कॉलेज फ्रेंड का प्यार पाने के लिए चुत चुदवाई- 3

(Porn Love Fuck Story)

पोर्न लव फक स्टोरी में मैं अपने प्यार को पूरी तरह से पा चुकी थी उससे अपनी कुंवारी चूत की चुदाई करवा के. पर अभी भी मुझे उसके लंड की प्यास बाकी थी.

यह कहानी सुनें.

दोस्तो, मैं चित्रांगदा सक्सेना एक बार पुनः आपकी सेवा में अपनी सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर उपस्थित हूँ.
कहानी के दूसरे भाग
अपने प्यार से मैं पहली बार चुदी
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि अजय ने मेरी कुंवारी चुत चोद कर फाड़ दी थी और मैं बाथरूम में अपने आपको साफ कर रही थी.

अब आगे पोर्न लव फक स्टोरी:

जैसा कि तय हुआ था, डिनर के बाद अजय काम से शहर चला गया और मैं अजय के बताए हुए रास्ते से हॉस्ट्ल … जहां अजय का घर था, पहुंच गयी.
मुझे आते किसी ने नहीं देखा.

उस वक्त बारिश हो रही थी और मैं अजय का छाता लिए हुई थी, जिससे कोई मुझे देख ना सके.

इसी बीच मेरी सहेली आंचल का कॉल आया.
आंचल- और चित्रा, चींटी पहाड़ चढ़ पाई कि नहीं?
मैं- पहाड़ या मीनार?

आंचल- अरे तू बता न काम बना कि नहीं?
मैं- दोनों चढ़ गयी. पहाड़ भी और मीनार भी!

आंचल- लेने में मजा आया?
मैं- जान निकल गयी मेरी तो. इसे मजा आया कहती है?

आंचल- क्यों क्या हुआ? सब ठीक तो है? पहली बार सबको दर्द होता है. मैंने जानबूझ कर बताया नहीं था कि कहीं तू डर कर करे ही न!
मैं- अरे इतना तो मुझे भी पता था. पर अजय का उम्मीद से ज्यादा है.

आंचल- कितना है?
मैं- मेरी दोनों हथेलियों में भी नहीं आ रहा है और मुठ्ठी भी बंद नहीं होती. उंगली बंद नहीं हो पाती.

आंचल- मतलब जितना मैंने बताया था … उससे भी बड़ा निकला क्या?
मैं- हां शायद.

आंचल- फिर तो तुझे तो बड़ा मजा आया होगा!
मैं- आया तो … पर फटने से दर्द भी बहुत हुआ. अभी भी खून रिस रहा है. ऐसा मजा तू ही ले ले. घंटा भर जैसे रेल बना दी मेरे अन्दर!

आंचल- मुझे कोई समस्या नहीं लेने में!
मैं- अच्छा अब रखती हूं, मुझे नहा कर तैयार होना है.
आंचल- ठीक है … ऑल द बेस्ट. मजे कर.

अब मैंने नहा कर अपनी नई नाइटी पहन ली, इसे मुझे आंचल ने खरिदवायी थी.

अब तक अजय का कुछ पता नहीं था तो मैं उसका कमरा ठीक करने लगी.

फिर उस वक्त रात के दस बज रहे थे जब मुझे अजय की बाइक के आने की आवाज़ सुनाई दी.

वह एक बैग में थोड़ा सामान लाया था.
मैंने घर का दरवाजा खोला, लाइट बंद थी.

अजय अन्दर आ गया. उसने किचन में सामान रख दिया और कमरे में आकर उसने लाइट जला दी.

मैं बाथरूम के दरवाजे के सामने खड़ी थी.
उसने कमरे को देखा और कहा- तुमने क्यों किया? कल भीम (अजय को मिला हुआ अटेंडेंट) कर देता साफ. बेड की चादर भी बदल दी. एक काम करो, तुम फ्रेश हो लो तब तक मैं कुछ काम कर लूं.
मैं- ठीक है.

मैं फ्रेश होकर आई.
तब तक अजय ने कमरे में बेड पर गुलाब की पंखुड़ियां बिछा दीं और बचे हुए फूल मुझ पर डालने लगा.

उसने मुझसे कहा- आज तुमने जो मेरे लिए किया, उसके लिए मैं तुम्हें थैंक्स कहना चाहता हूं.

मैं अजय के करीब गयी.
उसने मुझे कंधे से पकड़ लिया और फिर उसने सिंदूर मेरी मांग में भर दिया.

मैं तो स्तब्ध खड़ी रह गयी.

उसने कहा- यह मैं इसलिए कर रहा हूं, जिससे मेरे और तुम्हारे बीच में जो हुआ … वह नाजायज ना रहे. और अब हम एक दूसरे से पूरी तरह से खुल जाएं … और तुम शर्माओ नहीं या कोई संकोच न करो.
ऐसा कह कर अजय अपने होंठों से मेरे होंठ चूमने शुरू कर दिए.
मेरे होंठ अपने आप खुल गए और मैं भी उसका साथ देने लगी.

मैंने झुक कर अजय के पैर छुए, यह जताने के लिए मैं इस रिश्ते से खुश हूं … वह किसी खुद को दोषी न समझे.

तभी मुझे अजय का पजामा में तंबू बना हुआ दिखा.
यह अजय का लंड था जो फिर से अकड़ गया था.

मैंने उसे पकड़ लिया- इसे बड़ी जल्दी है … और तुम अन्दर कुछ पहनते क्यों नहीं या इसकी नुमाइश करनी है. इतनी सारी अंडरवियर हैं, फिर भी नहीं पहनते हो?

अजय- अरे यार … यहां नमी बहुत रहती है … तो जांघ के किनारों में नमी रहती है. इसलिए पजामा कुर्ता पहनता हूं. अंडरवियर से साइड्स कट जाती हैं न इसलिए रात में पाउडर डाल कर ऐसे ही सो जाता था. और भी सामान है … निकालो.

मैं बैग से सामान निकालने लगी.
तो मेरा हाथ किसी ठंडी चीज़ से टकराया.
निकाला तो बियर की दो केन थीं.

मैंने अजय की तरफ देखा.
उसने आंख मार दी.

अजय- कल संडे है, तो बस मैं और तुम साथ में मजे करेंगे.

मैं बैग से एक पैकेट निकालती हुई बोली- इसकी क्या जरूरत थी?
अजय- चिट्स यह सेफ़्टी के लिए है.

मैं- कैसी सेफ्टी? तुमको मुझ पर विश्वास नहीं है ना?
अजय- चिट्स यार कंडोम इसलिए है कि तुम प्रेग्नेंट न हो जाओ.

मैं- अभी नहीं होऊंगी, सेफ टाइम है. पीरियड्स दो दिन पहले ही खत्म हुए हैं.
अजय- तो बताना था ना!

मैं- तुम भी तो हक से पूछ सकते थे. अब क्या बातों में ही लगे रहना है?
यह कहते हुए मैंने अजय का लिंग मुँह में भर लिया.
अजय की टीस निकल गई.

मैं- क्या हुआ?
अजय- खुद देखो.

मैं अजय का लंड निकाल कर देखने लगी, वह कई जगहों से छिला और कट गया था?
“इसे क्या हुआ?”
अजय- तुम्हारी चूत ने इसका यह हाल किया है!

मैं- अच्छा, तो अब नहीं कर पाओगे?
अजय- ऐसा मैंने कब कहा? अभी तो तुम्हारी चूत को इस हरकत की सज़ा मिलेगी.
मैं- तो दो ना सज़ा!

अजय- सज़ा नहीं, इनाम मिलेगा इसे सारी रात!
यह कहते हुए अजय ने मेरे होंठों को अपने होंठों में भर लिया और गोदी में उठा कर फूलों की सेज पर लिटा दिया.

मैं कसमसा गयी.

अब अजय ने धीरे से मेरी नाइटी निकाल फेंकी.
मैं पूरी नग्न अवस्था में लेटी रही. वह मुझे सर से पांव तक चूमने लगा और बारी बारी से मेरे अंगों को चूसने लगा.
अब वह मेरे दाहिने स्तन पर आकर रुक गया और निप्पल को जीभ से छेड़ने लगा.

फिर वह उठ कर बैग के पास गया और उसमें से कुछ निकाल कर मेरे पास आकर ऊपर लेट गया.
उसने वह चीज निकाली, जो असल में शहद की शीशी थी.

बोतल खोल कर उसने मेरे निप्पल पर शहद टपका दिया और पूरे स्तन को मुँह में भर कर चूसने लगा.

मेरे तो तन बदन में जैसे तरंगें मचल उठीं.
मैं अपने हाथ बेड पर मारने लगी.

उसने आधे घंटे में मेरे इस दूध को भी खींच डाला, मैं प्यार से उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा दी.

अब उसने दोनों चूचों को अपने हाथों में भरा और मसलना शुरू कर दिया.
मुझे पोर्न लव में मजा आने लगा और मैंने अपने पैर फैला दिए.

अब अजय ने मेरे स्तन छोड़ दिए और मेरे बगल में लेट गया.
मैं उसकी तरफ देखने लगी तो उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और होंठों को चूसने लगा.

मेरी चूत एकदम गीली हो चुकी थी और बूंद बूंद पानी टपक कर अजय के पेड़ू पर गिर रहा था.
उसने मेरी चूत को छुआ और उंगली से घिस दिया.

फिर बोला- तुम्हारी चूत तैयार हो गयी है, अब तुम शुरू हो जाओ. मैं नीचे से मजे लूंगा.
यह सुनकर मैं थोड़ा ऊपर उठी, ताकि अजय का लंड अन्दर ले सकूं.

लंड एकदम तना हुआ, नसें एकदम फूली हुई थीं तो मेरे तो पसीने छूटने लगे.
फिर भी वासना से वशीभूत होकर मैंने लंड को थामा और चूत उस पर रख दी और धीरे धीरे अन्दर लेने लगी.

अभी सुपारा ही अन्दर गया था कि मैं ‘आह मम्मी रे मर गयी’ करके उठने को हुई.
तभी अजय ने मेरे कंधे पर हाथ रखकर मुझे नीचे घसीट लिया.

एक झटके में पूरा लंड मेरे अन्दर समा गया.
पोर्न लव फक से मेरी तो जान ही निकल गयी.

मुझे लग रहा था कि किसी ने कोई गर्म गर्म सरिया मेरे अन्दर पेट तक डाल दिया हो.
मेरी चूत बुरी तरह से फट गई थी और अजय के लंड से खून की धार रिस कर आ गयी.
अजय चौंकते हुए मुझे देखने लगा.

मैं उस पर बैठी हुई थी तो अजय ने धक्के लगाने का इशारा किया.
तब मैं उसके लंड पर हिलने लगी पर दर्द के कारण मजा नहीं आ रहा था.

तो अजय ने मेरे चूतड़ पकड़ कर मुझे ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया.

अब तो इतना मजा आया कि मैं अजय पर लेट गयी और अपना एक स्तन उसके मुँह में दे दिया.
वह मेरे दूध को चूसने लगा और मैं आह ह्म्म उफ उफ करने लगी.

तभी मेरी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया और मैं अजय पर निढाल हो गयी.
अजय नीचे से धक्के लगाता रहा, मैं पसीने से तर उस पर यूं ही पड़ी पड़ी चुदवाती रही.

उसका सीना मुझे किसी सेज से कम नहीं लग रहा था, जिस पर मैं उसकी धड़कन साफ साफ सुन रही थी.
करीब पंद्रह मिनट तक चुदवाने के बाद मैं अजय के बगल में लेट गयी और मैंने उसी की तरफ करवट ले ली.

वह मुझे ही देख रहा था. मैंने उसको बेतहाशा चूमना शुरू कर दिया.

उसने कहा- अभी मेरा हुआ नहीं है!

मैंने अपनी बांहें फैला कर उसको इशारा किया कि तो अब कर लो.

यह इशारा पाते ही अजय ने उठ कर पोजीशन ले ली.
वह मेरी फट चुकी चूत को देख रहा था, जिसमें से खून और कामरस दोनों रिस रहे थे.

उसने मेरी नाइटी से चूत को पौंछा, फिर चूत पर भी शहद लगा दिया और चूत की दोनों फांकों को एक साथ मुँह में भर कर चूसने लगा, साथ ही दांत से दबाने लगा.

इससे मेरी तो हालत खराब होने लगी, मेरे मुँह से कामुक आवाजें निकलने लगीं- ओ मां ऊंम्म्म ह्फ आउ आह आआह!

मेरी ये आवाजें लगातार निकल रही थीं.
उसके निरंतर चूसने से मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ना शुरू कर दिया था, जिसे अजय पूरा पी गया.

अब उसने चेक किया कि अन्दर चिकनाई ठीक है.
तब भी उसने अपने लंड पर नारियल का तेल लगाया और मेरे मुँह को चूमता हुआ अपना लंड मेरी चूत पर घिसने लगा.
मैंने अपने दोनों हाथ उसके कंधों पर रख दिए और मैं लता की तरह उससे लिपट गयी.

मेरे मुँह को अपने मुँह में भर कर उसने एक ज़ोरदार झटका दिया, उसका लंड एक बार में ही मेरी चूत को रगड़ता हुआ अन्दर तक जा घुसा.
मैंने आंख खोल कर देखा तो उसका लंड अभी दो इंच बाहर ही दिख रहा था.

मैंने नीचे से दबाव बनाया तो थोड़ा सा और अन्दर घुसा, पर अब मेरी चूत जैसे फटने सी लगी थी.
अजय ने उतना लंड ही अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया और मैं आनन्द के सागर में बह चली.

अजय ने अब तेज धक्के लगाते हुए मेरे स्तन पीने शुरू कर दिए.
वह बारी बारी से जब उनको खींचता तो मुझे बड़ा मज़ा आता था.

मैं अपने प्यार से जबरदस्त चुदाई का मज़ा ले रही थी और मन ही मन ऐश्वर्या (अजय की वह गर्लफ्रेंड को याद कर रही थी, जिसने अजय को निराश किया था) और आंचल (मेरी सहेली) जिसने मुझे इसके लिए तैयार किया, उन दोनों का शुक्रिया कर रही थी.
उन दोनों की वजह से ही मुझे ऐसी जबरदस्त चुदाई नसीब हुई.

अजय मुझे लगातार बहुत देर तक चोदता रहा, फिर मेरे अन्दर ही स्खलित हो गया.
मेरी चूत फिर से उसके वीर्य से भर गई.

इस वक्त रात के दो बज गए थे, लम्बी चुदाई के बाद अजय भी थक कर सोने लगा था.
मैं उसके सीने पर अपने स्तनों को दबा कर सो गई.

नीचे से अजय का लंड मेरे पीछे छू रहा था.
मैं अजय को चूमते हुए पता नहीं कब सो गई.

अजय ने मुझे रात में तीन बार और चोदा, फिर आखिरी राउंड उसने सुबह नौ बजे लगाया.

मैं अजय के यहां लगभग दस दिन रुकी और बिना नागा किए हमने बहुत चुदाई की. एक दिन में कम से कम पांच बार पोर्न लव फक तो होता ही था.

अजय ने रविवार को नहाते हुए मेरी गांड भी मार ली थी.
वह सेक्स कहानी बाद में लिखूँगी.

मैं जब लौटकर आई तो एक पूर्ण औरत बन चुकी थी, इतनी सारी चुदाई के बाद मेरे स्तन बड़े हो गए थे और रस से भर गए थे.
मेरी गांड बाहर निकल आयी थी और फिगर पूरा ही बदल गया था.

मैं जब भी अपनों से अलग होती तो हल्का सा सिंदूर भी लगाने लगी थी.

इतनी चुदाई और बाद मैं होटल में भी अजय से चुदते रहने के कारण जल्द ही मेरा गर्भ भी ठहर गया था.

मेरी चुदाई की कहानी सुनकर मेरी सहेली आंचल भी अजय के साथ सेक्स करना चाहने लगी.

मैंने उसकी सैटिंग अजय के साथ करवा दी क्योंकि वह शादीशुदा थी तो मुझे अजय को खोने का डर नहीं था.

उसके चुदने की कहानी को मैं बाद में बताऊंगी.
अजय अब नोएडा में रहता है … अभी हमारी शादी नहीं हो पायी है.

अपनी आगामी सेक्स कहानी के लिए मुझे इस पोर्न लव फक स्टोरी पर आप सबका फीडबैक जरूर चहिए जिससे मैं अपनी गलतियों को सुधार सकूं.
प्लीज [email protected] पर अपने फीडबैक जरूर भेजें.

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top