरीर साफ किया और मेरी बाँहों में लेट गई, फिर मेरी तरफ देखने लगी।
दोस्तो, मैंने अपना रस इसलिए निकाल दिया क्योंकि मैं बहुत उत्तेजित हो चुका था, मैं नहीं चाहता था कि कुंवारी चूत को चोदते वक़्त मैं जल्दी ढेर हो जाऊँ।
मैं- पायल बोलो करना है सेक्स?
पायल- नहीं मुझे नहीं करना।
मैं- फिर?
पायल- वो करो न.. जो सुबह किया था नीचे..
मैं समझ गया कि वो बुर चटवाना चाहती है.. मैंने भी ज्यादा जिद नहीं की और उसको बाँहों में लिया और उसके रेशमी बदन को सहलाने लगा।
जल्दी ही हम दोनों ही फिर से उत्तेजना के सागर में गोते लगाने लगे।
पायल- क्यों तड़पा रहे हो.. राहुल वो करो न.. वहाँ करो न.. आह्ह्ह.. ऊउह्ह्ह।
मैंने भी देर नहीं की और नीचे खिसक कर आया और उसकी टांगों के बीच में बैठ गया और उसके चूतड़ के नीचे एक बड़ा सा तकिया लगा दिया।
अब पायल की चूत मेरे सामने थी।
ओह्ह.. क्या मस्त चूत थी.. हल्के-हल्के रोंये थे.. चूत में एक लम्बी से लकीर.. उसमें से दिखते चूत के होंठ..
मैंने धीरे से उस लकीर पर हाथ फेर दिया।
हाथ फेरते ही पायल के मुँह से सिसकारी निकली- आह आहाअह.. उसकी सिसकारी सुन कर मुझे आनन्द आ गया।
मैंने उसकी टांगों को चौड़ा किया और अपना सर उसकी चूत पर झुका कर जीभ से उसकी चूत की लकीर पर धीरे से चाटा.. तो पायल उछल सी गई और उसकी पूरी चूत मेरे मुँह में समां गई।
पायल ने भी मेरा सर चूत में दबा कर दोनों टांगों को मेरी कमर पर बांध लिया.. मैं भी मदहोश होकर उसकी कमसिन कुंवारी बुर को चाटने लगा।
चूत तो रस पहले से ही छोड़ रही थी और मेरे चाटने से पानी और तेज़ी से बहने लगा जो मैं चटकारे ले कर पी रहा था।
उसकी कमसिन चूत का नमकीन पानी में एक अलग ही स्वाद था.. जो मेरा भी पहला अनुभव था।
पायल भी अपने चूतड़ उछालने लगी.. मेरे बालों को नोंचने लगी, मेरे हाथ उसकी चूची को मसलने लगे।
उसके मुँह से ‘आह्ह्ह.. उह्ह्ह..’ की आवाज़ निकल रही थी, मैं पायल के चूचुक जोर-जोर से मसलने लगा।
कुछ ही देर में पायल चूचे एकदम लाल हो गए और उन पर मेरे दांतों के निशान साफ़ दिखाई दे रहे थे।
जो कुछ देर पहले उसकी चूची को ज़बरदस्त चूसने के परिणाम स्वरूप बन गए थे।
पायल बस सिसकारियाँ भर रही थी और आआहह.. उफ्फ़.. सीईईई..की आवाज़ से कमरा गूंज रहा था।
साथ ही पायल अपने हाथों से मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी। मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी.. पर मुझे वो दिक्कत में मजा भी आ रहा था।
अचानक मुझे लगा कि पायल झड़ने के करीब है.. तो मैंने अपना मुँह वहाँ से हटा लिया.. क्योंकि मैं जानता था कि एक बार पायल झड़ गई.. तो उसकी कुंवारी चूत में लण्ड डालना मुश्किल हो जाएगा।
पायल मेरे बालों को पकड़ कर अपनी चूत के पास खींच रही थी.. पर मैंने भी थोड़ा सा ब्रेक लगा कर उसकी उत्तेजना को कम कर दिया और फिर से बुर को चूसने लगा।
फिर से पूरे कमरे में पायल की ‘आह्ह्ह्ह.. ओह्ह्ह्ह्ह..’ की आवाज़ गूंज रही थी, पायल के कंठ से मदहोशी के आलम में मादक आवाजें निकल रही थीं।
पर जब भी वो अपने चरम पर आती.. तब मैं मुँह हटा लेता।
पायल- क्या कर रहे हो राहुल.. करो न।
मैं- अभी रुको करता हूँ।
पायल- राहुल कुछ करो मेरे अन्दर अजीब सी सिहरन है.. ऐसा लगता है कि कुछ बाहर आने वाला है.. पर तब तुम रुक जाते हो.. मुझसे बर्दाश्त नहीं होता.. कुछ करो राहुल।
यह कह कर उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया और उसको जोर-जोर से मसलने लगी।
मैंने भी उसका सर लण्ड पर झुका दिया उसने भी मेरी मंशा समझ कर पूरा लण्ड मुँह में लेकर अपने थूक से गीला-गीला करके चूसने लगी।
थोड़ी ही देर में लण्ड अपनी पर लम्बाई और मोटाई में आ गया। अब मैं उठा और जैली निकाल कर उंगली में लेकर उसकी चूत के मुहाने पर लगाने लगा, धीरे से उंगली छेद में डाल दी।
‘आई ओह्ह्ह्ह..’ वो दर्द से उछल पड़ी।
छेद छोटा था.. पर वो 20 साल की भरपूर यौवना थी.. जो मेरे लण्ड को आराम से चूत में ले सकती थी।
मैंने उसके दर्द की परवाह किए बगैर उंगली से चोदना चालू कर दिया, थोड़ी देर में उसको भी मज़ा आने लगा।
चूत का रस और जैली का कमाल था कि उसकी चूत का छेद बड़ा हो कर सटासट उंगली को अन्दर-बाहर कर रहा था।
फिर दूसरी उंगली भी धीरे-धीरे करके उसकी चूत में डाल दी।
‘आह्ह्ह्ह..’ की हल्की आवाज़ आई.. पर वो आराम से दो उंगलियों को बर्दाश्त कर गई। मैंने थोड़ी जैली को और ले कर अच्छे से उसकी चूत की मालिश की।
दोस्तो, ये वाली जैली एक ऐसी मेडिसिन है.. डॉक्टर्स भी इसकी सलाह देते हैं। इससे चूत की मांशपेशियों में लचीलापन आ जाता है और चूत को लण्ड लेने में ज्यादा दिक्कत नहीं आती और दर्द भी कम होता है।
पायल अपने चरम पर थी.. पर मैं उसको अंत तक नहीं पहुंचने दे रहा था।
पायल- राहुल कुछ करो न.. मेरे से अब सहन नहीं होता.. डाल दो अब अपना..
मैं- क्या?
पायल- राहुल मुझे पता है कि तुम मुझको क्यों तड़पा रहे हो.. बस मेरी भी अब इच्छा है कि तुम मेरे अन्दर आ जाओ.. डाल दो अपना..
यह कह कर उसने मेरा लण्ड जोर से दबा दिया।
मैं- पक्का ना.. बाद में शिकायत ना करना।
पायल- नहीं करूँगी.. बस अब तुम जल्दी से अपना डाल दो.. और मुझे भी शांत कर दो।
मैंने भी सुन कर देर नहीं की.. उसके पैरों के बीच में आ कर अपना मूसल जैसे लण्ड का सुपारा उसकी चूत की लकीर में ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर रगड़ने लगा.. जिसके परिणाम स्वरूप उसकी चूत के रस से मेरा लण्ड भी चिकना हो गया।
फिर मैं लण्ड को उसकी चूत के भगनासे से रगड़ कर उसे बेचैन करने लगा क्योंकि मुझे मालूम था कि वो जितना अधिक बेचैन होगी.. जितना उत्तेजित होगी.. उतना ही वो कम दर्द महसूस करेगी।
मेरा लण्ड पूरी तरह से और भी गीला हो चुका था चूत के रस से.. जो लगातार उसकी चूत से बह रहा था। उसकी चूत का ये रस चूत और लण्ड को गीला कर रहा था।
अब वो पूरी तरह छटपटाने लगी, उसकी चूत काफ़ी गर्म थी और पूरी तरह से गीली हो गई थी।
वो ‘उउउ एयेए उउउ एयेए..’ की आवाज़ निकालने लगी।
मैंने भी लण्ड को छेद पर सैट किया और उसके हाथों को जोर से पकड़ा और एक जोरदार शॉट लगाया.. पर लण्ड चूत के चिकनापन से फिसल गया।
मैंने फिर से लण्ड को सैट किया और पायल के हाथ को पकड़ कर लण्ड पर रख दिया। पायल ने भी समझदारी दिखाई.. अपनी कमर हिला कर लण्ड को अच्छे से चूत पर सैट कर लिया।
मैंने उसके कन्धों को पकड़ा और करीब-करीब उस पर लेट ही गया, फिर मैंने अपने चूतड़ को पीछे करके शॉट लगाया।
अबकी बार सुपारा अन्दर चला गया।
उसकी चीख निकल गई ‘ऊऊऊ ईईईई.. राहुल उई..’
पर मैं तैयार था.. मेरे हाथ उसके कन्धों पर.. और होंठ उसके होंठ पर.. शरीर का भार उसके जिस्म पर था।
वो तड़प रही थी.. मचल रही थी.. पर वो बेबस थी।
अगली बार फिर से कोशिश की.. कुछ सेकंड के बाद का जोरदार धक्का उसकी बुर की झिल्ली को फाड़ता हुआ मेरा लण्ड उसकी बुर में आधा समां गया।
पायल की घुटी हुई चीख उसके मुँह में ही रह गई ‘ओऊह्ह्ह.. ह्ह्ह्ह.. ऊईईईई.. मम्मीईई रे.. आह्ह्ह्ह.. मर गईई..’
एक और कोशिश में पूरा लण्ड समां गया था।
जिससे उसकी फिर से भयानक चीख निकली.. पर मुँह बंद होने के कारण आवाज़ कमरे के बाहर नहीं जा सकी।
‘नहीं.. नहीं.. प्लीज़.. बाहर.. निकालो.. निकलो बाहर.. मुझे नहीं करना.. मैं मर जाऊँगी.. निकालो निकालो..’
उसकी आवाज़ दर्द का बखान करने लगी।
उसकी आँखों में आंसू.. चूत से बहता गर्म खून.. दर्द की लकीर चेहरे पर थी।
वह एक बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी और मुझे धक्का देने की कोशिश करने लगी।
पायल- राहुल प्लीज.. बहुत लग रही है प्लीज बाहर निकलो.. मम्मीइइई..
मैंने उसे जोरदार मजबूती से पकड़ रखा था.. जिसके कारण वह नाकाम रही।
उसकी आंखों से आंसू बहने लगे।
तरस तो बहुत आया मुझे.. उसके दर्द पर.. लण्ड मेरा भी जकड़ सा गया था उसकी चूत में.. पर दोस्तो, यही वो पल होता है जब एक लड़का बिल्कुल बेदर्दी हो जाता है, दया बिल्कुल नहीं दिखाता क्योंकि अगर अभी दया दिखाई.. तो ज़िंदगी भर पछताना होगा।
मैं भी थोड़ा रुक गया और पायल के गाल को सर को बदन को सहलाने लगा, उसकी चूची को मुँह में भर कर चूसने लगा।
पायल मुझको लगातार धकेल रही थी। वो मेरी गिरफ्त से निकलना चाहती थी।
मैं- पायल बस हो गया.. देखो पूरा अन्दर जा चुका है।
पायल ने रोते हुए कहा- राहुल तुम बहुत गंदे हो.. मेरा क्या हाल कर दिया.. कितना दर्द हो रहा है।
मैं- पायल जो दर्द होना था.. हो गया.. यकीन करो मेरा.. अब दर्द नहीं होगा और जो थोड़ा सा होगा भी.. तो वो भी गायब हो जाएगा।
पायल- मुझे पता था दर्द होता है.. पर इतना दर्द होगा ये नहीं पता था। शायद तुम्हारा बहुत बड़ा और मोटा है और मेरा छेद छोटा है।
मैंने उसके गाल पर चुम्मी लेते हुए उसके होंठों को चूसने लगा और कहा- नहीं यार अब बिल्कुल दर्द नहीं आएगा.. तुमको भी अब अच्छा लगेगा।
अब पायल ने चुदास की अतिरेकता के चलते मेरे साथ चुदाई का मन बना सा लिया था और मैं भी उसके अन्दर पहली चुदाई से होने वाले दर्द को लेकर उसको समझा रहा था.. उसको मना रहा था।
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कहानी जारी है।
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