ऑफिस गर्ल की दोबारा चूत चुदाई-2

(Office Girl Ki Dobara Chut Chudai- Part 2)

राज गुरू 2019-11-18 Comments

कहानी के पिछले भाग
ऑफिस गर्ल की दोबारा चूत चुदाई-1
में आपने पढ़ा कि मैंने अपने दोस्त के रूम पर अपने ऑफिस की लड़की की चूत चुदाई करके उसकी चूत को लाल कर दिया था. जब उसकी चूत में दर्द होने लगा तो मैंने उसकी चूत की सिकाई भी कर दी.

उसके बाद हम दोनों दोबारा से चूमा-चाटी में लग गये. उसकी चूत में उंगली करते हुए मैंने उसकी चूत का पानी एक बार फिर से निकाल दिया. मैंने उसकी चूत के गाढ़े रस को चाट लिया.

फिर मैं तेजी के साथ उसकी चूत में जीभ चलाने लगा. उसकी चूत को गर्म कर दिया. उसकी चूचियों को पीने लगा. उसकी बूब्स को मसलते हुए मैंने उसके निप्पलों को दांतों से काटा और उसको इतनी गर्म कर दिया कि वो उठ गयी.

वो मेरे ऊपर आकर मेरी चेस्ट के निप्पलों को चूसने लगी. उसके बाद उसने मेरी छाती को चूमा चाटा और फिर वो नीचे की तरफ जाने लगी.
गर्लफ्रेंड ने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया.

मेरे लंड के सुपाड़े का निरीक्षण करने के बाद अचानक से उसने मेरे लंड को मुंह में भर लिया. इस कारण मैं खुद को रोक नहीं पाया और मैंने उसके मुंह में लंड को पूरा घुसा दिया.

लंड घुसाने से नाराज होकर उसने मेरे लंड को बाहर निकाल दिया. मैंने उसको दोबारा से लंड चूसने के रिक्वेस्ट की.
मैंने कहा- प्लीज बाबू … चूसो ना इसे, बहुत मन कर रहा है.

मेरे बार-बार कहने पर उसने मेरे लंड को दोबारा से मुंह में ले लिया. अब वो फिर से मेरे लंड को चूसने लगी. लंड काफी मोटा था इसलिए उसके मुंह में पूरा जा भी नहीं पा रहा था.

वो पूरी कोशिश कर रही थी कि मेरे लंड को अपने मुंह में ले सके. फिर भी मेरा लंड 3 इंच तक उसके मुंह के बाहर ही रह जाता था. मगर एक बात मैंने नोटिस की.

लंड को चूसने में उसको मजा काफी आ रहा था. वो मस्त तरीके से लंड की चुसाई कर रही थी. शायद उसके अंदर भी सेक्स की वैसी ही आग लगी हुई थी. दूसरे, मैंने उसको कुछ ज्यादा ही गर्म कर दिया था.

मुझे पता था कि अगर लड़की के साथ सेक्स का पूरा मजा लेना है तो उसको पूरी तरह से गर्म करना चाहिए. रेशमा भी पूरी गर्म थी और इसलिए अब वो लंड चूसने में भी हिचक नहीं रही थी. वरना कई लड़कियां लंड चूसने में नखरे करती हैं.

मुझे बहुत मजा आ रहा था अपनी गर्लफ्रेंड मुंह में लंड देकर. मगर लंड पूरा नहीं जा पा रहा था. मैं सोच रहा था कि मेरा लंड उसके मुंह में पूरा का पूरा चला जाये.

फिर मेरे दिमाग में एक विचार आया. मैंने रेशमा को नीचे फर्श पर बैठने के लिए कहा. वो मेरे कहने पर नीचे फर्श पर अपनी गांड टिका कर बैठ गयी. उसकी पीठ दीवार के साथ लग गई.

अब मैंने घुटनों को थोड़ा सा मोड़ लिया. अपनी टांगों को चौड़ी किया. उसके मुंह के सामने अपने लंड को कर दिया. अब मैंने उसको मुंह खोलने के लिए कहा. उसके सिर को पकड़ कर मैंने उसके मुंह में लंड दे दिया.

उसको नहीं पता था कि उसके साथ अब क्या होने वाला है. मैंने एक धक्का मारा तो लंड उसके मुंह में आधे से ज्यादा चला गया. फिर मैंने जोर लगा कर पूरा का पूरा लंड उसके मुंह में घुसेड़ दिया. आह्हह … लंड जब उसके गर्म मुंह में पूरा गया तो मुझे इतना आनंद मिला कि मेरी आंखें बंद हो गयीं.

वो मेरे लंड को निकालने की कोशिश करने लगी. मगर मैंने उसको बोला कि मेरा वीर्य निकलने वाला है. हालांकि अभी मैं झड़ने के करीब नहीं था. मैंने उसके मुंह में पूरा लंड धकेलते हुए उसके मुंह को चोदना शुरू कर दिया.

अब मेरा लौड़ा उसके गले तक जाकर लग रहा था. पहले से दोगुना मजा मिल रहा था. उसको थोड़ी परेशानी तो हो रही थी लेकिन अब वो एडजस्ट करने लगी थी.

रेशमा के सिर को दोनों तरफ कानों के ऊपर से अच्छी थाम कर अब मैंने अपनी गोटियों तक के लंड को उसके मुंह में घुसा दिया. उसकी सांस रुकने लगी. वो मुझे पीछे धकेलने लगी लेकिन मेरे अंदर ऐसी मस्ती भर गयी थी कि लंड को वापस निकालने का मन ही नहीं कर रहा था.

मैंने देखा कि रेशमा की आंखों में पानी आने लगा था. उसका चेहरा लाल हो गया था. ऐसे ही 40-45 सेकेंड तक मैंने उसके मुंह में लंड को घुसाये रखा.

अब उसकी आंखें बंद होने लगी थीं. मैं यह देख कर डर गया कि कहीं ये बेहोशी की हालत में न चली जाये. मैंने अपने लंड को बाहर खींच लिया. जैसे ही मैंने लंड को उसके गले से निकाला तो वो उल्टी करने लगी. उसको खांसी आ रही थी.

कई सेकेंड तक वो खांसती रही. उसके बाद उसने मुझे पीछे धकेल दिया और खड़ी हो गई. इससे पहले कि मैं कुछ कह पाता उसने मेरे मुंह पर जोर का तमाचा जड़ दिया.

उसका थप्पड़ इतना तेज था कि मेरे कान में भिनभिनाहट होने लगी. मैंने कभी नहीं सोचा था कि कोई लड़की भी इतनी जोर से तमाचा मार सकती है.

फिर वो बेड पर जाकर बैठ गयी. अपने गले को अपने हाथ से सहलाने लगी. उसके गले में शायद दर्द हो गया था.
वो बोली- पानी लाओ.
मैं घबराते हुए उसके लिए जल्दी से पानी लेकर आया.

उसने पानी की दो घूंट भरी तो उसको थोड़ी राहत मिली. मैंने उसकी कमर को थपथपाया. मुझे डर लग रहा था कि शायद ये फिर से नाराज हो गयी है. उत्तेजना में मैंने लंड को कुछ ज्यादा ही अंदर घुसा दिया था उसके मुंह में.

मैंने उसको दबी सी आवाज में कहा- सॉरी बाबू, आर यू ओके? तुम ठीक तो हो?
उसने मेरी तरफ देखा और फिर से एक थप्पड़ मारा.
मुझे भी गुस्सा आ गया. लेकिन किसी तरह मैंने खुद को कंट्रोल कर लिया क्योंकि गलती मेरी ही थी.

रेशमा के हाथों को पकड़ कर मैं चूमने लगा ताकि वो शांत हो जाये. वो मुझे बार-बार एक तरफ हटाने की कोशिश कर रही थी. मगर मैंने उसको गले से लगा लिया.
उसके बालों को सहलाते हुए उसको सॉरी बोलने लगा.

इतने में ही फोन की रिंग बजने लगी. मैंने फोन उठा कर देखा तो खाने का ऑर्डर पहुंच चुका था. मैंने तौलिया लपेट कर कमरे का गेट खोला. रेशमा उठ कर बाथरूम में चली गयी थी.

गेट पर एक लड़का खड़ा था.
वो बोला- सर आपका ऑर्डर.
मैंने उससे खाना ले लिया.

उसके बाद मैं खाने के किचन में रख कर आ गया. रेशमा भी मुंह धोकर बाहर आ गयी थी. वो बेड पर बैठी हुई थी. उसका मूड अच्छा नहीं लग रहा था मुझे.

मैंने उसको बांहों में लेने की कोशिश की. मगर वो नाराज लग रही थी. मैंने उसको अपने गले से लगा कर कई बार सॉरी बोला. उससे वादा किया कि आगे से कभी ऐसा नहीं करूंगा.

मेरे ऐसा करने पर वो तब जाकर थोड़ी सी नॉर्मल हुई. फिर मैं उसको गोदी में उठा कर बाथरूम में ले गया. हम दोनों साथ में नहाने लगे. नहाते हुए मैंने उसके साथ कोई छेड़खानी नहीं की. उसको अच्छे से साफ किया और फिर हम दोनों बाहर आ गये.

उसके बाद मैंने दोस्त को कॉल किया. उससे पूछा कि रूम की सफाई कौन करता है. उसने मुझे बताया कि एक आंटी आती है सफाई करने के लिए. उसने मुझे आंटी का नम्बर दे दिया और उनको फोन करने के लिए कहा.

मैंने आंटी को फोन किया तो वो बोली कि उनकी तबियत खराब है लेकिन वो किसी और को भेज रही है. मैंने सोचा कि चलो कोई तो आये. कम से कम रूम की सफाई तो हो.

उसके बाद मैं और रेशमा बेड पर लेट गये. रेशमा ने अभी भी तौलिया लपेटा हुआ था. मैंने अपनी निक्कर पहनी हुई थी. हम बातें करने लगे. मैं उससे अपनी गलती के लिए माफी मांग रहा था. वो मान तो गयी थी लेकिन अभी भी नाराज लग रही थी.

हम दोनों बातें कर ही रहे थे कि 20 मिनट के बाद फिर से दरवाजे पर बेल बजी. मैंने अपना टीशर्ट उठा कर पहन लिया. मैंने दरवाजा खोला तो सामने एक 19-20 साल की लड़की खड़ी हुई थी.

मैंने उसको ऊपर से नीचे तक देखा. उसके कपड़े तो थोड़े से गन्दे लग रहे थे लेकिन नैन-नक्श से सुंदर लग रही थी.
वो बोली- भैया, मम्मी ने रूम की सफाई के लिए भेजा है.

उसके बताने पर मुझे ध्यान आया कि मैंने कुछ देर पहले आंटी से रूम की सफाई करने की बात कही थी.
मैंने उसको अंदर आने के लिए कह दिया.

अंदर आकर वो बोली- बताओ भैया क्या करना है?
एक बार तो मेरे मुंह से निकलने ही वाला था- चुदाई!
मगर किसी तरह मैंने जुबान संभालते हुए उससे कहा- सफाई!

उसने देखा कि रूम में किसी ने उल्टी की हुई थी. मैंने उससे कहा कि फर्श भी साफ करना है और ये बेडशीट भी.
वो बोली- ठीक है आप बेडशीट दे दो. तब तक मैं इसको भिगो देती हूं.

मगर रेशमा तुरंत बोल पड़ी- नहीं, बेडशीट मैं खुद धो दूंगी.
मैंने कहा- अरे तुम कहां परेशान होगी. ये धो दे देगी.
रेशमा ने मेरी तरफ देखा और फिर इशारे से मुझे बेडशीट देखने के लिए कहा.

मैंने देखा कि बेडशीट पर खून और वीर्य के दाग लग गये थे.
कामवाली लड़की भी समझ गयी थी कि रूम में चुदाई चल रही थी.
मगर वो सकुचाते हुए रेशमा से बोली- दीदी, मैं धो दूंगी. आप रहने दीजिये.

कामवाली उस लड़की का नाम पूनम था. वो बेडशीट लेकर चली गई.
इतने में ही रेशमा मुझ पर भड़क गयी और बोली- बेडशीट देने की क्या जरूरत थी? वो क्या सोचेगी मेरे बारे में?
मैंने कहा- अरे इतनी टेंशन क्यों ले रही हो? वो भी जवान है. सब समझती है.

हम लोग बातें कर ही रहे थे कि पूनम बाहर आ गयी. रेशमा ने मेरे सीने पर सिर रखा हुआ था. पूनम बार-बार हमें तिरछी निगाहों से देख रही थी. मेरी नजर भी बार-बार पूनम पर जा रही थी.

उसके फटे-पुराने कपड़े होने की वजह से कहीं कहीं से उसका शरीर भी दिखाई दे रहा था. मेरे लंड में उसके बदन को देख कर हलचल सी होने लगी थी.

एक बार ऐसे ही हम दोनों की नजर मिल गयी.
मैंने इशारे से गर्दन हिला कर पूछा- क्या हुआ?
उसने भी बस इशारे में ही सिर हिला दिया- कुछ नहीं.

हमारे नैन मटक्का के बारे में रेशमा को आभास हुआ तो उसने अपना सिर उठाकर देखा. इतने में ही पूनम नीचे सिर झुका कर अपना काम करने लगी.

फिर रेशमा बोली- सफाई हो गयी क्या?
पूनम बोली- हां दीदी.
रेशमा ने कहा- तो जाकर चादर को धो दो.

मैंने रेशमा के सुर में सुर मिलाते हुए कहा- हां पूनम, तुम काम खत्म कर लो. खाना भी आ चुका है. तुम हमारे साथ ही खा लेना.
पूनम ये सुनकर खुश हो गयी. मगर मेरी इसी बात पर रेशमा भड़क गयी.
वो बोली- मुझे नहीं खाना है. मुझे भूख नहीं है.

एक बार तो मैं भी हैरान हो गया कि इसे अचानक से क्या हो गया? मगर मुझे पता चल गया था कि वो इस बात से खफा थी कि मैं पूनम को ताड़ रहा था. उधर पूनम की नजरों में भी रेशमा को कुछ संदेह दिखाई दे गया था शायद.

उसने पूनम को तीखे स्वर में कहा- तुम जाओ, अंदर जाकर चादर को धो दो.
जैसे ही पूनम बाथरूम में गयी तो रेशमा मुझ पर बरस पड़ी.
मुझ पर खीझते हुए बोली- तुम्हें बड़ी भूख लग रही है इसके साथ खाने की! मुझे इसके साथ खाना नहीं खाना है. इसको इसके पैस दे दो और भेज दो.

मैंने कहा- ठीक है. मैं दूसरे कमरे में जा कर पर्स ले आता हूं. मेरा पर्स वहीं पड़ा हुआ है.
उठ कर मैं चला गया. दरअसल मैं पैसे देने के बहाने से पूनम को अपना फोन नम्बर देना चाह रहा था.

दूसरे रूम में जाकर मैंने एक पर्ची पर नम्बर लिख लिया. जब मैं वापस आया तो रेशमा मेरी पैंट को हाथ में लिये खड़ी थी.
वो बोली- तुम्हारे कपड़े तो यहां पड़े हुए हैं. तुम दूसरे कमरे में क्या करने के लिए गये थे?

मैंने अन्जान बनते हुए कहा- अरे हां, मैं तो इसी को ढूंढ रहा था.
फिर मैंने अपनी पैंट की जेब से पर्स निकाला और उसे लेकर बैठ गया.
रेशमा भी मेरे साथ ही थी. वो मेरे सीने से चिपकी हुई थी. उसका मुंह मेरी तरफ था. मेरे हाथ उसकी पीठ पर थे.

पूनम पांच मिनट के बाद बाहर आ गयी. पैसों के बीच में मैंने अपना फोन नम्बर लिखी पर्ची भी रख दी थी.
मैंने पूनम को अपने पास बुलाया और वो पैसे उसको दे दिये. साथ में पर्ची भी उनके साथ ही लगा कर दे दी. रेशमा को इसकी भनक नहीं लगी.

पूनम ने चुपचाप वो पैसे यूं के यूं मोड़ कर अपनी हथेली में दबा लिये और वो अपनी चुन्नी को सिर पर ढकते हुए उदास से चेहरे के साथ वापस बाहर के दरवाजे की तरफ मुड़ गयी और बाहर चली गयी.

उसके बाद रेशमा और मैंने साथ में खाना खाया. खाना खाते हुए मैंने रेशमा को अपनी गोद में बिठाया हुआ था. उसकी चूचियों को भी बीच-बीच में छेड़ रहा था मैं.

खाना खत्म होने तक मेरे लंड में फिर से उफान आ गया था. खाना खत्म करके हमने हाथ मुंह धोया और वापस से बेड पर आकर लेट गये. अब हम दोनों में काफी हंसी मजाक हो रहा था और वो बिल्कुल नॉर्मल हो चुकी थी.

बेड पर लेटने के बाद मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया. उसकी चूचियों को दबाने लगा. बीस मिनट तक उसके जिस्म के साथ खेलने के बाद वो पूरी तरह से गर्म हो गयी थी.

अब मैंने उसकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया. वो तेजी से सांसें लेते हुए सिसकारने लगी. मैंने उसकी चूत में उंगली डालते हुए उसकी चूत का हस्तमैथुन करना शुरू कर दिया. साथ ही मैं अपनी सेक्सी गर्लफ्रेंड की चूचियों को भी दबा रहा था.

उसकी चूत एक बार फिर से गीली हो चुकी थी. जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो बोली- बस जानू, अब कर दो कुछ, नहीं तो मैं मर जाऊंगी.
मैंने कहा- बाबू … एक बार मेरे लंड को मुंह में लेकर इसको अच्छे से टाइट और गीला तो कर दो.

एक बार तो उसने मुझे अजीब सी नजरों से देखा मगर फिर रिक्वेस्ट करने पर मान गयी. वो मेरे लंड को चूसने लगी. अब वो मेरे लंड को खुद ब खुद अंदर तक ले रही थी.

मुझे लंड चुसवाने में बहुत मजा आता है. इसलिए मैं मुखमैथुन का पूरा आनंद लेना चाह रहा था. ऐसे ही करते हुए हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गये. मैंने रेशमा की चूत में जीभ डाल दी और वो मेरे लंड को चूसती रही.

फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया और उसकी चूत पर लंड को रगड़ने लगा. वो पागल सी हो उठी.
बोली- बस करो, अब डाल भी दो.

मैंने भी देर नहीं की. उसकी चूत पर लंड को सेट कर दिया. जोर से एक झटका मारा और लंड उसकी चूत में उतार दिया.
कुछ पल का विराम देकर मैंने उसकी चूचियों को अपने हाथों में पकड़ लिया और उसकी चूत में लंड को आगे पीछे करने लगा.

वो अभी भी दर्द से कराह रही थी. मगर अब मैंने उस पर रहम नहीं किया. मैंने उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया. पांच मिनट तक मैंने जोरदार चुदाई की और उसके बाद मैं नीचे लेट गया.

मेरे बिना कहे ही वो अब मेरे लंड पर आकर बैठ गयी. मेरे लंड पर अपनी चूत को रख कर उसने मेरे लंड को अंदर ले लिया. वो मेरे लंड पर कूदने लगी.

मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा. वो ऊपर से उछल रही थी और नीचे से मैं धक्के लगा रहा था. इस पोजीशन में हमने लगभग दस मिनट तक चुदाई की.

अब मैंने फिर से पोजीशन बदल दी. वो मेरे आगे लेट गयी. मैंने उसकी बाईं टांग को उठा कर अपनी दाईं टांग के ऊपर रख दिया. उसकी चूत में मैंने आगे से लंड को डाल दिया और उसको चोदने लगा.

इस पोजीशन में उस सेक्सी गर्ल की चूत चुदाई में मुझे सबसे ज्यादा मजा मिल रहा था. पूरे कमरे में फच-फच की आवाजें गूंज रही थीं.
मैंने रेशमा की चूत को जमकर चोदा.

उसके बाद मैं अचानक से उठा और उसकी चूत से लंड को निकाल कर उसके मुंह में लंड दे दिया. उसके मुंह में लंड के धक्के लगाने लगा. पूरे जोश में उसके मुंह को चोदने लगा.

अब मैं झड़ने के करीब जा पहुंचा था. मैंने उसके मुंह में अपने लंड के धक्कों की स्पीड को तेज कर दिया. उसके मुंह से बस ऊं..ऊं … गूं … गूं की आवाजें निकल रही थी.

एकदम से मेरे लंड से वीर्य निकलने लगा और मैंने अपना माल उसके मुंह में गिराना शुरू कर दिया. लंड लम्बा था इसलिए माल सीधा उसके गले में जा रहा था. मैंने लंड को बाहर नहीं निकाला और अंदर घुसाए ही रखा. मेरा माल सीधा रेशमा के पेट में जा रहा था.

पूरा माल उसको पिला दिया मैंने. इस तीस मिनट की चुदाई में वो कई बार झड़ी. उसके बाद हम दोनों थक कर लेट गये. फिर वैसे ही सो गये.

उसके बाद हम दोनों के बीच में क्या हुआ? पूनम के जिस्म को लेकर मेरे दिल में वासना की जो चिंगारी उठी थी उसका क्या हुआ? रेशमा के साथ और क्या-क्या किया? वो सब मैं आपको अपनी आने वाली कहानियों में बताऊंगा.

इस कहानी के बारे में अपने विचार रखने के लिए आप मुझे नीचे दिये गये मेल आईडी पर मैसेज कर सकते हैं. कहानी पर अपनी राय देने के लिए कमेंट भी करें. किसी अन्य सुझाव का भी स्वागत है.
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