मेरी बेटी हो गई मेरी जैसी चुदक्कड़
(Maa Beti Nangi Kahani)
माँ बेटी नंगी कहानी में पैसे की जरूरत के कारण मैं पैसे लेकर चुदाई करवाने लगी. मेरी बेटी जवान हुआ तो मुझे वह भी पैसा कमाने की मशीन दिखाई देने लगी.
मैं फरज़ाना हूँ दोस्तो! मैं 44 साल की एक मद मस्त जवान औरत हूँ। मैं खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और बोल्ड हूँ। मुंहफट हूँ, खुलकर बोलती हूँ और मैं किसी मादरचोद से नहीं डरती हूँ।
मैंने अपनी ज़िन्दगी में घाट घाट का पानी पिया है।
मेरी बेटी अहाना छोटी थी जब मेरे शौहर ने मुझे तलाक देकर अपने घर से निकाल दिया था।
मैं भी बड़ी खुद्दार थी तो शौहर के घर को लात मार कर चली आयी थी।
चलते हुए मैंने कहा था- तू भोसड़ी का … मुझे क्या समझता है कि मैं तेरे बिना रह नहीं पाऊँगी? मैं तेरे तलवे चाटूँगी, गिड़गिड़ाऊँगी मैं तेरे सामने? मैं यह सब कुछ नहीं करूंगी। मैं अपना रास्ता खुद तय करूंगी। मैं जा रही हूँ और अब मैं तेरी शक्ल कभी नहीं देखूंगी।
मैं फिर वापस कभी नहीं गई और न ही दूसरी शादी की।
कुछ दिनों के लिए मैं अपनी सहेली हुमा के घर रुक गयी।
मैं उसकी शुक्रगुज़ार हूँ कि उसने मुझे मेरे बुरे दिनों में मेरा साथ दिया।
मैं एक वर्किंग लेडी हूँ, नौकरी करती हूँ उसी से किसी तरह गुज़ारा करने लगी।
मैंने अहाना बेटी की पढ़ाई में कोई अड़चन नहीं आने दी।
वह पढ़ती रही और मैं अपने काम में लगी रही।
हुमा मेरा बहुत ख्याल रखती थी, मेरी बेटी का भी ख्याल रखती थी।
उसका शौहर साहिर भी एक नेक आदमी था।
वह मेरी इज़्ज़त भी करता था और मदद भी करता था।
मैं भी उसकी खूब तारीफ करती थी।
साहिर देखने में स्मार्ट भी था और हैंडसम भी!
एक रात को हुमा मेरे पास आयी, बोली- यार फरज़ाना एक बात पूछूं?
मैंने कहा- हां, जरूर पूछो यार!
वह बोली- देखो तुम जवान हो, खूबसूरत हो और बोल्ड हो। ऐसे में तुम बिना लण्ड के कैसे रह लेती हो?
मैंने कहा- यार सच बताऊँ, मैं आसमान के तारे गिन गिन कर रात गुजारती हूँ। लण्ड शायद मेरे नसीब में नहीं है।
वह बोली- ऐसा नहीं है फरज़ाना, लण्ड तेरे नसीब में है। चल मेरे साथ!
तब वह मुझे अपने कमरे में ले गई।
वहां उसका मियां बैठा हुआ था।
उसने मुझे बड़े प्यार से अपने मियां से मिलवाया।
वह मुझे बड़े प्यार से देखने लगा और मैं भी उसे ललचाई नज़रों से देखने लगी।
मेरा दिल उस पर आ गया।
इतने में हुमा ने अपने मियां के पजामा का नाड़ा खोला और उसका लण्ड बाहर खींच कर निकाल लिया।
उसने लण्ड मुझे पकड़ाते हुए कहा- आज से ये तेरा लण्ड है फरज़ाना!
मैं तो लण्ड के लिए तरस ही रही थी; मैं ख़ुशी से झूम उठी।
मैंने लण्ड हाथ बढ़ाकर फ़ौरन पकड़ लिया और बोली- हायल्ला बड़ा मस्त लौड़ा है यार तेरे मरद का! बड़ा मोटा, तगड़ा लौड़ा है बहनचोद! आज मेरी सूखी ज़िन्दगी में हरियाली आ गयी है हुमा. मैं लण्ड की कीमत जानती हूँ। बिना लण्ड के एक औरत की ज़िन्दगी कुछ भी नहीं।
मैं लण्ड मुंह में लेकर बड़े प्यार से चूमने और चाटने लगी.
इतने में हुमा मेरे कपड़े उतारने लगी।
मैं नंगी हो गयी और फिर वह भी अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गयी।
हमने एक दूसरे को पहली बार बिना कपड़ों के देखा।
मैं उसे आज पहली बार नंगी देख रही थी।
हम दोनों नंगी नंगी साहिर का लण्ड चाटने लगी।
कभी वह लण्ड मेरे मुंह में घुसेड़ देती तो कभी मैं लण्ड उसके मुंह में घुसेड़ देती।
कुछ देर बाद उसने खुद अपने मरद का लण्ड पकड़ कर मेरी चूत में पेल दिया।
मुझे वाकई बड़ा अच्छा लगा।
मैं भी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी।
मुझे मज़ा आने लगा।
मेरे शौहर का लण्ड बहनचोद इससे छोटा भी था और पतला भी!
आज मुझे मोटे और लम्बे लण्ड का मज़ा आ रहा था।
मैं आसमान में उड़ने लगी। मैं यह सोच सोच कर और ज्यादा उत्तेजित हो रही थी की आज मेरी सहेली अपने शौहर का लण्ड अपने हाथ से मेरी चूत में पेल रही है, मेरी बुर चुदवा रही है।
खुदा करे ऐसी सहेलियां सबको मिलें।
मैंने भी फिर खूब खुल कर चुदवाया और उसके लण्ड का पूरा मज़ा लिया।
एक दिन और उसने मुझे अपने कमरे बुलाया।
मैं जब अंदर घुसी तो देखा की वह नंगी किसी का लण्ड हिला रही है।
वह मरद कोई और था।
मुझे यह समझने के देर नहीं लगी की हुमा ग़ैर मर्दों से चुदवाती है।
उसने कहा- फरज़ाना, आज मैं तेरी चूत में एक नया लण्ड पेलूँगी!
और उसने पेला भी!
मैं तो चुदासी थी ही … मैंने भी बड़ी बेशर्मी से उससे चुदवाया।
चलते समय उसने मुझे दस हज़ार रूपये दिये।
मैं ले नहीं रही थी.
पर हुमा ने कहा- रख लो, तेरे काम आयेंगे।
उस दिन मुझे लगा कि अगर मैं अपनी चूत इस्तेमाल करूं तो पैसा कमा सकती हूँ।
यहीं से माँ बेटी नंगी कहानी शुरू हो गयी.
फिर क्या … मैं बुर चोदी बन गई अव्वल दर्जे की एक रंडी।
मैं लण्ड पे लण्ड पेलवाने लगी अपनी चूत में।
मेरी चूत दनादन पैसा कमाने लगी।
मेरे पास पैसा आया तो मैंने 10 साल में अपने लिए एक घर खरीद लिया।
इसी बीच मेरी बेटी अहाना भी बड़ी हो गई, 19 साल की मस्त जवान हो गई और पूरी तरह एक माल लड़की बन गई।
उसको भी मैं उसी रास्ते पर लाना चाहती थी जिस पर मैं थी क्योंकि मैंने यह समझ लिया की दुनिया आपको तभी सलाम करती है जब आपके पास पैसा हो।
मैं अपनी बेटी को उसकी जवानी के बदौलत पैसा कमाना सिखाना चाहती थी।
जवानी में चूत ही एक ऐसी चीज है जिसको लण्ड भी खूब मिलते हैं और पैसा भी.
एक दिन मैंने उससे खुल कर बात की।
मैंने कहा- देखो बेटी अहाना, अब तुम जवान हो गई हो। तेरी चूत मेरी चूत के बराबर हो गई है। लण्ड मुझे भी चाहिए और लण्ड तुम्हें भी चाहिए। इसलिए आज से तुम मेरी बेटी नहीं बल्कि सहेली हो। मेरी दोस्त बन कर रहो। अब हम एक दूसरे से खुल कर बातें करेंगीं और सेक्स भी करेंगी। मैं तुमसे साफ़ साफ़ कह रही हूँ की मैं एक चुदक्कड़ औरत हूँ; मुझे हर दिन लण्ड चाहिए।
वह बोली- हां मैं जानती हूँ अम्मी जान कि तुम चुदक्कड़ हो। तुम्हारा कोई अपना मरद तो है नहीं! तो फिर तुम्हारे पास ग़ैर मरद से चुदवाने के अलावा और कोई चारा नहीं है। मैंने तुम्हें गैर मरद से चुदवाते हुए देखा है। मुझे अच्छा लगा। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। तुम अगर चुदक्कड़ न होती तो आज हमारे पास अपना घर, अपनी गाड़ी, अपनी शान शौकत नहीं होती। मैं भी तुम्हारी तरह चुदक्कड़ होना चाहती हूँ क्योंकि अब मैं बिना शान शौकत के रह नहीं सकती।
मैंने कहा- अरे वाह अहाना, तुमने मेरा दिल जीत लिया। मेरे मन की बात कह दी। तू बुरचोदी बड़ी तेज दिमाग वाली है। तेरी माँ का भोसड़ा बेटी अहाना। मैं आज ही तेरी चूत में पेलूँगी लण्ड!
वह बोली- हां हां जरूर पेलो लण्ड मेरी हरामजादी फरज़ाना! मैं जानती हूँ कि तू बिना लण्ड पेले मानेगी नहीं!
फिर हम दोनों खिलखिलाकर हंसने लगीं।
हमारी बातें हो ही रहीं थीं कि किसी ने मेरे फोन की घंटी बजा दी।
वह बोला- अरे फ़रज़ाना भाभी जान, दरवाजा खोलो, मैं बाहर खड़ा हूँ।
मैं दौड़ी दौड़ी गयी और दरवाज़ा खोला.
तो देखा की सामने मेरी सहेली का शौहर मुनीर खड़ा है।
मैंने उसे फ़ौरन अंदर किया और दरवाजा बंद कर लिया।
उसे मैंने कहा- यार मुनीर, मैं तेरा ही इंतज़ार कर रही थी. और सब ठीक ठाक है?
वह बोला- हां भाभी जान, सब ठीक है।
मैंने पूछा- अच्छा सच सच बताओ कि आज तुम किसी चूत चोद कर आ रहे हो?
वह बड़ी मस्ती से बोला- आज मैं अपने दोस्त की बेटी चोद कर आ रहा हूँ।
मैंने दुबारा पूछा- कितनी बड़ी है उसकी बेटी?
उसने बताया- बेटी तो उसकी 24 साल की है और शादीशुदा है। खूबसूरत इतनी है कि मैं अपने लण्ड पर काबू नहीं रख सका और उसे अपनी बाहों में भर लिया। फिर उसने खुद ही पकड़ लिया मेरा लण्ड और बोली की अंकल मैं खुद तेरे लण्ड का मज़ा लेना चाहती हूँ, मुझे चोदो। फिर मैंने उसे खूब जम कर चोदा। जो लड़की मेरा लण्ड खुद पकड़ लेती है और दिल खोल चुदवाती है उसे चोदने में मुझे बड़ा मज़ा आता है। मुझे चुदी हुई लड़कियां चोदने में बड़ा मज़ा आता है। बाद में मुझे मालूम हुआ कि वह अपने अब्बू से भी चुदवाती है। उसकी अम्मीजान उसके शौहर से चुदवाती है।
मैंने कहा- इसका मतलब दोनों माँ बेटी हसबैंड की अदला बदली करके चुदवाती हैं?
वह बोला- हां भाभी जान, बिलकुल ऐसा ही करतीं हैं वो दोनों। इससे सबको मज़ा आता है।
मुझे आईडिया मिल गया.
मैं सोचने लगी कि जब मेरी बेटी अहाना की शादी हो जाएगी तो मैं भी उसके शौहर से चुदवाऊंगी।
फिर मैंने अहाना को बुलाया और उसे मुनीर से मिलवा दिया।
अहाना ने विश किया और हमारे सामने बैठ गई।
मुनीर ने कहा- भाभी जान, आपकी बेटी मेरे दोस्त की बेटी से ज्यादा खूबसूरत है। माशाल्ला बड़ी हॉट है तेरी बेटी!
मैंने कहा- तुम सब मरद भोसड़ी वाले एक जैसे ही होते हो। जहाँ कोई खूबसूरत लड़की देखी वहीं लार टपकाने लगते हो।
अहाना भी उसे बड़े गौर से देख रही थी।
मुझे लगा कि मेरी बेटी का भी दिल मुनीर पर आ गया है।
मुनीर मादर चोद है ही बड़ा हैंडसम … उसे देखकर कोई भी लड़की उसे चाहने लगेगी।
मैं भी ऐसे ही फंस गयी थी।
इसका लण्ड देख कर तो लड़कियां इसकी गुलाम हो जातीं हैं।
खुदा ने इसका लण्ड बहुत मोटा तगड़ा सख़्त और बेहतरीन बनाया है।
मैंने कहा- अहाना, तुम अंकल के लिए कुछ नाश्ता ले आओ।
जब तक वह नाश्ता लेकर आई, तब तक मैं उसका पजामा खोल कर उसका लण्ड बाहर निकाल चुकी थी।
मैं लण्ड बड़े प्यार से हौले हौले मुठ्ठी में लिए हुए आगे पीछे कर रही थी।
लण्ड का टोपा बाहर निकला हुआ चमक रहा था।
अहाना ने लण्ड देखा तो बोली- हाय रब्बा, कितना लम्बा चौड़ा है अंकल का भोसड़ी का लण्ड अम्मी जान! लण्ड का टोपा तो जबरदस्त है बहनचोद. अंकल से ज्यादा हैंडसम अंकल का लण्ड है अम्मीजान!
मैंने कहा- तो फिर ले बुर चोदी अहाना पकड़ कर देख अंकल का लण्ड!
उसने नाश्ता टेबल पर रखा और लपक कर पकड़ लिया लण्ड और ले लीं उसकी कई चुम्मियाँ।
अहाना ने जबान निकाल कर लण्ड का टोपा भी चाटा और पेल्हड़ भी चाटे।
फिर मैंने एक एक करके अहाना के सारे कपड़े उतार दिया।
वह हो गई पूरी तरह नंगी।
इधर मैंने भी अपने कपड़े खोल डाले।
लण्ड जब सामने तन कर खड़ा हो तो फिर बदन पर कपड़े अच्छे नहीं लगते।
हम दोनों एक दूसरे को पहली बार नंगी देख रहीं थीं।
मैं अहाना को देख कर समझ गयी वह लण्ड का मज़ा पहले ले चुकी है।
मुनीर ने अहाना को अपनी तरफ खींच कर उसे अपने सीने से चिपका लिया और उसके नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा, बोला- भाभी जान, तेरी बेटी जैसी खूबसूरत लड़की मैंने आज तक नहीं देखी। इसकी चूचियाँ बड़ी मस्त हैं इसकी चूत बड़ी हॉट है, इसकी गांड तो बिलकुल मदहोश करने वाली है। बड़ी लाजवाब है तेरी बेटी और तेरी बेटी की बुर! और तुम भी भाभी जान पहले से ज्यादा हसीन हो गई हो। बड़ा नमक है तेरे जिस्म में भाभी जान। मैं तो एकदम पागल हो जाता हूँ जब तुम्हें नंगी देखता हूँ। मैं बहुत लकी हूँ कि आज मैं तुम दोनों माँ बेटी को नंगी देख रहा हूँ।
मैंने कहा- जब तुम मेरी बेटी मेरे आगे चोदोगे तो मुझे बड़ा मज़ा आएगा।
तब तक अहाना बोली- हां अंकल, जब तुम मेरे आगे मेरी माँ चोदोगे तो मैं ख़ुशी से पागल हो जाऊंगी। मेरे कॉलेज की सभी लड़कियां अपनी माँ चुदवातीं हैं और फिर माँ चुदाने की बातें कॉलेज में करतीं हैं।
इसी बीच हम माँ और बेटी दोनों बुरचोदी नंगी नंगी मुनीर का लण्ड चाटने लगीं।
मुनीर तो भोसड़ी का पहले से ही नंगा था।
अहाना बोली- बड़ा स्वादिष्ट है अंकल का लण्ड अम्मी जान … मज़ा आ गया।
मुनीर का लण्ड पूरे ताव पर था।
उसने फिर घूम कर लण्ड गच्च से अहाना की चूत में पेल दिया।
लण्ड पूरा घुसा तो वह चिल्ला पड़ी- उई माँ … मर गई मैं! फट गई मेरी चूत। इस मादरचोद ने एक ही बार में घुसा दिया इतना मोटा लण्ड।
मैंने कहा- थोड़ा बर्दाश्त कर ले बुरचोदी अहाना … अभी दो मिनट में बड़ा मज़ा आने लगेगा। अभी तू खुद अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगेगी।
मैं बीच बीच में मुनीर से चूतड़ सहलाने लगी, पेल्हड़ सहलाने लगी और लण्ड जब फिसल कर बाहर आ जाता तो उसे अंदर घुसेड़ने लगी।
अहाना को मज़ा आया तो वह बोली- हाय अंकल, मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो, पूरा लौड़ा घुसा घुसा के चोदो, फाड़ डालो मेरी चूत, मेरी माँ के आगे मुझे रंडी की तरह चोदो, जैसे मेरी माँ का भोसड़ा चोदते हो वैसे ही मेरी भी बुर चोदो। वॉव हहां हहूँ ओहो आह हां … क्या बात है … क्या लौड़ा है बहनचोद … ओ हो … हाय रे … चुदाई हाय से लण्ड तू बहुत अच्छी चीज है है. मेरी चूत को इतना मज़ा कभी नहीं आया. भोसड़ी के मुनीर तेरी बिटिया की बुर। तेरी बहन का लण्ड साले कुत्ते, तू बहुत बड़ा चोदू है।
वह भी जोश में था, बोला- तू साली अहाना, अपनी माँ से भी ज्यादा मस्त है. तेरी माँ की चूत, आज मैं तेरी चूत के चीथड़े उड़ा दूंगा। तुझे भी अपनी माँ की तरह बना दूंगा एक चुदक्कड़ बेटी। तेरी चूत बड़ी टाइट है यार! मैं इसे रात भर चोदूंगा।
मैंने कहा- यार मुनीर, आज तुम बेटी की बुर का हलवा बना दो। चुद रही है मेरी बेटी … मज़ा आ रहा है मुझे!
मेरी बेटी जवानी का मज़ा लूट रही है, नए लण्ड का मज़ा ले रही है।
यह देख देख मैं फूली नहीं समा रही थी।
मैं चूत से लण्ड निकाल कर बीच बीच में चाट लेती थी।
इतने में अहाना ने लण्ड अपनी चूत से निकाला और उसे बड़ी बेशर्मी से मेरी चूत में घुसा दिया, बोली- अंकल, अब तुम मेरे सामने चोदो मेरी माँ का भोसड़ा।
उसको तो चोदना ही था, वह घपाघप चोदने लगा मेरी चूत!
मैं भी मस्त होकर अपनी बेटी के आगे चुदवाने लगी।
हम दोनों बहुत उत्तेजित थी।
वासना पूरी तरह हम दोनों पर सवार हो गई थी।
मैंने कहा- बुर चोदी अहाना, तू अपनी माँ चुदवा रही है. तुझे शर्म नहीं आती?
वह बोली- हायल्ला, जब तू अपनी बेटी की चूत में लण्ड पेलवा रही थी तब तुझे शर्म आयी थी क्या? अब देखो तेरा बेटीचोद भोसड़ा कितनी मस्ती से लण्ड खा रहा है।
सबसे ज्यादा चुदाई का मज़ा मुझे आज अपनी बेटी के साथ आ रहा था।
कभी वह लण्ड मेरी चूत में पेलती कभी मैं लण्ड उसकी चूत में पेलती।
यह चुदाई हमारे लिए एक यादगार बनी जा रही थी।
फिर अचानक जब लण्ड झड़ने लगा तो हम दोनों ने मिलकर उसे जी भर के चाटा।
एक दिन जब मैं घर आई तो देखा की अहाना एकदम नंगी नंगी किसी का लण्ड बड़ी मस्ती से चाट रही है।
मेरी नज़र लण्ड पर पड़ी।
लण्ड साला बड़ा आलीशान था।
एकदम मोटा तगड़ा मरदाना लण्ड देख कर मैं दंग रह गई।
उसका सुपारा एकदम बाहर निकला हुआ लाल टमाटर की तरह चमक रहा था।
मेरे मुंह में पानी आ गया।
मेरी चूत भी ससुरी गीली हो गयी।
मैं थोड़ी देर तक तो अहाना को लण्ड चाटते हुए देखती रही, फिर चुपके से उसके हाथ से लण्ड लेकर बोली- वाओ, क्या मस्त लौड़ा है बुरचोदी अहाना … मज़ा आ गया इसे पकड़कर! किसका है ये मादरचोद लण्ड?
वह बोली- यह है ताहिर … मेरी सहेली का भाई जान. मैंने एक दिन अपनी सहेली से कहा था कि यार मुझे कोई मस्त लौड़ा पकड़ाओ तो उसने अपने भाई जान का ही लण्ड पकड़ा दिया। मुझे इसका लण्ड भा गया। फिर क्या … मेरी सहेली ने अपने आगे ही इससे मेरी बुर खूब धकापेल चुदवाई। मुझे इससे चुदवाने में बड़ा मज़ा आया। फिर मैंने यही लण्ड अपनी सहेली की बुर में घुसा दिया। फिर मेरे सामने एक भाई अपनी बहन की बुर चोदने लगा। मैं यह देख कर और उत्तेजित हो गयी. फिर सोचा कि अब यही एक बेटी अपनी की माँ की चूत में पेलेगी। बस मैं इसी मकसद से इसे अपने घर ले आई। मैं तेरा ही इंतज़ार कर रही थी मेरी हरामजादी फ़रज़ाना … अब मैं इसे तेरी चूत में घुसेड़ूँगी।
फिर क्या …
हम दोनों माँ बेटी ने नंगी नंगी लिया लण्ड का पूरा पूरा मज़ा।
मैंने कहा- अहाना, अब तू भी मेरी ही तरह हो गई है चुदक्कड़! तेरी माँ का भोसड़ा!
उस दिन हम दोनों ने खूब एन्जॉय किया।
माँ बेटी नंगी कहानी कैसी लगी आपको?
[email protected]
मेरी पिछली कहानी थी: अंकल से मैं जी भर कर चुदी
What did you think of this story??
Comments