सेक्सी पत्नी को जवान नौकर से चुदवाया- 4
(Xxx Husband Dirty Sex Fantasy)
Xxx हसबैंड डर्टी सेक्स फंतासी पूरी हो गयी इस कहानी में जब उसने अपने सामने अपनी सेक्सी बीवी को अपने घरेलू नौकर से चुदवा दिया. नौकर ने अधनंगी मालकिन की चूत में लंड पेल दिया.
दोस्तो, मैं राकेश जैन अपने साथी भोगीराज की मदद से आप सब तक अपनी सेक्स कहानी पहुंचाने का प्रयास कर रहा हूँ.
कहानी के तीसरे भाग
गर्म पत्नी को नौकर से चुदवाने की साजिश
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि दारू पीते समय मेरी बीवी उर्मी ने नौकर चंदू को बुरी तरह से डांट कर उसकी इंसल्ट कर दी थी.
जिस युवा नौकर से मैं अपनी बीवी की चुदाई का सपना देख रहा था, उसी नौकर की बेइज्जती करके मेरी बीवी ने शायद मेरे प्लान पर पानी फेर दिया था.
अब आगे Xxx हसबैंड डर्टी सेक्स फंतासी:
मैं- अरे यार, उसे तुम क्यों डाट रही हो. उसे पीने दो और तुम भी पियो. लो एक गिलास और मेरी जान!
उर्मी मना करती रही लेकिन मैंने उसे एक के बाद एक दो गिलास पिला दिया.
अब उर्मी पूरी तरह से आउट ऑफ कंट्रोल थी. उसकी आंखें बहुत झपक रही थीं.
इसका मतलब साफ था कि अब उसे ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था.
तभी मैं अपना एक हाथ उर्मी के पीछे ले गया और उसके पल्लू धीरे से नीचे सरका दिया.
अब उसका गोरा पेट, मालदार कमर और गहरी नाभि साफ दिखने लगी.
उर्मी का दिल जोर जोर से धड़क रहा था.
इसलिए उसके बूब्स ऊपर नीचे हिल रहे थे और काले रंग के ब्लाउज में तो उर्मी बिल्कुल कयामत लग रही थी.
उर्मी का सेक्सी क्लीवेज मेरा तो मन किया कि अभी इसका ब्लाउज खोल कर, इसके चूचे आजाद कर दूं.
यह सब देख कर चंदू की आंखों में भी चमक आ गई थी और उसका लंड धीरे धीरे खड़ा हो रहा था.
अभी मैंने उर्मी को चंदू के लंड की तरफ इशारा किया.
चंदू के पैंट में तम्बू देख कर उर्मी शर्मा गई और उसने अपना सर नीचे झुका लिया.
मैं- अरे इसमें शर्माने की क्या बात है मेरी रानी, तुम्हारा गोरा बदन देख कर किसका लंड खड़ा नहीं हो जाएगा.
मैंने लंड कहा, तो उर्मी बोली- अच्छा अब मैं चलती हूं.
उर्मी जैसे ही जाने को हुई, मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया.
मैं- अरे मेरी जान रुको तो, कहां जा रही हो … अपने दो दो आशिकों को इस तरह से तड़पा कर यूं न जाओ!
उर्मी- दो आशिक!
मैं- हां. मैं और चंदू!
उर्मी- यह क्या बोल रहे हो आप? चंदू का नाम क्यों लिया. वह तो बड़ा अच्छा बच्चा है.
मैं- अच्छा बच्चा है और शराब पी रहा है! देखो बेचारा कैसे तुम्हें प्यासी नजरों से देख रहा है … और तुम्हारे यहां का इंतजार कर रहा है.
उर्मी- किस बात के लिए … हां!
मैं- तुम्हारी सेवा करने के लिए. एक बार तुम हां तो करो. फिर देखो ये कैसे तुम्हारी सेवा करता है!
इस पर उर्मी शर्मा गई और मुस्कुराती हुई कमरे की ओर जाने लगी.
उर्मी ने अपने पल्लू को कंधे पर नहीं रखा था.
उसकी साड़ी का पल्लू नीचे जमीन पर लोट रहा था और उसकी नंगी दूधिया कमर और आधी नंगी छाती देख देख कर चंदू अपना लंड मसल रहा था.
तभी उर्मी का पैर फिसला और वह गिरने लगी.
लेकिन चंदू ने दौड़कर उसे अपनी बांहों में थाम लिया.
चंदू ने एक हाथ से उसके नंगी पीठ को तो दूसरे हाथ से उसकी नंगी दूधिया कमर को पकड़ रखा था.
जब चंदू ने उसे नीचे से ऊपर की ओर खींचा तो उर्मी के होंठ चंदू के होंठों से टकरा गए- संभल कर भाभी. आप गिर जाएंगी.
चंदू के मुँह से उर्मी के लिए अचानक भाभी शब्द सुनकर मेरे शरीर में करंट दौड़ गया.
जब उर्मी अच्छी तरह से खड़ी हुई तब तक वह पूरी तरह से चंदू की बांहों में थी.
अब चंदू अपने एक हाथ से उर्मी की गांड को साड़ी के ऊपर सहला रहा था और साथ में उसकी नंगी कमर को भी हल्का-हल्का दबा रहा था.
यह नजारा देखकर मेरे शरीर में एक झनझनाहट सी हुई.
आज पहली बार मैं अपनी पत्नी को किसी गैर मर्द की बांहों में देख रहा था.
उर्मी- ठीक है अब हटो, दूर हटो मुझसे!
ऐसा कहती हुई उर्मी कमरे के अन्दर चली गई.
चंदू- भैया, भाभी तो चली गईं. अब मेरा क्या होगा. मैं तो प्यासा ही रह गया! प्लीज कुछ कीजिए साहब … अब 3 महीने में से सिर्फ 2 महीने ही रह गए हैं. मैं ज्यादा से ज्यादा मैडम को चोदना चाहता हूं.
मैं- घबराओ मत चंदू आज तू ही उर्मी को चोदेगा. मैंने तेरी उर्मी के साथ चुदाई का पूरा प्लान बना लिया है. अभी मैं कमरे में जाता हूं. मैं कमरे का दरवाजा खुला रखूंगा और जैसे ही मैं तुम्हें इशारा करूं, तुम मेरे पास आ जाना.
चंदू- पर भाभी!
मैं- घबराओ मत, आज तेरी भाभी को कुछ पता नहीं चलेगा … और अगर पता चल भी गया तो कोई बात नहीं … आज वह बहुत प्यासी है. उसे बस लंड चाहिए. चाहे किसी का भी हो. आज तेरा लंड उर्मी के चूत में जरूर जाएगा.
मैं कमरे में गया और जाते ही सबसे पहले लाइट बुझा दी.
मैंने देखा कि उर्मी अपने साड़ी का पल्लू कंधे पर रख कर पीठ के बल अच्छे से लेटी है.
मैंने कंधे से पल्लू को हटाया दिया. उर्मी की नंगी कमर पर हाथ रखा और उसे सहलाने लगा.
उसके बाद उसके गुलाबी होंठों पर एक प्यारा सा किस किया.
मैं- अरे मेरी जान, फिर से पल्लू चढ़ाने की क्या जरूरत थी. तुम तो बिना पल्लू के ही सेक्सी लगती हो … और ऐसे भी अब तो पल्लू क्या … यह पूरी की पूरी साड़ी भी उतरने वाली है.
इस पर उर्मी मुस्कुराती हुई बोली- हां मेरे जानेमन, मेरी बांहों में आ जाओ. आज मैं तुम्हें पूरा मजा दूंगी.
मैं समझ गया था कि उर्मी बिल्कुल अपने होश हवास में नहीं है. क्योंकि वह इस तरह की बातें कभी नहीं करती.
मैं- कैसा मजा दोगी जानू?
उर्मी- आज तुम पर जी भर कर प्यार लुटाऊंगी.
मैं- ओह मेरी रानी, तुम बहुत सेक्सी हो.
फिर मैंने उसके साड़ी उतार फेंकी.
अब उर्मी सिर्फ काले रंग वाले ब्लाउज और काले पेटीकोट में थी.
उर्मी ने अंगड़ाई लेते हुए अपना एक हाथ सर के ऊपर तो दूसरा हाथ अपनी जांघ पर रख कर कहा- राकेश, यह बताओ तुम्हें मैं कैसी लग रही हूं!
मैं- एक नंबर माल लग रही मेरी रानी.
इस पर उर्मी मुस्कुराई और उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया.
उसके बाद मैंने उर्मी का एक पैर ऊपर उठाया और अपना एक पैर उसके पैर के नीचे में फंसा कर पेटीकोट के ऊपर से ही अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया.
मैं उसे लगातार लिप किस भी कर रहा था. मैं उसे ज्यादा से ज्यादा गर्म भी कर देना चाहता था.
इसलिए मैंने अपना एक हाथ उर्मी के पेटीकोट के अन्दर उसके ब्रा के अन्दर डालकर उसकी चूत में अपनी एक उंगली रखी और उसे घुसा दिया.
इससे उर्मी के मुँह से आह की आवाज निकली और वह धीरे-धीरे अपनी कमर हिलाने लगी जिससे मेरी पूरी उंगली उर्मी की चूत के अन्दर घुस गई.
मैं बार-बार अपनी उंगली को उर्मी की चूत में अन्दर बाहर कर रहा था और उसे उंगली से ही चोद रहा था.
इस दौरान मैंने अपने दांत से उसके रसीले होंठों को काटा और अपने दूसरे हाथ से उसके एक दूध को पकड़ कर खूब तेजी से दबाने लगा.
उसकी आह आह की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी.
उर्मी पूरी तरह से कामवासना के सागर में डूब चुकी थी.
मैंने उर्मी के छाती को चूमा.
उसके बाद ब्लाउज के ऊपर ही उसके बूब्स पर सर रखा.
फिर नीचे सरकते हुए मैं उसके पेट पर आया और उसके नंगे दूधिया पेट को पूरी तरह से चूसने चाटने लगा.
मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़ लिया और अपना मुँह उसके पेट पर रगड़ता, चूसता, चाटता और दबाता जा रहा था.
मैं इस दौरान कभी उर्मी की नाभि में अपनी जीभ को भी घुसा देता.
बीच-बीच में जब मैंने सर उठाकर उर्मी को देखा, तो उसकी दोनों आंखें बंद थीं और वह मुझे पूरा एन्जॉय कर रही थी.
लाइट बंद होने की वजह से कमरे के अन्दर कुछ भी साफ साफ नहीं दिख रहा था, पर फिर भी इतना दिख रहा था कि वह कामवासना के सागर में गोते लगा रही है.
बहुत देर तक उसके पेट से खेलने के बाद में नीचे की ओर आया और उर्मी के पेटीकोट की डोरी पकड़कर खींचने लगा.
तभी तभी चंदू ने मेरे हाथ को पकड़ लिया.
मैं उसे पास देख कर चौंका.
चंदू ने मेरे कान में धीरे से कहा- भैया प्लीज, अब यहां से मुझे संभालने दीजिए ना. अब भाभी को मेरे हवाले छोड़ दीजिए. कब से दरवाजे पर खड़े खड़े आपकी और भाभी मस्ती देख रहा हूं भाभी की कामुक आवाजों ने अब मुझे बेकाबू कर दिया है. अब मुझे भाभी को चोदने दीजिए ना!
दोस्तो, इस दौरान उर्मी की आंखें बंद थीं और कमरे में सब कुछ भी साफ साफ दिख भी नहीं रहा था.
सब कुछ मेरे प्लान के मुताबिक ही था.
पर चंदू कुछ ज्यादा ही जल्दी कमरे में आ गया.
मैंने सोचा था कि उर्मी को पूरी तरह से नंगी कर दूंगा. उसके बाद उसे चंदू के हवाले करूंगा. उसके बाद चंदू तुरंत उसकी चूत में अपना लंड पेल देगा. वह जमकर उसको चोदेगा और कामवासना से वशीभूत उर्मी भी विरोध नहीं कर पाएगी.
पर चंदू समय से पहले ही आ गया.
मैं पीछे हटा और उर्मी की पूरी कमान चंदू के हाथ में दे दी.
क्योंकि अब उसे रोकने का कोई फायदा नहीं था.
चंदू पूरी तरह से अब आउट ऑफ कंट्रोल हो चुका था.
उसने तुरंत अपनी टी-शर्ट और बनियान खोला साथ ही में अपना पजामा भी नीचे सरकाते हुए अपनी चड्डी को भी खोल दिया.
अब वह पूरी तरह से नंगा था.
वह जल्दी से उर्मी के ऊपर चढ़ गया.
मैं वहां उर्मी के सिरहाने बैठा गया.
सबसे पहले तो चंदू ने अपने दोनों हाथों से उर्मी की नंगी दूधिया कमर को पकड़ा और तुरंत अपनी जीभ उर्मी की नाभि में घुसेड़ कर चाटने लगा.
उर्मी बंद आंखें ही ‘आह आह’ की आवाज निकालने लगी.
अब चंदू ने अपना पूरा मुँह उर्मी के नंगे पेट में चुभाया और उसके पेट को जोर से अपने मुँह से रगड़ने लगा.
चंदू मेरी बीवी के पूरे पेट को अपने चहरे पर महसूस कर रहा था.
कभी वह उर्मी के पेट को अपने गाल से रगड़ता तो कभी अपने होंठों से चूमता, तो कभी अपनी नाक और मूंछ से सहलाता.
उसके बाद उसने तुरंत अपना एक हाथ नीचे की ओर करके पेटीकोट को ऊपर उठाया और उर्मी के घुटनों तक ले आया.
फिर उसके नंगी टांगों को अपने हाथों से सहलाने लगा.
उर्मी- आह राकेश … अब मुझे और मत तड़पाओ. मुझे जल्दी से चोदो.
मैं- हां डार्लिंग तुम्हारी सारी इच्छा पूरी होगी.
तभी चंदू उठा और अपने दोनों हाथों से उर्मी के पेटीकोट को पकड़कर उसके जांघ तक लेकर आया और उसके पेटीकोट में अपना मुँह घुसा दिया.
उसने उर्मी की जांघों पर अपना दोनों हाथों को रखा और उसकी पैंटी पकड़कर नीचे खींच दी.
उर्मी ने एक-एक करके अपने दोनों पैर उठाए और बड़े ही प्यार से अपनी पैंटी खुलवा ली.
उसके बाद चंदू अपना मुँह उर्मी की चूत पर ले गया और उसने पहले कुछ देर तक उसकी चूत को बड़े प्यार से देखा.
उसके बाद अपनी जीभ निकाल कर उर्मी के चिकनी चूत की लकीर को आइसक्रीम की तरह चाटा.
इस पर उर्मी उछल पड़ी क्योंकि मैंने बहुत दिनों से उसकी चूत नहीं चाटी थी.
अचानक चूत पर यह हमला वह बर्दाश्त नहीं कर पाई.
उसने अपने दोनों हाथों से चंदू के सर को पकड़ लिया और अपनी चूत पर दबाने लगी.
चंदू भी अब उर्मी का साथ पाकर बेतहाशा चूत चाटने लगा.
उसने अपने दोनों हाथों से मेरी पत्नी की जांघों को पकड़ रखा था और लगातार उर्मी की चूत को चाटे जा रहा था.
अपनी पत्नी को इस तरह तड़पती देख मेरा मन किया कि मैं उसे एक लिप किस करूं. पर उसे शक हो जाएगा कि जब एक मुँह उसकी चूत पर है, तो दूसरा मुँह मेरे होंठ पर कैसे आया.
मैं चुपचाप उसे वैसे ही सिसकारियां भरते हुए देखता रहा और अपना लंड पैंट से बाहर निकाल कर मसलने लगा.
तुरंत मैं उर्मी की टांगों के पास चला गया, क्योंकि मुझे चंदू को अपनी पत्नी की चूत चाटते हुए देखना था.
मैंने देखा कि चंदू की जीभ उसके मुँह से निकल कर मेरी पत्नी की चिकनी चूत पर जाती.
फिर वह मेरी पत्नी की चूत को चाटता व चूसता … और कभी कभी चंदू मेरी बीवी की चूत के अन्दर भी अपनी जीभ को घुसेड़ देता.
यह देख कर लग रहा था कि चंदू चुदाई के खेल का बड़ा खिलाड़ी है.
मेरी पत्नी इतनी कामुक हो गई थी कि वह ऊपर से तो चंदू का मुँह पकड़ कर अपने चूत में घुसवा ही रही थी, साथ ही में नीचे से भी अपनी कमर उठा उठा कर अपनी चूत चंदू के मुँह में दे रही थी.
उसके दोनों चूचे पूरी तरह तने हुए थे.
वह पूरी तरह से वासना से तड़प रही थी.
उर्मी की चूत का लगभग 5 मिनट तक मजा लेने के बाद चंदू ने तुरंत उर्मी के पेटीकोट से अपना मुँह निकाल लिया.
इसके बाद उसने अपने लोहे की तरह कड़क काले लंड को अपने हाथ से पकड़ कर उर्मी की चूत पर रख दिया.
मैं कुछ समझ पाता, उससे पहले ही उसने एक जोर का धक्का देकर अपने लंड का टोपा उर्मी की चूत में घुसा दिया.
उर्मी के मुँह से जोर से आह की आवाज निकली.
मैं दंग रह गया कि इतनी जल्दी चंदू ने अपना लंड उर्मी की चूत में पेल भी दिया.
Xxx हसबैंड डर्टी सेक्स फंतासी पूरी हो रही थी.
उसके बाद चंदू ने दूसरा धक्का दिया और और चंदू का काला लंड मेरी उर्मी की गोरी चूत में आधा घुस गया.
अब मैं पूरी तरह से चंदू की चाल को समझ गया.
चंदू ने पहले उर्मी की चूत को चाट चाट कर गीला कर दिया, ताकि उसका लंड उर्मी की चूत के अन्दर जाने में आसानी हो.
वह उर्मी के होश में आने से पहले जल्दी से जल्दी उसको चोद सके.
चंदू ने अपने एक हाथ को मेरी बीवी के एक चूचे पर रखा और दूसरे हाथ को बेड पर रख कर अच्छे से सहारा लिया.
अब वह जमकर उर्मी की चुदाई करने लगा.
मैं भी चंदू के लंड को अपनी बीवी की चूत में देख कर और तेजी से मुठ मारने लगा.
एक काला लंड एक गोरी और चूत को चोद रहा था.
यह नजारा देखने से मेरे पूरे तन बदन में एक अजीब सी सनसनाहट दौड़ रही थी.
मैं चंदू के कान के पास गया और धीरे से उससे कहा- और ठोको साली को!
चंदू ने यह सुन कर एक और जोर का धक्का दिया कि उर्मी की छाती ऊपर की ओर उठी और उसके दोनों रसीले होंठों के बीच से आह की आवाज इतनी जोर से निकली कि पूरा कमरा गूंज उठा.
अब चंदू का लंड उर्मी के चूत में करीब 75% घुस गया था.
अपनी पत्नी की चूत में चंदू का लंड देखकर मैं बहुत उत्तेजित हो रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं जन्नत की सैर कर रहा हूं.
आज से पहले मुझे इतना मजेदार अनुभव कभी नहीं हुआ था.
दोस्तो, आपको भी मेरी बीवी की चुदाई की कहानी में मजा आ रहा होगा.
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आप मुझे अपने मेल व कमेंट्स से जरूर बताएं कि आपको कैसा लग रहा है.
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