दोस्त की बीवी से लिया चुदाई का असली मजा

(Sex War Xxx Kahani)

क्वियर 2024-11-24 Comments

सेक्स वार Xxx कहानी में एक पति ने अपने दोस्त को उसके घर सोने को कहा क्योंकि उसकी पत्नी घर में अकेली थी. दोस्त सोने आ गया. तो बीच रात में क्या हुआ?

कुमुद के पति बाहर गए हुए थे।
वह और उसके दो बच्चे घर में अकेले थे।

उसका पति कमल अपने दोस्त सूरज से उनका ख्याल रखने को कह गया था और हो सके तो रात में उसके घर में सोने को बोल गया था।

सूरज रात के नौ बजे के करीब कुमुद के घर पहुंचा।
वह सोने की तैयारी में थी।
सोने के लिए उसने एक झीना सा गाउन पहन रखा था; नीचे वह कुछ नहीं पहने थी।

सूरज के आने पर वह कुछ चौंकी और ऊपर से एक दुपट्टा डाल कर उसके सामने आई।

तब सूरज ने बताया कि वह कमल के कहने पर उसके यहाँ सोने को आया था।
कुमुद को कुछ पता नहीं था तो उसने कमल को फोन किया.
तो कमल ने कहा- मैंने सोचा कि अकेले तुम्हें डर लग सकता है इसलिए सूरज से कह दिया था।

कुमुद ने सूरज से पूछा- कुछ खाएँगे या पिएंगे?
तो सूरज ने कुछ हँसते हुए कहा- जो खाना पीना है वह मैं बाद में कर लूँगा।

कुमुद ने उसका बिस्तर बाहर ड्राइंग रूम में लगा दिया और स्वयं बच्चों के साथ अंदर लेट गयी।

उसने महसूस किया कि सूरज उसकी जांघों के बीच में ताड़ रहा था क्योंकि वह पैंटी नहीं पहने थी।
उसको कुछ उत्तेजना भी इस बात से हुई.
पर वह लेट गयी और कुछ देर में सो गयी।

रात में वह गहरी नींद में थी और सपना देख रही थी कि कमल उसके जिस्म को मसल रहा है, उसके होंठ चूस रहा है और उसकी चूचियाँ दबा रहा है।
वह काफी उत्तेजित हो गयी और मादक सिसकारियाँ लेने लगी।

वह भी सपने में कमल के गले में हाथ डाल कर उसको चूम रही थी और उसकी जीभ ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी, उसकी लार निगल रही थी जैसा वह हमेशा ही करती थी।

कमल ने उसके गाउन उठा कर उसकी चूत को मसलना शुरू किया।
वह उसकी क्लिट भी मसल रहा था।

कुमुद की चूत पानी छोड़ने लगी।
वह चाहने लगी कि अब कमल उसको चोद डाले।
यहाँ से सेक्स वार Xxx कहानी शुरू हो गई.

उसने उसका जिस्म अपनी तरफ खींचना शुरू किया।
कमल ने भी इशारा समझ कर अपना लंड उसकी चूत में उतार दिया।

6 इंच का लंड दो तीन धक्के में उसकी चूत में उतर गया।
कुमुद के जिस्म में मादक लहरें सी उठने लगीं और उसका शरीर उत्तेजना के कारण सिहरने लगा।

परंतु तभी उसको एक झटका सा लगा।
उसके पति का लन्ड इतना बड़ा तो नहीं था।

इसका अहसास होते ही उसने आँखें खोल दीं और उसे वास्तविकता का अहसास हुआ।
वह कोई सपना नहीं देख रही थी वरन वास्तव में उसके ऊपर उसके पति का दोस्त सूरज चढ़ा हुआ था।

उसने सूरज को हटाने की कोशिश की परंतु सूरज ने उसको कस कर दबा रखा था।
सूरज काफी हट्टा कट्टा था।
वह उसकी जकड़ से नहीं छूट पायी.

उसने ज़ोर से कहा- यह क्या भैया, आप क्या कर रहे हैं अपने दोस्त की बीवी के साथ? आप अपने दोस्त के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। मुझे छोड़िए नहीं तो मैं शोर मचा दूँगी।
सूरज ने कहा- भाभी, मैं तो गलती से चढ़ गया नींद में, मुझको लगा कि मेरी पत्नी है। मैंने जब आपको चूमना चाटना शुरू किया तो आपने भी कोई प्रतिवाद नहीं किया। मैं नींद में था, मुझे पता ही नहीं चला परंतु जब मैंने अपना लन्ड आपकी चूत में घुसेड़ा तो आपने उसे आसानी से ले लिया. जबकि मेरी पत्नी बहुत हाय हाय करती है। तब मुझे भी अहसास हुआ कि मैं अपने घर पर नहीं बल्कि आपके घर में हूँ परंतु अब तो लन्ड घुस गया है। अब तो यह बिना झड़े बाहर नहीं आयेगा। आपकी चूत भी पानी छोड़ रही है। इसका मतलब है कि आपको भी चुदाई पसंद आ रही है इसलिए चुपचाप चुदाई का मजा लीजिये।

कुमुद ने महसूस किया कि सूरज ठीक कह रहा था।
उसे मजा तो बहुत आ रहा था, उसकी चूत बुरी तरह पानी छोड़ रही थी और उसकी चूचियाँ तन गयी थीं, उसका बदन बुरी तरह उत्तेजना से सिहर रहा था जैसा कि पहली रात में चुदते हुए हुआ था।
परंतु पति से विश्वासघात कैसे करती?

मरे स्वर में बोली- वह तो ठीक है भैया … परंतु इनको क्या जवाब दूँगी। इनके साथ कैसे विश्वासघात करूंगी?
सूरज ने कहा- वह भड़वा कुछ नहीं बोलेगा। वह तो मुझसे खुद ही गांड़ मराता है। उसका लन्ड तो बहुत छोटा है। वह तो स्वयं कई बार कह चुका है कि तुमको उससे कोई मजा नहीं मिलता और उसने कई बार मुझे इशारा किया कि मैं तुम्हें चोद कर मजा दूँ। इसलिए आज मैंने मौका देख कर उसकी इच्छा पूरी कर दी। यकीन न हो तो कभी उसके आने पर तुमको दिखा दूँगा।

कुमुद को यकीन नहीं हुआ परंतु सूरज का लंड उसकी चूत में हलचल मचा रहा था तो उसने चुदना ही बेहतर समझा।
उसने सूरज के गले में बाहें डाल कर उसको चूमना शुरू कर दिया और कहा- भैया, आज मेरी प्यास बुझा दो। वाकई में कमल का लन्ड बहुत छोटा है उससे कोई भी मजा नहीं मिलता। वह जल्दी झड़ भी जाता है और मैं प्यासी रह जाती हूँ। जबसे शादी हुई है, मेरी कस कर चुदाई नहीं हुई जबकि उसके पहले मुझे मेरे जीजा ने कई बार कस कस कर चोदा था। उनका भी लंड आपके लंड जैसा ही मोटा और लंबा था और मेरी चूत की ऐसी तैसी कर देता था। आज आप पूरी रात मुझे चोद कर मेरे सारे छेदों को चोद डालो।

यह कह कर कुमुद ने सिसकरियां लेते हुए नीचे से अपने चूतड़ उछालने शुरू किए।
सूरज ने भी ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू किए।
दोनों के बीच पलंग तोड़ चुदाई शुरू हो गयी।

कुमुद उत्तेजना के अतिरेक में एक से एक मादक आवाज़ें निकाल रही थी, सूरज को अपनी टांगों से जकड़ कर उसका लन्ड चूत में जकड़ रही थी।
सूरज भी पूरा ज़ोर लगा कर उसे चोद रहा था।

दोनों के बीच में घमासान चलता रहा।

अंत में सूरज ने अपना पानी छोड़ना शुरू किया.
साथ में ही कुमुद भी बुरी तरह से झड़ने लगी।

दोनों का पानी कुमुद की चूत से बहता हुआ उसकी जांघों से बिस्तर की चादर को गीला करने लगा।

कुमुद ने लाज शर्म छोड़ कर सूरज का लन्ड चाटना शुरू किया और उसका सारा पानी चाट डाला।

रवि ने भी कुमुद की चूत में अपनी जीभ डाल दी और सारा पानी चाट लिया।

दोनों काफी थक गए थे, उनकी साँसें ज़ोर ज़ोर से चल रहीं थीं और सारा शरीर पसीने से तरबतर था।
सूरज बगल में लेटा था।

कुमुद का मन अभी भरा नहीं था।
उसने करवट लेकर सूरज का सारा शरीर चाटना शुरू किया, उसके सीने को, उसके पेट को, उसकी नाभि को चाटते हुए वह नीचे तक आई, उसकी जांघों को चाटते हुए वह उसकी पिंडलियों को चाटने लगी।
फिर नीचे तक पहुँच कर उसके पैरों कोर चाटते हुए उसने उसको पलटने का इशारा किया।
सूरज पेट के बल लेट गया।

कुमुद ने उसकी गांड के आसपास चाट कर सारा वीर्य चाट कर साफ कर दिया और उसको सीधा कर उसके सीने पर लेट गयी।
वह उसके होंठ चूमते हुए बोली- भैया, आज बहुत दिन बाद तबीयत खुश हुई। तुम्हारी चुदाई से जी निहाल हो गया। मन करता है कि तुम इसी तरह मुझे चोदते रहो।
सूरज भी उसके शरीर पर हाथ फेरता रहा, उसकी चूचियां मसलता रहा और उसकी गांड के गोलों को ज़ोर ज़ोर से मसलता रहा।

थोड़ी देर में उसके लन्ड ने फिर से जुंबिश लेना शुरू किया और खड़ा होने लगा।
कुमुद ने उसका लन्ड मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।

वह उसका सुपाड़ा मुंह में लेकर चुभला रही थी।

थोड़ी देर में उसने उसका पूरा लन्ड मुह में लेकर चूसना शुरू किया।
वह पूरा लन्ड अपने मुंह में लेती और फिर चूसते हुए निकाल देती। वह उसके आंड भी चूसती और दोनों गोलियों को मुंह में लेकर चुभलाती।
सूरज बुरी तरह से उत्तेजित होकर आहें भरने लगा और बोला- भाभी बस इसी तरह चूसती रहो। मेरी बीवी ने तो आज तक मेरा लन्ड मुंह में ही नहीं लिया। उसको यह सब बहुत गंदा लगता था। वह तो मुझे चूत भी नहीं चूसने देती थी। बस चूची मसलो, होंठ चूसो और डाल कर झड़ जाओ। वह तो लाइट भी नहीं जलाने देती थी और न ही पूरे कपड़े उतारती थी। मुझे तो सेक्स का मजा ही नहीं मिलता था। आज आपसे मिलकर पता चला कि असली सेक्स क्या होता है. अब तो चाहे जो हो जाए … मैं आपको चोदता ही रहूँगा. चाहे मेरा बीवी से तलाक ही क्यों न हो जाए।

कुमुद ने उसका लन्ड सहलाते हुए कहा- भैया आप चिंता मत करिए, मैं भाभी को समझाऊंगी। उनको आपके हिसाब से तैयार करूंगी। आशा है कि वह मेरी बात समझेंगी।

सूरज ने हामी भरते हुए एक बार फिर कुमुद की चूत में अपना लन्ड उतार दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा।
कुमुद भी नीचे से चूतड़ उछाल उछाल कर धक्कों का जवाब दे रही थी।
सूरज साथ में कुमुद के होंठ चूसता जा रहा था और उसकी चूचियाँ मसलता जा रहा था।

कुमुद ने भी अपनी एक चूची को सूरज के मुंह में देकर पिलाना शुरू किया।
सूरज ने उसकी चूची को दांतों से चुभलाते हुए उसकी बैंड बजानी जारी रखी।

दोनों में चुदाई का घमासान चल रहा था।
अंत में जीत सूरज की हुई।
कुमुद की चूत ने पानी छोडना शुरू किया।
सूरज ने कुछ धक्के और मारे और फिर वह भी कुमुद की चूत में झड़ कर उसके ऊपर लेट गया।

कुमुद प्यार से उसका सिर सहलाती रही और उसकी पीठ, चूतड़ पर हाथ फेरती रही।

दोनों ही इस चुदाई से बहुत संतुष्ट थे और थक भी गए थे।
हालांकि कुमुद का मन अभी भी भरा नहीं था और वह एक बार अपनी गान्ड में भी लन्ड लेना चाहती थी.
परंतु जानती थी कि सूरज अब तीसरी बार शायद नहीं कर पाएगा।
उसने मन में सोचा कि अभी तो यह शुरुआत है, अब तो वह सूरज को नहीं छोड़ेगी, उसका लन्ड लेती रहेगी चाहे कमल कुछ भी कहे।

यदि सूरज ठीक कह रहा था तो कमल ऐतराज भी नहीं कर पाएगा।
सुबह हो चली थी।
सूरज ने कहा कि अब मुझे चलना चाहिए।

कुमुद ने एक बार फिर उसका लन्ड मुंह में ले लिया और प्यार से चूसने लगी।
सूरज ने कहा- भाभी, सारा पानी आज ही निकाल दोगी तो रात में क्या करोगी? अब जाने दो शाम को फिर आ जाऊंगा।

कुमुद ने भारी मन से सूरज को विदा किया और नंगी ही बिस्तर पर लेट गयी और न जाने कब में उसकी नींद लग गयी।
महरी के घंटी बजाने पर वह उठी, गाउन पहन कर दरवाजा खोला, मरे मन से वह घर के कामों में जुट गयी.
परंतु अब उसे फिर से शाम का इंतज़ार था.

सेक्स वार Xxx कहानी पर आप अपनी राय मुझे बताएं.
कमल
[email protected]

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