रंडी क्लासमेट ने मुझे कॉलबाय बनाया-1
(Randi Classmate Ne Mujhe Callboy Banaya- Part 1)
दोस्तो, मैं रवीश कुमार, आप सब लोगों ने मेरी पिछली कहानी
मेरी क्लासमेट कॉलगर्ल के रूप में मिली
को बहुत पसंद किया। बहुत सारे मैसेज आए जिसमें बहुत लोगों ने कहानी की तारीफ की, लेकिन सब यही कहते हैं कि उनको सोनाली को चोदना है।
लड़कियां और भाभियों ने अच्छा रिस्पांस दिया है, सबको कहानी बहुत अच्छी लगी और उन्होंने अपने मर्दों को खुश किया.
लेकिन उन्होंने शिकायत भी की है कि कहानी में लड़की खुश नहीं हुई है।
तो चलो इस कहानी में लड़की को खुश कर देते हैं।
सोनाली और उसकी रूममेट्स की चुदाई के बाद मैं उनके साथ लगातार बात करता रहा, मिलता रहा।
एक दिन सोनाली ने मुझे कॉल किया और मुझे अपने एक पुराने क्लाइंट के साथ ग्रुप सेक्स ऑफर किया। उसने मुझे बताया कि चार लोग रहेंगे, मैं, सोनाली, उसका क्लाइंट सौरभ 45 साल का और उसकी बीवी मालविका 34 साल की।
मुझे सुन कर थोड़ा अजीब लगा, मैं मना करने लगा तो सोनाली ने बताया कि उसे एक मोटी रकम मिल रही है इसके लिए … और मेरे लिए एक सरप्राइज भी है और मुझे बहुत मजा आने वाला है। फिर उसने मुझे मालविका की फ़ोटो भेजी, मालविका बहुत हसीन लग रही थी।
मालविका का हरा भरा शरीर मुझे बहुत पसंद आया। मैं तैयार हो गया, रविवार का प्लान बना।
रविवार मैं सोनाली से मिला और उसके साथ मालविका के घर जाने लगा तो सोनाली ने मुझे मालविका और सौरभ के बारे में बहुत कुछ बताया। सौरभ और सोनाली पिछले तीन साल से चुदाई का मजा ले रहे थे, उसके बाद मालविका ने भी दोनों को जॉइन कर लिया था, अब तीनों थ्रीसम का मजा लेते थे।
अब हम लोग मालविका के घर पहुँच गए, वो लोग रईसों की सोसाइटी में रहते थे।
सोनाली ने फ्लैट पर पहुँच कर घण्टी बजायी, मालविका ने दरवाजा खोला. मालविका ने सोनाली को गले लग कर वेलकम किस किया।
शायद मालविका सो कर उठी थी. उसने एक सेक्सी नाइटी पहनी हुईं थी, उसके साइज 38 के बूब्स आधे बाहर दिख रहे थे. पारदर्शी नाइटी थी मालविका का आधा अंग भी दिख रहा था। उसने मैचिंग कलर का ब्रा और पैंटी भी पहनी हुई थी।
सौरभ अभी भी सो रहा था तो सोनाली उसके बैडरूम में जाकर उसे उठाने लगी और मुझे इशारा किया कि मालविका से बात करूं।
मालविका बाथरूम चली गयी थी और सोनाली सौरभ के पास …
मैं हॉल में बैठा था तभी मालविका बाथरूम से निकली और मुस्कुराते हुए हाय कहा।
मैंने भी हाय कहा और बात को आगे बढ़ाते हुए अपना परिचय दिया, उसने भी अपना नाम बताया।
उसने ब्रश करने के लिए ब्रश उठाया तो मैंने कहा- मैं ब्रश करा दूँ क्या?
कुछ पल सोच कर उसने भी शरमाते हुए हाँ में इशारा किया।
मैं मालविका के पास गया और उसके हाथ से ब्रश और पेस्ट ले लिया, उसके पीछे चिपक के खड़ा हो गया जिससे कि मेरा लंड उसकी चूत में सट रहा था। मैंने अपने अंगूठे पे कोलगेट को लगाया और उसके मुंह के पास ले गया उसने मुँह खोल के अंगूठे को घुसने दिया।
मैंने अंगूठे से पेस्ट को दांत पे लगा दिया और उंगली से दांत को घिसने लगा, बीच बीच में अंगूठा को घुसा देता जिसे वो लंड समझ के चूस रही थी, दांत से काट रही थी।
मालविका पूरी मदहोश हो रही थी, उसने अपनी आंखें बंद कर रखी थी, वो मुझे अपनी बांहों में जकड़ रही थी।
मैंने उसे ब्रश कराया उसके मुँह को पानी से धोया, तौलिये से पौंछ दिया, मालविका बहुत खुश लग रही थी।
दोस्तो, लड़कियों को थोड़ा प्यार दो, वो तुम्हें ज्यादा प्यार देगी और प्यार से देगी। लड़कियों को लण्ड के साथ, हाथ और होंठ से प्यार करो।
अब हम दोनों बेडरूम की तरफ गए जहाँ सौरभ और सोनाली कम्बल में घुसे हुए थे, दोनों एक दूसरे के साथ हँसी मजाक कर रहे थे।
हम सब बैठ कर बातें कर थे, सौरभ ने मालविका को चाय बनाने को बोला।
वो उठकर चली गयी.
मैं भी जाना चाहता था लेकिन नहीं गया.
फिर मालविका ने मुझे आवाज़ दी तो मैं किचन के तरफ गया, वो चाय बना रही थी। वो मुझे देखकर नई दुल्हन की तरह शर्माने लगी.
मैंने उसे पीछे से बांहों में भर लिया और गर्दन पे किस करने लगा।
वो चाय बनाने में व्यस्त होने का दिखावा करने लगी. मैं अपने दोनों हाथों से उसके पेट को पकड़ के सहला रहा था। मेरा लण्ड उसके गांड की दरार में फस गया था।
मैं उसके गांड को लण्ड से सहला रहा था और गर्दन को किस कर था। मालविका की साँस बहुत तेज चल रही थी. इतने देर में चाय बन चुकी थी, हम लोग अलग हो गए और बेडरूम में चले गए.
सबने चाय और स्नैक्स खाये।
दोपहर का एक बज चुका था, सौरभ ने मालिश कराने की इच्छा जताई, मालविका भी तैयार हो गयी। सोनाली उन लोगों से घुली मिली थी तो उसने सौरभ के कपड़े खुद उतार दिए। सौरभ सिर्फ चड्डी में लेटा हुआ था, बाकी हम तीनों ने अपने कपड़े खुद उतारे।
सोनाली और मालविका ब्रा और पैंटी में थी, मैं और सौरभ सिर्फ चड्डी में। सोनाली ने अपने बैग से मालिश करने का तेल दिया और वो सौरभ की मालिश में लग गयी.
मैं भी मालविका की मालिश करने लगा।
मालविका की पीठ पे मैंने ढेर सारा तेल गिरा दिया और रगड़ रगड़ के उसकी मालिश करने लगा. मालिश करते हुए मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया था। पीठ की मालिश करते हुए मैं उसके गर्दन की भी मालिश कर रहा था।
पंद्रह मिनट की मालिश के बाद मैंने मालविका गांड चूत और पैर की मालिश शुरू कर दी. मैंने उसकी गांड पे तेल डाला और मसल मसल के गांड की मालिश की. बीच बीच में गांड में उंगली भी डाल देता था।
लगभग बीस मिनट की मालिश के बाद मालविका पलट गई और अब उसके पेट औऱ चूचों की मालिश होनी थी. मैंने पेट पे तेल गिराया और पेट और दोनों चूची की मालिश शुरू कर दी। मैंने दोनों चूची को मसल मसल के लाल कर दिया और चूत और जाँघ की भी मालिश की. चूत में उंगली डाल डाल कर मालिश किया जिससे कि मालविका की चूत ने पानी छोड़ दिया।
मालिश के बाद मैंने देखा कि सौरभ सो चुका था. मालविका ने भी थोड़ी देर आराम करने का बोला और सो गई।
अब मैं और सोनाली थे, सोनाली मेरी हालत देख कर समझ गई थी कि मुझे चुदाई करनी है।
उसने मुझे बाथरूम में आने को इशारा किया और पहले खुद चली गयी, मैं भी बाथरूम में चला गया औऱ सोनाली को किस करने लगा।
थोड़ी देर में मैंने उसे अपना लण्ड चूसने को दिया और उसके चूत में लण्ड पेल दिया, बीस मिनट उसकी चुदाई की और रूम में जा कर बैठ गया।
एक घण्टे की नींद के बाद दोनों ने उठ कर साथ में नहाने का प्लान बनाया, हम चारों बाथरूम में घुस गए। शावर चला कर सब साथ में भीगने लगे, सोनाली और सौरभ साथ में नहाने लगे।
मैंने भी मालविका को नहलाना शुरू किया, पूरे शरीर पर साबुन लगा दिया और रगड़ रगड़ के तेल हटा दिया। सौरभ ने बाथरूम में सोनाली को लण्ड चुसवाना शुरू कर दिया जिसे देखकर मालविका ने मुझे इशारा किया कि मैं भी उसकी चूत को चाटूं।
मैं नीचे बैठ कर उसकी चूत को चाटने लगा, वो मेरे सिर को दबा दबा के चूत चटवा रही थी। थोड़ी देर के बाद मैं बाथरूम में लेट गया और मालविका मेरे मुँह पे चूत लगा कर बैठ गयी और चूत चटवाने लगी। उसे बहुत मजा आ रहा था, थोड़ी देर में वो मेरे मुँह में ही झड़ गयी।
मैंने उसकी चूत का पानी अपने मुँह में पानी रखा और मालविका को किस करते हुए उसका पानी उसे ही पिला दिया।
हम सब नहा कर वापस कमरे में आए. सौरभ ने दोपहर का खाना होटल से मंगाया।
मालविका ने मूवी जाने का प्लान बना लिया, हम चारों मूवी गए।
हम लोग कार में मूवी जा रहे थे, सौरभ और सोनाली कार की आगे सीट पे बैठे हुए थे। मैं और मालविका कार की पिछले सीट पे बैठ गए. मालविका मुझसे सात साल बड़ी थी लेकिन वो मुझसे रोमांटिक होने की कोशिश कर रही थी। मैं और मालविका बार बार एक दूसरे के हाथ सहला रहे थे।
हम लोगों ने कार में किस भी किया, वो मेरे लण्ड को भी पकड़ के मसल रही थी। मैं भी उसके चुचे मसल रहा था. हम दोनों पीछे बैठ कर अपनी मस्ती में डूबे हुए थे।
थोड़ी देर में हम लोग थिएटर पहुँच गए और सौरभ ने कॉर्नर की सीटें ले ली।
हम चारों सीट पे जा कर बैठ गए. पहले मालविका, फिर मैं, उसके बाद सोनाली और उसके बाद सौरभ बैठे। मालविका मेरा हाथ पकड़ कर मूवी देख रही थी. तभी उसने मेरे कान को काटना शुरू किया। मैं समझ गया अब मुझे मजा आने वाला है।
उसने मुझे किस करना शुरू किया, मैं भी उसका भरपूर साथ दे रहा था।
इतने में दूसरी तरफ से सोनाली ने मेरे लण्ड को जीन्स से निकाल कर चूसना शुरू कर दिया, मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं मजे लेने में व्यस्त था. तभी मैंने देखा कि सोनाली मेरे लण्ड को चूस के सौरभ को किस करती। मुझे कुछ अजीब लगने लगा। क्योंकि मर्द को दूसरे मर्द के लंड चूसे हुए होंठ पसंद नहीं आती।
लेकिन सोनाली मेरे लंड को और सौरभ के होंठों को बारी बारी चूस रही थी।
सोनाली ने मुझसे कहा कि पानी उसके मुँह में गिरा दूँ, मैंने वैसा ही किया।
इसके बाद मैंने देखा कि सोनाली ने मेरा पानी सौरभ के मुँह में दे दिया और उसने पी लिया।
उसके बाद सौरभ और सोनाली अपना लगे हुए थे, मैं और मालविका किस कर रहे थे।
मैंने मालविका से पूछ लिया- सौरभ गांडू हैं क्या?
मालविका मेरी बात को नजरअंदाज करते हुए किस करने में व्यस्त हो गयी।
कहानी का अगला भाग: रंडी क्लासमेट ने मुझे कॉलबाय बनाया-1
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