मेरी चालू बीवी-16
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इमरान
और चारों ओर काफी परदे लगे थे… मैं दो पर्दो के बीच खुद को छिपाकर… नीचे को बैठ गया…
अब कोई आसानी से मुझे नहीं देख सकता था…
मैंने अंदर की ओर देखा… अंदर दो तीन जमीन पर गद्दे बिछे थे… एक बड़ी सी मेज रखी थी…
मेज पर कुछ ब्रा चड्डी से सेट रखे थे… और दो कुर्सी भी थीं, बाकी चारों ओर सामान बिखरा था…
सलोनी मेज के पास खड़ी थी ..उसके हाथ में एक बहुत नए स्टाइल की ब्रा थी… जिसे वो चारों ओर से देख रही थी…
फिर उसने ब्रा को मेज पर रखा ओर एक बार पर्दों को देखा… फिर अचानक उसने अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए…
माय गॉड ! उसको जरा भी नहीं लगा कि यह एक खुली दुकान है… और चारों ओर केवल पर्दों का ही पार्टीशन है?
सलोनी ने बिना किसी डर और शर्म के अपनी शर्ट पूरी निकाल कर वहीं मेज पर दी…
उसका दमकता शरीर अब केवल एक सफ़ेद कैप्री में… मेरे सामने था…
उसके पूरी तरह गोलाई लिए हुए चूचियाँ.. और उन पर कामुकता के रस से भरे उसके गुलाबी निप्पल… ऊपर उठे हुए जो किसी को भी पागल करने के लिए काफी थे… इस समय पूरी तरह नग्न मेरे सामने थे…
उसने अपनी चूचियों को एक बार खुद अपने हाथों से मसलकर ठीक किया…
जैसे टाइट शर्ट में कसी होने से उनको कष्ट हुआ हो और सलोनी उन दोनों को सहलाकर उनको पुचकार के मना रही हो…
कुल मिलाकर बहुत सेक्सी दृश्य था…
फिर वो अपनी ब्रा को उठा उसे… उलट पुलट कर पहनने के लिए देखने लगी…
तभी वो लड़का बिना कोई आवाज लगाये अंदर आ गया…
सलोनी शरमाते हुए, अपनी ब्रा को चूची पर रख उनको छुपाने का नाकामयाब प्रयास करते हुए- …अररर… एक मिनट… ववव… वो मैं पहन ही रही थी…
लड़का- क्या मैडम जी, आप भी अभी तक शरमा रही हो… लाइए मैं सही कर देता हूँ…
उसके हाथ में एक क्रीम का डब्बा था…
वो उसको खोल उसमें से क्रीम निकाल सलोनी की ओर बढ़ा और बहुत अधिकार से उसके हाथ से ब्रा ले कर मेज पर रख दी…
सलोनी बुरी तरह शरमा रही थी… मगर उसकी आखों में चुदास साफ़ दिख रही थी…
लड़के ने अपने एक हाथ से सलोनी के हाथों को उसकी चूची से हटाते हुए अपना सीधे हाथ में लगी क्रीम उसकी चूची के ऊपरी भाग पर मलनी शुरू कर दी…
बहुत रोमांचित अनुभव था… एक सार्वजनिक स्थान में.. मेरे सामने… मेरी सेक्सी बीवी अनावृत वक्षा यानि टॉपलेस खड़ी थी..
और एक अनजान लड़का उसकी नंगी चूचियों पर क्रीम लगा रहा था… मेरी बीवी क्रीम लगवा भी रही थी और शरमा भी रही थी…
सलोनी- अह्हाआ… क्या कर रहे हो… क्यों यो ओ… ??
लड़का- अरे मैडम जी… नई ब्रा है… और ये विदेशी कपड़े की है… आपकी इतनी मुलायम त्वचा को कोई नुकसान ना हो इसीलिए यह क्रीम लगा रहा हूँ…
सलोनी- ओह ठीक है…
बस इतना सुनते ही उस लड़के हाथ अब पूरी चूची पर चलने लगे…
सलोनी- अहा धीरे धीरे…
सलोनी ने अपने चूतड़ मेज पर टिकाकर अपने दोनों हाथ से मेज को पकड़ लिया…
इस अवस्था में सलोनी की दोनों चूची और भी ज्यादा ऊपर उठ गई..
उस लड़के ने अब अपने दोनों हाथों में क्रीम ले ली…
और सलोनी के दोनों उरोज़ अपने हाथों में लेकर क्रीम मलने के बहाने से मसलने लगा…
सलोनी ने अपनी आँखें बंद कर ली थी… और उसके मुख से आनन्द भरी हल्की सिसकारी भी निकल रही थी…
साफ़ लग रहा था… सलोनी को बहुत मज़ा आ रहा है…
मैं खुद को पूरी तरह से छुपाये हुए सलोनी की रासलीला देख रहा था…
सलोनी को देखकर कतई ये नहीं लग रहा था कि वो परेशान हो रही हो या उसको किसी का डर हो…
उसकी बंद आँखों और मुँह से निकलती हलकी सीत्कारों से यही प्रतीत हो रहा था कि उसको इस वक्ष मर्दन में मजा आ रहा है…
सलोनी- अहाआआ… क्या कर रहे हो.. बस्स्स्स ना…
लड़का- हाँ मैडम जी बस हो ही गया… आप यही वाली क्रीम लेना… इससे बॉडी चमाचम हो जाती है और नए कपड़े से कोई निशान भी नहीं पड़ता…
वह सलोनी के चारों ओर ब्रा वाले भाग पर क्रीम मलते हुए ही बोला…
अब लड़के का हाथ उसकी चूची से फिसलता हुआ नीचे उसके समतल पेट पर था…
उसने पूरे पेट पर मालिश करने के बाद उसकी सबसे खूबसूरत और गहरी टुंडी में अपनी उंगली घुसा दी..
सलोनी- अहाआआ… आआआ… इइइइइ…
सलोनी ने कसकर उसका हाथ पकड़ लिया…
लड़का- अर्रर… मैडमजी, इसको चमका रहा हूँ…
सलोनी- बस्स्स्स… अब रहने दो… मैं ब्रा पहन कर बताती हूँ कि सही है या नहीं…
लड़का ने जबरदस्ती अपना हाथ छुड़ाते हुए… अपने बाएं हाथ से सलोनी का हाथ पकड़कर अपना सीधा हाथ आगे से उसकी कैप्री में डालने का प्रयास करने लगा..
सलोनी- ओह… नहीईईईई… यह क्या कर रहे हो… वहाँ नहीं…
लड़का- अरे क्या मैडम जी… आप ऐसा क्यों कर रही हो.. यहाँ कोई नहीं आएगा…
उसने थोड़ा और जोर लगाकर अपना हाथ कुछ इंच और उसकी कैप्री में अंदर को सरका दिया…
एक तो पहले से ही सलोनी ने अपनी कैप्री अपनी टुंडी से काफी नीचे पहनी थी… और इस समय उस लड़के का हाथ करीब 5-6 इंच तो उसकी कैप्री में था…
मेरे हिसाब से उसकी उँगलियों का अगला भाग सलोनी की चूत के ऊपरी हिस्से तक तो पहुँच ही गया था…
और यह भी पक्का था कि वो नंगी चूत को ही छू रहा होगा क्योंकि जब हम ऊपर से हाथ घुसाते हैं तो हाथ सीधा कच्छी के अंदर ही जाता है…
परन्तु आज शायद सलोनी पूरे मूड में नहीं थी.. उसने अपना दूसरे हाथ से उसका हाथ पकड़ लिया और जोर लगाकर अपनी कैप्री से बाहर खींच लिया…
सलोनी- मैंने मना किया न… मैं केवल ब्रा चेक करुँगी… बस… पैंटी घर जाकर चेक करके बता दूंगी… यहाँ नहीं..
लड़के का मुँह देख लग रहा था जैसे उसके हाथ से ना जाने कितनी कीमती चीज छीन ली गई हो…
कहानी जारी रहेगी।
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