पड़ोस वाली माँ बेटी की चुदाई-1
(Hindi Sex Kahani : Pados Wali Maa Beti Ki Chudai- Part 1)
अन्तर्वासना सेक्स कहानी के मेरे प्रिय पाठको, काफ़ी दिन के बाद मैं फिर से एक नयी सेक्स कहानी लेकर आपके सामने हाजिर हूँ। माँ बेटी की चुदाई। मैं दिल्ली में रहता हूँ।
जिस मकान में मैं रहता हूँ उस के सबसे ऊपर वाली मंज़िल पर मैं रहता हूँ, उस में दो बेडरूम वाले दो फ्लैट हैं, दोनों बेडरूम का बालकनी एक ही है। एक में मैं रहता हूँ, एक में एक फेमिली रहती है, जिसमें योगिता, उस की बेटी अवनी और उस के पति रहते हैं। उस के पति मरीन इंजिनियर हैं जो 6-6 महीने शिप पर रहते हैं और फिर एक महीने के लिए आते हैं और फिर वापस 6 महीने के लिए चले जाते हैं। योगिता की उम्र 42 साल है और अवनी 20 साल की है।
योगिता का भरा पूरा फिगर 38-32-38 है, जो मुझे बहुत पसंद है। मुझे बड़ी चुचियाँ और बड़ा गांड बहुत पसंद है। मैं जब भी योगिता को देखता तो मेरा लंड खड़ा हो जाता, मेरा मन होता कि मैं उस की चूत में लंड पेल दूं।
योगिता जब शॉर्ट्स पहनती है तो उस के चिकने गोरे पैर देख कर जी करता है कि उसे चूम लूँ। सोचता हूँ कि जब उस के पैर इतने खूबसूरत हैं तो उस की चूत कितनी मस्त होगी. मैं कल्पना करता कि मैं उस की चूत चाट रहा हूँ। योगिता अपनी पैंटी और ब्रा सूखने के लिए बालकनी में डालती, देख कर मैं कल्पना करने लगता कि योगिता उसे पहन कर कैसी लगती होगी।
योगिता जब चलती तो उस की बड़ी बड़ी गांड मटकती तो देख कर लंड मचलने लगता, क्या गांड थी, मस्त… उस की चूचियाँ शूट के अंदर ब्रा से टाइट होकर गोल गोल नजर आते, देख कर दिल में तूफान सा उठ जाता।
अवनी के फिगर और उस के बारे में उस की सेक्स कहानी में बताऊँगा।
योगिता अक्सर अकेले अपनी बेटी के साथ रहती थी और उस के पति 6 महीने में आते थे तो इतना अनुमान तो मैने लगाया कि एक बार कोशिश करके देखूँगा शायद योगिता की चूत चोदने को मिल जाए। कभी कभी जब मैं मार्केट जाता तो वो कुछ सामान लाने बोल देती।
बालकनी में कभी कभी वो मिल जाती, वो अपने कमरे के सामने चेयर डाल कर बैठी होती तो मैं भी चेयर डाल कर बैठ जाता। मैं उस से बात करते रहता और सोचता कि बस चेयर पर ही उस के पैर ऊपर करके लंड उस की चूत में लंड पेल दूँ।
हम दोनों बातें करते!
इस तरह काफी समय बीत गया, एक दिन मैंने सोचा कि अब कोशिश करके देखता हूँ, अगर योगिता की चूत चोदनी है तो कोशिश तो करनी पड़ेगी। मैंने निश्चय कर लिया कि अब कदम आगे बढ़ाना पड़ेगा.
एक दिन योगिता बालकनी में बैठी थी, मैं भी चेयर लाकर बैठ गया और बातें शुरू की। वो डीप गले की शर्ट पहने थी, ऊपर से उस की गोरी चूचियाँ नजर आ रही थी, मेरा मन हो रहा था कि पकड़ कर चूस लूँ।
मैंने योगिता से बोला कि पति से अलग अकेले रहना बहुत मुश्किल है.
यह सुन कर योगिता थोड़ा उदास हो गयी और बोली- क्या कर सकती हूँ, मुश्किल तो है।
मैं- बहुत मुश्किल है, कई परेशानी है और शरीर की भी जरूरत होती है, इतने लम्बे वक़्त तक अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना मुश्किल होता है।
वो मेरी बात सुन कर और भी उदास हो गयी, मैं समझ गया कि यही मौका है।
मैं- अगर आप बुरा ना मानो तो एक बात पूछूं?
योगिता बोली- पूछो?
मैंने पूछा- इतने दिन आप बिना सेक्स के कैसे रह जाती हो, आपका भी तो मन होता होगा करने का?
वो पहले चुप रही, फिर मेरी तरफ देख कर बोली- मन होने से क्या होता है, करने वाला भी तो होना चाहिए, वो जब आते हैं तभी हो सकता है।
मेरे इन बातों से शायद उसे अपनी चूत में लंड की तलब महसूस होने लगी थी, मेरा निशाना ठीक लगा था, मैं महसूस कर रहा था कि अब योगिता की चूत चोदने को मिल जाएगी। मैंने थोड़ी और हिम्मत की और बोला कि ऐसे तो आप जिंदगी के एक सुख से वंचित रह जाओगी.
इस पर वो खामोश रही, मैं समझ रहा था कि निशाना सही लगा है।
मैंने पूछा कि कोई बॉयफ्रेंड नहीं है क्या आपका?
वो बोली- शादी के पहले था, लेकिन अभी नहीं हैं, शादी के पहले हमने खूब मस्ती की है।
मैंने पूछा- मस्ती मतलब सेक्स भी?
वो बोली- हाँ सेक्स भी, वो बहुत अच्छे से करता था, उस की याद अब भी आती है, कभी कभी मन होता है कि उसे बुलाऊँ।
धीरे धीरे वो खुल रही थी, मैंने बात थोड़ा और आगे बढ़ाया, मैंने पूछा कि जब आपका मन सेक्स करने का होता है तो क्या करती हो?
वो शरमा रही थी, मेरे बार बार पूछने पर वो बोली कि उंगली से काम चलाती हूँ.
और हंसने लगी।
मैं बोला- उंगली तो पतली होती, उस से क्या होता होगा?
योगिता- क्या करूँ, जब ज्यादा मन होता है तो कंट्रोल मुश्किल होता है तो फिर उंगली से ही काम चलाना पड़ता है।
मैं उसे बोला कि कुछ पॉर्न देखती हो क्या?
तो वो बोली- हाँ।
मैंने पूछा कि कभी सेक्स की कहानी पढ़ी हो क्या?
तो वो बोली- नहीं।
मैंने उसे बोला- चलो मैं आज आपको दिखाता हूँ।
मैं उसे अपने कमरे में बुला कर लाया और लैपटॉप खोला और अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज की साइट दिखाई और फिर अपनी सेक्स कहानी का पेज उसे खोल कर दिखाया और एक कहानी खोल दी।
वो पढ़ने लगी और जैसे जैसे पढ़ते गयी उस की साँसें तेज होने लगी। वो कहानी पढ़ रही थी और बार बार मुझे देख रही थी।
मैं समझ गया कि यह निमंत्रण है चुदाई का।
मैंने देखा कि यही मौका है, जिसकी मुझे तलाश थी, मैंने उस के कंधे पर हाथ रख़ दिया और धीरे धीरे उस की चूचियों को सहलाने लगा. वो थोड़ा मेरे करीब आयी, मैं उस के शर्ट में ऊपर से हाथ डाल कर उस की चूचियाँ दबाने लगा।
उस की बड़ी गांड जो मुझे बेहद पसंद है, उसे मैं सहला रहा था, मुझे जन्नत का सुख मिल रहा था, वो लगातार कहानी पढ़ती जा रही थी और मैं उस की गांड सहला रहा था, कभी चूचियां दबा रहा था।
अब वो गर्म हो गयी थी, मैंने पूछा- कितने दिन हो गए आपकी चुदाई को?
तो वो बोली- 5 महीने।
मैं बोला- अगर आप इजाजत दो तो मैं आज आपकी खूबसूरत चूत का दीदार कर लूँ?
इस पर वो बोली- दीदार करने से क्या होगा?
मैंने बोला- पहले दीदार करने तो दो, फिर मैं आपकी मस्त चुदाई भी करूँगा।
योगिता बोली- मेरी चूत को चुदाई की जरूरत है, बेतहाशा।
मैं- तो फिर ठीक है, आओ फिर आपकी चूत चोद दूँ।
वो बोली- अभी नहीं रात में 12 बजे, जब अवनी सो जाएगी तो।
इस तरह रात में चुदाई का इकरार हो गया। फिर योगिता जाने लगी, मैंने उसे अपनी बाँहों में भर लिया और दोनों हाथ उस के बड़े गांड पर रख कर मसलने लगा और उस के होंठों को चूसने लगा।
वो भी मेरे होठों को चूस रही थी और मुझे कस कर पकड़े थी।
मैंने उस की सलवार में हाथ डाला, उस की चूत पर बाल थे और चूत गीली हो रही थी, मैं बोला- आज अपनी चूत के बाल साफ कर लेना, मुझे चिकनी चूत चाटना बहुत पसंद है।
योगिता बोली- मुझे भी चूत चटवाना बहुत पसंद है, मेरे पति चूत नहीं चाटते।
मैं बोला- आज रात मैं चूत चाटूँगा, बस अपनी चूत चिकनी कर लेना।
मैंने उसे बताया कि अभी जो पिंक पैंटी और ब्रा सूखने डाला है, उसे ही पहन कर आना, मुझे पिंक और लाल रंग की पैंटी और ब्रा बहुत पसंद है।
कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही रहे और फिर वो रात में आने की बात कह कर चली गयी।
योगिता ने बताया था कि उस की चुदाई 5 महीने पहले हुई थी, इसका मतलब था कि उस की चूत बहुत टाइट होगी और चुदाई में बहुत मजा आने वाला था।
शाम हुई, मैं बेसब्री से 12 बजने का इन्तजार कर रहा था लेकिन वक़्त इतने धीरे धीरे गुजर रहा था कि काटना मुश्किल हो रहा था। योगिता की चूत चोदने को मैं बेकरार हो रहा था, मेरा लंड बार बार खड़ा होकर योगिता की चूत का इन्तजार कर रहा था।
रात के बारह बजे मैंने बालकनी का गेट खोल दिया और इन्तजार करने लगा।
मध्य रात्रि के बाद 12.30 पर योगिता पिंक कलर की नाइटी पहने मेरे कमरे में आयी। मैंने उसे अपनी बाँहों में भर लिया और पूछा- अवनी सो गयी क्या?
तो वो बोली- हाँ सो गयी है और अब सुबह ही उठेगी.
मतलब साफ था कि योगिता पूरी रात चुदवाने की तैयारी से आयी थी।
मैंने दरवाजा बंद किया और योगिता को बेडरूम में ले गया। मैं उसे चूमने लगा, उस के होठों चूसने लगा, और अपने हाथ उस की गांड पर घुमाने लगा। योगिता मेरी बाँहों में थी, मेरा खड़ा लंड उस की चूत से सटा हुआ था, कभी मैं उस की चूचियां दबाता, कभी चूमता।
वो मुझे बेतहाशा चूमने लगी, उस ने मेरा बनियान निकाल दिया और मेरे सीने को चूमने लगी। मैं उस की चूचियाँ सहला रहा था।
मैंने योगिता को बेड पर लिटा दिया और उस के पैरों के पास जा कर बैठ गया और धीरे धीरे उस की नाइटी को ऊपर करने लगा। जैसे जैसे नाइटी ऊपर जा रही थी, उस के गोर गोरे पैर नजर आ रहे थे। अब नाइटी उस की जांघों से ऊपर जा रही थी, क्या मस्त गोरी चिकनी मोटी मोटी जांघें थी।
मैं उस की दोनों जांघों को धीरे धीरे सहला रहा था, अब मैंने नाइटी थोड़ा और ऊपर किया। योगिता ने मेरी बताई पैंटी पहने हुए थी, पिंक कलर की पैंटी में बड़ी ही सेक्सी लग रही थी।
मैंने पैंटी के बगल से दो उँगलियाँ अंदर डाली, योगिता मुस्कुरायी और बोली- तैयार कर के आयी हूँ, बिल्कुल चिकनी है।
मैंने उँगलियाँ चूत पर घुमाई, आह क्या चिकनी चूत थी।
मैंने नाइटी और ऊपर किया और अब उस की पिंक ब्रा नजर आने लगी थी।
पिंक ब्रा के अंदर बड़ी बड़ी चूचियां, देख कर मैं पागल हो रहा था।
फिर मैंने उस की नाइटी निकाल दी।
मैंने उसे पैर मोड़ कर बैठ कर आगे झुकने को बोला, वो आगे झुकी, क्या नजारा था, बड़ी गांड उस पर पिंक पैंटी, पैंटी की पतली सी पट्टी। गोरे गोरे गांड देख कर मैं मदहोश हो रहा था। मैं उस के नितम्ब चाटने लगा, मसलने लगा, वो आह आह की आवाज निकाल रही थी।
मैं थोड़ा ऊपर गया और उस के कन्धों को चाटने लगा।
मैंने उसे बेड पर पेट के बल लिटा दिया और उस के ऊपर लेट गया, उस की बड़ी गांड पर लंड सटा हुआ था और मैं उस की चूचियों को मसल रहा था, मेरे होंठ उस के कंधे पर घूम रहे थे।
अब मैंने उसे सीधा किया और उस के पैरों को चूमने लगा, धीरे धीरे मैं ऊपर जा रहा था, मेरी जीभ उस के पैरों से होते हुए उस की जांघों पर घूम रही थी, अब मैं उस की चूत को पैंटी के ऊपर से चाट रहा था।
धीरे धीरे मैं ऊपर गया, उस के पेट को चाटते हुए चूचियों तक गया और उस की ब्रा का हुक खोल दिया और उस की बड़ी बड़ी चूचियों को चूसने लगा.
वो अब मेरा लंड पकड़ने लगी, मैंने अपने कपड़े उतारे, वो मेरा लंड देख कर खुश हो गयी और बोली- इतना बड़ा लंड है, आज मेरी चूत चोद डाला, मेरी चूत प्यासी है आज प्यास बुझा दो।
मैंने योगिता की पैंटी उतारी, खूबसूरत, गोरी, चिकनी चूत थी।
मैं अपना हाथ उस की चूत पर घुमाने लगा, आहिस्ता, आहिस्ता। मैंने अपनी दो उँगलियों से उस की चूत के होठों को सहलाना शुरू किया, ऊपर से नीचे और फिर नीचे से ऊपर।
योगिता की आँखें बंद थी और उस ने होठों को भींच रखा था। मैंने उस के दोनों पैरों को ऊपर किया और उस की चूत चाटने लगा।
मेरी जीभ योगिता की चूत पर घूम रही थी, ऊपर से नीचे और फिर नीचे से ऊपर।
मैंने योगिता की चूत को थोड़ा फैलाया और अपनी जीभ बीच में डाल कर चूत चाटने लगा।
योगिता बोली- आह… बहुत अच्छा लग रहा है, प्लीज और चाटो, ऐसे ही।
मैं उस की चूत चाट रहा था।
थोड़ी देर में मैं योगिता की चूत के होठों को चूसने रहा था, योगिता मेरा सर पकड़ कर नीचे दबा रही थी। फिर मैंने जीभ को चूत के अंदर डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा। थोड़ी देर तक जीभ से चूत चोदने के बाद मैं लेट गया और योगिता को अपने ऊपर बिठा लिया 69 पोज़ में।
मैं उस की गांड पकड़ कर उस की चूत चाट रहा था, और वो मेरा लंड अपने हाथों में ले कर खेल रही थी। कुछ देर के बाद वो मेरे लंड को चाटने लगी, अपनी जीभ से ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर चाट रही थी।
फिर उस ने मेरे लंड की खाल को नीचे किया और सुपारे को चाटने लगी।
कुछ देर तक वो सुपारे को चाटती रही और फिर उस ने लंड मुंह में ले लिया और चूसने लगी। बड़ी ही खूबसूरती से वो लंड चूस रही थी, मेरा सुरूर और बढ़ता जा रहा था, मैं नीचे लेटा उस की चूत चाट रहा था और धीरे धीरे उस की गांड पर थपकी दे रहा था।
अब योगिता काफी गर्म हो गयी थी, उस की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था, तो मैंने उसे थोड़ा आगे किया, उसे चेहरा मेरे पैरों के तरफ था और उस की चूत मेरे लंड से सटने लगी थी। मैंने उस की गांड को थोड़ा ऊपर उठाया और लंड उस की चूत के सामने रखा और वो धीरे धीरे लंड पर बैठने लगी और लंड धीरे धीरे योगिता की चूत में जाने लगा.
5 महीने के बाद उस की चूत में लंड जा रहा था तो उस की चूत टाइट थी, इस से मजा भी ज्यादा आ रहा था।
अब लंड योगिता की चूत में था, और वो अब ऊपर नीचे करना शुरू कर दी, धीरे-धीरे वो रफ़्तार बढ़ा रही थी और पूरी ताकत से लंड पर कूद रही थी, मैं उस की गांड पर थपकी लगा रहा था और पीछे से लंड अंदर बाहर होते देख रहा था, देखने में बहुत मजा आ रहा था।
थोड़ी देर के बाद मैंने उसे थोड़ा और आगे किया और घोड़ी बना दिया, और उस की चूत में लंड पेल दिया और चोदने लगा। उस की चूत की टाइट ग्रिप चुदाई में बहुत मजा दे रही थी, मैं जोर जोर से चूत में लंड पेल रहा था और वो बोल रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… और जोर जोर से चोदो।
थोड़ी देर तक मैं ऐसे ही चोदता रहा, फिर मैंने उसे लिटाया और उस के पैर ऊपर उठा दिया। योगिता की चूत फूली हुई थी जो बड़ी सेक्सी लग रही थी, मैंने लंड उस की चूत पर रखा और एक झटके में अंदर पेल दिया, और जोर जोर से शॉट मारने लगा।
हर शॉट पर वो आह आह की आवाज निकालती और मैं मशीन के जैसे लंड चूत में पेल रहा था। उस के पैर ऊपर उठे थे और मैं उस की गांड पर बैठ गया और लंड चूत में पेल दिया और ऊपर नीचे होने लगा। मैं थोड़ा आगे झुक कर उस की चूत चोदने लगा और उस की चूचियों को दबाने लगा। फिर मैंने उस के दोनों पैरों को अपने कन्धों पर रख लिया और लंड उस की चूत में पेल दिया और चूत पर शॉट मारने लगा, हर शॉट के साथ उस की बड़ी बड़ी चूचियाँ हिलती, जो देख कर बहुत मजा आ रहा था।
मैं बार बार पोज बदल रहा था, असल में पोज बदलने में थोड़ा टाइम मिल जाता है, जिससे चुदाई की टाइमिंग बढ़ जाती है। मैंने अब योगिता को उठाया और किचन के स्लैब पर ले जाकर बिठा दिया, उस के पैरों को फैला दिया और योगिता ने अपने दोनों हाथ मेरे गले में डाल दिया, मैंने लंड योगिता की चूत में पेल दिया और उसकी गांड पकड़ कर शॉट मारने लगा, मैं आगे पीछे हो रहा था और लंड चूत में अंदर बाहर।
योगिता मुझे चूम रही थी, कभी मेरे होठों को चूस रही थी और मैं पूरी रफ़्तार और ताकत से उस की चूत चोद रहा था।
अब मैंने उस को नीचे उतारा, बेडरूम में ले जा कर खड़ी किया, उस का एक पैर चेयर पर रख दिया, उस की चूत में लंड डाल दिया और उस की गांड पकड़ कर चोदने लगा। मैं उस की चूचियों को चूस रहा था और लंड चूत में पेल रहा था, वो आह आह कर रही थी और बोल रही थी- बहुत मजा आ रहा है मेरी चूत की चुदास को ठण्डी कर दो, ये साली बहुत प्यासी और गर्म है।
मैंने अब उसे आगे झुकाया, उसने झुक कर दोनों हाथों से चेयर पकड़ ली और मैंने उस की चूत चोदना शुरू किया। उस की बड़ी गांड बड़ी प्यारी लग रही थी, वैसे मुझे गांड मारना पसंद नहीं लेकिन उस की गांड को देख कर उस की गांड मारने का मन होने लगा।
मैंने लंड उस की चूत से निकाला और गांड पर रखा, वो समझ गयी कि मैं उस की गांड में लंड डालने वाला हूँ तो वो बोली- नहीं, पीछे मत डालो, दर्द होता है.
मैं बोला- प्लीज एक बार डालने दो!
बहुत बोलने के बाद वो तैयार हुई।
मैंने क्रीम निकाली और अपने उंगली पर लगा कर उस की गांड में अंदर लगाई, मैंने खूब सारी क्रीम उस की गांड के अंदर और अपने लंड पर लगाई और दोनों हाथों से उस की गांड को फैला कर लंड उस की गांड में डालने लगा.
जैसे ही थोड़ा लंड अंदर गया, वो चीखी और आगे हो गयी, मेरा लंड बाहर निकल गया, फिर मैंने उसे बोला- प्लीज बेबी, बस एक बार डालने दो.
और मैं धीरे धीरे लंड डालने लगा।
काफी देर कोशिश करने के बाद लंड उस की गांड में गया और मैं उस की गांड मारने लगा। मैं धीरे धीरे लंड उस के गांड में अंदर बाहर करने लगा, बड़ी गांड में लंड अंदर बाहर होते देख बहुत मजा आ रहा था।
मैंने देखा कि उसे दर्द हो रहा है, शायद उस ने गांड ज्यादा नहीं मरवाई होगी।
मैंने लंड निकाल लिया।
फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उस की चूत में लंड पेल दिया और धक्कम पेल चुदाई करने लगा. योगिता कई बार झड़ चुकी थी, उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव साफ दिख रहे थे, मैंने रफ़्तार बढ़ाई और उसकी चूत को जूनून से चोदने लगा.
करीब 10 मिनट की धक्कम पेल चुदाई के बाद मैंने अपना वीर्य योगिता की चूत में गिरा दिया और उस के ऊपर लेटा रहा।
इस सब के बाद योगिता अपने कमरे में चली गयी।
सुबह मैंने उसे मेसेज किया- चुदाई के लिए शुक्रिया।
इस तरह योगिता मेरी हो चुकी है, अब वो अंतरवासना पर कहानियाँ पढ़ती है और मेरा लंड अपनी चूत में लेती है।
मेरी नजर उसकी जवान बेटी अवनी पर भी थी, मैं अब अवनी को चोदने के बारे में सोच रहा था, और आखिर मैंने अवनी को चोदा, वो कहानी मैं अगले भाग में आपके सामने लेकर लाऊंगा।
आपको मेरी यह सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे आपकी प्रतिक्रियाओं का इन्तजार रहेगा,
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सेक्स कहानी जारी रहेगी.
कहानी का अगला भाग : पड़ोस वाली माँ बेटी की चुदाई-2
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