मेरी और मेरी सहेली की चूत की कामुकता-3
(Chut Chudai Kahani: Meri Aur Meri Saheli Ki Choot Ki Kamukta- Part 3)
मेरी और मेरी सहेली की चूत की कामुकता-2
मेरी चुत चुदाई कहानी में आपने पढ़ा कि मैंने और मेरी सहेली ने गोवा में एक रात के लिए रंडी बनने की सोची, कुछ लड़कों से पूरी रात की चुदाई का एक लाख रुपये तय कर लिया. हम दोनों सहेलियाँ और वो पांच लड़के उनके विला में थे.
अब आगे:
मैंने देखा कि मेरे और रिया के लिए सभी लड़कों की नजर में तारीफ और चुत चुदाई की हवस दोनों पैदा हो चुकी थी.
थोड़ा होश आया तो पाया कि रिया सबको उनके कपड़े निकलने के लिए मदद कर रही थी. सभी लड़के कुछ ही पलों में अपने अपने कपड़ों से मुक्त हुए, ऊपर वाले ने सबको अच्छे लंड से नवाजा था. रिया ने मेरी तरफ देखा और कातिल मुस्कान के साथ अपने होटों पर से जीभ घुमा कर मुझे शामिल होने का इशारा किया.
तभी मनीष बोला- चलो यार, पूल पे चल के पार्टी करते हैं.
बाकी लड़कों ने भी किलकारी मार कर हामी भरी.
लगभग धकेलते हुए वे हम दोनों को विला के पीछे की तरफ ले गए. हम सब नंगे ही बाहर निकले. वहाँ खुले में एक बेहद ख़ूबसूरत, चार फुट गहरा, स्विम पूल बना हुआ था. अब तक तो लड़कों के लंड तन चुके थे.
हम जैसे ही पानी में उतरे, रिया को राजीव, मॉन्टी और राहुल ने घेर लिया और मनीष और यश ने मुझे अपनी ओर खींच लिया. मनीष मेरे पीछे होने की वजह से मेरी पीठ उसके सीने के बालों से रगड़ खा रही थी और उसका लंड मेरे नंगे चूतड़ों से रगड़ खा रहा था.
यश ने मेरा हाथ अपने लंड पे रखवाया और वो खुद मेरे निप्पल उमेठने लगा. मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने अपना मुँह यश के सीने पे दे मारा और उसके निप्पल मुँह में लेकर मैं उसे अपने दांतों से कुरेदने लगी. यश के मुख से एक आह निकली और उसने खुद पे कंट्रोल रखने के लिए मेरे बालों को कस के पकड़ कर खींचा.
इधर मनीष ने अपने हाथों से मेरे उभरे हुए मम्मों का कचूमर निकालना शुरू किया.
उधर दूसरी तरफ अलग ही नजारा था, रिया झुक कर अलट पलट कर राजीव और राहुल के लंड चूस रही थी और मॉन्टी ने शायद पीछे से उसकी चूत में अपना लंड पेलकर दनादन चुदाई शुरू कर दी थी.
रिया के मुँह में लंड होने के बावजूद वो चिल्ला रही थी ‘आहह आई.. उई.. क्या मज़ा आ रहा है.. खूब जोर-जोर से चोदो मुझे ममम उम्म्म्मह.. आअहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… इहह उहह और चोदो.’
राजीव ने रिया के बाल पकड़े और किसी जानवर की तरह वो उसका मुंह चोदने लगा. रिया का एक हाथ राहुल ने अपने लंड पे रख लिया जिसे वो आगे पीछे करने लगी.
इधर मनीष ने कब मेरी चूत में उंगली डाली, पता ही नहीं चला.
अब यश अपने मेरे निप्पल चूसते हुए मुझे झंझोड़ रहा था, मेरे दूसरे मम्मे पे तड़ातड़ चांटे मार रहा था. उसके हर एक चांटे के साथ मैं चीख पड़ती थी. मनीष ने भी मार मार कर मेरे चूतड़ लाल कर दिए.
यश, मनीष ने मुझे पूल के बाहर निकाला, वहीं पड़ी एक बीच चेयर पे यश पहले लेट गया और उसने मुझे ऊपर खींच लिया. मैं भी तो अब लंड खाने के लिए तड़प ही रही थी. मैंने उसके लंड पे बैठ कर अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत के अंदर किया और धीरे धीरे नीचे दबती गई.
उसका लंड पूरा अंदर तक गया तो मैंने अपना बदन ढीला छोड़ दिया, दूसरे हाथ से मनीष को लंडसे खींचकर अपने करीब लेकर उसका लंड मुँह में दाल लिया.
अब मैं यश के लंड पे ऊपर नीचे होने लगी और इधर मनीष मेरे मुँह को चोदने लगा. मैंने अपने हाथ यश के सीने पे रख कर ऊपर नीचे होने की स्पीड बढ़ाई और पूरी ताकत से खुद की ही चूत चुदवाने लगी.
मेरे मुँह से अब आवाजें निकलने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह….
शायद मनीष को सिर्फ मेरा मुंह चोदना मंजूर न था, उसने अपना लंड मेरे मुँह से निकाला और वो बीच चेयर पे हम दोनों के अगल बगल पैर रख के खड़ा हुआ. मेरी पीठ पे दबाव डाल कर उसने यश को कहा- यश, लपेट लेना इस कुतिया को, मुझे अब इसकी गांड मारनी है.
उसकी बात सुन कर मैं मचल उठी. मगर यश में मुझे दोनों हाथों से कस कर जकड़ लिया. हालांकि गांड मरवाने में मुझे कुछ परहेज नहीं था मगर जिंदगी में पहली बार मैं दो लंड एक साथ अपने अंदर लेने वाली थी.
मैंने खुद को छुड़ाने की भरसक कोशिश की मगर यश की बांहों से ना छूट सकी. तभी मैंने महसूस किया कि मनीष का गीला लंड मेरी गांड के छेद से सट गया था. मैंने अपना बदन ढीला छोड़ दिया, मनीष ने हल्का सा धक्का मारा, मेरे मुँह से किलकारी निकल गयी.
अभी तो सिर्फ उसके लंड का सुपाड़ा ही गांड में घुसा था. मैं और आगे झुकी ताकि मेरी गांड ऊपर निकल आए, मगर यह खतरनाक साबित हुआ. जैसे ही मनीष को जगह मिली, तो उसने एक करारा धक्का मारा.
जैसे मक्खन में गर्म छुरी घुस जाती है वैसे उसका लंड जड़ तक मेरी गांड में घुस गया. मेरे मुँह से ज़ोरों की चीख निकल गयी. मेरी चीख सुनकर पूल में चुद रही रिया ने कहा- निक्की, मुझसे पहले दो दो लंड डलवा लिए तूने कमीनी… अब देख मैं इन तीनों के लंड निचोड़ती हूं. आआईई ईईई माँ आअ आह्हह मार डाला उफ्फ आराम से कर रे मॉन्टी… आआह्ह.
इधर मैं अपने दोनों छेदों में लंड लेकर मन ही मन खुश थी. दोनों के धक्के मुझे छठी का दूध याद दिला रहे थे. मेरी चूत और गांड के बीच की पतली सी झिल्ली पे मुझे दोनों के लंड का घर्षण महसूस हो रहा था, दोनों जी-जान लगा कर मुझे चोद रहे थे. मैं उनके हर झटके पर ‘आआह्ह उम्म्ह… अहह… हय… याह… उफ्फ आराम से आःह्ह्ह’ बोल रही थी.
कुछ देर बाद दोनों ने अपनी पोजीशन चेंज करने चाही. अब मनीष ने नीचे लेट कर मेरी चूत में अपना लंड सरकाया और यश ने पीछे से बिना कोई वार्निंग ‘आअह्ह मेरी रांड… आआह्ह्ह… ले’ कह कर एक ही झटके में जड़ तक लंड अंदर कर दिया.
मैं पहली बार दो लड़कों से एक साथ चूत और गांड चुदवा रही थी तो दर्द से ‘आआईईई मेरी माँ आआह्ह ह्ह बचा लो आआह्ह्ह आराम से… अह्ह्ह्ह्ह…’ कहकर रो ही पड़ी. मगर उनके लिए मैं तो एक रंडी थी, मेरी पूरी कीमत वो अदा कर चुके थे, बिना कोई दया किए दोनों घचाघच अपने लंड अंदर बाहर करने लगे.
तभी मैंने रिया की चीख सुन कर पीछे मुड़ कर देखा. राहुल ने उसे खड़े खड़े हवा में उठा कर अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया था और राजीव ने पीछे से अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया था वो भी मेरी तरह उन दोनों के बीच में सैंडविच बन चुकी थी और बात यह थी कि हम दोनों ही बेबस थी. लड़के हमें बस धकापेल चोदे जा रहे थे.
अचानक यश के धक्के गहरे हो गए और कुछ ही पल में उसने मेरी गांड अपने पानी से भर दी. मनीष अभी भी नीचे से धक्के मार कर मुझे चोद रहा था. यश का लंड ढीला होकर मेरी गांड से फिसल गया तो मैंने राहत की सांस ली. मगर मेरे नसीब में ये ख़ुशी ज्यादा थी. उधर रिया हाथ निकल जाने से तमतमाया हुआ मॉन्टी पूल से निकल कर फूर्ति से मेरे पीछे आया और उसने अपना लंड पूरे वहशी पन के साथ मेरी गांड में ठोक दिया.
अचानक हुए इस हमले से मैं पूरी तरह से हिल गई और ‘आआआईईई भोसड़ी के मार डाला… मादरचोद आआह्ह ह्ह्ह्ह…’ ही बोल पाई. मैंने उससे बड़े बड़े लंड मेरी चूत में लिए थे मगर उसके इस तरह से चोदने में अलग ही दर्द हुआ.
फिर उन दोनों ने मुझे बहुत देर तक उसी अवस्था में चोदा और आखिर काफी देर बाद हम तीनों ने एक साथ पानी छोड़ दिया.
उधर राहुल- राजीव- रिया की भी चुदाई पूरी हो गयी थी. रिया पूल के किनारे पे लेट गयी थी और राहुल पूल में खड़ा होकर उसकी चूत चूस रहा था.
मैंने और रिया ने एक दूसरी की तरफ देखा और दोनों एक दूसरी को देख कर मुस्कुरा उठी. हम दोनों की दो इच्छायें आज पूरी हो गयी थी.
एक- खुले आसमान के नीचे चुदना
दो- रंडी बनना!
कसम से… मजा आ रहा था!
मेरी चुत चुदाई कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके ज़रूर बताइएगा.
आपकी अपनी सेक्सी रंडी निकी
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