रेशमा की चुदासी जवानी

सुशील 2014-04-15 Comments

सभी अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा प्रणाम। मेरा नाम सुशील है, मेरी उम्र 27 है। मैं देखने में गठीले बदन का हूँ, साँवला रंग है, पर चेहरे से आकर्षक हूँ। मैं आपको अपनी कहानी सुनाता हूँ।

फोन पर एक लड़की से मेरी दोस्ती हुई। उसका नाम रेशमा है, वो रीवा के पास एक गाँव में रहती है।

हम दोनों की एक साल तक एक-दूसरे से फोन पर ही बातें होती रहीं। हम फोन पर सेक्सी बातें करते, मैंने उसे फ़ोन पर कई बार चोदा था। हम फोन पर ही कई बार झड़ चुके थे।

मुझे चुदाई का बहुत शौक था। इसलिए मैंने उसे असलियत में चोदने की सोची और फिर हमने मिलने की योजना बनाई।

मैं उससे मिलने रीवा गया। मैं सुबह 8.30 पर बस-स्टैंड पर पहुँचा।

वो वहाँ मेरी प्रतीक्षा कर रही थी।
मैंने उसे कॉल किया, वहाँ पर मेरे सामने एक लड़की खड़ी थी, उसने फोन उठाया, मैं समझ गया कि यह रेशमा ही है।

उसने काले रंग का सलवार सूट पहन रखा था। सांवला रंग था मगर उसका फिगर इतना सेक्सी था कि मैं उसे देखता ही रह गया। वो कमाल की सुंदर और सेक्सी लग रही थी। फिर मैं उससे मिला और हम दोनों एक कॉफी हाउस के लिए चल दिए।

हम जब वहाँ गए, तो देखा कि कॉफी हाउस तो बन्द है। फिर हम एक शॉपिंग माल में खड़े हो गए और बातें करने लगे। हमने होटल देखा और वहाँ रुकने का प्लान बनाया। हमने वहाँ जाकर एक रूम ले लिया और दोनों रूम में गए।

पहले तो मैं नहा कर फ्रेश हुआ, फिर हम दोनों इधर-उधर की बातें करने लगे।

मैंने उसका हाथ पकड़ कर चुम्बन किया। उसे अच्छा लगा, फिर मैंने उसके गालों पर चूमना शुरू किया। वो भी मेरा साथ देने लगी। फिर मैंने उसके दूध को ऊपर से ही मसलना शुरू कर दिया, वो सिसकारियाँ लेने लगी।

मैंने उसका कुर्ता उतार दिया। उसने काले रंग की ब्रा पहनी थी। मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी।

क्या ग़ज़ब के बड़े-बड़े दूध थे उसके..!
मैं उन्हें दोनों हाथों से मसलता रहा। उसकी चूचियों को अपने मुँह में लेकर चूसता रहा।

उसकी सिसकारियाँ तेज़ हो गई थीं। अब वो मछली की तरह तड़प रही थी।

मैंने उसके पेट उसकी नाभि में अपनी जीभ घुमाई। उसे और मजा आने लगा। फिर मैंने उसकी सलवार भी उतार दी। वो काले रंग की पैन्टी पहने थी। मैंने उसकी पैन्टी में हाथ डाल दिया।
उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा- अपने कपड़े नहीं उतारोगे?
मैंने कहा- तुम ही उतार दो..!

फिर उसने मेरे कपड़े उतारना चालू किया। उसने मेरी शर्ट उतारी, फिर पैंट, फिर मेरी बनियान उतार दी।

अब हम दोनों सिर्फ़ अंडरवियर में ही थे। फिर उसने मेरी अंडरवियर भी उतार दी।

मेरा काला मोटा 8 इंच का लण्ड देख कर वो बोली- तुम्हारा लण्ड तो बहुत मोटा है, ये तो मेरी चूत को फाड़ देगा।
मैंने कहा- जानू तुम्हें बहुत प्यार से चोदेंगे, इससे प्यार करो बस।

उसने मेरे लण्ड को ज़ोर से पकड़ लिया और अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी।
मुझे बहुत मजा आने लगा।

करीब 5 मिनट तक वो उसे चूसती रही।
फिर उसने कहा- अब मुझे चोदो..!

मैंने उसकी पैन्टी उतार कर फेंक दी और फिर उसकी चूत पर अपना लण्ड रख दिया। उसकी चूत कसी हुई थी, इसलिए मेरा लण्ड अन्दर नहीं जा रहा था।

आपको बता दूँ कि रेशमा शादीशुदा है, उसका पति भिलाई मैं नौकरी करता है और वो अपने घर से कॉलेज की पढ़ाई कर रही है। शादी के बाद वो दो-तीन बार ही चुद पाई थी और 5 महीनों से उसने चुदाई नहीं की थी। इसलिए उसकी चूत कसी हुई थी।

मैंने जैसे ही उसकी चूत में लण्ड डाला, वो ज़ोर से चिल्ला उठी- उई… उई… उई… माँ… मैं मर गईईई… बाहर निकाल लो.. तुम्हारा लण्ड बहुत बड़ा है।
मैंने कहा- जान.. थोड़ी देर दर्द होगा, फिर मज़ा आएगा।

फिर मैं उसे चूमने लगा, उसका दर्द जब कम हुआ, फिर मैंने अपना लण्ड अन्दर डाला।

वो फिर चिल्लाई, मैंने उसके मुँह को अपने मुँह से दबा दिया और दूसरा झटका मारा। वो मुझे छूटने की कोशिश करने लगी।

फिर एक और झटके में मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस गया। अब मैंने उसे धीरे-धीरे चोदना शुरू किया। उसकी सिसकारियाँ निकल रही थी।

अब उसे मज़ा आने लगा था इसलिए वो मेरा साथ देने लगी।
कुछ ही धक्कों के बाद वो ज़ोर-ज़ोर से चोदने के लिए कहने लगी- जानू फाड़ दो.. मेरी चूत को.. आह .. तेरा लण्ड बहुत ही मस्त है उह आह आहा.. आई ..चोद मुझे.. उई ओ उ आह उई डाल और अन्दर डाल..

उसे इतना मज़ा आ रहा था कि वो मेरी छाती पर चूम रही थी और नाख़ून गड़ा रही थी।
मैं भी उसके दूध चूसता और दबाता।

वो बोली- मेरे पति का लण्ड.. तो छोटा सा है। वो इतनी देर में तो दो बार झड़ जाता है।

वो मेरे शरीर को चूमती रही और वो दो बार झड़ गई। अब मैंने उसे कुतिया बना लिया और पीछे से लण्ड डाला। मैंने उसके दोनों दूध पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से धक्के देना चालू कर दिए।

वो चिल्ला रही थी- चोद मुझे.. चोद मुझे!

मुझे और मजा आने लगा। मैं और ज़ोर से उसे चोदने लगा। वो ‘ओह.. आहा उई ईईई’ करती रही। पूरे रूम में बस यही आवाजें आ रही थीं। अब मैं झड़ने वाला था।

उसने कहा- अन्दर नहीं गिराना.. बाहर ही माल गिराना।

मैंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और उसके ऊपर पूरा अपना माल गिरा दिया और फिर हम ऐसे ही सो गए।

आप को यह कहानी कैसी लगी। मुझे ज़रूर बताइए।
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