भाई से चुदने की लग गई लत
(Vasna Me Pagal Sex Kahani)
वासना में पागल सेक्स कहानी में मैं ऎसी लड़की बन गयी जिसे दिन रात हर रोज चुदाई ही सूझती थी. घर में 2 भाई से चुदती थी और बाहर सहेली के भाई और उसके दोस्तों से!
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, मेरा नाम कामिनी है।
मेरी उमर 25 साल है और मेरा फिगर 32-28-36 है।
दोस्तो, मैं अपनी चूत चुदाई की कहानी आपको बता रही थी कि कैसे पहली बार मैंने चूत में अपनी सहेली के भाई का लंड, और उसके दोस्त का लंड भी लिया।
मेरी पिछली कहानी
सहेली के भाई से चुद गयी मेरी कुंवारी चूत
में आपने पढ़ा था कि मेरी दोस्त सना के भाई आफताब और उसके दोस्त इमरान ने मुझे जमकर चोदा।
पहली बार मैंने असली लंड का स्वाद चखा था।
फिर मैं सना से अगले दिन मिलने का वादा करके अपने घर चली गई।
अब आगे वासना में पागल सेक्स कहानी:
अगले दिन फिर मैं स्कूल के लिए निकली और सना के घर चली गई।
उस दिन फिर आफताब और उसके दोस्त इमरान ने 2–2 बार मेरी चूत मारी और गांड में उंगलियां डाल डालकर खूब मजे लिए।
मैं घर आ गई और फिर अगले दिन से स्कूल जाना शुरू!
तो ये सब नॉर्मल चीजें चलने लगी।
उस टाइम मैं और मेरा भाई, दोनों एक ही बेड पर सोते थे।
ठंड का टाइम चल रहा था; हम दोनों एक ही रजाई में थे।
मेरा चुदने का बहुत मन कर रहा था क्योंकि सना के भाई से चुदे मुझे एक हफ्ता हो गया था।
मैंने रजाई में लेटने से पहले अपनी पैंटी उतार दी थी।
मेरा भाई हमेशा चड्डी में ही सोता है।
वह लेटा हुआ था।
धीरे से मैं जाकर उससे चिपक कर लेट गई।
कांपने का नाटक करते हुए मैं बोली- आज बहुत ठंड है भाई!
तो भाई बोला- हां ठंड तो हो रही है।
मैंने अपना पैर उसके ऊपर ऐसे रखा था कि मेरा घुटना उसके लंड पर जाकर सेट हो गया था।
मैं महसूस कर पा रही थी कि उसका लंड अब धीरे-धीरे बड़ा होने लगा था।
मैं अब और जोर से चिपक गई और बोली- हाय ठंडी …
तो वह हंसने लगा और कुछ नहीं बोला।
लेकिन उसका लंड बहुत कुछ बोल रहा था।
उसका लंड एकदम तन चुका था।
भाई का लंड सना के भाई के लंड जितना बड़ा नहीं लग रहा था मगर ठीक-ठाक बड़ा महसूस हो रहा था।
मैंने भाई से कहा- ये क्या है भाई! तुम्हारा नुन्नू तो बड़ा हो रहा है, मुझे पैर में महसूस हो रहा है।
तो भाई बोला- अरे वो ठंड की वजह से ऐसे हो जाता है।
मैंने भाई से कहा- भाई, मैं छू कर देखूं तुम्हारा नुन्नू?
भाई बोला- हां छू लो।
मेरा और भाई का सिर रजाई के बाहर था और बाकी का शरीर रजाई के अंदर।
तो मैं भाई की तरफ देख रही थी और भाई मेरी तरफ।
मैंने अपना पैर उसके ऊपर से हटाया और उसकी चड्डी में हाथ डाल कर उसका लंड पकड़ लिया।
उसकी आंखें बंद हो गईं।
मैंने पूछा- क्या हुआ भाई?
तो बोला- कुछ नहीं।
मैंने कहा- भाई, ये तो बहुत गर्म है। मेरी सुसू भी ऐसे ही गर्म रहती है।
तो भाई टपाक से बोल पड़ा- मैं छूकर देखूं?
मैंने कहा- हां छू लो।
तभी मैंने भाई की चड्डी नीचे खिसका दी और उसका लंड अच्छे से पकड़ लिया।
उसने मेरी लोअर में हाथ डाला और उसका हाथ सीधे सरक कर मेरी गीली चूत पर चला गया।
भाई बोला- ये तो गीली है, और तुमने चड्डी भी नहीं पहनी है!
तो मैंने कहा- हां वो लेटने में दिक्कत होती है तो निकाल देती हूं, और ठंड में मेरी सुसू ऐसे ही गीली हो जाती है।
भाई मेरी चूत की दरार में अपनी उंगली ऊपर-नीचे कर रहा था.
और मैं उसका लंड धीरे-धीरे ऊपर-नीचे कर रही थी।
भाई बोला- तुम अपना लोअर उतार दो, मुझे अच्छी तरह से छूकर देखना है।
तो मैंने अपना लोअर उतार दिया और भाई ने इसी बीच धीरे से अपनी चड्डी निकाल दी।
अब भाई मेरी चूत पर आराम से उंगलियां चला रहा था।
फिर बोला- ये तो बहुत बड़ी है, मुझे लगा छोटी सी होगी।
मैंने कहा- तुम्हारा भी तू नुन्नू कितना बड़ा है, मुझे भी लगा कि छोटा सा होगा।
वह अब उंगलियां मेरी चूत के ऊपर फिराने के साथ धीरे-धीरे अंदर ले जाने लगा।
फिर बोला- अच्छा लग रहा है?
मैंने कहा- हां।
फिर बोला- मेरे नुन्नू की खाल को ऊपर-नीचे करो तो मुझे भी अच्छा लगेगा।
दोस्तो, यहां मुझे पता चल गया कि मेरी चुदाई का प्रोग्राम अब सेट हो चुका है।
भाई ने अपनी उंगली की स्पीड बढ़ा दी जिससे मुझे और ज्यादा मजा आने लगा।
मगर मैं उससे कह नहीं पा रही थी कि कम से कम दो उंगलियां तो डाले!
तब तक भाई ने मेरी मन की बात सुन ली और उसने अपनी 2 उंगलियां डाल दीं।
वह अपनी उंगलियां जल्दी-जल्दी मेरी चूत के अंदर-बाहर करने लगा।
मैं भाई की मुठ मारने में लगी थी।
तभी भाई बोला- मैं अपना नुन्नू तुम्हारी सुसू में डालूं? ज्यादा मजा आएगा।
मैंने कहा- ठीक है।
भाई उठ कर मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरी टांगें खोलते हुए चूत फैला कर अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया।
मेरी चूत उसका पूरा लंड एक बार में निगल गई।
वह पूरे मजे से मुझे चोदने लगा।
फिर उसने चोदते-चोदते मेरा टॉप निकाल दिया और अपनी टी शर्ट भी उतार दी।
अब मेरा भाई और मैं, दोनों पूरे नंगे थे।
वह स्पीड से मुझे चोद रहा था।
5 मिनट बाद भाई मेरी चूत के अंदर ही झड़ गया।
काफी देर तक उसने मेरी चूत में झटके देते हुए माल गिराया।
लग रहा था जैसे मेरी चूत भर कर ऊपर से तर जाएगी।
मैंने कहा- भाई, तुम्हारी सुसू से क्या निकल रहा था जो मेरे अंदर भर गया?
भाई बोला- स्पर्म (वीर्य)।
र्भी भाई ने पूछा- मजा आया या नहीं?
मैंने कहा- बहुत! पागल, सेक्स में तो मजा आता ही है.
फिर भाई और मैं इसी तरह नंगे रजाई में लेटे रहे।
आधे घंटे बाद भाई बोला- दोबारा करें?
मैंने कहा- हां।
भाई ने मुझे फिर चोदना शुरू कर दिया।
इस बार 10 मिनट की चुदाई के बाद भाई झड़ गया।
झड़ने के बाद बोला- मम्मी-पापा में से किसी को पता मत चलने देना कि हम लोगों ने यह सब किया है।
मैंने कहा- ठीक है।
फिर हम दोनों नंगे ही सो गए।
सुबह उठी तो मेरा मन स्कूल जाने से पहले फिर एक बार चुदने का था।
भाई सोया हुआ था।
मैंने भाई को उठाया और कहा- एक बार फिर से कर लो रात वाला काम!
वह भी झट से तैयार हो गया।
उसने लंड पर थूक लगाया और मेरी चूत में डाल दिया।
सुबह-सुबह मैंने महसूस किया कि उसके लंड में अब कुछ ज्यादा दम था।
15 मिनट तक उसने मुझे चोदा।
सुबह-सुबह चुदाई का मजा लेने के बाद मैं स्कूल चली गई।
जाकर मैंने सना को बताया कि मैंने भी अपने भाई से चुदवा लिया।
सना बहुत खुश हो गई, बोली- मजा आया या नहीं?
मैंने कहा- बहुत, वो तो मेरे साथ ही सोता है रात में, एक ही बिस्तर में।
वह बोली- तुम्हारा सही है, यहां तो चुदने के लिए अम्मी और अब्बू के सोने का इंतजार करना पड़ता है।
हम दोनों हंस पड़ीं।
फिर स्कूल खत्म होने के बाद मैं घर पहुंची।
भाई मेरे बाद स्कूल से आता था।
थोड़ी देर बाद वो आ गया और मुझे देख कर मुस्करा दिया।
मैं भी उसको देख कर मुस्करा दी।
दिन में घर में बहुत चहल पहल रहती है हमारे यहां, क्योंकि चाची और उनका बेटा भी दिन में अपने कमरे से बाहर होते हैं।
रोहित (मेरा भाई) और राहुल (चाचा का लड़का) दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे और एक ही क्लास में थे तो उन दोनों की कुछ ज्यादा ही बनती है।
मुझे पता नहीं चल पाया लेकिन मेरे भाई रोहित ने चाचा के लड़के राहुल को हम भाई-बहन की चुदाई के बारे में बता दिया था।
दोपहर के खाने के बाद वो दोनों रूम में आ गए।
रोहित ने अंदर आकर कमरे की कुंडी लगा ली।
तभी राहुल बोला- तुम तो अकेले-अकेले भाई के साथ मजे कर रही हो! ये तो गलत बात है।
मैं हैरान रह गई।
मैंने कहा- क्या बोल रहे हो, कैसे मजे?
राहुल- ज्यादा बनो मत अब, रोहित ने रात की बात मुझे बता दी है।
मैंने रोहित की तरफ देखा तो बोला- टेंशन मत ले, ये किसी को नहीं बताएगा।
राहुल बोला- चलो अब मुझे भी दिखाओ अपनी सुसू!
उसके कहने पर मैंने अपनी लोअर उतार दी।
राहुल मेरे पास आया और मेरी चूत में उंगली करने लगा।
इतनी देर में रोहित ने अपना लोअर उतार दिया और राहुल ने भी अपना लोअर नीचे कर लिया।
फिर राहुल ने मेरा हुडी उतार कर मुझे पूरी नंगी कर दिया और बोला- बहन, तू तो अंदर से बहुत सुंदर है।
सुनकर मैं मुस्कुराने लगी और बोली- हटो तुम दोनों!
फिर राहुल ने मुझे लिटा दिया और मेरी चूत चाटने लगा।
रोहित मेरे मुंह में अपना लंड देकर आगे पीछे करने लगा।
अब दोनों भाई मुझे जैसे नोचने लगे।
वे दोनों अपनी हवस में मुझे कहीं से भी काटते और चूस लेते।
मुझे भी इस सब में बहुत मजा आ रहा था।
राहुल चूत मारने के लिए मरा जा रहा था इसलिए उससे ज्यादा इंतजार नहीं हुआ और उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया।
मैं चुदने लगी।
मुझे मजा आने लगा- आहह … आह्ह ऊईई … आह आराम से राहुल … आह।
उधर राहुल को भी चूत मारने में बड़ा मजा आ रहा था- हाए … आह … हए … क्या चूत है बहन … आह्ह।
राहुल ने मुझे 10 मिनट चोदा और मेरी चूत के अंदर ही झड़ गया।
फिर रोहित ने मुझे 15 मिनट चोदा और वो भी मेरी चूत के अंदर ही झड़ गया।
दोनों भाई झड़ने के बाद मेरे दोनों तरफ लेट गए और मेरी चूचियां चूसने लगे; साथ की साथ चूत में उंगली करने लगे।
15–20 मिनट बाद दोनों के लंड फिर तैयार हो गए और उन दोनों ने मुझे बारी-बारी फिर चोदा।
दूसरे राउंड की चुदाई के बाद सबने अपने कपड़े पहन लिए और बाहर चले गए।
राहुल मेरे भाई रोहित से बोला- भाई रात में दरवाजा खुला रखना, मैं रात में आऊंगा।
रोहित बोला- ठीक है।
तो इस तरह से अगले 6 महीने तक दोनों ने मेरी खूब चूत चुदाई की।
मैं बीच-बीच में सना के घर भी जाती थी।
वहां सना का भाई और उसका दोस्त मेरी जमकर चुदाई करते थे।
सना के भाई ने 2 महीने बाद ही मेरी गांड मारना शुरू कर दिया था।
फिर इमरान और आफताब दोनों एक साथ मुझे चोदते थे।
एक मेरी गांड मारता था और दूसरा मेरी चूत!
6 महीने बाद घर में भी यही शुरू हो गया।
मेरे दोनों भाई मुझे एक साथ चोदने लगे।
एक मेरी गांड मारता, एक मेरी चूत!
इस तरह से राहुल मेरी गांड का बहुत शौकीन हो गया।
वह मेरी चूत कम मारता है और मेरी गांड ज्यादा मारता है।
रात होते ही दोनों भाई मेरा भोग लगाने के लिए तैयार रहते हैं।
मेरे दोनों भाई मुझे कई साल से चोद रहे हैं।
रात में रोज चुदाई चलती ही है लेकिन दिन में मुझे चुदाई में बहुत मजा आता है क्योंकि उसमें पकड़े जाने के डर की वजह से मेरी गांड एकदम टाइट हो जाती है।
और टाइट गांड में मोटा लंड घुसता है तो उसका मजा ही कुछ और है।
पिछले सालों में मैंने बहुत चुदाई करवाई है जिसमें सबसे ज्यादा मेरे दोनों भाइयों ने, सना के भाई ने और उसके दोस्त इमरान और उसके दोस्तों ने की है।
मैंने कॉलेज में बहुत बंक मारे।
मैं हफ्ते में सिर्फ 2–3 दिन ही कॉलेज जाती थी, बाकी दिन मैं इमरान को फोन कर देती थी।
इमरान मुझे कॉलेज के पास से ले लेता था और अपने कमरे पर ले जाता था।
वह कमरा लेकर अकेला रहता था, उसके अम्मी-अब्बू गांव में रहते थे।
इमरान अपने कई दोस्त लेकर कमरे में आ जाता था।
वे सब मिलकर मेरी जमकर चुदाई करते थे।
एक बार इमरान ने अपने 4 दोस्त बुलाये।
मैंने इमरान से कहा- इमरान, ये बहुत सारे हैं, मैं इतना सेक्स कैसे करूंगी?
इमरान बोला- तू नंगी हो जा बस, बाकी हम पांचों कर लेंगे जो करना है।
अक्सर इमरान एक या दो दोस्त लाता था।
पर 5 लड़के एकसाथ देख कर मेरी गांड फट गई।
इमरान को तो मैं जानती थी कि हरामी है लेकिन उसके बाकी 4 दोस्त उससे भी हरामी थे।
उन पांचों ने पहली बार में ही इतना चोदा और इतना मार-मारकर चोदा कि मेरी गांड सच में फट गई।
पांचों ने मेरी दबा कर गांड और चूत मारी।
सबने दो-दो बार तो किसी ने तीन-तीन बार।
सुबह से लेकर शाम तक वो सब मुझे लगातार चोदते रहे।
सबने मिलकर दारू पी और मुझे दबाकर चोदा।
सब मेरा नंबर लेकर गए और मुझे रोज प्राइवेट में मिलने के लिए मैसेज भेजने लगे।
वे तो सारे ही मुझे चोदने की बात करते थे।
किसी-किसी से मैं मिलने भी जाती थी।
एक लड़का था अमर, इमरान के साथ ही!
उसने मुझे चोदा था।
मैं एक बार उससे मिलने गई थी।
उसने भी वही 5 वाला ही सीन किया।
उसने और उसके चार दोस्तों ने मिलकर मुझे बहुत चोदा।
जिस दिन सना के अम्मी-अब्बू घर पर नहीं होते हैं, उस दिन मैं और सना अब भी दोनों एकसाथ चुदती हैं।
सना की चूचियां अब बहुत बड़ी हो गई हैं। सना के बूब्स का 36D साइज आता है।
उसका भाई सना को उसकी भाभी के सामने चोद देता है।
सना ने मुझे भी अपनी भाभी आफरीन के सामने बहुत चुदवाया है।
आफरीन, सना की भाभी है भी बहुत सुंदर!
उसकी चूत एकदम हल्के गुलाब जैसी है।
आफताब जब आफरीन की चूत पर थप्पड़ मारता है तो चूत एकदम लाल पड़ जाती है।
दोस्तो, मेरे भाइयों को इस बात का पता नहीं है कि मैं घर से बाहर भी चुदती हूं।
हालांकि कॉलेज के बाद मैंने चुदाई कम कर दी है क्योंकि भाई ही इतना चोद देते हैं कि बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
राहुल मुझे सुबह से दोपहर कम से कम दो बार जरूर चोदता है।
दोपहर का खाना खाने के बाद रोहित मुझे चोदता है।
फिर रात तक सब इधर उधर रहते हैं।
रात में रोहित का मुझ पर एकाधिकार हो जाता है।
कभी-कभी राहुल के बहुत कहने पर रोहित मान जाता है वर्ना रात के समय राहुल की मेरी चूत और गांड में नो एंट्री है।
रात में रोहित भाई कमरे में लेट कर मेरा इंतजार करता है।
मैं कमरे में पहुंच कर अंदर से कुंडी लगा कर नंगी होते हुए भाई के पास जाती हूं और फिर भाई मुझे रात में 2–3 बार जम कर चोदता है। हम दोनों पागल सेक्स करते हैं.
फिर सुबह उठकर भी बिना सेक्स किए हम दोनों कमरे से बाहर नहीं आते हैं।
मुझे भी सुबह-सुबह बिना लंड अपनी चूत में अंदर-बाहर करवाये उठने का मन नहीं करता।
कॉलेज के बाद हम तीनों एक समर कैंप में भी गए थे।
असल में समर कैंप क्या कैंपिंग टाइप ही था।
हम लोग एक हफ्ते की ट्रिप पर गए थे।
हमने वहां जंगल में कैंपिंग की और जंगल में और कैंप के अंदर एक हफ्ते तक बहुत चुदाई की।
खुले जंगल में चुदाई करने का भी अपना मजा है।
मुझे तो बहुत मजा आया था।
मेरे दोनों भाइयों ने मेरे साथ बस में, ट्रेन में, और पता नहीं कहां-कहां सेक्स किया है।
एक बार तो मैं और रोहित मॉल में थे।
वहां ऊपर कंस्ट्रक्शन रुका पड़ा था.
भाई मुझे ऊपर ले गया और हम दोनों ने मॉल की आधी बनी हुई छत पर सेक्स किया।
मुझे बहुत डर लग रहा था कि कोई रिकॉर्डिंग न कर ले।
भाई मेरी गांड मार रहा था क्योंकि मेरी गांड डर के कारण एकदम टाइट हो रही थी।
मुझे अपने भाई के साथ रात को चुदाई में भी बहुत मजा आता है क्योंकि मुझे ऐसा लगता है कि मैं उसकी बीवी हूं और मेरा पति हर रात मेरे साथ सुहागरात मना रहा है।
आज भी वह मुझे ऐसे चोदता है जैसे मुझे पहली बार चोद रहा हो।
दोस्तो, यह थी मेरी भाई से चुदाई की कहानी।
आपको मेरी वासना में पागल सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना।
मैं आप लोगों के कमेंट्स और मैसेज का इंतजार करूंगी।
मेरा ईमेल आईडी है- [email protected]
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