गेस्ट हाउस की मालकिन- 1
(Ladki Ki Kamvasna Story)
लड़की की कामवासना स्टोरी में पढ़ें कि एक तलाकशुदा महिला हिमाचल में गेस्ट हॉउस चलाती थी. तलाक के बाद उसे सेक्स की बहुत इच्छा होती थी।
आप सबकी मिस कोमल मिश्रा एक नई लड़की की कामवासना स्टोरी के साथ आप लोगों का मनोरंजन करने आ गई है।
जो भी मेरे पुराने पाठक है उनको तो मेरे बारे में सभी कुछ पता होगा.
मगर जो नए पाठक है उनसे निवेदन है कि मेरी पिछली सभी कहानियां पढ़े उसमे मेरे बारे में सभी जानकारी प्राप्त हो जाएगी।
मेरी पिछली कहानी थी: मेरी हसीन किस्मत
मेरे सभी पाठकों को पता ही है कि मैं हर कहानी एक सत्य घटना के ऊपर ही लेकर आती हूँ।
इस बार भी आप सभी लोगों के लिए एक ऐसी ही घटना लेकर आई हूँ जो कि हिमाचल प्रदेश की है।
तो देर न करते हुए चलते हैं कहानी में, कहानी आप सभी को पसंद आएगी क्योंकि कहानी काफी कामुक होने वाली है।
लड़की की कामवासना स्टोरी लंबी है मगर आप कहानी के हर हिस्से को पढ़ें ताकि कहानी का पूरा मजा आप ले सकें।
ये कहानी है हिमाचल में रहने वाली पूजा की है जो एक तलाकशुदा महिला है।
तो अब कहानी आगे बढ़ाते हैं पूजा के ही शब्दों से!
यह कहानी लड़की की कामुक आवाज में सुनें.
नमस्कार दोस्तो!
मेरा नाम पूजा है और मैं हिमाचल प्रदेश में रहती हूं। मैं अपनी पहचान को जाहिर नहीं कर सकती इसलिए शहर का नाम नहीं बता सकती।
मेरी उम्र है 32 वर्ष; मेरी लंबाई 5 फीट 7 इंच, रंग गोरा शरीर की बनावट 34 – 30 – 36
वैसे भी आप सभी जानते होंगे कि भारत में ठंडे प्रदेश की लड़कियां कितनी सुंदर होती हैं. ठीक उसी तरह मैं भी काफी आकर्षक हूँ।
2012 में मेरी शादी हुई मगर परिवार में काफी दिक्कत के कारण 2014 में ही मेरा तलाक हो गया।
अब मैं अपने मायके में ही रहती हूँ. मैं अपने माता पिता की एक ही संतान हूँ.
जब मैं छोटी थी तभी मेरी माँ का निधन हो गया और 2016 में मेरे पापा भी गुजर गए।
अब मैं अकेली हूँ।
पापा का गेस्ट हाउस था, उनके जाने के बाद अब मैं ही उसे चलाती हूँ; वही मेरी आजीविका का एक मात्र साधन है।
जैसा कि आप लोगों को पता ही होगा कि ठंड के मौसम में हिमालय प्रदेश में देश विदेश के लाखों पर्यटक आते हैं। तो गेस्ट हाउस का बिजनेस यहाँ बहुत अच्छा चलता है।
यहाँ छोटे बड़े कई होटल है मगर कई लोग अपने घर के कुछ हिस्से में अपना छोटा सा गेस्ट हाउस बना कर रखते हैं।
ठीक उसी प्रकार हमारे यहाँ भी है आगे की तरफ हमने गेस्ट हाउस के चार कमरे बना रखे हैं.
पीछे हमारा घर है जहाँ मैं रहती हूं।
काम करने के लिए मैंने 2 नौकर भी रखे हुए हैं जो गेस्ट हाउस का सारा काम, देखभाल करते हैं।
दोस्तो, शादी से पहले मैंने कभी सेक्स नहीं किया था।
शादी होने के एक साल तक मैंने सेक्स का मजा लिया उसके बाद पारिवारिक विवाद के चलते मैं अपने पापा के यहाँ आ गई और फिर मेरा तलाक हो गया।
तलाक होने के बाद मुझे सेक्स की बहुत ज्यादा इच्छा होती थी।
जैसे जैसे जवानी बढ़ रही थी वैसे वैसे सेक्स की भूख बढ़ती जा रही थी।
फिर मेरी जिंदगी में एक दोस्त बना जो कि मुझसे 18 साल बड़ा था।
उनके साथ मैंने सेक्स का काफी मजा लिया। वो मुझे चुदाई के खेल में हर तरह से संतुष्ट करते थे।
वो मेरे घर के पास ही रहते थे इसलिए छुप छुप कर उनसे मिलने में आसानी होती थी और हम दोनों आये दिन मिलते थे।
मेरी जिंदगी में सबसे ज्यादा उन्होंने ही मुझे चोदा था।
इसके बाद वो अब दूसरे शहर में जा कर बस चुके हैं. अब उनके साथ मेरा कोई सम्पर्क नहीं है।
उनके अलावा मैंने अपने यहाँ आये दिल्ली के एक पर्यटक के साथ भी एक रात गुजारी है।
उसने भी एक रात मुझे चोदा।
मगर मेरी जिंदगी की एक ऐसी घटना है जिसे शायद मैं अपनी जिंदगी में कभी नहीं भुला सकती।
ये बात ताजा ही है 2018 की.
इस घटना के हर पहलू को आपको बताऊंगी ताकि मेरी जिंदगी की इस अहम घटना की पूरी जानकारी के साथ साथ आप लोगों को मेरी चुदाई का पूरा मजा मिले।
तो दोस्तो, सर्दियों का मौसम शुरू हुआ.
और हमारे यहाँ बर्फबारी का दौर शुरू होते ही देश विदेश के पर्यटकों का आना भी शुरू हो गया।
हमारे यहाँ के लगभग सभी होटल गेस्ट हाउस पूरी तरह से भर चुके थे।
मेरा भी गेस्ट हाउस भरा हुआ था।
सीज़न चलता रहा, कई गेस्ट आते गए और घूम कर जाते गए।
अब सीजन अपने आखरी दौर में पहुँच गया और पर्यटकों का आना भी कम होना शुरू हो गया था।
बर्फबारी भी बिलकुल न के बराबर ही हो रही थी।
अब मेरा गेस्ट हाउस भी खाली होता जा रहा था। इसलिए मेरे दोनों नौकरों ने भी छुट्टी ले ली।
मुझे भी नहीं लग रहा था कि अब कोई आएगा.
और अगर आएगा तो उतनी संख्या में तो नहीं आएंगे कि मैं सम्हाल न सकूं।
दो तीन दिन तो गेस्ट हाउस पूरा खाली ही रहा और मैं भी उम्मीद नहीं कर रही थी।
मगर एक दिन अचानक शाम को मेरे यहाँ 2 पर्यटक आ गए।
मैंने रजिस्टर में उनका नाम दर्ज किया और उनको 2 अलग अलग कमरे दे दिए।
वो दोनों ही पर्यटक अफ्रीका से आये हुए थे और 6 दिन के लिए उन्होंने कमरे बुक करवाये।
उनमें से एक का नाम जॉन्सन और दूसरे का नाम डेविड था।
उन दोनों की ही उम्र लगभग 40 से 45 के बीच थी।
मैं उनको कमरे देने के बाद उनके खाने पीने के इंतजाम में लग गई।
दो लोगों के लिए खाना बनाना मेरे लिए कोई खास काम नहीं था इसलिए मैंने अपने नौकरों को कोई सूचना नहीं दी।
जल्द ही अंधेरा छा गया, और करीब 7 बजे मैं उन दोनों के खाने का ऑर्डर लेने गई।
उस वक्त दोनों एक ही कमरे में थे और बैठ कर आपस में बात कर रहे थे।
उन्होंने अपने पास एक टूरिस्ट किताब रखी हुई थी जिसमें पूरी घूमने की जगहों के बारे में बताया गया था वो दोनों उसी को देख रहे थे।
मैंने उनके बताए हुए ऑर्डर को लिखा और जाने लगी तभी जॉन्सन ने मुझे बुलाया और खाने से पहले वाइन की बोतल मंगवाई।
उसके बाद मैं वहाँ से आ गई।
कुछ देर में ही मैं एक बोतल वाइन के साथ साथ कुछ खाने का सामान लेकर कमरे में गई।
तब जॉन्सन ने मुझसे लोकल जगह के बारे में कुछ जानकारी मांगी.
मैं कुछ समय उनके साथ बैठ कर उन दोनों को जगह के बारे में समझाती रही और फिर वापस आ गई।
करीब डेढ़ घंटे बाद मैं उन दोनों का खाना लेकर उनके कमरे में गई।
दोनों तब भी एक ही कमरे में ही थे.
मैंने खाना टेबल पर रखा।
टेबल पर वाइन की खाली बोतल रखी देख मैं समझ गई कि इन दोनों ने सारी वाइन पी ली है।
उस वक्त दोनों ही स्पोर्ट्स वाले हाफ लोवर और बनियान पहन रखी थी।
दोनों के ही शरीर काफी मसल्स वाले थे और दोनों काफी हट्टे कट्टे थे।
मैं बिना कुछ कहे ही वहाँ से आ गई।
करीब एक घंटे बाद मैं जाकर खाली बर्तन लेकर ले आई और अपना काम निपटाने के बाद।
गेस्ट हाउस के ऑफिस में बैठ कर टीवी देखने लगी।
रात के 11 बज रहे थे और मैं अब सोने के लिए जाने ही वाली थी कि जॉन्सन आफिस में आ गया और मेरे सामने वाली कुर्सी पर बैठ गया।
वो उस वक्त भी उन्हीं कपड़ों में था। वो नशे में था मगर काफी अच्छे से मुझसे बात कर रहा था।
बात करते हुए मेरी नजर अचानक से उसके लोवर की तरफ गई तो देखा कि उसका अंडकोश लोवर के बाहर लटक रहा था।
मैं उसे कुछ कह भी नहीं पा रही थी और मेरी नजर बार बार वहीं जा रही थी।
एक अकेली लड़की के लिए ये सब काफी उतेजित करने वाला पल था।
मेरी औरत की सोच बार बार यही सोच रही थी कि इसका अंडकोश इतना बड़ा है तो लंड कितना बड़ा न होगा।
बात करते हुए अब उसे भी नींद आ रही थी और करीब 12 बजे वो चला गया।
मैं भी ऑफिस बंद करके अपने कमरे में चली गई।
बिस्तर पर लेटे हुए भी मुझे वो नजारा याद आ रहा था। मेरे हाथ अपने आप ही अपनी चूत को सहलाने लगे थे।
मैं काफी समय से चुदाई से दूर थी और ये सब देख मेरा मन व्याकुल हो गया था।
किसी तरह मुझे नींद आ गई।
सुबह जल्दी उठकर मैंने दोनों का नाश्ते के ऑर्डर लिया और वो दोनों नाश्ता करने के बाद पहले से बुक की हुई कार से घूमने निकल पड़े।
जाते जाते उन्होंने साफ सफाई के लिए कमरे की चाभी दे गए।
सुबह 10 बजे सफाई के लिए मैं उनके कमरे में गई।
मैंने पूरा कमरा अच्छे से साफ किया और जब मैंने बिस्तर साफ करने के लिए तकिए को हटाया तो एक किताब दिखी।
उसमे एक से एक विदेशी लड़कियों की नंगी फ़ोटो थी।
मैं जान गई कि ये किताब इनकी ही है और दोनों काफी रंगीन मिजाज के हैं।
उसके बाद मैं वहाँ से आ गई।
दिन भर अकेली मेरे दिमाग में रात वाली बात और किताब की बात आती रही।
उससे पहले मैं कभी अफ्रीका के मर्दो के लंड के बारे में नहीं जानती थी।
मैंने यही सोचा कि जैसा सब का होता है उनका भी वैसा ही होगा।
मेरे मन में एक बात थी कि अगर इनमें से किसी ने मेरे साथ चुदाई का मन बना लिया तो मैं क्या करूंगी।
क्योंकि दोनों ही काफी सेक्सी टाइप के थे।
मेरे मन में तो ये था कि अगर ऐसा हुआ तो मैं मना नहीं करूंगी क्योंकि मुझे चुदाई किये काफी लंबा समय हो चुका था और मेरा बहुत मन कर रहा था।
शाम को दोनों वापस आ गए और उस शाम मौसम भी कुछ खराब होने लगा था।
मैंने दोनों को जल्दी ही खाना दे दिया और अपने ऑफिस में आकर टीवी देखने लगी।
रात 9 बजे जॉन्सन फिर से ऑफिस में आया और बैठ कर मुझसे बात करने लगा।
उस वक्त मैंने नाइट गाउन पहन रखा था और अंदर ब्रा नहीं पहनी थी।
मेरे दूध इतने सुडौल है कि बिना ब्रा के भी तने हुए रहते हैं, इसलिए मेरे निप्पल्स गाउन के सामने से साफ साफ झलक रहे थे।
गाउन के बीच से मेरे दूध की लाइन दिख रही थी जिस पर बार बार जॉन्सन की नजर जा रही थी।
इस बात को मैं भाँप गई थी मगर कुछ प्रतिक्रिया नहीं दे रही थी।
जॉन्सन मुझसे इंग्लिश में बाते कर रहा था मगर मैं आपको उसका हिंदी अनुवाद बताऊंगी।
वो मेरे परिवार के बारे में पूछ रहा था और मैं उसका जवाब दे रही थी।
मैं उस वक्त लंबे सोफे पर बैठी हुई थी और वो सिंगल सोफे पर!
बात करते हुए वो मेरे बगल में आ कर बैठ गया।
और किसी अच्छे दोस्त की तरह बाते करता रहा।
मगर उसकी नजर बार बार मेरे दिख रहे दूध की लकीरों पर जा रही थी।
फिर उसने मेरी सुंदरता की तारीफ करनी शुरू कर दी।
उसकी बातें सुनकर मुझे कुछ शक भी हो रहा था कि कहीं ये कुछ चाहता तो नहीं?
उसने मेरा एक हाथ अपने हाथ में लेकर मेरी उंगलियों से खेलना शुरू कर दिया।
उसके ऐसा करने से मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया।
अब आप समझ सकते हैं कि मेरा मन सेक्स की तरफ ही चला गया था।
उस वक्त अगर वो कुछ करने की कोशिश भी करता तो मैं अपने आप को रोक नहीं पाती।
इतना तो था कि वो मुझे लाइन मार रहा था।
बात आगे बढ़ती इससे पहले ही मौसम काफी बिगड़ गया और तेज़ बर्फबारी शुरू हो गई।
इसलिए वो अपने कमरे में चला गया।
मैं भी अपने कमरे में सोने चली गई।
बड़ी मुश्किल से उस रात मुझे नींद आई क्योंकि मैं गर्म हो चुकी थी।
दोस्तो, लड़की की कामवासना स्टोरी लंबी होने के कारण आप आगे की कहानी दूसरे भाग में पढ़ें।
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लड़की की कामवासना स्टोरी का अगला भाग: गेस्ट हाउस की मालकिन- 2
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