चोदू यार को घर बुलाकर चूत मरवायी
(Teen Girl Sex Kahani)
मेरे सेकंड सेक्स की कहानी में पढ़ें कि मैं दिन में एक बार अपने दोस्त से चुद गयी. वह शाम को मुझे अपने दोस्त के घर लेजाकर पेलना चाहता था. पर मैंने मना कर दिया. था. वह फिर से घर आ गया.
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, कैसे हैं आप सब?
आपने पिछली कहानी
घर पर हुआ चूत का उद्घाटन
में जाना कि कैसे मेरी सील टूटी।
अब मेरे सेकंड सेक्स की कहानी को आगे बढ़ाते हैं, कैसे उसी रात को मेरी रात भर चुदाई हुई।
शाम को उससे बात हुई तो मैंने उसे बताया कि मैं अकेली हूँ।
उसने कहा कि उसने मुझे अपने दोस्त मोंटी के रूम पर ले जाने का मूड बनाया था.
पर मैंने मना कर दिया क्योंकि इसमें जोखिम था।
तब उसने कहा- तो आज रात मैं तुम्हारे घट आ जाता हूँ।
मैंने कहा, “अगर किसी ने देख लिया तो दिक्कत हो जाएगी।”
उसने कहा, “मैं लेट आऊंगा, गली में कोई नहीं होगा तो कोई परेशानी नहीं होगी।”
मैंने सोचा ठीक है, शायद फिर कभी ऐसा मौका न ही मिले।
रात को खा-पीकर मैं बस अपने चोदु का इंतज़ार करने लगी।
11 बजे उसका कॉल आ गया।
उसने कहा, “मैं तेरे घर के बाहर हूँ, तू बाहर आ।”
मैंने कहा, “मैं घर से बाहर नहीं आ सकती, तू मेरे ही घर आ जा।”
रात को मॉन्टी ने उसे मेरे घर के पास छोड़ दिया।
उसने मुझसे फोन पर पहले ही बोल दिया था कि दरवाज़ा खोलकर रखना।
रात के 12 बज रहे थे।
चेतन का फोन आया, “मैं दरवाज़े पर हूँ, मिल।”
सभी लोग सो चुके थे, वो अंदर आ गया।
मैंने आसपास देखा कि कहीं किसी ने कुछ देखा तो नहीं, फिर तसल्ली करके दरवाज़ा लॉक किया।
अंदर आते ही उसने मुझे वहीं दीवार के सहारे टेक कर जोरदार किस करना शुरू कर दिया।
मैंने कहा, “रुको थोड़ा, सब्र रखो।”
मैंने पूछा, “घर पर क्या बताया तुमने?”
चेतन बोला, “मॉन्टी के यहाँ पढ़ाई के लिए जा रहा हूँ।”
चेतन देखने में हैंडसम है, 5’9” की हाइट है।
वो बैग में मेरे लिए कुछ चॉकलेट्स और आइसक्रीम लाया था, मैंने उसे फ्रिज में रख दिया।
फिर हम दोनों मेरे कमरे में आ गए।
उसने मुझसे पूछा, “आज सेक्स में मज़ा आया कि नहीं?”
मैं मुस्कुराकर बोली, “हम्म।”
उसने कहा, “अभी सेक्स थोड़ा अलग तरीके से करेंगे।”
मैंने कहा, “मतलब?”
वो बोला, “कुछ नया ट्राई करेंगे।”
उसने कहा, “अंकिता, पहले तुम लेट जाओ और जैसा मैं बोलूँ वैसा ही करना।”
मैंने हामी भर दी लेकिन मन थोड़ा घबरा रहा था, धड़कनें तेज़ हो गयी थीं।
मैं लेट गयी।
उसने कहा, “तुम अपने हाथ ऊपर करो।”
मैंने किये तो उसने मेरे हाथ खिड़की से बाँध दिये।
तब मैंने कहा, “ये क्या कर रहे हो?”
वो बोला, “घबराओ नहीं, बस मज़े लो।”
फिर उसने अपने सारे कपड़े निकाल दिये और नंगा हो गया।
मैं घर में लोअर और टी-शर्ट पहने थी।
उसने मेरे लोअर को धीरे से नीचे खिसकाया।
पैंटी के साथ लोअर को मेरी चूत के ठीक ऊपर रखा, मतलब 1 सेमी और खिसकता तो मेरी चूत दिख जाती।
फिर उसने मेरी नाभि से लेकर मेरी चूत के ठीक ऊपर तक किस करना शुरू कर दिया।
मुझे गुदगुदी हो रही थी और मैं गर्म भी हो चुकी थी।
5 मिनट ऐसे ही चाटने के बाद उसने मेरी टी-शर्ट को पूरा मेरी हथेली तक खिसका दिया।
अब मैं सिर्फ ब्रा में थी।
उसने ब्रा खोल दी और उसे भी खिसका दिया।
मेरी चूत से पानी निकलने लग गया था, मैं गीली हो चुकी थी।
अब वो मेरे बूब्स और मेरे होंठों से लेकर मेरे पेट तक किस कर रहा था।
उसने मेरे निप्पल को तुरंत अपने मुँह में ले लिया, मेरे होंठों को छूते हुए, मेरे गाल को छूते हुए, मेरी चूचियों को मसलते हुए, निप्पल को अपने दाँतों से दबाने लगा।
फिर मेरे हाथों के बगल में भी किस करने लगा।
मैं तो पागल होने लगी थी दोस्तो।
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे पूरे शरीर में आग धधक रही हो।
मेरी चूत बहुत ज़्यादा गीली हो गयी थी।
फिर उसने मेरी चूत को मेरे लोअर के ऊपर से ही सहलाना शुरू कर दिया।
10 मिनट बाद उसने मेरे लोअर को पैंटी के साथ उतार दिया।
हम दोनों पूरी तरह नंगे एक-दूसरे से चिपके थे।
मैंने अपनी दोनों टाँगें चौड़ी कर दीं।
वो समझ गया कि मैं चुदने के लिए तैयार हूँ।
वो मेरी चूत को चाटने लगा, जीभ घुमाने लगा।
मैं उचक-उचक कर उसके मुँह से अपनी चूत चटवाने लगी।
वो मेरी चूत में उंगली और जीभ दोनों बारी-बारी से घुमाता, कभी मेरे बूब्स को दबाता।
इसी बीच मैंने अपना पानी निकाल दिया।
वो बोला, “कैसा लगा, मज़ा आया?”
मैंने कहा, “हाँ, बहुत।”
तब उसने मेरे हाथ खोल दिये।
फिर उसने कहा, “मुझे भी मज़ा दो अब, मेरे लंड को चूसो।”
मैं चाहती तो नहीं थी, पर चूसना पड़ा।
मैं लंड को चूसते-चूसते भूल गयी कि मैं लंड चूस रही हूँ।
मैंने लंड को हर तरीके से चूसा, जैसा मैंने पॉर्न मूवी में देखा था।
कुछ देर में वो भी झड़ गया, मेरे ऊपर सारा वीर्य निकाल दिया।
मैं बाथरूम गयी और अपने आप को साफ किया।
मैं आयी और बदन पोंछ रही थी तो चेतन बोला, “गीली ही आओ।”
मैं गीली ही आयी।
मुझे दीवार के सहारे खड़ा करके उसने मेरे दोनों हाथों को एक हाथ से पकड़ लिया और दूसरे हाथ को मेरी चूत में डाल दिया।
ऐसे चूमने लगा, मेरे गले को कुत्ते की तरह चाट रहा था, जैसे कभी लड़की ही न देखी हो।
करीब 10 मिनट तक हम खड़े खड़े करते रहे।
फिर उसने मुझे घुमा दिया, थोड़ा झुकाकर अपने लंड को मेरी चूत में रगड़ने लगा।
मैंने कहा, “मैं बिना कॉन्डम नहीं करूँगी, प्लीज़।”
वो बोला, “मैं हमेशा कॉन्डम रखता ही हूँ, कब काम पड़ जाए।”
उसने स्पर्मीसाइड कॉन्डम निकाला, जो पतला दिख रहा था, उसे पहना और फिर उसी पोज़िशन में मेरी चूत में लंड डाल दिया।
उसने मेरे बूब्स को अपने दोनों हाथों में लेकर खेलते हुए दबाने लगा।
मैं जोर-जोर से “सी सी सी सी… हा हा हा… ऊऊऊ… ऊँ ऊँ ऊँ… उहूँ उहूँ” की चीखें निकालने लगी।
वो जोर का धक्का मारकर पूरा लंड मेरी चूत में घुसा देता।
वो धक्का पेलकर अपना लंड पेल रहा था।
मैं उसके ऊपर घच-घच कूदकर चुदाई कर रही थी।
मुझे मेरे सेकंड सेक्स में बहुत मज़ा आने लगा।
फिर उसने मुझे पलंग के सहारे डॉगी बनाया और घपा-घप चोदने लगा।
फिर पलंग पर लिटाया, मुझे उल्टा करके मेरे ऊपर लेट गया और धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर करने लगा।
मुझे इस चुदाई से बहुत आनंद मिल रहा था।
फिर उसने मुझे गोद में बैठाया, मैं उसके गले से लिपट गयी।
मेरे बूब्स उसकी छाती में दब रहे थे।
चुदाई के बीच में मैं झड़ गयी।
इसी तरह 5 मिनट चुदने के बाद उसने मुझे लिटाया, पैर चौड़े किये और सीधा लंड मेरी चूत में डाल दिया।
मैंने अपने दोनों पैरों से चेतन को कस लिया और चेतन मेरी जबरदस्त चुदाई करने लगा।
थोड़ी देर में हम दोनों झड़ गए।
मेरी चूत का पानी मेरी गांड तक आ गया था।
हम दोनों चिपचिपे हो गए थे।
हम दोनों थक गए थे, एक-दूसरे से चिपक कर लेट गए।
थोड़ी देर बाद हम दोनों बाथरूम में साथ गए।
मैंने उसके लंड को पानी से साफ किया और उसने मेरी चूत को साफ किया।
फिर बाहर आये।
फिर हमने एक-दूसरे को किस किया और आइसक्रीम खाने लगे।
उसने कहा, “अंकिता, मज़ा आ रहा है न चुदाई में?”
मैंने कहा, “हाँ, बहुत मज़ा आ रहा है।”
दोनों ने टीवी चलाया हॉल में और मूवी देखने लगे।
हम नंगे ही थे।
फिर उसने कहा, “टीवी बंद करो, मैं अपने पास से हॉलीवुड की सेक्स मूवी दिखाता हूँ।”
हम दोनों देखने लगे।
जबरदस्त सेक्स मूवी देखने के बाद हमारा मूड बन गया।
वो बोला, “ऐसे नहीं, तुम अच्छे से तैयार हो, साड़ी पहनो और सारे कपड़े पहनकर आओ।”
मैं कपड़े पहनने गयी।
वो नंगा ही मेरा इंतज़ार कर रहा था वही हॉल में।
मैं साड़ी पहनकर आयी।
वो बोला, “एकदम माल लग रही हो।”
उसने मुझे अपनी ओर खींचा और चूचियाँ भींच दी।
मुझे वही बैठाया और मेरी साड़ी के पल्लू को बिना हटाए ही मेरे बूब्स को दबाने लगा।
फिर मेरी नाभि को चूमने लगा, धीरे-धीरे खड़े रहते हुए।
उसने फिर मेरा पल्लू हटाया, मेरे ब्लाउज़ को कंधे से सरकाया, ब्रा के साथ मेरे बूब्स में ब्लाउज़ को फँसा दिया और मेरे कानों को चूमा, फिर मेरी गर्दन को चूमने लगा।
मैं आँखें बंद करके आनंद की अनुभूति ले रही थी।
उसने मेरे ब्लाउज़ के बटन खोले और ब्लाउज़ उतार दिया, मेरी ब्रा को कंधे से फ्री कर दिया।
फिर मेरी साड़ी को खोल दिया।
मैं अब पेटीकोट में थी।
तब तक चेतन का लंड सलामी दे रहा था।
उसने मुझे टेबल पर बैठा दिया, मेरा पेटीकोट को धीरे-धीरे मेरी जाँघों तक उठा दिया और मुझे नीचे से जाँघों तक चूमने लगा।
मैं गर्म हो चुकी थी, चूत गीली हो गयी थी।
कुछ देर चूमने के बाद उसने मेरी पैंटी को खींचकर पूरा उतार दिया।
अब मैं ब्रा और पेटीकोट में थी।
उसने मुझे सोफे के सहारे खड़ा किया और पीछे से मेरी कमर को चूमने लगा, पेटीकोट के ऊपर से ही लंड को मेरी चूत पर रगड़ने लगा।
फिर उसने मेरी ब्रा को भी अलग कर दिया, मेरी पीठ को चूमा।
मेरे पूरे शरीर को उसने चूमा।
मैं सिर्फ पेटीकोट में थी।
उसने टेबल पर मुझे लिटाकर पेटीकोट को पूरा उठाकर मेरी चूत में उंगली डाली।
मेरी चूत गीली हो चुकी थी।
उसने वो उंगली मुझे चटायी, चूत का स्वाद मिला।
फिर वो टेबल पर बैठा और मुझे लंड चूसने का इशारा किया।
मैंने लंड चूसना शुरू किया, चूसकर गीला कर दिया था।
मैंने चेतन का सर पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से अपनी चूत पर रगड़ना शुरू किया।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
उसने मुझे झुकाया और पेटीकोट को उठाकर पीछे से मुझे घुमाकर मेरी चूत में अपना लंड रगड़ते हुए धक्का दिया।
मेरी चूत में लंड घुसाते ही कमर पकड़कर ज़ोर-ज़ोर के धक्के देते हुए चोदने लगा।
मुझे स्वर्ग का आनंद मिल रहा था।
हम दोनों ने कामवासना की सारी हदों का आनंद लेना शुरू कर दिया।
चेतन मेरी जबरदस्त चुदाई कर रहा था और मेरी चूची को साथ में पी रहा था, साथ में उसे चूम रहा था।
फिर मुझे टेबल पर बैठाकर अपना लंड सेट किया और धीरे-धीरे मुझे फिर दीवार के सहारे टिकाया।
चेतन के टट्टे मेरी गीली गांड से लग रहे थे और थप-थप की आवाज़ आ रही थी।
उसी बीच मैं झड़ चुकी थी।
चूत गीली हो चुकी थी और वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था।
उसका लंड मेरी चूत में गपा-गप अंदर-बाहर हो रहा था।
मैं अपनी चूत को ज़ोर-ज़ोर से चुदवा रही थी।
मैं “आआ आआह्ह ह्ह” की आवाज़ें निकाल रही थी।
मैंने चेतन से कहा, “अब थक चुकी हूँ।”
उसने कहा, “कुछ देर और।”
उसने मेरे बाल खोल दिये, फिर मुझे डॉगी बनने को कहा और लंड सेट कर मेरी सवारी करने लगा।
मेरे बालों को अपने हाथों से पकड़कर खींचता, जैसे मेरी सवारी कर रहा हो।
कुछ देर मेरी सवारी करते हुए हम दोनों का पानी निकल गया।
मेरी चुदाई पेटीकोट पहने ही हुई।
और हम एक-दूसरे के साथ ऐसे ही पड़े रहे।
मैंने चेतन से कहा, “मुझे आज मज़ा ही दे दिया। मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं हवा में उड़ रही हूँ।”
कुछ देर बाद हम दोनों बाथरूम में गए और नहाये।
मैंने कपड़े धोने के लिए रख दिये।
हम सो गए।
हम दोनों एक-दूसरे से चिपके नंगे सो रहे थे।
सुबह सभी के उठने से पहले उसे निकालना भी था, कहीं कोई देख न ले।
हम उठे और हमने एक बार फिर एक-दूसरे को अच्छे से चूमा-चाटा और उसे बाहर तक छोड़ दिया।
मैं सो गयी, उस दिन कॉलेज नहीं गयी।
दोस्तो, आगे क्या हुआ वो अगली कहानी में बताऊँगी।
आपको ये मेरे सेकंड सेक्स की कहानी कैसी लगी, मुझे बताएँ।
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