पड़ोस की लड़की और उसकी सहेली की चुदाई- 3
(New Girl Fuck Story)
न्यू गर्ल फ़क स्टोरी में पढ़ें कि एक लड़की जो मुझसे चुद चुकी थी, उसने मेरी दोस्ती अपनी सहेली से करवाई. मैंने उस नयी लड़की की कुंवारी चूत कैसे खोली?
फ्रेंड्स, मैं अगम एक बार फिर से अपनी पड़ोसन लड़की लवी की सहेली श्वेता की चुदाई की कहानी लेकर हाजिर हूँ.
कहानी के दूसरे भाग
रिश्ते में बहन की दोबारा चुदाई
में अब तक आपने पढ़ा था कि श्वेता मेरे साथ होटल के कमरे में आ गई थी.
अब आगे न्यू गर्ल फ़क स्टोरी :
फिर मैं और श्वेता बेड पर बैठ गए.
हम दोनों बातें करने लगे.
तब मैंने उससे पूछा- नेहा को क्या बहाना बनाया?
वो बोली- मैंने उससे कहा कि पहले तो मैं कॉलेज जाऊंगी, फिर मुझे लवी के साथ मार्केट जाना है.
मैंने उसे ओके बोला और देखा- वो अभी भी कुछ परेशान सी है.
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- कुछ नहीं, बस थोड़ा सा डर लग रहा है.
मैंने उसे ज़ोर से हग कर लिया और सहलाने लगा. इससे उसको काफ़ी रिलॅक्स मिला.
फिर हम अलग हुए और मैंने उसका चेहरा अपने हाथ से ऊपर कर दिया.
मैं उसे देखने लगा. वो मेरी आंखों में आंखें डाले हुए मुझे ही देख रही थी.
हम दोनों लिप किस करने लगे.
किस करते हुए मैंने नोटिस किया कि श्वेता मुझे बहुत प्यार से किस कर रही थी और उसने अपनी आंखें भी बंद की हुई थीं.
मैंने अपने होंठ उसके होंठों से हटाए और उसे आंख खोलने के लिए बोला.
उसने आंखें नीचे झुका लीं और बोली- मुझे शर्म आ रही है.
मैंने उससे पहले थोड़ी बातें करनी शुरू की, उसके बाद श्वेता को बेड पर लिटा दिया.
धीरे से मैंने उसकी जैकेट भी निकाल दी और उसके ऊपर आकर उसे किस करने लगा.
मैं उसके लिप पर, गालों पर किस कर रहा था.
मैंने धीरे से नीचे को आकर उसकी गर्दन पर किस किया तो उसकी बॉडी में एक करेंट सा दौड़ने लगा.
मैं उसकी गर्दन पर किस करते हुए उसकी पूरी बॉडी पर हाथ फिराने लगा, उसके मम्मों को थोड़ा थोड़ा दबाने लगा.
मैंने उसको थोड़ा ऊपर करके उसका टॉप निकाल दिया और देखा कि श्वेता ने अभी भी अपनी आंखें बंद की हुई थीं.
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- मुझे शर्म भी आ रही है और थोड़ा डर भी लग रहा है.
मैंने उससे कहा- मेरे ऊपर विश्वास तो है ना!
वो बोली- अपनी जान से ज़्यादा.
मैंने कहा- फिर क्यों टेंशन ले रही हो?
ये सुनकर वो एकदम से मेरे करीब आई और मुझे किस करने लगी, मेरी बॉडी पर भी हाथ फिराने लगी.
मैंने उसके मम्मों को दबाना शुरू किया जिससे उसे मजा आने लगा.
मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया और धीरे धीरे उसे किस करता हुआ उसके पेट पर किस करने लगा.
फिर मैं धीरे से नीचे हुआ और उसकी जींस का बटन भी खोल दिया.
धीरे से उसकी जींस निकाल दी.
अब श्वेता मेरे सामने सिर्फ़ ब्लैक ब्रा और पैंटी में थी, जो उसके गोरे जिस्म पर काफ़ी ज़्यादा जंच रही थी.
श्वेता ने मेरी जींस और शर्ट दोनों निकलवा दिए और मैं उसके ऊपर आ गया.
उसने मुझे कसके पकड़ लिया और किस करने लगी.
मैं भी उसे किस करता हुआ उसकी गर्दन पर गर्म सांसें छोड़ने लगा.
फिर मैंने धीरे से उसकी ब्रा निकाल दी और उसके मम्मों को दबाते हुए उन्हें चूसने लगा.
मैंने उन पर काट भी लिया जिस पर श्वेता के मुँह से आअहह निकल गई.
फिर मैं उसके पेट पर, नाभि पर किस करने लगा.
इससे श्वेता और ज़्यादा बैचेन और उतावली होने लगी और आअहह हह की हल्की हल्की सिसकारियां निकालने लगी.
मैंने उसकी पैंटी पर अपना हाथ रखा और ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ रगड़ने लगा.
उसकी पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी और वो अभी भी आअहह उहह की हल्की हल्की सिसकारियां ले रही थी.
ये देख कर मैंने देर ना करते हुए उसकी पैंटी निकाल दी और उसकी चूत पर एक किस कर दिया.
इससे वो तड़प उठी.
मैंने उसकी चूत को थोड़ी देर चाटा, जिससे वो और ज्यादा तड़पने लगी और मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबाने लगी.
मैं अब उठा और अपना अंडरवियर निकाल दिया, श्वेता को 69 की पोजीशन में लेकर आया और उससे अपना लंड चूसने को बोला.
पहले तो वो मना करने लगी पर फिर मान गई.
वो बहुत प्यार से मेरा लंड चूस रही थी और अचानक से वो रुक गई.
तब मैं समझ गया कि अब इसे और नहीं चूसना है.
मैंने उससे कुछ नहीं बोला और उसे सीधा लिटा कर अपनी एक उंगली गीली करके उसकी चूत में डालने लगा.
उसकी चूत काफ़ी टाइट थी, पर मेरी उंगली थोड़ा सा दबाव देते ही अन्दर चली गई क्योंकि उसकी चूत काफ़ी गीली भी हो चुकी थी.
वैसे मुझे पहले नहीं पता था कि ये वर्जिन है.
जब मैंने अपनी उंगली को अन्दर बाहर करना शुरू किया, वो वो हल्की हल्की आअहह उहज की आवाज़ निकालने लगी.
उससे मुझे समझ आ गया था कि ये सीलपैक माल है.
ऐसे ही दो मिनट आराम से एक उंगली के बाद मैंने दूसरी उंगली डाल कर उसकी चूत में थोड़ी जगह बनाई.
फिर मैंने अपना लंड हाथ में पकड़ा और श्वेता के ऊपर से उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
वो बोली- प्रोटेक्शन तो लगाओ पहले!
मैंने कहा- तुम ही लगा दो.
वो बोली कि मुझे नहीं पता कि कैसे लगाते हैं.
मैंने कंडोम उठाया और उसका हाथ पकड़ कर उसी से अपने लंड पर कंडोम चढ़वाया.
मैंने उससे कहा- अब आ गया समझ में कि ढक्कन कैसे लगाते हैं?
इस पर उसने हल्की सी स्माइल कर दी.
अब मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगाया और उसकी चूत पर काफ़ी सारा थूक भी लगा दिया जिससे दिक्कत ना हो.
फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सैट किया और उसे दबाते हुए एक धक्का मारा पर मेरा लम्बा लंड फिसल गया.
तब श्वेता बोली- ये बहुत बड़ा है, अन्दर नहीं जाएगा.
मैंने उससे कहा- बाबू, ये थोड़ी सी मेहनत से अन्दर जाएगा, ये बना ही इसी के लिए है.
वो हंस दी.
मैंने भी हंस कर पूछा- क्या हुआ जान?
वो बोली- कुछ नहीं.
मैंने कहा- बताओ न!
वो बोली- तुमने कहा कि ये बना ही इसी के लिए है तो मुझे हंसी आ गई. सही है, ये इसमें नहीं जाएगा, तो किसमें जाएगा?
उसकी बात से मैं भी हंस दिया.
मैंने मन में सोचा कि ये चूत में भी जाएगा और गांड में भी जाएगा.
फिर मैंने अपना लंड अपने हाथ से पकड़ा और उसकी चूत पर दबाने लगा.
थोड़ा ज़ोर देने के बाद मेरे लंड का सुपारा उसकी चूत में घुस गया.
वो एकदम से चिल्ला पड़ी.
उसे दर्द हो रहा था. वो बोलने लगी- आह अगम, बहुत मोटा है आह मर गई … आअहह उऊहह आराम से … आह निकालो इसे!
पर मैंने उसकी एक ना सुनी और उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर उसकी ज़ुबान बंद कर दी.
मैंने ऐसे ही कुछ पल रुका रहा और जब उसका दर्द कुछ कम हुआ, तब एक ज़ोर से धक्का दे मारा. मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया.
वो बहुत तेज चिल्लाई- आह मर गई … आअहह उऊहह आई!
उसकी आंख से आंसू भी आ गए; उसे बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा था.
मैंने उसके कहने पर अपना लंड बाहर निकाला तो देखा उसकी चूत से थोड़ा खून आ रहा था.
उस खून को मैंने चादर से साफ़ कर दिया जिस पर श्वेता का कोई ध्यान नहीं था.
फिर मैंने उसे किस करना शुरू किया और उसकी चूत को हाथ से मसलते हुए उसमें उंगली डाल कर अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
साथ ही मैं उसे समझाने लगा- बस एक बार दर्द होगा और उसके बाद मजा ही मजा आएगा.
वो बोली- ओके.
मैं फिर से उसकी चूत में तेज तेज उंगली करने लगा.
उसकी चूत में थोड़ी और जगह बन गई थी और वो काफ़ी गीली भी हो गई थी.
मैंने उसे किस करते हुए उसकी चूत पर लंड सैट किया और धीरे से अपना आधा लंड उसकी चूत में डाल दिया.
उसे थोड़ा दर्द हुआ.
उसके मुँह से आहह उहह की हल्की आवाजें अब भी आ रही थीं.
मगर मैंने देर ना करते हुए एक धक्का और मारा जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और वो चिल्ला पड़ी.
उसे काफ़ी दर्द हुआ था.
पर अबकी बार उसने मेरा विरोध नहीं किया, वो दर्द सहन करने लगी और एकदम आअहह चिल्ला दी.
मैं रुक गया और उसे किस करने लगा.
उसने कुछ देर बाद अपनी गांड हल्की हल्की हिलानी शुरू की.
मैं समझ गया कि अब ये तैयार है.
मैंने उसे धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए.
मैं उसके मम्मों को ज़ोर से दबा रहा था.
उसके मुँह से थोड़ी थोड़ी आहह उह ईहेहह की आवाजें आने लगी थीं.
कुछ देर बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ानी शुरू की और अपनी स्पीड काफी तेज कर दी.
वो तेज़ी से आहह उऊहह अयईई अहह की आवाजें निकालने लगी और वो मुझे कसके जकड़ने लगी.
वो जकड़ती हुई झड़ गई.
मैं उसके लिए थोड़ा रुका और मैंने कुछ पल बाद फिर से अपने धक्के लगाने शुरू कर दिए.
मैं अपनी स्पीड में आ गया.
अब कुछ देर बाद मेरा भी झड़ने वाला था तो मैंने उसकी चूत में ही झाड़ दिया.
क्योंकि मैंने कंडोम पहना था तो मुझे डर नहीं था.
वो भी दोबारा से झड़ गई.
फिर वो मुझे पकड़ कर ऐसे ही लेटी रही.
कुछ पल बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और साइड में ही लेट गया.
मैंने अपने लंड से कंडोम भी निकाल दिया.
थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से फुंफकार मारने लगा जो श्वेता को भी पता लग गया था क्योंकि मैं उसको अपना लंड टच कर रहा था.
फिर कुछ मिनट बाद मैंने वापिस श्वेता को किस करना शुरू कर दिया.
मैं उसे गर्म करने लगा, उसके मम्मों को दबाने लगा, उसके जिस्म पर हाथ फिराने लगा.
जिससे वो भी उत्तेजित होने लगी.
आख़िर में मैं उसकी चूत पर अपनी जीभ रगड़ने लगा, जिससे वो सिसकने लगी.
उससे अब रुका नहीं जा रहा था तो वो बोलने लगी- जान, अब और मत तड़पाओ प्लीज़ पेल दो.
उसकी मादक आवाजें सुन कर मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था.
मैं बेड पर सीधा लेटा और श्वेता को कंडोम लगाने के लिए बोला.
इस बार उसने बड़े ही प्यार से मेरे लंड पर कंडोम लगाया और मैंने उसे पकड़ कर धीरे से अपने लंड पर बिठा लिया.
मैं उसे धीरे से लंड पर दबाते हुए नीचे करने लगा जिससे एक आअहह में मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया.
उसकी चूत में लंड डाल कर मैं उसे किस करने लगा और उसके मम्मों को मसलने लगा.
अब वो खुद ही धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी जिससे मुझे पता लग गया कि ये पूरी तरीके से धक्के लगवाने के लिए तैयार है.
मैंने भी आराम आराम से धक्के लगाने शुरू किए और उसके मुँहह से हल्की हल्की आह आह उहह निकलने लगी.
मैं ऐसे ही धक्के लगाता रहा, उसके जिस्म को सहलाता और उसकी गांड पर चमाट भी मार देता.
ऐसे करते करते मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेज़ी से धक्के मारने लगा.
अब उसकी गांड तेज़ी से हवा में उछलने लगी और वो तेज तेज आहह उह ईहह आह की आवाजें निकालने लगी.
फिर 15 मिनट बाद वो मुझे जकड़ने लगी और झड़ने लगी.
मैं उसे धक्के मारता रहा और उसके 2 मिनट बाद मैं भी झड़ गया.
न्यू गर्ल फ़क के बाद हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे और एक दूसरे को बस किस करते रहे.
थोड़ी देर बाद हम दोनों उठे और तैयार होकर घर जाने लगे.
हम दोनों होटल से बाहर आ रहे थे तो मैंने देखा कि श्वेता की इतनी जबरदस्त चुदाई हुई थी, फिर भी इसकी चाल में कुछ फर्क नहीं पड़ा था.
ये कैसे हुआ, मुझे समझ नहीं आया.
खैर … मैंने उसे बाइक पर बिठाया और रास्ते से उसे एक पेनकिलर दिला दी क्योंकि उसके पेट में थोड़ा सा दर्द हो रहा था.
फिर उसे घर ड्रॉप कर दिया और मैं भी घर आ गया.
शाम को मैं लवी को लेकर जब श्वेता के यहां जा रहा था तो वो मुझसे आज की चुदाई के बारे में पूछने लगी.
मैंने उसे सब बताया कि कैसे हुआ.
तब वो भी गर्म होने लगी थी और मुझसे बोल रही थी कि उसका मन भी करने लगा है.
मैंने उससे कहा- रात को जब मैं मैसेज करूँ, तुम छत पर आ जाना. तब मैं देखूंगा कि तुम्हारा क्या कर सकता हूँ.
वो ओके कहने लगी.
मैंने उससे पूछा कि यार एक बात नहीं समझ आई?
वो बोली- क्या?
तब मैंने उसे बताया कि जब मैंने तुम्हारे साथ सेक्स किया था, तब एक ही राउंड किया था और तुमको कितनी दिक्कत हुई थी. मेरा मतलब तुम्हें कितना दर्द हुआ था … और तुमसे चला भी नहीं जा रहा था!
वो बोली- हां तो क्या हुआ?
मैंने कहा कि आज मैंने श्वेता के साथ 2 राउंड किए, उसे पहले दर्द तो हुआ, पर फिर उसने कंट्रोल कर लिया और उसे चलने में भी कोई प्राब्लम नहीं हुई.
तब लवी ने बताया कि वो अपनी फिटनेस पर बहुत ध्यान देती है और एक्सर्साइज़ भी करती है. इसीलिए उसे इतनी दिक्कत नहीं हुई होगी.
मैंने उससे ओके कहा.
लवी फिर से बोली- कुत्ते कमीने, तूने तो मुझे एक ही राउंड की स्टोरी बताई थी. जबकि तूने उसके साथ दो राउंड किए … और तूने मेरे साथ तो एक राउंड ही किया था, तो वो दूसरा राउंड उधार है.
मैं बोला- तुझे छत पर और किस लिए बुला रहा हूँ पगली?
वो बोली- छत पर कैसे?
मैं उसकी बात काटते हुए बोला- तू बस आ जाना, बाकी मैं देख लूँगा.
अब हम दोनों श्वेता के घर आ गए.
आज वो मुझे देख कर शर्माने लगी.
हम दोनों ने आज ज़्यादा बातें भी नहीं की.
मैं और लवी कुछ देर बाद घर आ गए.
मैंने उसे ड्रॉप किया.
उसी समय मेरे एक दोस्त का कॉल आया, उसे मेडिकल शॉप से कुछ मंगाना था.
उसने बताया कि उसे कंडोम और टॅबलेट चाहिए. वो अपनी गर्लफ्रेंड को अपने घर बुला रहा है, उसके घर कोई नहीं है. इसी लिए वो और कहीं जा नहीं सकता.
मैंने उसे ओके बोला और उसके लिए मेडिकल स्टोर पर आया.
मैंने अपने लिए भी एक टॅबलेट ले ली क्योंकि आज सुबह ही दो राउंड किए थे और अब रात को भी करना था. मुझे आज लवी को मजा चखाना था, तो वो सब मुझे जरूरी लगा.
रात को 11 बजे, जब मेरे और उसके घर पर सब सो गए तो मैंने उसे छत पर बुलाया और मैंने अपनी छत के गेट लॉक कर दिए.
लवी ने भी अपनी छत के दरवाजे बंद कर दिए.
मैं लवी की छत पर आ गया.
वो बोलने लगी- इधर कैसे करोगे, कहां करोगे?
मैं उसे अपनी छत पर लेकर आया और वहां मैंने पहले से एक पलंग और गद्दा डाल रखा था.
उसके चारों ओर मच्छरदानी लगा दी थी, जिससे अगर गली में कोई रात को उठे और छत पर हो, तो उसे हम आसानी से ना दिख पाएं.
फिर मैंने लवी को पलंग पर लिटाया और खुद भी लेट गया.
वो मुझसे बोली कि कंडोम लाए?
मैंने कहा- नहीं भूल गया.
वो बोली- ये क्या किया?
मैंने कहा- कोई बता नहीं जान, अगर कुछ गड़बड़ हुई तो सुबह को आईपिल ला दूँगा.
वो बोली कि यार इस दवाई को ज्यादा यूज नहीं करना चाहिए.
मैंने कहा- एक बार कर लो.
वो मान गई.
उस रात मैंने उसकी दो बार धकापेल चुदाई की और वो लंगड़ाती हुई अपने घर चली गई.
आपको मेरी न्यू गर्ल फ़क स्टोरी कैसी लगी, मुझे मेल करके ज़रूर बताएं.
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