रैगिंग ने रंडी बना दिया-85
(Virgin Chut Ki Kahani: Ragging Ne Randi Bana Diya- Part 85)
This story is part of a series:
-
keyboard_arrow_left रैगिंग ने रंडी बना दिया-84
-
keyboard_arrow_right रैगिंग ने रंडी बना दिया-86
-
View all stories in series
इस सेक्स स्टोरी में अभी तक आपने पढ़ा था कि ग्रुप सेक्स की ताबड़तोड़ चुदाई हुई. सभी ने रात को चार बजे तक चुत और गांड की चुदाई का मजा लिया. लड़कियों ने भी बदल कर लंड लिए और सब थक कर वहीं ढेर हो गए और सो गए.
अब आगे पढ़ें वर्जिन चुत की कहानी:
दोस्तो, उम्मीद है कि इस ग्रुप सेक्स में आपको मज़ा आया होगा. अगर कुछ कमी रह गई हो तो दूसरी जगह की चुदाई की कहानी अभी बाकी है. आइए उधर चल कर देखते हैं.
मोना और नीतू ने रात का खाना खाया उसके बाद कमरे में दोनों बिस्तर पर लेटी हुई थीं.
नीतू- दीदी एक बात पूछूँ, आप ये सब मुझसे क्यों करवा रही हो.. ये तो ग़लत है ना?
मोना- तुझे कैसे पता.. क्या सही है और क्या ग़लत है.. हाँ?
नीतू- वो हमारे पड़ोस में रेणु दीदी हैं ना.. वो जब काम पे जाती थीं तो भैया किसी और लड़की को लाते थे. वो लड़की उनका लंड पकड़ती थी और चूसती भी थी. ये बात जब दीदी को पता लगी तो उन दोनों की बहुत लड़ाई हुई. तब मैंने माँ से पूछा था मगर उन्होंने कुछ नहीं बताया. फिर एक बड़ी दीदी ने बताया की कोई भी औरत अपने पति के साथ दूसरी लड़की को ये सब करते देख कर गुस्सा हो जाती है. ये सब करना बहुत ग़लत है.
मोना- अच्छा ये बात है तुझे तो बहुत ज्ञान है मगर मैं उन लड़कियों में से नहीं हूँ. और ये मैं अपने लिए ही कर रही हूँ. चल ये बात तू नहीं समझेगी, मैंने शाम को कहा था ना.. तुझे एक मजेदार चीज करके बताऊंगी. याद है न?
नीतू- हाँ दीदी याद है.. क्या चीज है वो?
मोना- चल जल्दी से अपने सारे कपड़े निकाल दे. मैं भी निकाल देती हूँ, उसके बाद हमारा खेल शुरू होगा.
नीतू ने पहले तो नानुकुर की, मगर बाद में वो नंगी हो गई और मोना तो पहले ही पूरे कपड़े निकाल चुकी थी.
नीतू- दीदी, ऐसे कौन सा खेल होता है?
मोना- तुझे लंड चूसने में घिन आ रही थी ना.. मगर अब नहीं आएगी. आज मैं तुझे अमृत रस का स्वाद दूँगी.
मोना की बातें नीतू के ऊपर से जा रही थीं.
तब मोना ने उसको कहा कि बस चुपचाप लेटी रह, मैं जैसे करूं, वो देखती जा.. तुझे मजा आएगा.
नीतू एकदम सीधी होकर लेट गई और मोना अब उसके ऊपर चढ़ गई और उसके मुलायम होंठों को चूसने लगी. उसके मम्मों को सहलाने लगी. धीरे-धीरे वो उसके मम्मों पे आई और उसके छोटे-छोटे निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगी. मोना कभी दाँत से हल्के से निप्पल को काट भी लेती.
नीतू- आह.. इसस्स दीदी दुख़्ता है.. आह.. नहीं ऐसे मत करो ना.. आह.. नहीं.
मोना उसकी बात कहाँ सुनने वाली थी. वो तो बस धीरे-धीरे उसको चूसती हुई नीचे जा रही थी. अब वो उसकी जाँघों को चूस रही थी और उसे नीतू की चुत से भीनी-भीनी खुशबू आ रही थी. मोना नीतू की चुत से बस कुछ इंच की दूरी पे थी. अब मोना ने अपनी जीभ उसकी चुत पे चलाई, जिससे नीतू एकदम सिहर गई.
नीतू- सस्स्सस्स दीदी.. नहीं यहाँ एमेम मत करो.. उफ्फ.. बहुत गुदगुदी होती है आह..
मोना- ये गुदगुदी नहीं मेरी जान.. उत्तेजना है, जो अभी धीरे-धीरे बढ़ेगी और उसके बाद तुम्हें ऐसा मज़ा आएगा कि तुम अपनी दीदी को याद करोगी.
नीतू- दीदी वो गंदी जगह है.. वहां आप कैसे चाट रही हो.. मत करो ना.
मोना- तुझे यही तो समझाना है मेरी जान.. वहां से घिन नहीं प्यार करना चाहिए. अब तू बोल मत चुपचाप लेटी रह बस.
मोना ने थोड़े कड़क अंदाज में ये बात कही, तो नीतू झेंप गई और चुप होकर लेट गई.
मोना अब उसकी चुत को जीभ से कुरेदने लगी. कभी-कभी पूरी भगनासा को होंठों में दबा कर चूस लेती, जिससे नीतू के जिस्म का सारा खून 150 किलोमीटर की रफ़्तार से दौड़ने लगता. मोना उसकी चुत को चूस रही थी और वो जल बिन मछली की तरह तड़प रही थी. अब नन्ही सी नीतू इतना भयानक हमला कब तक सह पाती.
नीतू- आह.. सस्स दीदी.. मेरी चुत में कुछ हो रहा है.. आह.. सस्स बहुत तेज खुजली हो रही है.. आह.. सस्स दीदी मेरा सूसू निकल रहा है.
मोना ने उसकी जाँघों को कस कर पकड़ लिया ताकि वो उठ ना सके और उसकी चुत को तेज़ी से चाटने लगी. फिर जिसकी उम्मीद शायद मोना को कभी नहीं थी, वो हुआ. नीतू की चुत से रस की इतनी तेज धार निकली कि अगर उसके होंठ चुत पर ना होते तो शायद वो धार कई मीटर दूर तक जाती. इतना पॉवर किसी चुत में होगा ऐसा उसने कभी सोचा भी नहीं था.
नीतू का पूरा जिस्म अकड़ गया. वो सर को कभी इधर घुमाती, कभी उधर और उसकी आँखें मज़े से बंद थीं. पूरे एक मिनट तक वो झड़ती रही. उसकी चुत से रस का सैलाब उमड़ पड़ा, जिसे मोना ने पूरा पी लिया.
कच्ची कली का पहला रस उसकी बात ही कुछ और होती है. वैसे तो ये हर किसी के नसीब में नहीं होता, मगर जिसने ये अनुभव किया हुआ है.. वो इस बात को अच्छे से समझ सकता है कि इसकी क्या अहमियत होती है.
झड़ने के बाद नीतू एकदम बेजान सी पड़ी रही, जैसे चुत के रास्ते उसके जिस्म का सारा खून बाहर निकल गया हो. मोना ने जब ये देखा तो उसको नीतू पर बहुत प्यार आया. वो उसके बाजू में लेट गई और उसके चेहरे को चूम लिया. तब नीतू ने आँखें खोलीं और वो मोना से लिपट गई.
काफ़ी देर तक नीतू वैसे ही मोना से चिपकी रही. फिर मोना ने उसको अलग किया और उसको देख कर मुस्कुराने लगी.
नीतू- क्या हुआ दीदी, आप मुझे ऐसे क्या देख रही हो?
मोना- देख रही हूँ तेरे अन्दर कितनी गर्मी है.. जिस तरह तेरा पानी बाहर निकला है न.. उससे अंदाज़ा होता है कि ना जाने कितने दिनों से वो बाहर निकालने के लिए अन्दर उबल रहा था. मगर तूने उसे बाँध कर रखा हुआ था जो आज पूरी ताक़त से बह गया.
नीतू- दीदी ये अपने क्या कर दिया मेरे पूरे बदन में चिंटियां सी रंगने लगी थीं. ऐसा मज़ा मुझे कभी नहीं आया, ये क्या था दीदी?
मोना- मेरी प्यारी नीतू यही वो खेल है.. जो मैं तुझे बता रही थी. क्यों कैसा लगा.. तुझे मज़ा आया ना?
नीतू- हाँ दीदी बहुत मज़ा आया. अब मेरी समझ में आ गया कि वो लड़कियां चुत चुसाई की बातें कैसे मज़े लेकर करती थीं.
मोना- अभी तो तूने आधा मज़ा लिया है मेरी जान.. थोड़ी देर बाद तू जब मेरी चुत को चाटेगी ना.. तब तुझे असली मज़ा आएगा.
नीतू- नहीं दीदी ये मुझसे नहीं हो पाएगा.. आपने तो मेरा सारा रस पी लिया.. मगर मुझे तो सोच कर ही घिन आ रही है.
मोना- थोड़ा सब्र कर मेरी जान.. तू ये सारी घिन भूल जाएगी. अच्छा चुत को जाने दे मेरे बड़े बूब्स को दबा इनका रस चूस.. फिर मैं तुझे दोबारा मज़ा दूँगी.
मोना की ये बात नीतू ने मान ली. वो खुद दोबारा अपनी चुत चटवाना चाहती थी क्योंकि एक बार में उसकी वासना शांत नहीं हुई थी. फिर उसकी कच्ची उम्र थी तो ऐसा मज़ा वो दोबारा लेना चाहती थी. वो शुरू हो गई और मोना के निपल्स जो सेक्स की आग में जलकर तन गए थे, उन्हें किसी छोटे बच्चे की तरह चूसने लगी.
मोना तो पहले ही गर्म थी. अब नीतू ने उसकी आग को और भड़का दिया था, मगर वो चुत नहीं चाटने वाली थी.. यही सोच कर मोना ने पलटी मारी और अब वो नीतू के मम्मों को दबाने लगी. उसकी चुत को रगड़ने लगी, जिससे नीतू भी फिर से गर्म हो गई.
नीतू- आह.. दीदी उफ़फ्फ़ नहीं पहले की तरह जीभ से करो ना.. आह.. वैसे ज़्यादा मज़ा आएगा.
मोना- अच्छा तो मेरी जान को वैसा मज़ा चाहिए. चल तू भी मेरी चुत को चाट और मैं तेरी चुत चूसती हूँ. फिर ज़्यादा मज़ा आएगा.
नीतू- नहीं ससस्स दीदी मुझसे नहीं होगा.
मोना- अरे कोशिश तो कर.. अगर घिन आए तो मत करना.
इतना बोलकर मोना ने उसको अपने ऊपर लेटा लिया. अब दोनों 69 के पोज़ में थीं और मोना उसकी चुत को जीभ से कुरेदने लगी. वैसे तो नीतू का मन मोना की चुत चाटने का नहीं था, मगर मोना ने उसको एकदम चुत से चिपका रखा था और दूसरी तरफ़ खुद उसकी चुत को कसके चूस रही थी.
अब नीतू ना चाहते हुए भी बेमन से मोना की चुत को चाटने लगी. शुरू में उसको उल्टी जैसा लगा.. मगर साथ ही अपनी चुत पर जो मज़े का अहसास मिल रहा था, उससे वो बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गई. अब मोना की चुत की खुशबू भी उसको भा गई और वो भी मज़े से मोना की चुत चूसने लगी.
ये खेल ज़्यादा देर नहीं चला क्योंकि दोनों ही बहुत ज़्यादा उत्तेजित थीं.. तो पहले मोना की चुत ने रस छोड़ा, जिसे नीतू चट कर गई. उसकी उत्तेजना उस वक़्त चरम पर थी तो वो बस मोना की चुत को जोर-जोर से चाटने लगी. तभी उसका भी बाँध टूट गया और वो कमर को हिला-हिला कर झड़ने लगी.
जब वासना का ये खेल खत्म हुआ, तब नीतू को अहसास हुआ कि वो जैसे मोना की चुत का पूरा रस मज़े से गटक गई और उसको वो अच्छा भी लगा. उसने दोबारा चुत को चाटा और बचा हुआ रस साफ किया. तब उसको अहसास हुआ कि ये सच में अच्छा है.
मोना- बस मेरी जान.. अब दोबारा गर्म करेगी क्या.. पहले तो बड़ी घिन आ रही थी तुझे.. और अब बार-बार चूस रही है.
नीतू- नहीं दीदी, सच्ची पहले पता नहीं था मगर अब तो मन को इसका स्वाद भा गया.
मोना- मेरी जान भगवान ने लड़की के होंठ चुत चूसने के लिए नहीं बल्कि लंड चूसने के लिए बनाए हैं. ये स्वाद कुछ भी नहीं तू एक बार लंड का रस पीकर देख फिर कहना कैसा मज़ा आता है.
नीतू- हाँ दीदी, अब तो मुझे भी ऐसा लगता है कि जीजू का लंड चूस कर उनका पानी निकाल ही दूँगी और सारा माल पी जाऊंगी.
मोना- बहुत खूब मेरी प्यारी बहना.. अब सुन आज से हम दोनों जीजू के साथ एक खेल खेलेंगी. उनको ये लगना चाहिए तू मुझे कुछ नहीं बताती और हमारे बीच जो होता है, उनको कभी पता नहीं लगे. बस तू उनकी बात ऐसे मानना जैसे तुझे कुछ पता ही नहीं है, तू तो बस आईसक्रीम और पैसों के लिए ये सब कर रही है.
नीतू- ठीक है दीदी में समझ गई. कल सुबह ही उनका पानी पी जाऊंगी.
मोना- ऐसे नहीं पगली.. उनको शक हो जाएगा. मैं तुझे कल ठीक से समझाऊंगी कि तुझे क्या करना है समझी.
बस दोस्तो अब ये मोना नीतू को क्या समझाती है.. ये कल देखना.
दोस्तो, आप मुझे मेरी इस सेक्स स्टोरी पर कमेंट्स कर सकते हैं.. पर आपसे एक इल्तिजा है कि आप लेखिका पर कोई कमेंट्स ना करें.
[email protected]
कहानी जारी है.
What did you think of this story??
Comments