उन्मुक्त वासना की मस्ती- 3

(Sex Ki Hawas Ki Kahani)

सेक्स की हवस की कहानी में एक लड़की का रिश्ता तय हुआ तो लड़की की माँ अपने होने वाले दामाद और समधी दोनों को अपनी अश्लील इशारों से रिझाने लगी.

कहानी के दूसरे भाग
समधी समधन की वासना
में अब तक आपने पढ़ा कि रवि और सुधीर शालू को देखने आते हैं और इस रिश्ते के लिए अपनी स्वीकृति दे देते हैं.
लेकिन इसका बहुत बड़ा कारण यह होता है कि वे दोनों सपना के हुस्न के जाल में फंस चुके होते हैं और दोनों सपना को चोदना चाहते हैं।

सपना भी दोनों से बारी बारी चुदवाने का निश्चय करती है।
संजू सपना की हरकतें देखकर थोड़ा उखड़ जाता है और सपना को बुरा भला कहता है सपना भी उसको त्वरित और सटीक जवाब देती है।

अब आगे सेक्स की हवस की कहानी:

असुरक्षा की भावना से ग्रसित संजू ने फिर कहा- दामाद से चुदवा के बेटी का हक मारेगी क्या भोसड़ी वाली?
सपना बोली- चूत और लंड किसी रिश्ते को नहीं मानते। न लंड किसी चूत को चोदने से मना करता है, न चूत किसी लंड को घुसने से रोकती है।

उसने हंसते हुए कहा- फिर रिश्तों की बात कर कौन रहा है? जिसने बिना कोई परवाह किए अपनी मां-बहन दोनों चोद डाली?

संजू खिसिया के हंस पड़ा।
फिर सफाई देने के अंदाज में उसने कहा- लेकिन तुम दोनों तो मेरी सौतेली मां-बहन हो, जबकि रवि तुम्हारा सगा दामाद है।

उसने फिर जैसे गिड़गिड़ाते हुए कहा- शालू तो ससुराल चली जाएगी और तुझे भी दो नए लंड मिल जाएंगे लेकिन मेरा और मेरे बाप का क्या होगा?

सपना बोली- तुम दोनों पर कोई बंदिश थोड़े ना लगी हुई है, क्या तूने मेरे और शालू के अलावा अब तक किसी और को नहीं चोदा? या तू कसम खाता है कि किसी और को अपना लन्ड नहीं देगा? साले ‘सारी दुनिया में जांघों के जोड़ तक पहुंचने की होड़ में लगी हुई है.’ फिर औरतों से ही यह आशा क्यों रखी जाती है कि वह तथाकथित पतिव्रत धर्म निभाये? सुन, मेरी तो यह इच्छा है कि एक दिन तू और रवि मिलकर मेरे साथ थ्रीसम करें और मुझे दोनों ओर से जम के रगड़ें।

यह सुनकर संजू की उदासी दूर हो गई, वह सपना को खीच के बेडरूम में ले गया और उसके सारे कपड़े उतार कर उसे नंगी करने लगा।

सपना बोली- यह क्या हो गया है तुझे? तू पागल तो नहीं हो गया है?
संजू बोला- हां, मैं पागल हो गया हूं, मेरे लन्ड को मस्ती चढ़ चुकी है। आज तो तेरी गांड फाड़ूंगा साली!

फिर उसने सपना को जबरदस्ती घोड़ी बनाकर उसकी गांड को चाट चाट के अपनी मुख लार से चिकना किया, अपने लंड पर भी थूक लगाया और उसकी गांड में घुसेड़ दिया।
सपना एकदम चीखी- यह क्या जंगलीपन दिखा रहा है हरामी?

संजू ने कहा- तेरी बातों ने मेरे लंड को इतना कड़क कर दिया था कि यदि वह तेरी गांड में नहीं घुसता तो शायद टूट जाता!
और इसके साथ ही उसने कस के धक्के लगाने शुरू कर दिए।

संजू के लंड के रगड़े सपना की गांड की खुजली मिटाने लगे।
कभी-कभी कोई करारा झटका लगता तो सपना के मुंह से चीख निकल जाती।

सपना गांड मराती हुई सोच रही थी कि आज तो अच्छा शगुन हो गया, घर में ही दो नए लंड का मिलना निश्चित हो गया और आज तो बेटे को भी इतना जोश आ गया।
यानि शुरुआत अच्छी है।
यूं भी चुदाई के शौक में कोई सीमा नहीं होती, इसको जितना विस्तार दो उतना कम है।
पता नहीं मनुष्य इतना पजेसिव क्यों हो जाता है?
मैंने तो इससे अपनी बेटी अपने सामने चुदवा रखी है, मैंने तो बुरा नहीं माना फिर इसे यह देखकर क्यों बुरा लगा कि मेरी नजर दो नए लौड़ों पर है?

उधर संजू गांड मारते हुए यह सोच रहा था कि जिंदगी का मजा लेना है तो खुद भी खुलकर खेलो और दूसरे को भी खेलने दो, इसी में ही सार है। अब कब और कैसे उसे रवि के साथ सपना को चोदने का मौका मिलेगा उस पर ध्यान देना है?

रवि और सुधीर दोनों ने सपना को अलग अलग आमन्त्रित किया था.
सपना को तो दोनों के लंड लेने थे.
पर उसने पहले सुधीर के अनुभवी और बाद में रवि के जवान लंड से चुदने का निर्णय लिया।

उसने जाने के पहले सुधीर को कह दिया था कि वह यह निश्चित कर ले कि जब मैं वहां पहुंचूं तो रवि घर पर न हो।
घर से निकलने से पहले सपना ने सुधीर को फोन किया कि मैं घर से निकल रही हूं.

सुधीर सपना के ही ख्यालों में खोया हुआ था।
उसके जीवन में पहली बार यह हो रहा था कि जब किसी औरत से दिन में परिचय हुआ हो और शाम को वह चुदवाने आ रही है. इससे जल्दी आज तक उसने किसी औरत को नहीं चोदा था।

उसे अपने आप पर गर्व हुआ कि उसके सुदर्शन चेहरे और कसरती बदन पर सपना फिदा हो गई।
पर उसे यह नहीं पता था कि उसने सपना को नहीं पटाया बल्कि सपना ने उसको अपनी वासना के जाल में जकड़ लिया था।

यह सही है कि उसे सपना की नई चूत को चोदने का सुख मिलेगा लेकिन यह भी उतना ही सच है कि सपना भी तो उस के नए लंड के रस से अपनी चूत की वासना को कुछ समय के लिए शांत करेगी।

जब वह सुधीर के यहां पहुंची तो शाम के 8:00 बज चुके थे.
सुधीर उसकी प्रतीक्षा में नाइट गाउन पहने व्हिस्की के घूंट भर रहा था।

जैसे ही सपना सामने आई, उसने उसे दौड़कर अपने बाहुपाश में ले लिया।

सपना को सुधीर के चौड़े चकले, बालों भरे सीने से लगकर बहुत अच्छा लग रहा था। सपना को सुधीर के धड़कते दिल की आवाज से ऐसा लगा जैसे वह सपना.. सपना कर रहा है।

कुछ पलों के बाद उसने सपना का चेहरा ऊपर किया और उसके नाजुक मुलायम होंठों पर अपने होंठ रख दिए और जुबान से उसकी होंठों का रस ऐसे पीने लगा जैसे भंवरा फूल में से रस निचोड़ता है।

सुधीर ने सपना से पूछा- ड्रिंक करोगी?
तो उसने कहा- क्यों नहीं, तुम तो यदि प्रेम से जहर भी पिलाओगे तो मैं पी लूंगी।

सुधीर ने फिर गर्म जोशी से उसे अपनी बाहों में भींच लिया।

तब सुधीर ने एक पैग बनाकर सपना को दिया, सपना ने एक बड़ा सा घूंट भरा और उसके बाद जब उसने फिर सुधीर की तरफ अपने होंठ बढ़ाए तो सुधीर को पता नहीं था कि सपना ने व्हिस्की अपने मुंह में भरी हुई है।

सुधीर के होंठ से होंठ मिलते ही सपना अपने मुंह की व्हिस्की सुधीर के मुंह में पहुंचाने लगी।
उसके बाद दोनों उस व्हिस्की को एक दूसरे को मुंह में धकेलने का खेल खेलने लगे।

सपना ने सुधीर की कमर में हाथ डालकर उसको अपनी ओर खींच रखा था तो सुधीर के दोनों हाथ सपना के चूतड़ों पर थे।
सुधीर का अर्ध तना हुआ लंड सपना के पेट पर अड़ रहा था।

सुधीर ने सपना को पलटाया और उसके चूतड़ों में अपना आधा कड़क लंड अड़ा के उसकी कमर में हाथ डाल के उसकी गर्दन पर गर्म-गर्म सांसें छोड़ने लगा।
उसके बाद उसने सपना का टॉप उतारा और उसकी ब्रा के पिंजरे में से दोनों दूधिया कबूतरों को स्वतंत्र कर दिया।

उसके बाद सुधीर सपना के सुडौल स्तनों से खेलने लगा।

सपना की कामवासना धीरे-धीरे सुलगने लगी थी किंतु वह सुधीर के उफ़ने हुए लंड से पहले चुदाई नहीं चाहती थी।

इस बार वह पलटी सुधीर के सामने सपना के भारी भरकम बूब्स झूल रहे थे।

वह पलंग के किनारे पर बैठ गया और बारी बारी दोनों स्तनों की निप्पलों को मुंह में लेकर ऐसे चूसता रहा जैसे उन से मुंह में दूध की धार आ रही हो।

कई कई लंड का अनुभव ले चुकी सपना को यह पता था कि यदि शुरुआत चुदाई से हुई तो सुधीर जल्दी बेकाबू हो जायेगा।

इसलिए उसने सुधीर के नाइट गाउन की डोरी खींच दी.
सुधीर ने अंदर ना बनियान पहन रखी थी ना अंडरवियर!

उसका सांवला, सलोना किंतु चिकना लंड आसमान से बातें कर रहा था।

सपना ने घुटनों के बाल होकर उसका मांसल लंड हाथ से पकड़ा और उसके सुपारे पर चमक रहे प्रिकम को चाट कर करीब आधा लंड मुंह में ले लिया और चूसने लगी।

दुनिया में ऐसा कौन सा मर्द होगा जिसको पराई औरत को लंड चुसवाने में मजा नहीं आता होगा?
कड़क लंड पर तो बीवी के होंठ भी सुख का संचार करते हैं, उस पर पराई औरत के होंठ तो जैसे जादू जगा देते हैं।

सुधीर सुखद आश्चर्य से भर गया, सपना उस के लंड को सहला सहला के, फेंट के चटखारे ले ले कर चूस रही थी.

तब सुधीर का लंड बढ़ना और फूलना शुरू हुआ.
देखते ही देखते उसका लंड तन के अपने पूरे आकार में आ गया, वह तेजी से सपना के मुंह को चोदने लगा।

अब सपना का मुंह दुखने लगा, वह भी तेजी से हाथ और जुबान चलाने लगी।

शेखर के लंड में सनसनी बढ़ गई, उसके मुंह से ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां निकल रही थीं।
वह सपना … सपना … कर रहा था।

जब उसका वीर्य निकलने को हुआ तो उसने सपना को हटाना चाहा पर सपना ने उस के कूल्हों को भींच कर अपने मुंह को तेजी से आगे पीछे करना जारी रखा।
कुछ ही पलों में सुधीर के लंड से वीर्य की तेज धार निकली और सीधे सपना के हलक में जा पहुंची।

सपना ने बिना किसी हड़बड़ी के वीर्य के हर कतरे को छोटे-छोटे घूंट भर के निगल लिया और उसके बाद रिसते हुए वीर्य को सुपारे पर से चाटती रही.

अंत में लंड से वीर्य की अंतिम बूंद तक सपना ने अपने मुंह में निचोड़ ली और लंड के नर्म पड़ने का इंतजार करती रही।

जब लंड सिकुड़ गया तो सपना उठी और बहुत प्रेमल भाव से उसने सुधीर की ओर निहारा, उसकी आंखें सेक्स की हवस से भरी थीं।
उसने सुधीर से पूछा, कैसी रही अपनी यह रस भरी मुलाकात?

सुधीर ने भाव विभोर होकर सपना को आगोश में लेकर उसे जोरों से भींच लिया- तुम बहुत अद्भुत औरत हो सपना, तुमने मुझे आज अपने जीवन का सबसे शानदार ऑर्गेज्म दिया है, इतना आनन्द तो मुझे कभी अपनी बीवी या किसी अन्य औरत से भी नहीं मिला।

इस पर सपना बोली- मैं नहीं चाहती थी कि पहली मुलाकात में सबसे पहले तुम मेरी चुदाई करो क्योंकि जब मर्द को नई चूत चोदने को मिलती है तो अक्सर उससे ठहरा नहीं जाता। तुम्हारा वीर्य तो जल्दी निकल के तुम्हारी उफनी हुई वासना को शांत कर देता किंतु तुमको भी वह मजा नहीं मिलता जो मेरे मुख मैथुन के द्वारा तुम्हें मिला है।

सपना ने आगे कहा- मैं चाहती थी कि तुम मुझे अधूरी और प्यासी छोड़ कर मेरे ऊपर से नहीं उतरो बल्कि मेरी ऐसी चुदाई करो कि समधी के नए लंड से चुदने का पूरा पूरा मजा आए और आज की अपनी चुदाई दोनों के लिए यादगार बन जाए। तुमको यह तो पता होगा कि चुदाई में औरत को मर्द से ज्यादा मजा आता है, इसीलिए वह नए-नए लंड को अपनी चूत में घुसने देती है. यदि ऐसा नहीं होता तो कोई औरत किसी पराए मर्द को तो क्या, अपने पति को भी अपने ऊपर चढ़ने नहीं देती।

सुधीर सहमति में सिर हिलाते हंसने लगा।

स्खलित होने के बाद सुधीर का लंड मुरझा गया और उसका शरीर भी एक मीठी थकान से भर गया।

सुधीर और सपना दोनों बिस्तर पर सुस्ताते हुए बातें कर रहे थे।

जब सुधीर उठ कर टॉयलेट की ओर जाने लगा तो सपना भी पीछे-पीछे उसके साथ आने लगी।

सुधीर चौंक पड़ा- अरे तुम यहीं कमरे में रुको ना!
सपना ने कहा- नहीं, मैं अपने इस मासूम लंड को अकेला नहीं छोड़ूंगी!

और उसने सुधीर के लंड को पकड़कर उसे सु सु कराया और बाद में उसके मूत्र की अंतिम कुछ बूंदें, उसने अपने मुंह में लेकर चाट ली।

सुधीर आश्चर्य से कामुक सपना की अजीब अजीब हरकतों से आनन्दित हो रहा था।
सपना ने फिर आंखों से वासना टपकाते हुए पूछा- तुम्हारे लंड को दुबारा खड़ा होने में कितनी देर लगेगी?

सुधीर ने कहा- एक डेढ़ घंटे की बात है. तुम पलंग पर चलो, हो सकता है तुम्हारी चूत में घुसने के लिए आतुर मेरा लंड आज जल्दी खड़ा हो जाए।

करीब एक घंटा विश्राम करने के बाद सपना ने सुधीर के लंड को सहलाना शुरू किया तो सुधीर ने कहा- जरा पहले अपनी चूत रस का स्वाद तो दिलाओ।

सपना पलंग पर चित लेट गई और अपनी स्कर्ट ऊंची करी।

सुधीर यह देखकर दंग रह गया कि उसने पैंटी नहीं पहनी थी और उसकी बिना बालों वाली चिकनी चूत से रस बहकर उसकी जांघों तक आ गया था।

जब सुधीर ने सपना की ओर देखा तो उसने शरारत से मुस्कुराते हुए दो बार अपनी भौंहें ऊंची करके इशारों में पूछा- कहो कैसी रही?
सुधीर ने प्रसन्न होकर कहा- बहुत मस्त रही मेरी जान!

तब सुधीर ने सपना की जांघों से उसका चूत रस चाटा और बाद में चूत के बीचों बीच अपने होंठ रखकर चूत रस में भीगे अपने होंठों को सपना के होंठों से मिलाकर उसे भी उसकी चूत रस रस का स्वाद दिलाया।

उसके बाद फिर सपना की चूत पर जुट गया नशीले रस की तलाश में!
सुधीर के होंठ चूत के होंठों को मुंह में लेकर, चूस चूस के चूत में जबरदस्त गुदगुदी पैदा कर रहे थे।
घर में और कोई नहीं था इसलिए सपना जोर ज़ोर से सिसकारियां ले रही थी।

चूत से रस इतनी तेजी से बह रहा था कि जैसे चूत के अंदर कोई बीयर का झरना फूट पड़ा हो।
सुधीर शराब और चूत रस के नशे में झूम रहा था और उसका लंड अब चुदाई के लिए बिल्कुल कड़क हो चुका था।

उसने भगांकुर पर हमला बोला और उसको होंठों में जकड़ कर जुबान से उत्तेजना की सुनामी उठाने लगा।
सपना जोर ज़ोर से झड़ने लगी …सपना मस्ती के समंदर में गोते लगा रही थी।
उसका पूरा शरीर ऐंठ चुका था, उसकी सांसें बेकाबू हो रही थीं।

जैसे ही सपना का शरीर ढीला पड़ा, सुधीर ने अपना लंबा मोटा और कड़क लंड सपना की चूत में एक झटके से घुसा दिया.
उसके बाद उसने पूरी ताकत से झटके लगाना शुरू किया।
सपना भी पूरी मस्ती में सुधीर के हर झटके का जवाब दे रही थी।

दोनों की मेहनत आखिरकार रंग लाई, सपना की चूत में फिर से आनन्ददायक स्पंदन शुरू हुआ.
सुधीर ने दमदार धक्कों से सपना की चूत की हालत खराब कर दी थी।

उसके लंड की फड़कती नसों ने सपना की चूत, वीर्य के कतरों और उसका दिमाग असीम आनन्द से भर दिया था।

उसका पहले मुख मैथुन के जरिए सुधीर की उत्तेजना को नियंत्रित करने का निर्णय सही सिद्ध हुआ।
सपना ने सुधीर को गले से लगाने के बाद शरारत से कहा- अच्छा तो मैं चलूं समधी जी?

सुधीर ने कहा- मेरा तो मन नहीं है कि तुम मुझे छोड़कर जाओ. लेकिन वहां शेखर की गांड जल रही होगी. इसलिए फिर से मिलने का वादा करके जाओ मेरी सैक्सी समधन!

सपना सुधीर को दो बार आनन्द के शिखर पर पहुंचाने और स्वयं भी दो बार शानदार ऑर्गेज्म प्राप्त करने के बाद घर की ओर रवाना हुई।

रास्ते में वह यही सोच रही थी कि कई बार जीवन में बिना किसी विशेष प्रयास के ऐसी अनपेक्षित घटनाएं घट जाती हैं और कई बार बहुत कोशिशों के बाद भी मायूसी हाथ लगती है।

सुधीर से चुदवाने के बाद चूंकि सपना रवि से कुछ दिन ठहर कर चुदवाना चाहती थी, जिससे अपने दामाद के जवान लंड के पूरे मजे ले सके.
इसलिए कुछ दिन तो सामान्य व्यतीत हुए, फिर सपना की सेक्स की हवस ने उसे विवश कर दिया।

वह अब रवि का लंड भी अपनी चूत में लेकर रवि की चुदाई क्षमता को परखना चाहती थी।
उसने शालू से इस बारे में बात की, उन दोनों ने मिलकर एक योजना बनाई।

उसके बाद उसने अपनी योजना अनुसार रवि को फोन किया और उसे अपनी योजना इस तरह समझाई जैसे वह शालू से छुपकर उस से मिलना चाह रही हो।

सपना के बताए अनुसार रवि ने सपना के घर में ऐसे प्रवेश किया जैसे वह घर के सामने से गुजर रहा था तो मिलने आ गया।

शालू और सपना हॉल में ही मिल गईं।
दोनों ने गर्मजोशी से रवि का स्वागत किया।

तीनों सोफे पर बैठे, चाय नाश्ते के बाद रवि ने कहा कि यदि शालू मेरा घर और अपना कमरा देखना चाहती हो तो मेरे साथ चल सकती है।

मेरे कामुक पाठको, मुझे विश्वास है कि सास और दामाद की चुदाई की यह कहानी आपको पर्याप्त सनसनी प्रदान कर रही होगी?

सेक्स की हवस की कहानी के अगले अंक में पढ़िए कि सपना और रवि के बीच क्या और कैसे घटित होता है।

कहानी के बारे में आप अपनी राय भेजें, हर उचित सन्देश का मैं जवाब अवश्य दूंगी।
मेरी आईडी है
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सेक्स की हवस की कहानी का अगला भाग: उन्मुक्त वासना की मस्ती- 4

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