सेक्स की प्यासी सलहज को लंड दिया
(Xxx Chudai Hot Kahani)
Xxx चुदाई हॉट कहानी में मेरी बीवी को चुदाई पसंद नहीं थी. मेरी सलहज बहुत हॉट थी. मैंने उसे ट्राई किया तो वह भी लंड की कमी से जूझ रही थी. मैंने उसे कैसे चोदा?
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम गौरव है और आज अपनी सेक्स कहानी आपके सामने रखने वाला हूं जो मेरी सलहज के साथ की पहली चुदायी का है.
इससे पहले की कहानी
सेक्सी सलहज की चुदायी होली में
में मैं आपको बता चुका हूं.
यह Xxx चुदाई हॉट कहानी उस होली की चुदाई से पहले की है जब पहली बार मैंने अपनी सलहज को चोदा था.
मेरे बारे में आप सब जानते ही हैं, फिर भी एक बार बता रहा हूं.
मेरा कद 5 फुट 10 इंच का है, रंग ज्यादा गोरा नहीं है … पर एक स्मार्ट बंदा हूँ और उम्र 30 वर्ष है.
मेरी शादी की बात शुरू हुई, जब अभी मेरी नौकरी एक मल्टीनेशनल कंपनी में लगी थी.
उस वक्त मैं 27 वर्ष का था.
मैं भोपाल में रहता हूं और मेरी शादी कविता के साथ हो गई.
वह देखने में काफी खूबसूरत है, बिल्कुल एक परी की तरह गोरी है.
मेरा ससुराल एक आश्रम से जुड़ा है और ये परिवार काफी सात्विक है.
आश्रम के गुरुजी विदेश में रहते हैं और साल में एक बार ही आते हैं, बाकी समय आश्रम की देख रेख दूसरे लोग करते हैं.
शादी के बाद हनीमून पर कविता के बेरुखेपन के बारे में पिछले भाग में बता चुका हूं.
अब मेरी जिंदगी ऐसे ही चल रही थी क्योंकि कविता का सेक्स और रोमांस में कोई इंट्रेस्ट नहीं था.
तभी एक दिन साले साहब का फोन आया कि आश्रम पर कुछ कार्यक्रम है जिसमें मुझे और कविता को आना है.
हम समय से वहां पहुंच गए.
गुरु जी का आश्रम शहर से काफी बाहर है. मेरी सलहज जया ने हमारा स्वागत किया.
लेकिन उसके बर्ताव में मुझे कुछ फर्क दिखा जैसे वह बिना मन के सब काम कर रही हो.
आज उसमें मुझे वह सेक्सी अंदाज नहीं दिखा जो शादी के समय उसने दिखाया था.
जया के बारे में बता दूं कि वह मेरी ही उम्र की है, बिल्कुल दूध सी सफेद.
उसका फिगर 34-30-36 का है. उसके गुलाबी होंठ पूरी कयामत ढाते हैं.
उधर सभी लोग काम में लगे थे कि अब गुरुजी आने वाले हैं.
मैंने अपने ड्राइवर से कहा कि कार से पेट्रोल निकाल कर गैलन में भर कर कार में ही रख दे.
उसने वैसा ही किया क्योंकि मैं अपनी कार फालतू में नहीं दौड़ाना चाहता था.
सब कुछ सही से चल रहा था कि तभी मेरे साले ने मुझसे कहा कि जया को लेकर मैं उनके घर जाऊं, वहां कुछ सामान छूट गया है.
चूंकि दिसंबर का महीना था और अंधेरा जल्दी हो गया था तो सचिन ने कहा कि अगर परेशानी हो, तो वहीं आज रात रुक जाना.
मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे लेकिन ये भी सोच रहा था कि पता नहीं जया साथ देगी कि नहीं.
तभी सचिन ने मेरे ध्यान को तोड़ते हुए कहा- कोई परेशानी तो नहीं गौरव?
मैंने खुद को संभाला और कहा- … न, न … नहीं इसमें परेशानी कैसी?
फिर मैं जया को लेकर वहां से निकल गया.
हम दोनों बिल्कुल खामोश थे.
मैं चोरी से उसे देख लेता था.
जब हम हाईवे की तरफ पहुंच रहे थे तो मुझे याद आया कि कार में से पेट्रोल निकलवा दिया था.
तभी मैंने एक जगह कार रोकी और कुछ खराब होने का ड्रामा किया.
कुछ देर बाद उसने फोन करना चाहा और जैसे ही फोन उठाया, मैंने उससे फोन ले लिया- लाओ मुझे दो, मैं ट्राई करता हूं.
मैंने उसके मोबाइल को फ्लाइट मोड पर रख दिया.
अब दोनों ही परेशान से थे.
वह सड़क पर घूमने लगी, पर वहां मदद के नाम पर कुछ भी नहीं था.
बस कुछ कुछ देर पर भारी वाहन गुजर रहे थे और ठंड भी लग रही थी.
तभी एक ट्रक बिल्कुल जया के बगल से निकला, मैंने उसे जोर से अपनी तरफ खींचा.
मैं- क्या कर रही हो? अभी लग जाता!
जया डरती हुई बोली- कुछ समझ नहीं आ रहा कि अब क्या करें?
मैं- अन्दर बैठ जाओ, यहां मच्छर भी हैं और जंगल भी.
इस बीच मैं उसके हाथों को सहला रहा था और अपनी बांहों में लेकर कार के अन्दर आ गया.
वह थोड़ा रोने जैसी हुई तो मैं उसके गाल, तो कभी बाल सहला रहा था और समझा रहा था.
मैं- घबराओ मत, मैं हूं न तुम्हारे साथ … कुछ नहीं होगा!
यह कहते हुए मैंने उसे अपनी बांहों में ले लिया और उसके पीठ और सिर पर हाथ फेरने लगा.
जब वह थोड़ा शांत हुई तो उसके हाथ मेरे सीने पर फिरने लगे, मैं समझ गया कि मछली कांटे में आ रही है.
मैंने उसके गालों को पकड़ा और कहा- भरोसा करो, मैं तुम्हारे साथ हूं.
उसने हां में सिर हिलाया और मैंने अपने होंठों को उसके होंठों पर रख दिया.
मैं उसे किस करने लगा और होंठों को चूसने लगा.
वह कुछ कर नहीं रही थी लेकिन उसने इसका विरोध भी नहीं किया … और ये मेरे लिए ग्रीन सिग्नल था.
मैं दोबारा से उसके होंठों का रस पीने लगा और उसे अपनी बांहों में जकड़ने लगा.
इस बार वह भी मेरा साथ देने लगी.
मैंने कार को सड़क से खेतों में उतार दिया और जया को लेकर पीछे वाली सीट पर आ गया.
वह मुझे सवालिया नज़रों से देखने लगी थी.
उसी पल मैंने उसे बांहों में लेकर चूसना शुरू कर दिया और उसे धीरे धीरे सीट पर लिटा दिया.
उसने कोई विरोध नहीं किया और मैंने कार में लाइट जला दी.
वह धीरे धीरे मेरी शर्ट के बटन खोल रही थी और मैं उसके होंठों को चूसने में लगा था.
तभी मैंने उसके ब्लाउज खोल दिया और बूब्स चूसने लगा.
अब वह सिहरने लगी.
अचानक से मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी.
हम दोनों ही नंगे हो चुके थे और एक दूसरे के जिस्म से खेल रहे थे.
उसके कान और गाल पर चूमते हुए मैंने दो उंगलियां उसकी चूत में डाल दीं, जिससे वह जल बिन मछली सी तड़प उठीं.
उसने मेरे गले में बांहों को डाला और जोर से जकड़ लिया.
मैं अपनी उंगलियां उसकी चूत में अन्दर बाहर कर रहा था और उसकी चूत बह रही थी.
फिर मैं अपना लंड उसकी चूत पर सैट करके घिसने लगा.
साथ ही मैं उसके चेहरे को चूम रहा था. कभी गाल तो कभी कान पर जीभ फेर रहा था, जिससे वह काफी उत्तेजित हो गई थी.
तभी अचानक से मैंने अपना लंड उसकी चूत में घुसा कर एक झटका मारा.
इसके लिए वह तैयार नहीं थी शायद … इसीलिए वह जोर से चीख पड़ी.
मुझे आश्चर्य हुआ तो उसने दर्द से कराहते हुए कहा- यह पहली बार है इसलिए!
मैं भौंचक्का था.
मैंने कहा- मैं समझा नहीं?
जया ने दर्द में तड़पते हुए कहा- तुम चालू रखो, बाद में बताऊंगी.
मैंने सोचा शायद इसकी काफी दिनों से चुदायी नहीं हुई होगी.
खैर … मुझे क्या, आज रात इसकी जम कर चूत फाड़ूँगा.
तभी मैंने दूसरा शॉट मारा, मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया और मैं उसे चोदने लगा वह मचल उठी और अपने नाखून गड़ाने लगी.
मैं- मेरी जान ऐसा मजा पहले नहीं आया होगा!
जया- आह … तुम पहले क्यों नहीं मिले आह … चोदो मुझे … आह ऐसे ही चोदते रहो!
मैं- हां जान, आज मैं ही तुम्हारा पति हूं … ले … और ले साली रण्डी … तेरी चूत का भोसड़ा बना कर छोड़ूँगा!
जया- बिल्कुल बना देना … ये हमारी सुहागरात है … आह … ऐसे ही चोदो और भोसड़ा बना दो मेरी चुत का आह!
फिर मैंने उसे अपने ऊपर बिठा लिया और वह मेरे लंड पर उछलने लगी.
मैं- ऐसे ही चोदो मेरी जान … अपनी चूत में लेती रहो … आज तेरी चूत फाड़ ही दूंगा कुतिया.
करीब आधा घंटा तक हमारा Xxx चुदाई हॉट खेल चला जिसमें वह तीन बार झड़ चुकी थी और अबकी बार दोनों साथ ही झड़ गए.
बाहर इतनी ठंड थी और हम दोनों पसीने में डूबे थे.
कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.
मैं उसे बांहों में लेकर उसके चूचों से खेल रहा था.
मैंने उसे दुबारा चूमना शुरू किया, इधर मेरे लंड को देख वह भी गर्म होने लगी.
हमारा फिर से एक राउंड हुआ और इस बार मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदा, जिसमें मैं कार के बाहर खड़ा था और वह सीट पर कुतिया बनी हुई थी.
फिर हम वैसे ही नंगे एक दूसरे की बांहों में सो गए.
सुबह 5:30 बजे मेरी नींद खुली, थोड़ा उजाला हो रहा था.
मैंने जल्दी से कार में पेट्रोल डाला, ताकि समय से पहुंच जाएं.
तभी जया बाहर आई और अपने कपड़े ठीक करते हुए कहने लगी.
जया- सब हो गया तो अब कार चल सकती है!
मैं- हां, अब चलनी चाहिए वरना परेशानी हो सकती है!
जया- कुछ परेशानी नहीं होगी, जब ड्राइवर ने पेट्रोल निकाला था … तभी देखा था मैंने. इसलिए अब चलेगी!
मैं मुस्कुरा दिया.
फिर हम दोनों वहां से निकल पड़े.
जया के चेहरे पर एक खुशी दिख रही थी और वह गुनगुना रही थी.
करीब नौ बजे हम पहुंच गए.
मैं फ्रेश होने चला गया और वह चाय बना रही थी.
चाय पीने के बाद मैंने कहा- जल्दी से सामान लो और चलो यहां से!
जया हंसती हुई बोली- सामान, कौन सा सामान?
मैं- वही जो छूट गया था यहां, वह रख लो!
जया- सामान तो मैंने रात में ही ले लिया था!
मैं- क्या मतलब?
जया- जी हां, जो कार में आपने दिया है, वही लेने आई थी यहां!
मैं- साली, तुझे तो सारे दिन चोदना चाहिए.
जया- तो रोका किसने है, आ जाओ मेरे राजा!
यह कहकर वह भागने लगी और मैं उसे पकड़ने लगा.
थोड़ी देर बाद वह पकड़ में आई तो हंस रही थी और मैं उसके हाथ मोड़ कर सोफे पर झुका रहा था कि तभी मेरा फोन बजने लगा.
फोन सचिन का था.
उसने पूछा- निकल लिए वहां से?
तभी जया मेरी गोद में बैठ गई और मुझे छेड़ने लगी.
मैं बोला- नहीं, अभी तो जागे हैं. रास्ते में कार खराब हो गई थी तो कुछ दूर तक धकेल कर ही आए, फिर रास्ता तय करने में एक ट्रक ने मदद की.
सचिन- कोई बात नहीं, आराम से आएं … यहां सब ठीक है … बस अपना ध्यान रखना!
फ़ोन कटने के बाद जया ने मुझे बताया- आज तक सचिन ने मुझे ठीक से कभी प्यार नहीं किया. वह कभी ठीक से सेक्स नहीं करता, बिल्कुल सन्यासी हो गया है, पर मैं थोड़ी ना हो गई हूं!
उसी समय मेरी नजर सविता (मेरी साली) की तस्वीर पर गई.
जया- आपने जो सुख मुझे दिया है, उसके लिए काफी तड़पी हूं मैं … और आपकी तकलीफ भी समझ रही थी.
मैं- मेरी कौन सी तकलीफ?
जया- मुझे पता है, ज्यादा बनिए मत … कविता की सारी बातें जानती हूं. ये सब एक जैसे ही हैं.
मैं- इसके बदले में मुझे कुछ मिलेगा?
जया- हां मेरे राजा आपको मेरी यह चूत हमेशा तैयार मिलेगी … और कुछ चाहिए क्या मेरे बाबू को?
मैं- हां मेरी जान, मुझे वह चाहिए!
सविता की तस्वीर की तरफ दिखाते हुए मैंने कहा.
जया- क्यों … मेरे से खुश नहीं हो क्या … कि अब वह भी चाहिए?
मैंने उसे कसके पकड़ते हुए कहा- अरे अब ये कली तो मेरी फूल बन गई है. इसे तो अब मैं अपने लंड पर से उतरने भी नहीं दूँ. पर वह भी आ जाए तो क्या दिक्कत है? कहीं वह भी इन भाई बहन की तरह न हो जाए, इसलिए कह रहा हूं मेरी जान!
इस पर जया ने कहा- मैं कोशिश करूंगी.
तभी मैंने उसे उसकी मोबाइल में वह वीडियो दिखाई, जो रात को उसे चोदते हुए मैंने बनाई थी.
वह देखकर जया फिर से गर्म होने लगी और मेरा लंड दबाने लगी.
मैं उसे कमरे में लेकर गया और एक बार फिर से उसकी चुदायी की.
फिर हम वहां से निकलने लगे तो कार की सीट पर खून लगा था, गोल आकार का धब्बा बन गया था.
वाकई आज तक जया को वह सुख नहीं मिला था, जो मैंने उसे Xxx चुदाई में दिया.
मेरे लंड से आज ही उसकी सील टूटी थी.
मैंने उतने धब्बे वाले सीट कवर को जला दिया.
मैं जया को देखकर बोला- बिल्कुल कुवांरी रण्डी है तू!
यह सुनकर वह मेरे सीने से लग कर बोली- बस आप ही की हूं.
रास्ते में मैंने देखा कि वह कभी अपना हाथ मेरी जांघों पर, तो कभी सिर कंधों पर रख देती. फिर उसे चूमते हुए प्यार करने लगती.
मैं- आज से तुम खुद को अकेला मत समझना, जब भी तुम्हारा मन हो मुझे खुश कर देना!
जया हंसती हुई बोली- वह तो मैं कर दूंगी, थोड़ा समय दो. लेकिन जब मैं बुलाऊं तो आपको आना होगा मेरे लिए!
मैंने उसके माथे को चूम कर हामी भर दी.
दोस्तो, अपनी अगली कहानी में मैं बताऊंगा कि जया के साथ सविता को कैसे सैट किया. उसे कैसे चोद कर चुदाई के रंग बिखेरे और कितना चोदा?
इस Xxx चुदाई हॉट कहानी पर अपनी राय जरूर दें.
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