पड़ोसन भाभी का कमर दर्द

(Padosan Bhabhi Ka Kamar Dard)

दोस्तो नमस्कार, मैं राज शर्मा एक बार फिर अपनी कहानियों को लेकर हाजिर हूं। आपने मेरी पिछली कहानी
कच्ची कली मसल डाली
पढ़ कर बहुत मेल किये उसके लिए धन्यवाद। मुझसे फेसबुक पर जुड़ने वाले दोस्तों का भी आभार। सभी गर्म आंटी भाभियों का इतना प्यार देने के लिए दिल से शुक्रिया।

इस कहानी का नायक रमेश है अब आगे की कहानी उसी की जुबानी सुनिये।

मेरा नाम रमेश है मैं दिल्ली में एक किराए का कमरा लेकर रहता हूँ। मेरी उम्र 27 साल है और अकेला रहकर अपनी नौकरी करता हूँ। मेरे कमरे के बगल में ही एक भाभी रहती थी। उनका एक 3 साल का लड़का था। उसकी उम्र कोई 25 साल के लगभग होगी। वो किसी से भी नहीं बोलती थी। उसकी अपने पति से भी बहुत कम बनती थी पर साली देखने में माल थी। जब से उसे देखा था चोदने का मन करता था। पर उसे पटाने के कोई तरीका ही समझ नहीं आ रहा था।

मैंने उसके पति को पहले पटाने के प्लान बनाया। मैंने उससे मेल जोल बढ़ाना शुरू किया। धीरे धीरे हम आपस में घुल मिल गए। मैं उनके घर भी आने जाने लगा पर वो मुझसे कभी बात ही नहीं करती थी। जितनी सीधी वो दिख रही थी, कहीं से भी वो सीधी नजर नहीं आ रही थी। इतना धांसू माल इतनी शरीफ हो ही नहीं सकती थी। उसकी गांड देख कर कोई भी बता सकता था कि वो कहीं तो गांड मरवाती होगी। उसके पति को फ्री की दारू पीने की मैंने लत लगा दी। वो मेरे रूम में आकर मेरे साथ बैठकर दारू पीता था।

मैंने उससे एक दिन पूछा- भाई एक बात बता, ये भाभी जी किसी से भी बात क्यों नहीं करती हैं?
वो बोला- यार, अब तुमसे क्या छुपाना। उसकी और मेरी शादी उसके किसी रिश्तेदार ने कराई थी वो मेरे से 8 साल छोटी है। उसकी मेरे से शादी मेरी उसकी मर्जी के बिना हुई है वो मुझ से शादी करना नहीं चाहती थी और घर वालों के दबाव में उसने मेरे से शादी की। उसने कभी मुझे अपना पति समझा नहीं। हमेशा मुझ से लड़ती रहती है। एक बच्चा भी हमारा कैसे हो गया ये ही बड़ी बात है।

“क्या कहना चाहते हो भाई? भाभी तुम्हें प्यार नहीं देती है क्या?” मैंने उसे और खोलने के लिए कहा।
“भाई पहले तो में जब मन करता था, उसे पेल देता था पर अब जब से हमारा बच्चा हुआ है वो अब मुझे हाथ ही नहीं लगाने देती है। कहती है मेरी तबियत ठीक नहीं है। हर वक्त कमर दर्द बताती है। दो तीन दिन में एक बार जरूर डॉक्टर के पास जाती है पर अभी भी उसका कमर दर्द ठीक नहीं हुआ है। पता नहीं भाई इसका कमर दर्द कब ठीक होगा। साला महीने महीने में कभी एक आध बार अपने पास सुलाती है।”

जिस हिसाब से उसकी बीबी की गांड दिखाई देती है उससे लगता ही नहीं कि वो इतने दिन बाद चुदाती होगी। मुझे दाल में कुछ काला लगा। मैंने भाभी पर नजर रखनी शुरू कर दी। एक बार वो मुझे बाजार में नजर आयी उसी समय एक आदमी बाइक से उसके सामने से गुजरा उसने उसे हाथ का इशारा किया तो भाभी ने भी मुस्कुराते हुए उसे जबाब दिया। मैंने उस आदमी का बाइक से पीछा किया तो पता चला कि उसका अपना प्राईवेट क्लिनिक है।

कुछ दिनों बाद ही भाभी उसी के क्लीनिक में जाती हुई दिखी। अब तो साफ हो गया भाभी यही इसी के पास जाती है। कुछ ही दिनों में साफ हो गया इनका कोई चक्कर है बस मुझे इन्हें रंगे हाथ पकड़ना है जो मैं खुद कर नहीं सकता था. इसलिए मैंने उसके क्लीनिक में काम करने वाले लड़के को पटाया। उसी से मुझे पता लगा कि भाभी जी उसके पास बहुत समय से आती है और वो डॉक्टर उसे अपने ही क्लीनिक में पेलता है।

मैंने उसे पैसों का लालच दिया और उसे उनकी एक पिक देने को कहा.
उसने कहा- वो तो मेरे मोबाईल में पहले से ही बहुत हैं जितनी चाहे ले लो। मैं भी तो जब डाक्टर इसे अंदर चोदता है बाहर से छुप छुप कर उनकी चुदाई देखता हूँ। डाक्टर को मेरे पर भरोसा है इसलिए वो भी मुझे कुछ नहीं कहता।
मैंने उसे कुछ पैसे दिए और सारी उसकी पिक अपने मोबाईल पर ले ली। बस अब मुझे मौके की तलाश थी। साली के पिक देखकर मेरा अब दिमाग खराब हो गया था। सारे पिक में वो मजे ले ले कर उस डाक्टर से चुदवा रही थी और यहाँ हमारे सामने बड़ी सीधी लग रही थी। अब मुझे उसे अपने लंड के नीचे लाना था।

एक दिन उसका पति ड्यूटी गया तो मैं उसके घर पे चला गया उसका बेटा सोया हुआ था।
उसने मुझे दरवाजे से ही भागना चाहा- वो घर पर नहीं हैं, शाम को आना।
“भाभी, मुझे तो आपसे ही बहुत जरूरी बात करनी है।”
“क्या बात करनी है यहीं पर बोलो?”
“बात करनी नहीं है आपको कुछ दिखाना है। वो मैं आपको अंदर आके ही दिखाऊंगा। डरो मत आपको खा नहीं जाऊंगा। 5 मिनट चाहिए बस … आपका ही फायदा है।”
“नहीं, यहीं पर दिखाओ। जो भी दिखाना है।”
“ठीक है, फिर देखो मेरा क्या कोई और न देख ले इसलिए अंदर आ रहा था।”

मैंने अपने मोबाईल से उनकी और डॉक्टर की एक पिक दिखा दी। उसके तो चेहरे का रंग ही बदल गया।
“घबराओ मत, रास्ता दो अंदर बैठकर सब बताता हूँ। आप बुरी फंसने वाली हो, मैं आपकी मदद करना चाहता हूं।”
उसने रास्ता दे दिया, मैं सीधे जाकर सोफे में बैठ गया।

“ये पिक तुम्हारे पास कहाँ से आयी? मुझे बताओ?”
“भाभी एक ही नहीं है, बहुत सारी हैं, ये देखो।” मैंने उसे उसकी डाक्टर से चुदाई की सारी पिक दिखा दी। जैसे जैसे वो पिक देखती उसकी हालत खराब होने लगी।

अब मैंने अपना दांव खेला- कब से चल रहा है ये सब? इतनी गर्मी है क्या जिस्म में जो डाक्टर से चुदवा रही हो और हमारे सामने सती सावित्री बनती फिर रही हो। बात भी नहीं करती किसी से भी। बता दूं भाई साहब को की आपकी बीवी डाक्टर से चुदवाती है इसीलिए आपको हाथ नहीं लगाने देती।
“नहीं नहीं, उन्हें कुछ मत कहना। वो मुझे घर से निकाल देंगे। अब इस बच्चे को लेकर मैं कहां जाऊंगी। तुम्हें जो चाहिए वो दूंगी पर ये पिक किसी को मत दिखाना।”

“तो बताओ कब से चल रहा है ये सब?”
“मेरी शादी मेरी मर्जी के खिलाफ हुई, मुझे ये बिल्कुल पसंद नहीं थे पर अब कर ही क्या सकते थे मेरी इनसे शादी हो गयी शादी से पहले मेरा बॉयफ्रेंड था हम बहुत मजे लेते थे पर शादी के बाद तो जैसे मेरी दुनिया ही उजड़ गयी। इसी बीच एक साल बाद मेरे बेटा हो गया। उसके बाद तो मैंने इन्हें अपने पास आने ही नहीं दिया। पर इन्हें छोड़ नहीं सकती थी क्योंकि वापस में जा नहीं सकती थी बॉयफ्रेंड की भी शादी हो चुकी थी। मेरी बच्चा पैदा करने के बाद कमर दर्द रहने लगी इसलिये में इस डाक्टर के पास चली गयी. फिर मैं उसकी चुपड़ी बातों में फस गयी। मजा तो मुझे भी चाहिये था इसलिए हमारे संबंध बन गए। पर मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि ये पिक किसने खिंची और तुम्हारे पास कहाँ से आ गयी।”

“भाभी आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो इसलिए मैंने आपका पीछा करना शुरू किया था। आपको पटाने की बहुत कोशिश की पर आपने घास ही नहीं डाली तब पता चला कि आपकी खुराक तो डाक्टर पूरा कर रहा है तो आप मुझसे कैसे पटती।”
“वो डॉक्टर ठीक नहीं है वो तुम्हें यूज कर रहा है। उसने आपकी बहुत सारी नंगी पिक खिंची हैं वो कभी भी आपको बदनाम कर सकता है उसके और औरतों से भी चक्कर हैं। बाकी आप खुद समझदार हो कि आपको क्या करना है।”

“तुम क्या चाहते हो ये बताओ इन पिक को डिलीट करने के?”
“भाभी मैं तो अभी डिलीट कर दूंगा. जरूरी काम तो डॉक्टर के पास से आपकी पिक डिलीट करना है हो सकता है उसने वीडियो भी बनाई हो अगर कही नेट पर डाल दी न तो सोच लो आप कहीं की नहीं रहोगी।”
“आप उससे मेरी सारी पिक निकलवा दो, तुम जो कहोगे वो करूंगी।”
“तो ठीक है, कल से तुम डाक्टर से मिलने नहीं जाओगी. आज लास्ट बार जाकर उसे बता दो कि आपके पति को आप दोनों पर शक हो गया है अब आप कभी नहीं मिल सकती. बाकी सब मैं देख लूंगा।
“ठीक है, मैं आज ही जाकर मना कर दूंगी।”

“तो ठीक है, आज से हम दोनों दोस्त, अब डाक्टर की कमी आपकी मैं पूरी करूँगा।”
“क्या मतलब आपका?”
“भाभी जी, आपके लिए इतना सब कुछ करुंगा तो कुछ मैं भी तो लूंगा, बस एक बार आपको चोदना चाहता हूँ उसके बाद आगे आपकी मर्जी।”
“मैं कुछ भी करने को तैयार हूं पहले मेरी सारी पिक अभी डिलीट करो।”
“अभी नहीं मेरी जान. जब एक बार तुम्हारी चुदाई कर लूं तब तुम खुद अपने हाथ से इन्हें डिलीट कर लेना। आज के लिए बस एक किस दे दो बाकी तुम्हारी डाक्टर के पास से पिक डीलिट करने के बाद।”

मैंने उनको अपनी ओर खींचा ओर कस कर पकड़ कर उनके होंठो पर एक लंबी किस की और छोड़ दिया।
“तो भाभी चलूं, अब कल मिलता हूं।”
मैं उन्हें बोलने का मौका दिए बगैर वापस आ गया।

शाम को वो डाक्टर के पास जल्दी जल्दी गयी और जल्दी ही वापस आ गयी ये मैंने देख लिया था। डाक्टर के लड़के से मैंने पहले ही पूछ लिया था डाक्टर ने उसकी कोई वीडियो नहीं बनाई थी और लड़के के फोन से मैंने सारे फोटो लेने के बाद उसके फोन से सारे पिक पहले ही डिलीट कर दिए थे।
मैंने उसे थोड़ा डरा भी दिया था कि उसके पति को पता चल गया है वो पुलिस में रिपोर्ट करने वाला है. इसलिए अब कभी वो यहाँ आएगी नहीं और कभी अपनी जुबान से किसी को बता मत देना कि फोटो तुमने खिंची थी।
वो डर गया।
मैं भी उसे समझा कर वापस घर आ गया।

अगले दिन अब मैंने भाभी को बता दिया- आपकी सारी पिक डिलीट करा दी गयी है। अब कभी वापस मत जाना वहाँ।
भाभी ने शुक्रिया कहा और मेरे लिए चाय बनाने लगी।
“भाभी, मुझे चाय नहीं आप चाहिये।”
“अभी मैं आपको खुश नहीं कर सकती, जब इनकी नाइट ड्यूटी लगेगी, तभी ये सब कुछ हो पायेगा।”

“वाह भाभी डाक्टर को दिन में भी देती थी? मेरी बारी आई तो रात में? सही जा रही हो।”
“अरे समझा करो, परसों से इनकी नाइट है. बस तब आ जाना।”
“ठीक है भाभी, जहां इतने दिन आपको चोदने का इंतजार किया, ये भी कर ही लेंगे।”
मैं थोड़ी सी मस्ती करके वापस आ गया।

फिर वो घड़ी भी आ ही गयी जब मुझे भाभी को चोदना था।

भाई साहब के डयूटी पर जाने के 30 मिनट बाद ही मैं उनके घर पहुँच गया। तब तक उनका बच्चा सो चुका था। वहां पहुँचते ही मैंने उन्हें अपनी बांहों में ले लिया और नंगी करना शुरू किया जब सिर्फ ब्रा और पेंटी ही रह गयी तो मैंने खुद के कपड़े भी उतार कर उन्हें बिस्तर में लिटा कर उनके बगल में लेट गया।
मैंने भाभी को गर्म करना शुरू किया. जब वो गर्म हो गयी तो मैंने उनकी ब्रा को पूरा खोल दिया।

भाभी कहने लगी- तुम तो बहुत तेज हो, सीधे मेरे मम्मे दबाने लगे।
मैंने कहा- भाभी आप बहुत खूबसूरत हो और मैं आपको कबसे चोदना चाहता था. अब हाथ आयी हो तो मेरे लंड से अब रहा नहीं जा रहा है.
कह के भाभी के एक मम्मे पर अपना मुंह लगाकर चूसने लगा और दूसरे मम्मे को अपने हाथ से दबाने लगा।
भाभी बोली- मैं भी चार दिन से चुदी नहीं हूं, अब फटाफट चोद दो बस।

भाभी भी मस्ती में आकर बोल रही थी- ऊऊउह्ह हाआआ … और जोर से चूसो रमेश … बहुत अच्छा लग रहा है. चूसते रहो ऊऊऊह्हा आआआ … मजा आ रहा है. जोर से चूसो और जोर से।
मैं पूरी स्पीड से भाभी के मम्मे को चूसने लगा.

तभी वो सिर्फ़ पैंटी में ही थी, मम्मे चूसते हुए मैं अपने हाथ भाभी के पैंटी के अंदर डाल कर उनके जांघों को सहलाने लगा तब तक भाभी मस्त हो चुकी थी। भाभी की जांघों को सहलाते हुए मैंने उनकी चूत को भी हल्के हल्के सहलाने लगा।
भाभी मस्ती में ‘आअह्ह ह्हह ह्ह ऊऊऊ उफ़ …’ की आवाजें निकाल रही थी। एक तरफ़ उनके निप्पल से दूध निकल रहा था और दूसरी तरफ़ उनके निप्पल को मसल रहा था।

15 मिनट तक मैं उनका निप्पल चूसता रहा और चूत में उंगली डालता रहा. उनकी चूत गीली हो गयी थी। बाद में मैंने उसके पेट पर किस किया और उनके चूत के अंदर अपनी जीभ को डालने लगा और उनकी चूत को मैंने अच्छी तरह 10 मिनट तक चाटा।
भाभी मुझे किस कर के कहने लगीं- तुमने तो अपना काम कर दिया, अब देखो मैं क्या करती हूं।

फिर भाभी ने मेरे लंड की टोपी पर ज़ुबान फेरनी शुरू की, फिर धीरे धीरे पूरा लंड अपने मुंह में ले लिया और लोलीपोप की तरह चूसने लगीं। भाभी बहुत अच्छा लंड चूस रही थीं। मैं तो उस वक्त मज़े और आनन्द की ऊंचाई पर था। भाभी ने पहले आहिस्ता और फिर तेज़ी से लंड चूसना शुरू कर दिया।

अब मेरा बड़ा बुरा हाल था लंड फटने को हो गया तो मैंने भाभी को अपने ऊपर से हटाया और उन्हें लिटा कर अपना लंड भाभी के चूत पर रखा और एक हल्के धक्के के साथ अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया। उनकी चूत पहले ही गीली हो रही थी इसलिये पूरा लंड बड़ी आसानी से उनकी चूत में चला गया।

पहले तो मैं भाभी को आहिस्ता आहिस्ता चोदता रहा फिर मैंने अपनी स्पीड तेज़ कर दी और भाभी को शक्ति से चोदने लगा। भाभी चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थीं और अह्ह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऊउफ़ ह्हहय ययययीए … और तेज़ प्लीज़ … तेज़ उफ़्फ़ ऊऊह … की आवाज़ें निकाल रही थीं।
उनके मम्मे हर झटके के साथ हिल रहे थे जो एक हसीन और दिलकश नज़ारा था।

कुछ देर चोदने के बाद ही भाभी का एक बार पानी निकल गया। उन्होंने मुझे थोड़ा रुकने को कहा तो मैं लंड को चूत में डाले ही उनके ऊपर पड़ा रहा उनकी चूत में मेरे लंड को बड़ा सुकून मिल रहा था। इस भाभी को चोदने के लिए मेरा टाइम व पैसे दोनों बहुत बर्बाद हुए थे आज मुझे दोनों का पूरा सूद इस चूत से निकालना था। तो मैंने उन्हें धीरे धीरे फिर चोदना शुरू किया।

थोड़ी देर चोदने के बाद मैंने भाभी को घोड़ी बनाया तो उनकी खूबसूरत और चौड़ी गांड ऊपर को उठ आई और उनके मम्मे किसी आम की तरह लटकने लगे। मैंने भाभी की गांड पर हाथ फेरते हुये लंड उनकी चूत में डाल दिया और उनके मम्मे पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से झटके लगाने लगा. मैं भाभी को जी जान से चोद रहा था और भाभी भी चुदाई में भरपूर साथ दे रही थी। काफ़ी देर चुदने के बाद भाभी ठंडी पड़ गयीं।

मैं भी अपने क्लाइमेक्स पर था, मैंने भाभी को कहा- मैं छूटने वाला हूं.
तो उन्होंने कहा- कोई बात नहीं, तुम मेरे अंदर ही निकालो।
मेरे लंड से वीर्य का फ़व्वारा निकला और भाभी की चूत वीर्य से भर गयी. मैं भी थक कर भाभी के ऊपर लेट गया।
थोड़ी देर बाद मैंने लंड भाभी की चूत से निकाला जो वीर्य और भाभी के जूस से भरा हुआ था।

भाभी ने फिर मेरे लंड को चाटना शुरु कर दिया और इसे बिल्कुल साफ़ कर दिया।
अब भाभी ने कहा- रमेश, तुम तो बहुत एक्सपर्ट लगते हो। मुझसे पहले कितनी लड़कियों के साथ चुदाई कर चुके हो?
मैंने कहा- भाभी, चुदाई तो चार के साथ की है लेकिन जैसे मम्मे आपके हैं वैसे मम्मे मैंने आजतक नहीं चूसे हैं। आपके मम्मे बहुत टेस्टी हैं।

यह कहते हुए मैंने अपनी उंगली फ़िर से उनकी चूत में डाल दी और भाभी स्सस स्सस्ससा आआआ करती रही, भाभी को बहुत अच्छा लग रहा है।
और फिर मैंने भाभी की तरीफ़ की- सच में आप बहुत खूबसूरत हो। लो भाभी अब खुद अपनी पिक डिलीट कर दो.
मैंने फोन देते हुए कहा।
भाभी ने मुझसे कहा- ये क्या भाभी भाभी लगा रखा है? पहले ये बताओ कि तुम मुझे रात भर चोदोगे या नहीं?

मतलब साफ था भाभी को मेरे से चुद कर मजा आया था। वो पूरी रात अब मुझसे चुदना चाहती थी। तब मैंने उनसे कहा- मैं आपको दूसरे एंगल से चोदना चाहता हूं।
तो बोली- कौन से एंगल से चोदोगे अब मुझे?
मैंने कहा- कि आप ज़मीन पर लेट जाइए और अपने पैर को उठा कर बेड पर रख दीजिये.

उन्होंने ऐसे ही किया, मैं उनके पैरों के बीच में गया और उसको फ़ैला कर अपने दोनो कंधों पर रख कर उनकी फ़ुद्दी के छेद पर अपना लंड रखकर धक्के मारने लगा। इस तरीके से उन्हे भी अच्छा लगने लगा।
भाभी बोली- बहुत मजा आ रहा है मेरे राजा, जैसे चोदना हो चोदो मुझे।

करीब उस एंगल से दस मिनट तक चोदने के बाद चूत से लंड को निकाल कर भाभी की गांड में डाल दिया और चोदने लगा। मैं इसी तरह हर पांच मिनट के बाद चूत और गांड की चुदाई करता रहा।
लगभग बीस मिनट तक इसी तरह चोदने के बाद मैं बोला- मैं अब झड़ने वाला हूं। तुम बताओ कि मेरे लंड का पानी कहां लेना चाहती हो, अपनी चूत में या गांड में?
उन्होंने कहा- तुम मेरी गांड में ही पानी निकाल दो, चूत में तो तुम पहले भी निकाल चुके हो।
फ़िर मैंने अपना सारा अनमोल रतन उनकी गांड में डाल दिया और मैं बेड पर आकर लेट गया।

उनकी नज़र घड़ी पर गयी तो देखा कि पांच बजने वाले हैं. तभी उन्होंने मेरे होंठों पर जोर से किस किया और कहने लगी- जो मजा तुम्हारे साथ आया है, वो मुझे डाक्टर के साथ भी नहीं आया।
फ़िर भाभी के मना करने के बाद भी मैंने घोड़ी बना कर फिर से उनकी चुदाई शुरु कर दी। इस बार मैंने केवल चूत की ही चुदाई की। इस बार लगभग आधे घंटे तक चोदा तब कहीं जा कर मेरे लंड से पानी निकला।

अब तक सुबह हो चुकी थी। भाभी ने कहा कि उनकी चूत और गांड में दर्द बहुत हो रहा है लेकिन इस चुदाई से जो मज़ा मिला उसके आगे ये दर्द कुछ भी नहीं।
फ़िर मैं अपने घर आ गया और जब भी मुझे मौका मिलता मैं भाभी की चुदाई कर ही देता।

आपको मेरी लिखी कहानियां कैसी लगती हैं। आप मुझे जीमेल और फेसबुक पर इसी आईडी पर जवाब दे सकते हैं। आपके जवाब और अमूल्य सुझाव के इंतजार में आपका अपना राज शर्मा।
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