दोस्त की दुल्हन के साथ सुहागरात
(Xxx Virgin Girl Fuck Kahani)
Xxx वर्जिन गर्ल फक कहानी में हम दोस्तों के ग्रुप में एक लड़की थी जो मेरी ख़ास दोस्त थी. पर उसकी जॉब बाहर लग गयी और एक दिन उसने बताया कि वह मेरे एक दोस्त से शादी कर रही है.
मेरा नाम साहिल अग्रवाल है और मैं बरेली से हूँ.
मेरी उम्र 34 साल है, मेरी हाईट 5.5 फुट है.
मैं दिखने में सुंदर हूँ और मैं अमीर बिजनेसमैन हूँ।
मेरी पिछली कहानी थी:
छोटी साली का बजाया पूरा बाजा
यह Xxx वर्जिन गर्ल फक कहानी आज से पांच साल पहले की है.
हमारा एक फ्रेंड्स ग्रुप था.
ग्रुप में एक लड़की जिसका नाम नैंसी था और एक लड़के का नाम अनिल था.
दोनों मेरे अच्छे दोस्त थे.
नैंसी से मेरी ज्यादा अच्छी वाली दोस्ती थी और हमारे बीच किसिंग तक बात पहुँच गई थी.
नैंसी की हाईट 5 फुट 2 इंच थी, रंग गोरा, गाल फूले हुए और आँखे बड़ी-बड़ी थी.
उसके होंठ पतले और बाल लंबे, बूब्स 36 और कमर 26, कूल्हे 36 थे.
वह बहुत सेक्सी थी.
लेकिन तभी नैंसी की जॉब बाहर लग गई थी.
उसके बाद से मेरी और नैंसी की मुलाकात कम हो गई, बस कभी-कभी फोन पर बात होती थी.
कुछ दिन बाद नैंसी का कॉल आया कि वह और अनिल शादी कर रहे हैं.
उसने मुझे शादी में बुलाया था.
दूसरी तरफ अनिल ने भी मुझे अपनी शादी के बारे में बताया और अपनी शादी में निमंत्रित किया.
अनिल के परिवार में उसके पापा-मम्मी और उसकी 19 साल की बहन रचना जो 12वीं क्लास में पढ़ती थी, और उसका एक छोटा भाई भी था.
शादी के दिन नैंसी ने लाल रंग की साड़ी पहनी थी.
उसने जो ब्लाउज पहना था, उसका गला भी बहुत गहरा था जिससे उसके बूब्स के ऊभार के साथ दोनों बूब्स के बीच की लाईन साफ दिख रही थी.
मैं नैंसी को पहले से ही चोदना चाहता था, लेकिन तब उसकी जॉब लग जाने के कारण से ऐसा कर नहीं पाया था.
और अब जब उसकी शादी हो रही थी तो मुझे अफ़सोस हो रहा था कि आज तो उसे अनिल छोड़ेगा, जम कर उसके इस खूबसूरत जिस्म का मज़ा लेगा और जमकर उसकी चूत को रौंदेगा.
दोनों की शादी हुई, हम कुछ दोस्त उन दोनों के पास गये और उन्हें शादी की बधाई दी.
फिर अपने-अपने घर जाने के लिए तैयार हुए.
तब अनिल ने कहा- अरे अभी तुम लोग घर नहीं जाओगे, आज तो मेरे पास पार्टी करने का आख़िरी मौका है.
हम 5 दोस्त थे, हम अनिल के घर गये.
आज अनिल की सुहागरात थी और उसका घर छोटा था तो इस वजह से उसके सारे घर वाले और रिश्तेदार उनके दूसरे घर पर रुके थे.
फिर हम सब अनिल के घर पर पहुँच गये.
अनिल और उसकी पत्नी नैंसी ऊपर चले गये और हम 5 दोस्त नीचे बैठ के गप्पे मारने लगे.
अनिल हमें ऊपर जाने से पहले वाईन की एक बोतल देकर गया था, हमने वो बोतल खोलकर एक एक पेग लगाया.
तब तक अनिल भी ऊपर से कपड़े चेंज करके आ गया और बोलने लगा- तुम सबने मेरे बिना ही पार्टी शुरू कर दी?
मैंने मज़ाक किया- हमें तो लगा कि तू तो अब सुबह ही हमसे मिलेगा, इतनी जल्दी तेरा काम हो गया?
यह बात बोलकर हम सब दोस्त हंसने लगे.
अनिल भी हमारे साथ बैठते हुए बोला- अबे सालो, अभी तो मैंने सिर्फ़ चाय पी है. डिनर तो अभी बाकी है. और उसके लिए थोड़ा मूड बनाना पड़ेगा.
फिर हम सबने मस्ती मज़ाक के साथ पूरी बोतल जल्द ही खाली कर दी.
तभी हम में से एक रजत ने कहा- क्या अनिल, हम 6 लोग और बोतल सिर्फ़ एक? ये ग़लत बात है.
हम सबको थोड़ी थोड़ी वाईन चढ़ने लगी थी लेकिन शायद अनिल को ज्यादा ही चढ़ गई थी.
वह जोश में आकर तुरंत एक और बोतल निकाल लाया और हमें देते हुए कहा- सालो, आज जमकर पियो. मेरे पास और स्टॉक में पड़ी है, जितनी चाहो उतनी पियो.
तब मैंने अनिल से कहा- तुझे भी हमारा साथ देना पड़ेगा.
तो अनिल मान गया और कहा- मैं बस 2 और पेग लूँगा, फिर चला जाऊंगा.
फिर सबका नया पेग बना, सबने अपना पेग ख़त्म किया.
इतने में हमारे साथ के 3 दोस्तों ने कहा- यारो, अब हम चलते है, हमें बहुत दूर जाना है. तुम लोग पार्टी चालू रखो.
वे निकल गये.
अब वहां मैं, अनिल और रजत थे.
मेरा और रजत का फ्लैट पास में ही था इसलिए हमें कोई जल्दी नहीं थी.
रात के अभी 12 बज रहे थे.
हमें पार्टी करते हुए 45 मिनट हो गए थे.
फिर रजत ने एक-एक और पेग बनाया.
इस बार का पेग पहले से डबल साईज़ का था.
अनिल को बहुत चढ़ गई थी, वह ये पेग लेने से मना कर रहा था लेकिन हमने उसे ज़बरदस्ती वो पेग लेने को मना लिया और कहा- ये पेग ख़त्म कर और जाकर नया पेग खोलकर देख और मज़े ले.
उसने भी हँसते हुए कहा- हाँ यारो, मेरी डार्लिंग मेरा इंतजार कर रही होगी. मैं कितने दिनों से उसे बोल रहा था कि जो काम शादी के बाद करना है, वो हम अभी ही कर लेते हैं. लेकिन वह हमेशा मना करती रही कि नहीं … शादी के बाद इसका अलग ही मज़ा होता है. इसलिए सेक्स शादी के बाद ही करना चाहिये. आज तो मैं उसकी सारी अकड़ निकाल दूँगा.
वैसे भी शराब पीने के बाद अच्छे अच्छे बहक जाते हैं, उन्हें पता भी नहीं होता कि वो क्या बोल रहे है और क्या कर रहे हैं.
हम सबने अपना पेग ख़त्म किया और सिगरेट जलाई.
थोड़ी देर के बाद मैं बाथरूम गया और 10 मिनट के बाद बाहर निकला.
तब तक रजत अपने घर जा चुका था और अनिल वहीं सो गया था.
वह जोश में शायद ज्यादा ही पी गया था.
चढ़ तो मुझे भी गई थी लेकिन मैं अब भी होश में था.
मैंने अनिल को जगाने कि कोशिश भी की लेकिन वो जागा नहीं.
तब मैंने सोचा कि ऊपर जाकर नैंसी को बता देता हूँ कि अनिल नीचे सो गया है और मैं अब घर जा रहा हूँ, वो नीचे आकर दरवाजा बंद कर ले.
यह सोचकर मैं ऊपर गया.
उसके बेडरूम का दरवाजा लॉक नहीं था बल्कि ऐसे ही सटा हुआ था.
मैंने हल्का सा धक्का देकर दरवाजा खोला और देखा अंदर बेड पर गुलाब के फूल बिखरे पड़े थे.
कमरा फूलों से सज़ा था और नैंसी ने सफ़ेद और गुलाबी नाइटी पहनी हुई थी.
मैं उसके बेड के पास गया तो देखा कि उसकी नाइटी उसके घुटनों से ऊपर उठी हुई थी.
उसके गोरे गोरे पैर चमक रहे थे, उसकी मोटी मोटी जांघें दिख रही थी. उसकी नाइटी भी बहुत पतली और पारदर्शी थी जिससे उसका गोरा बदन साफ दिख रहा था.
मेरी नज़र उसके बूब्स पर गई जो दूध की तरह एकदम सफ़ेद रहे और आधे बाहर थे.
अब मेरे मन का शैतान जाग गया था और मैंने अनिल की जगह खुद ही सुहागरात मनाने का प्लान कर लिया.
मैं वहीं बेड पर उसके पास बैठ गया और उसकी नाइटी को और ऊपर सरकाकर उसकी कमर तक कर दी.
अब उसकी मोटी मोटी जांघें और गुलाबी पेंटी साफ दिख रही थी.
पेंटी में उसकी चूत का उभार और चूत के बीच की लाईन भी साफ दिख रही थी.
मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था … मैंने उसकी जांघों को सहलाना शुरू किया.
और जैसे ही उसकी चूत पर मेरा हाथ गया तो वह जाग गई.
पहले तो उसे लगा कि अनिल है तो उसने कुछ नहीं कहा.
फिर उसे अहसास हुआ कि ये अनिल नहीं है तो वह झट से उठकर बैठी और अपने कपड़े ठीक करते हुए बोली- तुम यहाँ क्या कर रहे हो? अनिल कहाँ है?
तो मैंने उससे कहा- अनिल नीचे पीकर सो गया है. मैं तो घर जा रहा था और अनिल जाग नहीं रहा था इसलिए तुम्हें बताने ऊपर आया. पर तुम्हारे खूबसूरत जिस्म को देखकर रुक गया.
मैंने उसे अपनी बांहों में कसकर पकड़ लिया और उससे बोलने लगा- नैंसी डार्लिंग, आई लव यू वेरी मच! मुझे नहीं पता था कि तुम इतनी सेक्सी हो! तुम्हारा पहला प्यार तो मैं हूँ. इसलिए तुम्हारे इस जिस्म पर पहला हक तो मेरा बनता है.
और मैं उसे किस करने लगा.
वो मुझसे से छूटने की कोशिश करती हुई बोली- साहिल, तुम होश में नहीं हो. यह ग़लत है. मैं अब अनिल की पत्नी हूँ और अनिल तुम्हारा दोस्त है. तुम उसके साथ धोखा नहीं कर सकते.
मैंने कहा- मैं कौन सा तुमसे शादी कर रहा हूँ. और ना ही अपने दोस्त अनिल से उसकी पत्नी को चुरा रहा हूँ. मैं तो बस तुमसे प्यार करना चाह रहा हूँ. कल से तो अनिल तुम्हें प्यार करेगा ही!
नैंसी ने मुझे कहा- साहिल, तुम पागल हो गये हो!
मैंने उसे कहा- हाँ … पागल तो मैं हो ही गया हूँ. तुम जानती हो कि मैं तुमने कितनी मुहब्बत करता हूँ. जॉब के कारण तुम मुझसे दूर हो गयी और अनिल के करीब चली गयी. मुझे पता है कि तुम मुझे दिल से चाहती थी और अब भी चाहती हो!
अब वह रोने लगी- हाँ साहिल, तुम ही मेरा पहला प्यार हो. लेकिन अब …
मैंने उसकी एक ना सुनी और उसे बेड पर लेटा दिया और उसके होंठों को चूसने लगा और अपने हाथों से उसके दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा.
अब वो भी मेरे पुराने प्यार की बातों से भावना में बह चुकी थी. वह समर्पण का मन बना चुकी थी.
लेकिन मुझे तो बस उसे चोदने से मतलब था.
मैं भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा.
उसकी मेहंदी से रचे हाथों में लाल रंग की चूड़ियाँ भरी हुई थी और उसके बूब्स बेरहमी से मसले जा रहा था.
मैं उसके होंठों और गालों को चूमने के साथ साथ अपने दांत भी चुभा रहा था और वह बस कसमसा रही थी.
फिर मैंने उसकी नाइटी को निकाल कर उसके ज़िस्म से अलग कर दिया और उसकी ब्रा को भी खोलकर फेंक दिया.
अब उसके दूध जैसे सफेद और बड़े बड़े बूब्स मेरी आँखों के सामने थे.
मैंने एक स्तन को अपने मुँह में भर लिया और दूसरे को हाथों से मसल रहा था.
उसके निप्पल को भी मैं अपनी उँगलियों से बीच बीच में ज़ोर से मसल भी रहा था.
फिर 15 मिनट तक मैं उसके बूब्स के साथ खेला फिर नीचे की तरफ आया.
उसके सपाट पेट और गहरी सी नाभि में मैं अपनी जीभ फेरने लगा.
अब वह भी गर्म हो रही थी और मज़े ले रही थी.
उसके मुँह से सिसकारियां निकल रही थी और वह अपने हाथ से मेरे बालों को सहला रही थी.
मैं थोड़ी देर के लिए उठा और झट से अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगा होकर उसके ऊपर सवार हो गया.
उसके ज़िस्म पर सिर्फ़ एक गुलाबी पेंटी थी जिसके नीचे उसकी फूली हुई चूत छिपी हुई थी.
मैंने झट से उसकी पेंटी को निकाल कर फेंक दी.
अब उसकी नंगी चूत मेरी आँखों के सामने थी.
उसने अपनी चूत के बाल आज ही साफ किए होंगे क्योंकि उसकी चूत एकदम चिकनी थी, बालों का कहीं कोई निशान नहीं था.
उसे पता था कि आज उसकी चूत चुदेगी इसलिए उसने इसे पहले ही साफ कर लिया था.
मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था.
मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर चिपका दिया और मैं उसकी चूत को कुत्ते की तरह चाट रहा था.
वह ज़ोर जोर से सिसकार रही थी और मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा रही थी.
मेरे हाथ उसकी मांसल जांघों पर फिसल रहे थे और मेरी जीभ उसकी चूत में सुराख खोज रही थी.
फिर 10 मिनट तक उसकी चूत चाटने के बाद वह झड़ गई.
उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और उसका शरीर कांपने लगा.
उसने मेरे सिर को अपनी चूत से अलग किया.
मैं उसकी चूत को छोड़कर उसकी जांघों को चूमने लगा.
उसकी नंगी टाँगें भी एकदम सफ़ेद और एकदम चिकनी थी.
मेरे लगातार चूमने से उसे बहुत मज़ा आ रहा था और वह ज़ोर जोर से सिसकार रही थी.
वह बार बार कह रही थी- फक मी … ओह आहह … यू आर ग्रेट साहिल! तुमने मुझे पागल कर दिया! ओह … बहुत मज़ा आ रहा है. आआ अई हह! अगर मुझे पहले पता होता कि सेक्स में इतना मज़ा आता है और तुम मुझे इतना मज़ा दोगे तो मैं तुमसे पहले ही ये सब करवा चुकी होती!
वह बड़बड़ाये जा रही थी.
फिर मैंने उसे पेट के बल लेटा दिया.
अब मैं उसकी पीठ और कमर को चूमे जा रहा था और वह मादक अदा से बेड पर मछली की तरह तड़प रही थी.
अब मैं उसकी गांड तक पहुँच गया.
उसकी गांड बहुत कोमल और चिकनी और बड़ी थी.
मैंने उसकी गांड पर भी किस करना शुरू कर दिया.
मैं उसके कूल्हों को अपने दांतों से काट भी रहा था और अपने हाथ से उसके कूल्हों को मसल भी रहा था.
वह बेड पर उछल रही थी.
मैंने अपनी जीभ उसकी गांड के छेद में डाल दी और अन्दर तक डालने लगा.
नैंसी पूरी मस्त हो गई थी, उसका खुद पर कंट्रोल नहीं रहा था.
अब देर न करते हुए नैंसी अचानक से पलट गई और उसकी लाल वासना से भरी आंखें देखकर मेरा भी हाल एक जानवर सा हो गया.
हम दोनो सेक्स के दौड़ते घोड़े पर फुल स्पीड में थे अर्थात दोनों अपना आपा खो चुके थे.
अचानक से नैंसी ने मेरे होंठ पर होंठ रख दिए और हम दोनों जानवरों की तरह एक दूसरे को किस करने लगे.
किस इस तरह था कि हम दोनों की मुंह की लार एक दूसरे में मिली जा रही थी.
दस मिनट किस करने के बाद हम दोनों अलग हुए.
मैंने अब देर न करते हुए अपना लन्ड बाहर निकालकर नैंसी के हाथों में दे दिया.
मेरा मोटा लन्ड पकड़कर वह सिसकारियां भरती हुई अपने हाथ से जोरदार तरीके से मुठ मारने लगी. जिससे मैं और उत्तेजित हो गया और उसकी गांड पर चांटे ही चांटे बरसाने लगा.
हम अब अपने अंतिम सेक्स के लिए पूरी तरह से तैयार थे.
मैंने उसकी गुलाबी चूत पर ढेर सारा थूक लगाया और टांगों को कंधों पर डालकर पूरा लन्ड उसकी रसीली चूत में घुसा दिया.
अब हम दोनों एक दूसरे में समा जायें … इस तरह से एक दूसरे के ऊपर पूरे जोश से धक्के लगा रहे थे.
मैं उसकी चूत में लन्ड पेल रहा था और वह अपने गोरे चूतड़ उठा उठा कर पूरा लन्ड अन्दर ले रही थी.
Xxx वर्जिन गर्ल फक से पूरा कमरा जोरदार सेक्सी आवाजों से गूंज रहा था.
वह किसी बाजारू रण्डी को तरह मुझे गाली बक रही थी और मैं उसे बेरहमी से चोदते हुए अपनी हवस की भड़ास गालियों बकते हुए निकाल रहा था।
आज वह पूरी तरह से अपना पूर्ण सेक्स करने को आतुर थी.
बीस मिनट चोदने बाद हम दोनों अलग हुए.
वह अब तक झड चुकी थी.
उसका शरीर कांपता रहा और चूत झटके मार मारकर पेशाब के साथ पानी भी छोड़ रही थी.
पूरा तकिया और बेड गीला हो गया था.
लेकिन मेरा लंड था कि झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था.
अब वह पूरी तरह बेजान सी बेड पर पड़ी थी.
ऐसा लग रहा था कि जैसे उसके शरीर में कोई जान ही नहीं है.
मैंने उसे उठाकर बेड के किनारे पर किया और उसे पेट के बल बेड पर लेटाया और उसके पैरों को नीचे ज़मीन पर कर दिया और उसकी टाँगें फैलाकर मैंने उसे घोड़ी बनाया और फिर से उसकी चुदाई करने लगा.
मेरे झटके से उसके बड़े बड़े कूल्हे हिल रहे थे.
वह अब भी बेजान सी पड़ी हुई थी.
लेकिन मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उसे चोदता रहा.
फिर 10 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गया और मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में ही डाल दिया और उसकी पीठ पर ही लेट गया.
5 मिनट तक मैं उसके ऊपर ही लेटा रहा, फिर उठकर अलग हुआ और अपने कपड़े पहनने लगा.
तब तक नैंसी भी उठकर बेड पर बैठ गई थी.
मैंने उसकी तरफ देखा और स्माइल की तो उसने भी रिप्लाई में स्माइल की.
तब मैंने कहा- अब मैं जा रहा हूँ.
हम लोगों को ये सब करते हुए 3 घंटे हो गये थे और रात के 3 बज रहे थे.
तब नैंसी ने बेड की हालत देखी और बोली- देखो तुमने बेड की और मेरी क्या हालत कर दी है. आधी रात तो चुदने में निकल गई और बाकी की रात ये सब साफ करने में निकल जायेगी.
वह बेड से उतरने लगी, जैसे ही वो खड़ी हुई तो थोड़ी लड़खडाई तो मैंने उसे थाम लिया.
फिर वो बोली- तुम्हारे लंड की चुदाई की वजह से मुझसे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा है. अब ये सब साफ कैसे होगा?
तो मैंने कहा- मैं तेरी मदद कर देता हूँ.
फिर मैंने उसके बेड के गद्दे को पलटकर बिछा दिया और नैंसी लंगड़ाती हुई दूसरा चादर ले आई और हम दोनों ने चादर बिछा दी और तकिये और चादर को नैंसी ने वॉशिंग मशीन में डाल दिया.
फिर मैंने उससे कहा- तुम नहा लो तो तुम्हें कुछ आराम मिलेगा.
वह नहाने बाथरूम में चली गई और मैं भी नीचे आया.
देखा कि अनिल तो अब भी बेहोश लेटा हुआ है.
उसे तो पता भी नहीं कि उसके कुछ किये बिना ही उसकी नई नवेली पत्नी की सुहागरात मन चुकी है.
मैंने वहां पड़ी सिगरेट उठाई और जलाते हुए ऊपर नैंसी के कमरे में आ गया.
नैंसी अन्दर बाथरूम में नहा रही थी और दरवाजा खुला ही था.
मैं दरवाज़े पर जाकर खड़ा हो गया.
नैंसी खड़ी होकर शॉवर ले रही है और नीचे फर्श पर पानी लाल होकर पड़ा था.
पानी में भीगा उसका गोरा सफेद जिस्म देखकर मेरा शैतान फिर जाग गया.
मैं बाथरूम में जाकर उसके पीछे खड़ा हो गया.
मैंने अपना लन्ड उसके उभरे नितम्बों पर टिकाया तो वह चौंक पड़ी.
पीछे से मैंने उसके दोनों रसभरे मम्मे पकड़े और किस करने लगा.
नैंसी को जोरदार चुदाई के बाद थकान ज्यादा थी तो उसने एक और राउंड लगाने से मना किया और मेरा लन्ड अपने मुंह में लेकर मुझे शांत किया.
फिर 2 मिनट के बाद नैंसी बाहर आई, अपनी ब्रा और पेंटी पहनी और नाईटी पहनते हुए बोली- अब तुम जाओ, मैं ठीक हूँ.
हांलाकि वह थोड़ा लंगड़ा कर चल रही थी.
फिर मैंने उसे एक बार और किस किया और उसके बूब्स को दबाते हुए कहा- जब कभी भी मेरे साथ सेक्स का मन करे तो बोल देना.
उसने कहा- नहीं, आज के बाद कभी नहीं! तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी है, तुम जानवर हो. मेरी चूत भी बुरी तरह जल रही है.
मैंने उसके कूल्हों पर थपकी मारते हुए कहा- कोई बात नहीं जान, कल सुबह तक तुम ठीक हो जाओगी.
मैं यह कहकर नीचे आ गया और पीछे पीछे नैंसी भी आई.
मैंने नैंसी को बाय किया और उसने दरवाजा बंद कर दिया.
तब मैंने अपनी कार स्टार्ट की और अपने फ्लैट पर चला गया.
दोस्तो, आशा करता हूं आपको मेरी Xxx वर्जिन गर्ल फक कहानी पसंद आएगी.
कृपया अपने सुझाव मेरी मेल आईडी [email protected] पर अवश्य भेजें।
धन्यवाद।
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