मनाली के रिसॉर्ट में प्यार भरी चुदाई- 3
(Sexy Bhabhi Lick Fuck Story)
सेक्सी भाभी लिक फक स्टोरी में मैंने एक सुंदर लेडी को मनाली के एक रेसॉर्ट में पूरी नंगी करके उसके पूरे बदन को चाट चाट कर गर्म करके चोदा. मजा लें.
दोस्तो, मैं विंश शांडिल्य एक बार फिर से आपकी कामवासना बढ़ाने के लिए अपनी सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ.
मासूम खूबसूरत भाभी को मनाली में चोदा
अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने अपनी महबूबा कृतिका से वाइन पीने का पूछा और उसकी हामी मिलते ही मैं अपने बैग से वाइन की बोतल ले आया.
अब आगे सेक्सी भाभी लिक फक स्टोरी:
मैंने वाइन की बोतल खोली और उसके बगल में बैठ कर पीने लगा.
वो अभी भी लेटी हुई थी और मेरी तरफ बड़ी ही प्यार भरी नज़रों से देख रही थी.
मैंने उसे टोकते हुए कहा- क्या बात है आज मुझ पर बड़ा प्यार आ रहा है?
वो मुस्कुराई, लेकिन कहा कुछ नहीं.
फिर उठ कर बैठ गयी.
अब समय था रोमांचक रोमांस का.
पहले मैंने वाइन से अपना पूरा मुँह भरा और उसके होंठों को चूमते हुए उसे सारी वाइन पिला दी.
फिर बोतल उठा कर उसके मुँह में धीरे धीरे गिराने लगा.
उसका मुँह खुला हुआ था.
थोड़ी वाइन उसके मुँह के अन्दर जा रही थी और आधी से ज़्यादा वाइन उसके मुँह से बाहर निकल कर उसकी चूचियों से होते हुए उसके पेट, फिर नाभि को छूते हुए उसकी चूत पर जाकर गिर रही थी.
क्या नज़ारा था वो … मानो मुझे मदहोश करने के लिए उसके मुँह से झरना गिर रहा हो.
मैंने अपना मुँह उसकी चूत के पास लगा दिया और सोमरस के साथ साथ उसके चूतरस का भी पान करने लगा.
सच में बड़ा ही अच्छा और अलग स्वाद था उस शराब का … जो कृतिका की चूत में से होते हुए मेरे मुँह में जा रही थी.
मैं तो उस वक़्त ऐसी कल्पना में खोया हुआ था मानो मैं स्वर्ग में हूँ और कोई बहुत ही खूबसूरत अप्सरा, अपनी चूतनुमा बर्तन से मुझे शराब पिला रही हो.
फिर मैंने वाइन की बोतल को किनारे रखा और चाट चाट कर सारी वाइन उसके शरीर से साफ कर दी.
उसके बाद मैं उसकी चूचियों से खेलने लगा.
अब वो भी फिर से मदहोश होने लगी थी और मेरे बालों में बड़े ही प्यार से अपनी उंगलियां फेर रही थी.
अभी कुछ ही देर हुई थी, मैं उसके बदन से खेल रहा था कि उसने मुझे धक्का देकर नीचे कर दिया और खुद मेरे ऊपर आ गयी, मेरे होंठों को और सीने पर पागलों की तरह चूमने लगी.
चूमते चूमते ही उसने हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को पकड़ा और मेरी जांघों के पास चली गयी.
मेरे लंड को जो अर्ध निद्रा में था, अपनी मुट्ठी में लेकर हिलाने लगी.
सच बताऊं तो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर उसके बाद वो मुझे दीवानों की तरह किस करने लगी और किस करते करते उसने मेरे शरीर पर कई लव बाइट भी दे दीं.
उसने फिर से मुझे बिस्तर पर धकेल कर मेरा लंड पकड़ा और उसे पूरा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
अब मुझसे सहन नहीं हो रहा था तो मैंने उसे बिस्तर पर खींचा और कहा- क्यों रात भर यही करने का इरादा है?
वो थोड़ा शर्माई और मुझे किस करने लगी.
मैंने उसे एक बगल में लिटाया और उसके पूरे बदन को चूमते चाटते हुए उसकी चूत पर जा पहुंचा.
उसकी चूत के दाने को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा.
वो भी अपनी गांड उठा उठा कर अपनी चूत चुसवा रही थी.
चूत के दाने को मैं मुँह में लेकर चूस रहा था और अपने एक उंगली से उसके छेद को सहला भी रहा था.
सहलाते हुए कई बार मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में डालने की कोशिश की मगर उसने ऐसा करने नहीं दिया.
शायद उसे दर्द हो रहा था.
मैंने उससे पूछा तो उसने कहा कि कल तो मैंने दवा ली हुई थी मगर तुममें जानवरों की तरह से मुझे बहुत ही ज्यादा रौंदा था. उसका अहसास आज हो रहा है. मुझे नहीं मालूम कि आज मेरा क्या होगा.
मैंने आश्चर्य जताया- तुम दो बच्चों की मां हो. फिर इतना दर्द कैसे?
उसने बताया कि वो दोनों बच्चे ऑपरेशन से हुए थे और उसके पति का लंड मुझसे आधा ही है. बस किसी तरह से बच्चे हो गए थे. लेकिन पिछले काफी समय से उसने सेक्स नहीं किया है.
ये सब जानकर मैं हैरान था. मगर तब भी मैं उसे चोदने के लिए काफी उत्तेजित हो गया था.
अब उसके भी बर्दाश्त की सीमा नहीं थी जिसका अहसास उसकी सिसकारियों से पता चल रहा था.
वो पागल सी होती जा रही थी और अपने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत में ऐसे दबा रही थी जैसे मुझे ही अपनी चुत के अन्दर घुसेड़ लेगी.
जब उससे नहीं रहा गया तो उसने कहा- प्लीज बाबू, अब मत तड़पाओ … अब नहीं रहा जाता … अब डाल दो अपना लंड मेरे अन्दर जान … चोद दो मुझे शोना!
वो जैसे जैसे चिल्ला रही थी, मैं वैसे ही और तेज़ उसके दाने को रगड़ रहा था.
मुझे लग रहा था जैसे लोहा गर्म है और देर नहीं करनी चाहिए.
मैं उठ कर उसकी जांघों के बीच आ गया और उसकी दोनों टांगों को फैला कर बीच में बैठ गया, अपने लंड को उसकी चूत के ऊपर रख दिया.
मेरे लंड रखते ही मानो उसके बदन में बिजली दौड़ गयी.
मैंने धीरे धीरे अपने लंड से उसकी चूत के दाने को रगड़ते हुए उसके चूत के मुँह पर लगा दिया और हल्का सा धक्का दे दिया.
मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ आधा अन्दर घुस गया.
वो दर्द से चीख पड़ी.
ये बिना दवा लिए चुदाई हो रही थी तो उसका वास्तविक दर्द सामने आ गया था.
मगर अब रहम करने की स्थिति नहीं थी, आखिर दर्द तो उसको वैसे भी होना था … लेकिन बिना मतलब के कोशिश करने का कोई फायदा नहीं था.
इसलिए मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर सैट किया और उसके ऊपर लेट कर उसके होंठों को अपने होंठों से लॉक कर दिया.
मैं उसके होंठों के किस का मजा लेने लगा.
जब उसका पूरा ध्यान किस की तरफ था तभी मैंने एक ज़ोर का धक्का उसकी चूत में मारा.
मेरा पूरा लंड उसके चूत में जा चुका था.
वो दर्द से तड़पने लगी और अपने आपको मुझसे छुड़ाने की नाकाम कोशिश करने लगी.
लेकिन मुझे पता था कि ऐसा ही होने वाला है, तो मैंने अपनी पकड़ उस पर पहले से ही मजबूत रखी थी कि वो छुड़ा न सके.
उसकी हालत अब जल बिन मछली जैसी हो गयी थी.
फिर से एक प्यारी सी और लंबी किस में हम दोनों लिप्त हो गए.
मुझे लगा जैसे अब उसका दर्द कुछ कम है और वो अपनी गांड को भी थोड़ा थोड़ा हिला रही है, तो फिर से उसे किस करते हुए उस पर पकड़ बनाई और एक ज़ोर का धक्का उसकी चूत में दे मारा.
मेरा समूचा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ एक बार फिर से उसमें जड़ तक घुस गया.
उसी के साथ वो बहुत तेज़ चीख उठी- ऊईई ईई म्मम्म … मां आं मर गई प्लीज़ … बाहआर र निकालो ओ ओइस्स … जान अब नहीं रहा जा रहा … मर जाऊंगी प्लीज़ छोड़ दो बाबू आंह!
लेकिन उसकी बातों को अनसुना करते हुए मैंने एक और ज़ोर का धक्का दे मारा और अपना लंड उसकी चूत में अन्दर तक पेल कर शांत हो गया.
अब मैं अपने आपको कंट्रोल करते हुए उसे चूमने लगा और उसकी चूचियों को सहलाने लगा.
बड़े ही प्यार से उसके चूचियों के साथ कुछ मिनट तक खेलता रहा.
तब जाकर ऐसा लगा कि अब वो नॉर्मल हो रही है.
उसने अपनी बांहों का हार मेरे गले में पहना दिया.
अब मुझे भी जल्दबाज़ी नहीं करनी थी.
मैंने पूछा- जान अब ठीक लग रहा है?
पर वो कुछ बोली नहीं और बस इशारे में जवाब दिया कि हां अब ठीक है.
मैं उसे चूम और चाट ही रहा था, तभी उसकी कमर में हरकत हुई.
मैं समझ गया कि मेरी माल अब चुदने के लिए तैयार है.
अब देरी ना करते हुए मैंने धीरे धीरे अपने लंड को गति दे दी.
मैं उसे पहले बहुत धीरे धीरे चोद रहा था लेकिन कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा- अब सब ठीक है, जैसे चाहते हो चोदो मुझे!
मैंने पूछा- क्यों दर्द नहीं रहा क्या?
“जो होना था हो गया, अब बस तुमसे रात भर चुदना है.”
उसका मुझे ये जवाब मिला और मैंने अपनी स्पीड धीरे धीरे बढ़ानी शुरू कर दी.
अब उसको भी मज़ा आने लगा था, वो भी अपनी गांड को पूरे ज़ोरों से हिला कर मेरा साथ दे रही थी.
जैसे जैसे मेरी स्पीड बढ़ रही थी, वो उतनी ही जोश में आती जा रही थी.
सोने पर सुहागा ये था कि उसकी बातें भी वाइल्ड होती जा रही थीं.
मैंने अभी तक उसे इतना खुलकर बोलते नहीं सुना था. लेकिन वो कहते हैं ना जब सेक्स का जादू चढ़ता है, तो अच्छे अच्छे बदल जाते हैं.
वैसी ही हालत उसकी भी थी.
मेरे हर धक्के के साथ वो चिल्लाये जा रही थी- हां … आहहां और ज़ोर से हां, विंश आज मुझे पूरी अपनी बना लो, बुझा दो मेरी प्यास चोदो और ज़ोर से प्लीज़.
ऐसे ही चिल्लाती हुई वो अकड़ने लगी और झड़ गई.
लेकिन मेरा जोश और बढ़ता जा रहा था और उसी के साथ मेरे धक्के भी अब उससे सहन नहीं हो रहे थे.
फिर भी मैं धक्के लगाता रहा और करीब 5 मिनट बाद ऐसा लगा कि अब मेरा पानी भी निकलने वाला है तो मैं अपने पूरे शबाब में आ गया और खूब तेज़ तेज़ धक्के मारने लगा.
उसका बहुत बुरा हाल हो चुका था, अब तक वो एक और बार तैयार हो चुकी थी और ज़ोरों से चुद रही थी.
मेरे हर धक्के का जवाब भी उतनी ही तेज़ दे रही थी, जितनी तेज़ मेरे धक्के थे.
अब तूफान चरम पर आ चुका था, मैंने उससे पूछा- कहां निकलूं?
उसने कहा- अब मैं तुम्हारी हूँ, जहां मन करे … निकाल दो.
इतना कहते ही मैं और वो एक ही साथ झड़ने लगे और मैंने अपने लंड की मलाई से उसकी पूरी चूत को लबालब कर दिया.
झड़ कर मैं उसके ऊपर ही पस्त होकर गिर गया.
हम दोनों एक दूसरे की बांहों में थे और एक दूसरे को प्यार से थामे हुए थे.
कुछ देर गुजरने के बाद मैंने कहा- जान भूख लगी है.
वो उठी और जाकर कुछ खाने को और एक वाइन की बोतल लेकर आ गई.
दोनों ने खाना खाया और वाइन भी पी.
फिर एक साथ लेट गए और फिर से एक दूसरे में गुंथ गए.
उस रात हमने 4 बार चुदाई की और थक कर एक दूसरे के गले में बांहें डाले सो गए.
दूसरे दिन जब हमारी आंख खुली तो दिन के 11 बज रहे थे.
कोई टेंशन तो कोई थी नहीं क्योंकि ऑफिस नहीं जाना था.
हम दोनों उठे, मुँह धोया और नाश्ता किया, एक दूसरे के बगल मैं बैठे बातें करने लगे.
हम दोनों इतने पास थे कि हमारी सांसें आपस में टकरा रही थीं और इसी से फिर से मुझे खुमारी चढ़ने लगी थी.
मैंने तुरंत ही उसको बालों से पकड़ कर खींचा और उसके होंठों से होंठों को सटा कर एक जोरदार किस कर दिया.
मेरी ऐसी किसी हरकत के लिए वो अभी तैयार नहीं थी, फिर भी नॉर्मल होकर वो बोली- इरादे नेक नहीं लग रहे जनाब के.
मैंने कहा- मुझे तुम्हें फिर से मसलने का मन कर रहा है.
उसने कहा- हां तो मसलो ना … रोका किसने है.
उसके इतना कहते ही मैं उस पर टूट पड़ा और अभी तक उसने जो ब्रा और पैंटी पहनी थी, उसे उतार कर उसके शरीर से अलग करके उसके ऊपर छा गया.
उसकी चूचियों को मसलने लगा और अपना मुँह उसकी चूत पर लगा कर उसे चूसने और काटने लगा.
मेरी हर हरकत पर उसकी आह निकल जा रही थी.
अब वो भी गर्म हो चुकी थी और मैंने भी देर न करते हुए उसकी चूत में अपना लंड एक ही झटके में जड़ तक उतार दिया.
शायद उसे भी अब आदत हो गयी थी इसलिए उसे ज़्यादा दर्द नहीं हुआ और वो भी मजे से अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी.
मैंने भी अब अपनी रफ्तार काफी तेज़ कर दी और उसे हैवानों की तरह चोदने लगा.
फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों ने ही एक दूसरे के ऊपर अपना पानी उगल दिया.
हम दोनों की ही सांसें उखड़ी हुई थीं.
जब तूफान ठहरा तब उसने कहा- तुम तो ऐसे मुझे लिक फक कर रहे थे, जैसे मेरी जान ही निकाल दोगे.
मैंने कहा- क्या करूं, कंट्रोल ही नहीं हो रहा … क्योंकि तुम माल ही ऐसी हो.
हम दोनों हंसने लगे.
फिर उसके बाद हम फ्रेश होने बाथरूम चल दिए.
वहां भी फिर एक बार तूफान आया और हम फ्रेश होकर निकले.
बाहर सोफे पर आकर बैठ गए और बातें करने लगे.
उस दिन मैंने उसको तीन बार चोदा.
उन 5 दिनों में मैंने उसे कई बार कई तरह से चोदा, उसकी गांड भी मारी और उसने भी मेरा पूरा साथ दिया.
फिर हम वापस आ गए.
उसके बाद भी हम कई बार मिले और मैंने उसे उसके घर जाकर भी कई बार चोदा. कई रात तो रुका भी उसके घर और फिर रात भर मेरा लंड उसकी चूत के साथ घमासान मचाता रहा.
सच में उसके साथ बहुत मजा आया था.
आज हम साथ नहीं हैं लेकिन उसकी एक एक छुअन का आज भी अहसास है.
दोस्तो, मैं अपनी लेखनी को विराम यहीं देते हुए आप सभी पाठकों से निवेदन कर रहा हूँ कि आपको मेरी सेक्स कहानी पसंद आई या नहीं, मुझे लिखना ना भूलें.
साथ ही सेक्स भाभियों और आंटियों से अनुरोध है कि अगर उनको मेरी इस सेक्सी भाभी लिक फक स्टोरी में कहीं भी अपनी कोई छाप मिलती है, तो अपने विचार मुझे ईमेल ज़रूर करें. अगर मुझसे कुछ बातें करके अपना अनुभव बांटना चाहती हैं तो मुझे लिखना न भूलें.
मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा.
आपका अपना विंश शांडिल्य
[email protected]
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