मेरा गांडूपन और मेरी बीवी की वासना
(Mera Gandupan Aur Meri Biwi Ki Vasna)
सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को मेरा नमस्कार और बहुत सारा प्यार. मेरी बहुत सी कहानियां अन्तर्वासना पर छपी हैं. आप सभी पाठकों से मुझे बहुत प्यार भी मिला है. उसके लिए आप सभी का बहुत धन्यवाद.
पिछले कुछ सालों से मैंने अपनी कोई कहानी नहीं भेजी. जो लोग अन्तर्वासना को बहुत पहले से पढ़ रहे हैं, वो सभी मुझे सनी गांडू के नाम से जानते हैं.
मेरी आखिरी कहानी थी
बिहारी और सीआरपी वालों के लंड लिए
उस वक्त मेरी शादी नहीं हुई थी, मेरा जिस्म बहुत कोमल और लड़कियों जैसा है. मेरे बड़े चूचे 18 साल की लड़की जैसे हैं, गोल मोल गांड है, जिसमें कई लंड समा चुके हैं. अन्तर्वासना पर आप सनी शर्मा लेखक को सर्च करके मेरी चुदाई के किस्से पढ़ सकते हैं.
मैं शादी नहीं करना चाहता था क्योंकि मेरे अन्दर औरतों के लिए भावना ही पैदा नहीं होती है और ना ही मेरी रुचि कभी औरतों में रही थी. पर घरवालों के ज़ोर देने पर और ना चाहते हुए भी मुझे शादी करनी पड़ी.
फिर एक बहुत कामुक, खूबसूरत लड़की सोनिया से मेरी शादी हो गई. सोनिया बहुत गर्म और वासना से भरी हुई लड़की थी. सुहागरात पर तो बड़ी मुश्किल से मैंने निपटाया, तब वो भी पहली नई नई आई थी, चुप रही … पर मैंने नोट कर लिया था कि वो मुझसे संतुष्ट नहीं हुई थी.
पहली बार ज़िंदगी में मैंने चूत मारी थी. उसके चुचे बहुत बड़े बड़े और आकर्षक थे. उसकी भरी हुई गांड देख कर नॉर्मल मर्द उसको चोदने की इच्छा बना लेगा. हर मर्द उसको देख अपने नीचे लिटाना चाहेगा, ऐसी है सोनिया.
मैं अकेला रहकर आज़ाद ज़िंदगी जीने का आदी था. लेकिन पहली रात में ही मैंने ये जान लिया था कि वो शादी से पहले चुद चुकी थी. मैंने उससे कुछ नहीं कहा, बस समय का इन्तजार करने लगा.
कुछ समय निकला और में साधारण सेक्स करके जीवन बिताने लगा.
शादी के तीन महीनों के बाद एक रात उसने मुझे अपना अलग रूप दिखा दिया. वो उस रात अलग तरीके से मुझसे लिपटने लगी, उसने मेरा लोअर उतार दिया और मेरे छोटे लंड को मसलने लगी. उसने खुद को भी नंगी कर लिया और मेरा लंड चाटने लगी. उसने मेरी टी-शर्ट उतारनी चाही, पर मैंने रोक दिया.
वो बोली- क्या जानू … आज खुलकर सेक्स करो न.
उसने मेरी टी-शर्ट पकड़ कर उतार ही दी और मेरी छाती को गौर से देखने लगी. मैं उसको अब क्या कहता. वो बिस्तर पर खड़ी हुई और मेरा सर को दबा चूत पर लगा दिया. उसने अपनी छातियां मेरे कोमल छाती से रगड़ दीं और मेरी छाती को चूमने लगी.
पता नहीं उसे क्या हुआ कि उसने मेरी चूची को भींच लिया और बोली- यह औरतों जैसी क्यों है?
मैं चुप रहा.
उसने फिर से लंड चूसना शुरू किया और मेरे आंड चाटते हुए उसने मेरी गांड पर ज़ुबान फेर दी. मैं सिसकी सी भरने लगा. उसको मुझ पर शक से हो गया था.
उधर मेरे आशिक, जिनको पता चला कि मेरी शादी हो गई है और बीवी बहुत पटाखा है. वो मुझे छेड़ने लगे.
एक दिन मेरा एक आशिक अशोक, मुझे अपने घर चोदने ले गया. वहां उसने मेरे फ़ोन में सोनिया की फ़ोटो देखी और मेरे मुँह में लंड घुसा कर फ़ोन सामने रख कर बोला- सोनिया चूस चूस.
मुझमें सोनिया को फील कर उसने मुझे खूब जोश से चोद दिया.
रात को मैं घर गया, तो सोनिया चुप थी. मैंने पहले ज्यादा नहीं पूछा, पर फिर ज्यादा चुप देखकर बोला- क्या हुआ तुमको?
वो उठी मेरी अलमारी के ऊपर से बैग उतार कर बोली- क्या है यह सब … इसमें किसकी ब्रा और पैंटी हैं?
मेरे रंग उड़ गए.
वो सब शादी से पहले मैं रखता था, और उनको पहन कर लड़की की फीलिंग लेता था.
मैंने कहा- किसी की नहीं है. मैं ही शौक से रखता था.
वो बोली- और कैसे कैसे शौक हैं जनाब के … मेरी ज़िंदगी ही बरबाद करनी थी क्या? जब से शादी हुई, मैं चुप थी. एक रात भी ऐसी नहीं निकली, जब ठीक से संतुष्टि हुई हूँ मैं.
मैंने हौसला करते हुए कहा- मुझे शौक नहीं था शादी का … घरवालों के कहने पर करनी पड़ी.
वो बोली- तेरी माँ पोता पोता कर रही थी आज … तुम्हारा पानी तो अन्दर तक नहीं जाता.
मैंने उसको शांत करते हुए कहा- प्लीज़, गुस्सा मत करो.
वो बोली- खुद की खुजली तो मिटा लेते होगे किसी बड़े औज़ार से … और मेरे लिए छोटा सा आइटम.
मेरी पत्नी अपनी सलवार उतारती हुई बोली- यह देखो … कैसे तड़प रही है.
मैं चुपचाप सर झुकाए खड़ा था.
वो बेशर्म होकर बोली- ले आकर चाट मेरी …
मैंने आगे बढ़ कर उसकी चूत को खूब चाटा, चूसा. उसने मेरे लंड को पकड़ चूसना शुरू किया. लेकिन पता नहीं क्या हुआ … मेरा लंड खड़ा ही नहीं हुआ.
वो बोली- जिस लौड़े से तुम चुदवाते हो … उसका कैसा है?
आज वो सब शर्म त्याग चुकी थी. मैं उसे देखने लगा.
तो बोली- बताओ बताओ?
मैंने कहा- उसका काफी बड़ा है.
वो बोली- मुझे उसका लंड दिलवाओ … वरना मैं मायके चली जाऊंगी और असलियत सबको बता कर तलाक ले लूंगी. अब अपनी इज्जत तुम खुद बचाओ.
अगले दिन मैंने अशोक से अपनी समस्या शेयर की, वो बोला- साले मैं हूँ ना तेरी इज्जत बचाने वाला. तू चिंता न कर … मैं फाड़ता हूँ तेरी बीवी की.
शाम को जाकर मैंने सोनिया से बात की.
वो बोली- कल दिन में मांजी मौसी के घर जाने वाली हैं. कल ले आना उसको.
अगले दिन मैं अशोक के पास गया. जैसे माँ गई सोनिया ने मुझे कॉल किया. और मैं और अशोक निकल पड़े.
अशोक अमीर बंदा था. उसकी कार पर हम घर पहुंचे. सोनिया ने दरवाजा खोला, उसने गौर से अशोक को देखा.
अशोक भी पूरा हरामी था. उसने भी टेड़ी नज़र से सोनिया को देखा. दोनों की नजरें मिलीं और मैंने दरवाज़ा बंद कर दिया.
सोनिया आज कयामत लग रही थी. लाल रंग की साड़ी में उसने अपने बाल खुले छोड़ रखे थे.
हम दोनों बैठ गए. सोनिया पानी लेकर आई. उसने झुकते हुए ट्रे अशोक के आगे की और अपना पल्लू सरका दिया.
अशोक ने आंखें फाड़ कर उसके ब्लाउज़ से बाहर कूद रहे चूचों को देखा. सोनिया मुस्कुराई और वहीं खड़ी रही. अशोक ने गिलास वापस रखते वक़्त उसके हाथ को सहला दिया.
सोनिया ने ट्रे रसोई में रख दी और अशोक की तरफ देख मुस्कुरा कर कमरे में तेज़ी से चली गई.
अशोक समझ गया और उसके पीछे चला गया. मैं भी उठकर पीछे से चला गया. सोनिया बिस्तर पर उल्टी तकिए को बांहों में लेकर लेटी हुई थी. उसकी गांड उभरी हुई थी. अशोक ने करीब जाकर उसकी कमर पर हाथ रखा, वो एकदम सिकुड़ सी गई. अशोक बिस्तर पर बैठा और उसकी बांहों में भर लिया, मैं देख रहा था.
मेरा दोस्त अशोक बोला- मेरी जान, तुमने मुझे घर बुलाया और मेरे पीछे खुद यह भी अन्दर आ गई.
सोनिया पलटी. उसने अशोक को खुद के ऊपर खींच लिया और बोली- सनी, तुम भी आ जाओ.
उसने अशोक की शर्ट के बटन खोल दिए औऱ उसकी छाती के बालों में हाथ फेरते हुए बोली- राजा जिस काम के लिए बुलाया, वो तो यहीं होगा.
फिर मुझसे बेशर्मों की तरह बोली- बाहर तो तुम इनके साथ मजे लूटते हो … आज मेरे सामने भी लूट लो और दिखाओ तो क्या है इनमें.
मैंने भी शर्म उतारी और अशोक की पैंट खोल दी. सोनिया ने मेरी टी-शर्ट उतार दी और साथ मेरा लोअर भी उतार दिया. उसने मेरी गांड पर हाथ फेरते हुए अशोक का अंडरवियर भी उतार दिया. उसका 8 इंच लंबा काला लंड देख उसके चेहरे का रंग ही बदल गया.
सोनिया ने अचानक मेरी गांड पर उंगली दबाते हुए कहा- तेरी यह गांड इस हब्शी को झेल लेती थी?
मैं कुछ नहीं बोला, अशोक हंस पड़ा.
मेरी गर्म बीवी ने अपना ब्लाउज़ खोल दिया. उसके बड़े बड़े चूचे देख कर अशोक के लंड ने सलामी दे दी. सोनिया ने उसके लंड के सुपारे को जीभ से चाटा और एकदम से लंड को मुँह में भर लिया.
अशोक बोला- आह चूस मेरी भूखी रांड आह … और चूस कर खा जा मेरा लंड … मेरी रांड.
सोनिया बोली- हये मुश्किल से इतना बड़ा लंड मिला है. इसको तो मैं खा गई, तो मेरी चूत की प्यास कैसे बुझेगी.
मैं उसकी भाषा को सुनकर दंग था.
सोनिया बोली- सनी मेरे गांडू पति … चल मेरी चूत को चाट!
मैंने उसकी चूत को दबा कर चूसना शुरू किया. वो उधर अशोक के लंड को रंडी की तरह चूस रही थी. कितनी प्यारी लग रही थी वो मेरे आशिक के लंड को चूसती हुई.
उसकी वासना बढ़ चुकी थी … बोली- अशोक हये … अब नहीं रहा जा रहा डाल दो इस हब्शी लंड को मेरी चूत में.
उसने टांगें हवा में उठा दीं और बोली- आओ राजा … अब डालो भी.
अशोक ने उसकी दोनों टांगों को पकड़ा और बीच में आकर अपना मोटा लंड चूत पर टिका कर झटका दे मारा. कई दिनों से मेरे ढीले लंड से उसकी चूत खुली नहीं थी इसलिए दर्द से मेरी बीवी ने होंठ चबा लिए. अशोक का मोटा लंड चूत चीरता हुआ अन्दर गहराई में कहीं खो गया.
दो तीन झटकों में ही उसको लंड फिट आ गया.
उसने कहा- उम्म्ह… अहह… हय… याह… गांडू आकर मेरे मुँह में अपनी लुल्ली घुसा दे.
मैंने लंड उसके मुँह में दिया, तो वो मेरा लंड चूसने लगी. उधर अब अशोक ज़ोर से उसकी चूत उधेड़ रहा था. इधर मेरा लंड उसकी चुदाई देख देख उसके मुँह में झड़ गया.
उसने चुदाई के नशे में मेरा माल पी लिया. अशोक ने लंड निकाल लिया और उसको घोड़ी बनने के लिए कहा. जब तक सोनिया घोड़ी बनती, तब तक अशोक ने अपना लंड मेरे मुँह में घुसा दिया.
सोनिया की गर्म चुत से रस से लथपथ लंड का स्वाद बहुत मस्त था. उसने वापस उसकी चूत में लंड डाल दिया और चोदने लगा.
सोनिया के चूचे डांस कर रहे थे. वो बोली- कुत्ते गांडू चूस इनको …
मैं उसके मम्मे चूसने लगा. वो कुछ देर बाद झड़ने लगी. अशोक अभी भी कायम था.
वो बोला- रंडी, तेरी गांड में डाल दूँ क्या?
सोनिया बोली- नहीं, यहीं आगे ही चोदो औऱ मेरी खेती को पानी दे डालो.
अशोक ज़ोर ज़ोर से ठोकने लगा और आखिर झड़ गया. उसने पूरा पानी सोनिया के अन्दर निकाल दिया.
सोनिया की प्यासी चूत को उसने उस दिन एक बार और चोदा और सोनिया को खुश कर दिया.
अब जब मौका मिलता, मैं सोनिया को उससे चुदवा देता, सोनिया लंडखोर कुतिया बन गई थी.
एक रात वो बोली- गांडू तेरे और भी आशिक होंगे, इसका लंड लेकर बोर हो गई हूं … और ना मेरे को बच्चा ठहरा है. कोई दूसरा मर्द बता न.
मैं सन्न था.
अगली कहानी में बताऊंगा कि कैसे मैंने अपने देहाती आशिक के गांव जाकर सोनिया को चुदवाया और उसको गर्भवती करवाया.
आपका सनी गांडू
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