लेडी डॉक्टर ने मेरे लंड की खुजली का इलाज किया- 4
(Lady Doctor Porn Story)
लेडी डॉक्टर पोर्न स्टोरी में पढ़ें कि कैसे एक प्यासी डॉक्टर ने मुझे अपने घर बुलाकर अपनी गर्म चूत मेरे हवाले कर दी. मैंने भी उस चूत को चाट कर चोदा.
दोस्तो, मैं हर्षद मोटे आपको अपनी गरम सेक्स कहानी के अगले भाग में मजा देने के लिए फिर से हाजिर हूँ.
पिछले भाग
वासना में डूबी लड़की मेरे साथ नंगी
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने डॉक्टर रेखा की चूत चूसकर और उसके मम्मे मसल कर उसे पूरी गर्म कर कर दिया था.
अब आगे लेडी डॉक्टर पोर्न स्टोरी:
अब मैं अपनी जीभ रेखा की चूत में और गहराई में डालकर घुमाने लगा.
चूत अन्दर से बहुत गर्म हो चुकी थी.
रेखा बहुत मदहोश हो चुकी थी और सिसकारियां ले रही थी.
मैं अपनी जीभ तेजी से अन्दर बाहर कर रहा था और हाथों से मम्मों को भी जोर जोर से मसलने लगा था.
इस सबसे रेखा सह नहीं सकी और अपने कूल्हे उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी.
उसने अपने दोनों हाथों से मेरा सर अपनी चूत पर दबा लिया और वो झड़ने लगी.
उसका गर्म गर्म चूत रस मेरी जीभ को नहला रहा था.
वाह क्या स्वाद और खुशबू थी चूतरस की … मैंने अपनी जीभ बाहर निकाली और अपने मुँह को चूत के मुख पर रखकर बहने वाला चूतरस पीने लगा.
रेखा अपने दोनों हाथों से मेरा सर सहला रही थी.
पूरा चूतरस पीने के बाद चूत के आसपास का भी चूतरस मैंने चाटकर साफ कर दिया.
मेरा लंड फड़फड़ा रहा था. मैं अपनी पोजीशन लेकर रेखा की दोनों जांघों के बीच में बैठ गया.
मैं रेखा के ऊपर झुक कर उसके होंठों को चूसने लगा.
रेखा ने भी अपने हाथों से मुझे जकड़ लिया और मेरे होंठों और जीभ को चूसने लगी.
उसके दोनों हाथ मेरी पीठ और कमर को सहला रहे थे.
मैंने रेखा को चूमते हुए कहा- रेखा, तुम्हारी चूत बड़ी लाजवाब है, गुलाबी और मखमल जैसी मुलायम … और तुम्हारा चूतरस तो इतना खुशबूदार और स्वादभरा था कि मैंने पूरा पी लिया. मेरा मन और पेट ऐसे भर गया, जैसे मैंने अमृत पी लिया हो.
ये सुनकर रेखा ने अपने दोनों हाथों से मेरे गालों को सहलाते हुए कहा- हर्षद कैसे बताऊं तुम्हें कि मैं आज कितनी खुश हूँ. शब्दों में तो बता ही नहीं सकती. आज तक मेरे पति ने कभी चूत को चूमा नहीं है, तो चूसने की बात … और चूतरस पीने की बात तो दूर की बात है. तुमने मेरे पूरे बदन को रोमांचित कर दिया है हर्षद. अब जल्दी से मैं तुम्हारे इस मूसल जैसे लंड को अपनी चूत में समा लेना चाहती हूँ. तुमने मेरी चूत की आग को बहुत ही भड़का दिया है हर्षद.
मैंने कहा- अभी नहीं रेखा. मुझे तुम्हारी चूत को और एक बार चूसना है, अभी दिल नहीं भरा है मेरा.
रेखा बोली- बहुत जालिम हो तुम हर्षद … और कितना तड़पाओगे मुझे?
मैं- रेखा अब मैं अलग पोजीशन में तुम्हारी चूत चूसूंगा. तुम्हें भी बहुत मजा आएगा.
उसने कहा- जैसा तुम चाहो हर्षद, कर लो.
मैंने 69 की पोजीशन लेकर उसके ऊपर अपने घुटने के बल बैठ गया.
रेखा की कमर के नीचे एक तकिया रखा ताकि चूत का मुँह ऊपर रहे और आसानी से खुल जाए.
फिर मैंने अपने दोनों हाथों से रेखा के दोनों मांसल कूल्हे नीचे से पकड़ लिए और नीचे झुककर रेखा कि चूत के ऊपर के लाल गुलाबी दाने को अपनी जीभ से सहलाने लगा.
इस मस्त अनुभव से रेखा सीत्कारने लगी थी. अब मैंने अपने मुँह से थोड़ा सा थूक दाने पर छोड़ दिया और अपनी जीभ से दाने को रगड़ने लगा.
इससे रेखा मदहोश होकर सिसकारियां लेने लगी, उसके मुँहसे मादक आवाजें निकल रही थीं- ऊंई मां उफ्फ स्स्स् स्स हाय हर्षद उई मत करो … मैं मर जाऊंगी बस करो … स्स स्स हुं हुं ऊंई मां.’
वो ऐसे ही बड़बड़ाती रही.
अब रेखा ने अपने ऊपर झूलते हुए मेरे लंड को अपने दोनों हाथों में ले लिया और उसे सहलाने लगी.
उसने मेरे लंड को नीचे खींचकर अपने मुलायम और गुलाबी होंठों पर ले लिया.
वो मेरे लंड के लाल सुपारे पर जीभ फिराने लगी.
रेखा मदहोश हो गयी थी.
इधर मैं अपनी जीभ ऊपर से नीचे घुमा घुमा कर रेखा की चूत चाट रहा था.
साथ में अपने दोनों हाथों से रेखा के कूल्हे रगड़ रहा था.
अपनी जीभ से रेखा की चूत ऊपर से नीचे तक रगड़ रहा था. बीच में ही मैं अपनी जीभ से उसकी गांड के छेद को भी रगड़ रहा था.
रेखा जोर जोर से सीत्कार रही थी.
उसी मदहोशी में रेखा मेरे लंड के सुपारे पर अपनी जीभ गोल गोल फिराने लगी और मेरा लंड अपने दोनों हाथों से नीचे खींचने की कोशिश करने लगी.
शायद रेखा मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसना चाहती हो तो मैंने भी अपने घुटने फैलाकर मेरे लंड का सुपारा उसके मुँह में डाल दिया.
मैं भी मदहोश हो रहा था. कितने महीनों के बाद मेरा लंड चूसा जा रहा था.
मेरा लंड मोटा होने के कारण रेखा मेरा लंड अपने मुँह में ज्यादा नहीं ले पा रही थी.
मैं भी उसके साथ कोई जबरदस्ती नहीं करना चाहता था.
रेखा के मुलायम होंठों ने मेरे लंड के सुपारे को कसकर पकड़ रखा था और उसकी गीली मुलायम जीभ मेरे सुपारे पर गोल गोल घूम रही थी.
इससे मेरा लंड और मैं मदहोश हो गया था.
मैं अपनी जीभ से रेखा की चूत पूरी गति से चोदने लगा. मैं अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में डालकर चोद रहा था.
रेखा ये सब नहीं झेल पायी, उसका बदन अकड़ने लगा.
वो अपने कूल्हे नीचे से उठाकर मेरा साथ देने लगी और मेरे लंड को अपने दांतों से हल्के हल्के से काटने लगी थी.
इतने में रेखा ने मेरा लंड छोड़कर अपने हाथों से मेरा सर अपनी चूत पर दबा लिया और झड़ने लगी, ढेर सारा गर्म चूतरस बहने लगा.
मैंने उसकी चूत की फांकों पर अपना मुँह रख दिया और स्वाद भरा चूतरस पीने लगा.
रेखा अपनी आंखें बंद करके निढाल हो गयी थी. मैंने सारा चूत रस पी लिया.
फिर हल्के से अपने दांतों से रेखा की चूत को काट दिया, तो वो चिल्ला पड़ी- उफ्फ ऊंई मां मर गई हर्षद स्स स्स हा हाय बस करो ना हर्षद … आंह काटकर खा जाओगे क्या … अब बस भी करो और जल्दी से डाल दो अपना मूसल मेरी चूत में … तुम अब तक बहुत तड़पा चुके हो.
उसका उतावलापन देखकर मैं भी उठकर अपनी पोजीशन में बैठ गया.
मेरा लंड लोहे जैसा गर्म हो गया था. मैं एक हाथ में लंड पकड़कर, लंड का सुपारा रेखा की गीली चूत के मुँह पर रगड़ने लगा.
इससे रेखा सिहर उठी.
उसने अपने दोनों हाथ नीचे लेकर अपने हाथों से चूत को दोनों तरफ फैला लिया. मैंने लंड को जोर से धक्का मारकर पूरा सुपारा अन्दर डाल दिया.
सुपारा फंसते ही रेखा चिल्लाने लगी- ऊंई मां हाय मर गई उफ्फ इस्स स्स हुं हुं आहिस्ता डालो ना हर्षद. तुम्हारा बहुत बड़ा है रे … आह मेरी चूत फट जाएगी.
वैसे ही मैं रेखा के ऊपर झुक गया और उसके होंठों को चूसकर कहा- रेखा थोड़ी तकलीफ तो सहनी पड़ेगी तुम्हें … मैं आहिस्ता आहिस्ता ही डालूंगा.
मैं उसके होंठों को चूमने लगा. रेखा भी मेरी पीठ सहलाती हुई मेरे होंठों को चूम रही थी.
मैं अब उसके दोनों मम्मों को मसलने लगा.
रेखा मेरे कूल्हे और कमर सहलाने लगी.
थोड़ी देर बाद रेखा सामान्य हो गयी, वो अपनी कमर हिलाने लगी.
मैं भी उसके दूध रगड़ते हुए अपना लंड आहिस्ता आहिस्ता आगे पीछे करने लगा.
रेखा ने अपने दोनों हाथ मेरे गांड पर रखकर सहलाती हुई अपनी चूत पर दबाव देने लगी थी.
मैं भी समझ गया कि ये मजा लेने लायक हो गई है.
मैंने अपनी गति थोड़ी बढ़ा कर लंड पर दबाव बढ़ाया और थोड़ा थोड़ा करके चूत में डालता रहा.
रेखा भी मस्त होकर सिसकारियां ले रही थी.
मैंने अपने होंठों को रेखा के होंठों पर रख दिए और जोर से धक्का मारकर आधे से अधिक लंड रेखा की चूत में पेवस्त कर दिया.
लंड चूत की दीवारें चीरता हुआ अन्दर घुस चुका था.
रेखा कसमसाने लगी थी लेकिन चिल्ला नहीं सकी.
मैं उसके होंठों को चूसने लगा.
रेखा ने मेरे गालों को नौंचती हुई बोली- आंह बहुत बदमाश हो तुम हर्षद … चिल्लाने भी नहीं दिया मुझे … बहुत बुरे हो तुम!
मैं कुछ नहीं बोला और लंड को सैट करने में लगा रहा.
वो मेरे होंठों को चूसकर बोली- हर्षद अब पूरा चला गया ना अन्दर … चूत में बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- खुद ही देख लो.
रेखा ने अपना एक हाथ नीचे डालकर मेरा लंड पकड़ा.
वो लंड को पकड़कर देखने लगी और अचानक से चिल्ला कर बोली- ऊंई मां … अभी शायद तीन इंच बाहर ही है हर्षद … आज तो मेरी पक्के में फट जाएगी. यार मैं तो मर जाऊंगी हर्षद.
मैंने उसके स्तन सहलाते हुए कहा- तुम चिंता मत करो रेखा. एक बड़ा धक्का और सह लो. फिर मजे ही मजे ले लेना. इसके बाद में तुम खुद ही लंड अपनी चूत में बार बार लेना चाहोगी, सिर्फ एक बार रेखा सहन कर लो … और फिर खुशियां ही खुशियां हैं मेरी जान!
रेखा बोली- ठीक है हर्षद अब मैं तुम्हें नहीं रोकूंगी. मैं सह लूंगी सब दर्द. मैं किसी भी हालत में तुम्हारा मूसल जैसा लंड अपनी चूत में लेकर बरसों की प्यास बुझवा लूंगी हर्षद.
उसने मुस्कुराकर मेरे निपल्स को नौच लिया.
अब मैं सीधे घुटने के बल आ गया और अपने दोनों हाथों से रेखा की कमर को पकड़ कर रखा. उसकी दोनों टांगें अपने दोनों हाथों से दोनों तरफ फैलाकर लंड अन्दर बाहर करने लगा.
मेरा लंड रेखा की चूत में एकदम कसा हुआ, फंसा सा था. चूत के हिसाब से लंड काफी बड़ा था इसलिए घर्षण ज्यादा हो रहा था.
नीचे तकिया रखने की वजह से रेखा की गांड और चूत ऊपर उठी थी.
चूत का मुँह और गांड का छेद भी खुला हुआ था तो मैं लंड अन्दर बाहर कुछ आसानी से कर पा रहा था.
रेखा अपना सर ऊपर उठा कर लंड अन्दर बाहर जाते हुए देख रही थी.
उसे इसमें मजा आने लगा था तो रेखा ने अपने सर के नीचे बड़ा तकिया रखकर देखना शुरू कर दिया.
अब वो आराम से लंड चूत की लड़ाई का नजारा देख रही थी.
रेखा की चूत अन्दर से बहुत गर्म हो गयी थी. रेखा कामुक हो गयी थी. इससे उसकी चूत गीली हो रही थी.
मेरा लंड भी गीला हो गया था और हम दोनों को ज्यादा मजा आने लगा था.
अब मैं अपना लंड सुपारे तक बाहर निकालकर अन्दर डालने लगा था.
रेखा ये सब कामुक नजरों से देख रही थी.
मैंने अपने धक्कों की गति बढ़ा दी और पूरा लंड अन्दर डालने लगा था.
गीली चूत और गीला लंड होने के कारण, दोनों की घर्षण की कामुक पचा पच फच पचा पच की आवाजें निकलने लगी थीं.
रेखा मदहोश होकर सब देखती हुई जोर से सिसकारियां ले रही थी- आ हा स्स स्स ऊंई उफ्फ हुं हूँ.
मेरे मुँह से भी मादक सिसकारियां निकल रही थीं- ओ हा हा हम हाय स्स स्स!
पूरे बेडरूम में मादक आवाजें गूंजने लगी थीं.
कुछ ही देर में रेखा बड़बड़ाने लगी- हाय हर्षद और जोर से चोदो, आंह फाड़ दो मेरी चूत … बहुत बरसों की प्यासी है. ठंडी कर दो इसकी आग मेरे राजा.
मेरा लंड पिस्टन की तरह अन्दर बाहर हो रहा था.
रेखा की बातें सुनकर मैंने जोश में आकर पूरी ताकत से लंड के प्रहार रेखा की चूत में देने लगा.
मेरी जांघें रेखा की जांघों पर प्रहार कर रही थीं और मेरे अंडकोश रेखा की गांड के फूले हुए छेद पर प्रहार कर रहे थे.
इस तरह मेरा लंबा और मोटा लंड रेखा की चूत की गहराई में जाकर गर्भाशय के मुख को रगड़ रहा था तो रेखा को सनसनी होने लगी.
मेरे लंड के सुपारे को भी गुदगुदी होने लगी थी.
हर प्रहार के साथ रेखा ऊपर नीचे हो रही थी.
तेज प्रहारों की वजह से रेखा कामुक होकर चिल्ला रही थी.
कुछ ही समय बाद रेखा का बदन अकड़ने लगा था. रेखा अपनी गांड उठा उठाकर लंड चूत में ले रही थी.
फिर अचानक वही हुआ … रेखा झड़ने लगी थी. उसने अपना गर्म गर्म चूतरस मेरे लंड पर छोड़ दिया. वो मेरे लंड को अपनी चूत के रस से नहलाने लगी थी.
उसकी गर्मी पाकर मुझसे भी रहा नहीं गया और पूरे जोश के साथ रेखा को चोदने लगा, पूरा लंड बाहर निकालकर अन्दर डालने लगा था.
बीस धक्के मारने पर मेरा भी निकलने वाला था, मैंने रेखा से पूछा- वीर्य कहां लोगी?
रेखा बोली- तुम अपने लंड का अमृत मेरी चूत में ही छोड़ दो. तुम्हारे लंड का अमृत मुझे चूत में अनुभव करना है और अपनी चूत की प्यास भी बुझानी है. ये बरसों से प्यासी है हर्षद.
ये सुनते ही दो चार धक्कों के साथ ही मेरे लंड से वीर्य जोर से पिचकारियां छूटने लगीं.
वीर्य की धार सीधे गर्भाशय के मुखपर टकरा रही थी.
रेखा मेरा गर्म वीर्य अपनी चूत की गहराई में महसूस कर रही थी.
हमारी चुदाई फिलहाल पूरी हो गई थी, लेकिन डॉक्टर रेखा की चूत अभी भी बहुत प्यासी थी.
लेडी डॉक्टर पोर्न स्टोरी के अगले भाग में उसके साथ चुदाई के अगले दौर को लिखूंगा.
आप मुझे मेल जरूर कीजिए.
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लेडी डॉक्टर पोर्न स्टोरी का अगला भाग: लेडी डॉक्टर ने मेरे लंड की खुजली का इलाज किया- 5
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