साहूकार का मोटा लंड मेरी चूत चोद गया- 2

(Indian Sex With Married Woman)

सोनल रावत 2024-07-01 Comments

इंडियन सेक्स विद मैरिड वुमन की कहानी में मेरे पति के कर्ज के बदले मुझे अपनी चूत देकर कर्ज चुकाना था. मुझे इस खेल में मजा आया. आप भी मजा लें.

दोस्तो, मैं सोनल आपको अपनी सेक्स कहानी में सुना रही थी कि अपने पति का कर्ज चुकाने में मैंने कैसे साहूकार के बड़े लंड से चुदने का मजा लिया.
कहने के पहले भाग
कर्ज के बदले में चूत दी
में अब तक आपने पढ़ा था कि उस दबंग साहूकार ने मुझे मेरे पति के सामने ही नंगी करके चोद दिया था और अब वह एक महीने बाद आने की कह गया था.

यह कहानी सुनें.

अब आगे इंडियन सेक्स विद मैरिड वुमन:

एक महीने का समय पूरा होने लगा था और मेरे पति पैसे का जुगाड़ नहीं कर पाए थे.

वे केवल छह लाख का ही इंतजाम कर पाए थे.
इसलिए वे बहुत टेंशन में आ गए और मेरे पास आकर मायूस होकर बैठ गए.

मैंने कहा- आप एक बार बात करो, शायद वह मान जाए.
मगर बात करने पर भी वह नहीं माना.

कुछ देर के बाद उसका कॉल दुबारा आया और वह मान गया था.
मेरे पति बोले- वह फिलहाल छह लाख के लिए ही मान गया है और कुछ समय का टाईम और देने को तैयार है. मगर वह कल पैसे लेकर तुम्हें भेजने को बोल रहा है.

यह सुनकर मुझे समझ में नहीं आया कि मैं क्या बोलूं!

एक तरफ मुझे मेरे पति की इज्जत बचानी थी और दूसरी तरफ जिस्म की प्यास कह रही थी कि उसके पास ही जाना है.

पहले तो मैंने मना कर दिया.
मगर मेरे पति नहीं मान रहे थे.
वे बोले- बहुत मुश्किल से पैसों का जुगाड़ हुआ है, अगर नहीं पहुंचाएंगे तो बहुत दिक्कत हो जाएगी.

हार कर मुझे अगले दिन शहर से बाहर एक गाँव में पैसे लेकर जाना था.
मेरे पति भी मेरे साथ गए थे.

करीब दो घंटे की ड्राइव के बाद हम लोग सही जगह पर पहुंच गए.

मेरे पति पैसे लेकर उसे देने गए, तब तक मैं कार में ही बैठी थी.

काफी देर तक उन लोगों की बातचीत चली.
करीब एक घंटा बाद मेरे पति वापस आए.

मेरे पति कार में आकर बोले- वह छह लाख लेने से मना कर रहा था. वह अब थोड़े थोड़े पैसे लेने से मान तो गया है लेकिन उसकी एक शर्त है!
मैं बोली- कैसी शर्त?

मेरे पति चुप हो गए.
लेकिन मैंने उनसे उगलवा लिया.

उसकी शर्त ये थी कि जब तक हम उसके सारे पैसे नहीं लौटा देते, तब तक हर महीने में एक दिन रात मुझे उसके साथ गुजारनी होगी.
मैंने झट से मना कर दिया.

मेरे पति इस बात से मुझ पर खफा हो गए और बोलने लगे कि महीने में एक ही दिन की तो बात है. मैं कोशिश करूँगा कि जल्द से जल्द उसके पैसे लौटा दूं.

मैंने गुस्से में अपने पति से कहा- वह मुझे बुलाकर मेरी पूजा तो करेगा नहीं!

वे मुस्कुराते हुए बोले- हां मैं जानता हूँ कि वह तुम्हारे साथ क्या करेगा. बस कुछ दिनों की बात है और वैसे भी तुम उसके साथ एक बार सेक्स कर चुकी हो, तो कुछ बार और करने में क्या हर्ज है?
मैं बोली- एक बार आपके कहने पर कर लिया था!

वे बोले- अभी भी तो मैं ही कह रहा हूँ न … मान जाओ मेरी जान!
मैंने कहा- ठीक है, आप कहते हो, तो मैं कर लूंगी.

मेरी रजामंदी जानकर वे खुश हो गए और बोले- आज तुम्हें यहीं रुकना होगा. कल मैं तुम्हें लेने आउंगा!

यह कहकर उन्होंने मुझे वहीं उतार दिया और कुछ पैसे दे दिए ताकि जरूरत पड़ने पर मेरे काम आ सकें.

मैं कुछ देर एक पेड़ के नीचे रुकी रही.
तभी वह लोग गाड़ी में बैठकर आए और मेरे पास आकर रूक गए.

उस गाड़ी में कुछ लड़के और एक लड़की भी थी जिसकी हालत कुछ ठीक नहीं लग रही थी.
उन्होंने मुझे गाड़ी में बैठने का इशारा किया और मैं उनके साथ बैठ गई.

कुछ दूर चलने के बाद ही हम लोग एक घर में आ गए.
वहां उन लोगों ने मुझे और उस लड़की को उतार दिया और बोले- यह लड़की आपका ध्यान रखेगी. कुछ भी जरूरत हो, तो इनसे बोलिएगा.
इतना कहकर सारे चले गए.

उस वक्त शाम के पांच बज रहे थे.
हम दोनों घर के अन्दर आ गए.

मैंने उस लड़की से उसका नाम पूछा, तो उसने अपना नाम तान्या बताया.
वह चाय चढ़ा कर सीढ़ी पर चढ़कर बैठ गई.

उसने एक झीने से कपड़े का घाघरा पहन रखा था.
उसके अन्दर उसकी चूत साफ साफ दिख रही थी.

उसकी चूत और झांटों पर मर्द का प्रेमरस लगा हुआ था.
मैं समझ गई कि यह चुदवाकर आई है.

मैंने पूछा- किसने किया तुम्हारा ये हाल?
वह मुस्कुरा कर बोली- यही सारे, जो गाड़ी में थे. साले सुबह से चोद रहे हैं.

मैंने कहा- ठंडी का मजा तो तुम ही उठा रही हो.
वह बोली- घबराओ मत, तुम्हारा भी यही हाल होने वाला है.

यह बोल कर वह चाय छानने लगी.

चाय पीते पीते मैंने उससे पूछा- तान्या मुझे भी ये सभी चोदेंगे क्या?
उस पर वह मुस्कुरा कर बोली- नहीं, बस मेरा देवर चोदेगा तुमको … बाकियों का कोटा मैंने दिन में ही पूरा कर दिया है.

कुछ देर में तान्या का बेटा बाजार से मटन लेकर आ गया.
वह खाना बनाने लगी और मैं टीवी देखने लगी.

रात के करीब आठ बजे तान्या ने मुझे खाने के लिए बुलाया.

मैं और तान्या साथ खाने बैठे. उसने ढेर सारा मीट मुझे परोस दिया.
मैंने कहा- कम डालो.
वह हंसकर बोलने लगी- अरे अच्छे से खाओ, रात भर कच्चा मीट भी तो खाना है.

यह सुनकर मैं शर्मा कर चुपचाप खाने लगी.

करीब साढ़े आठ बजे गांव में पूरा सन्नाटा पसर गया था.

ठंडी का मौसम था तो सब अपने अपने घरों में बंद हो गए थे.

तान्या सारा काम निपटाकर मेरे पास आई और बोली- चलो.
मैंने पूछा- कहां चलना है?
वह बोली- बस तुम मेरे साथ चलो.

मैं उसके साथ घने कोहरे के बीच खेतों की पगडंडियों के रास्ते एक तालाब के पास पहुंची.
वहां तालाब के बगल में एक मिट्टी का घर बना हुआ था. तान्या मुझे उसके अन्दर ले गई.

वह कमरा अन्दर से काफी बड़ा था और उसमें एक बेड लगा हुआ था, जिस पर कंबल वगैरह सब था.
तान्या ने मुझे बताया कि वह थोड़ी देर में आ रहा है.

मैंने बोला- तुम्हारा देवर यह सब काम कब से कर रहा है?
तान्या- पहले मेरे पति और ये साथ काम करते थे. कुछ साल पहले मेरे पति की मौत हो गई, तब से इसकी मनमानी और बढ़ गई है. उनका हिसाब का पैसा वसूलने के लिए इसने मुझे कई बार चोदा है. जब उसने मुझे नहीं छोड़ा, तो तुम्हें क्या छोड़ेगा. पैसे और दूसरों की पत्नी के अलावा उसे कुछ नहीं सूझता है.

अगले कुछ मिनट बाद वह कमरे में आ गया और उसने दरवाजे में कुंडी लगा दी.

वह तान्या के पास आया और बोला- भाभी, आज बहुत ठंड है और रात भी लंबी है.
इस पर तान्या बोली- ये नयी है, थोड़ा प्यार से सर्दी दूर करना.

वह हंसते हुए बोला- कोई नई नहीं हैं भाभी … इसको मैं पहले भी चोद चुका हूँ.
तान्या ने मेरी तरफ देखा, तो मैंने हां में सर हिला दिया.

तब तान्या ने उसे एक गोली दी और मेरी तरफ देख कर मुस्कुराती हुई बोली- फिर तो तुम दोनों अच्छे से खेलो.

वह मेरे पास आया और बोला- मुझे पता था कि तुम जरूर आओगी!
यह बोल कर वह मेरे पास आ गया और सैंडल उतार कर मुझे बेड पर लेटने को बोला.

मैंने वैसा ही किया.

वह बोला- जब से तुम्हें चोदा है, तब से तुम्हारे बारे में ही सोचता रहता हूँ.
यह कहकर उसने तान्या के द्वारा दी गई गोली को खा लिया.

मैं समझ गई कि इसने चुदाई की पावर बढ़ाने वाली दवा खाई है.

अब वह मेरे पास आ गया और बोला- तुम बहुत खूबसूरत हो!
मैंने शर्माकर एक मुस्कान दे दी.

उसने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और कुछ पल में वह पूरा नंगा हो गया.
उसका लंड किसी हथियार की तरह लटक रहा था.

उसने मुझसे उठने का कहा और अपने लंड पर मेरा हाथ रखकर बोला- इसे खड़ा करो मेरी जान!
मैंने पूछा- कैसे?
वह बोला-इसे अपने मुँह में लो … और चूसो.

मगर मैंने पहले कभी ऐसा नहीं किया था तो मुझे झिझक हो रही थी.

इतने में तान्या मेरे पास आयी और बोली- चूसो इसे!
मैंने उसकी तरफ देखा और बोली- मुझसे नहीं होगा!

इस पर वह बोला- भाभी, आप इसे चूसना सिखा दो.
तान्या ने उसका लंड पकड़ा और उस पर किस कर दिया.

उसने मुझे भी किस करने को बोला.
मैंने भी आंखें बंद करके किस कर लिया.

पहली बार किसी लंड को मैंने मुँह लगाया था.
तान्या ने उस लंड को पकड़ कर चमड़ी नीचे की ओर की और धीरे धीरे उसके लंड के सुपारे को अपने मुँह में भर लिया.

अब वह उसके लंड को मजे से चूसने लगी.
वह किसी लॉलीपॉप की तरह लंड को चूसने में लगी रही.

यह देखकर मुझे भी बहुत रोमांच आने लगा.
धीरे धीरे उसका लंड सख्त होने लगा.

कुछ देर बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैंने कहा- मुझे भी चूसना है.
मेरी यह बात सुनकर वह दोनों खुश हो गए.

तान्या ने मुँह से लंड निकाल कर कहा- ये हुई न बात.

अब मैंने उसके लंड को जैसे ही होंठों पर लगाया, तान्या ने फट से उसका मेरा सिर ठेल दिया, जिससे उसका पूरा लंड मेरे मुँह में भर गया.
यह मेरे लिए पहला अनुभव था.

मैं धीरे धीरे उसका लंड चूसने लगी.
मुझे बहुत अच्छा लगने लगा.

लंड चूसने में मैं इतनी मगन हो गई कि तान्या के जाने का मुझे अहसास ही नहीं हुआ.

थोड़ी देर बाद उसने मेरे मुँह से लंड निकाल दिया और बोला- अब इसे तुम्हारी चूत चखने दो.
यह कहकर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और वह मेरे पास आ गया.

उसने मेरे कंधे पर से मेरी साड़ी उतार दी.
अब मैं ब्लाउज और पेटीकोट में थी.

उसने नीचे हाथ लगाया और मेरी पेटीकोट को खींचकर ऊपर कर दिया.

जैसे ही पेटीकोट ऊपर उठा, मेरी नंगी चूत उसके सामने थी.
मैंने अपनी टांगें फैलाकर उसके लंड को मेरे अन्दर आने की अनुमति दे दी.

वह खुश होकर बोला- अरे वाह, आज तो तुम पूरे मूड में हो!
मैंने कहा- हां, आज मैं तुमसे चुदवाने ही तो आई हूँ.

उसने बिना देर किए अपने लंड को मेरी चूत में पेल दिया और जोर जोर से मुझे चोदना शुरू कर दिया.
धीरे धीरे मुझे भी मजा आने लगा.

वह इतनी बेरहमी से चोद रहा था कि पूरा कमरा फच्च फच्च की आवाजों से मचल उठा.

मेरे मुँह से ‘आह ओह चोदो ऐसे ही … फाड़ डालो मेरी चूत …’ यह सब निकलने लगा.

वह अन्धाधुन्ध धक्के मारता रहा और मैं मजे में सहती रही.
इस बार पिछली बार से ज्यादा मजा आ रहा था.

कमरे में कोई नहीं था इसलिए मैं भी खुलकर चुदवा रही थी.

चोदते चोदते वह बोला- घोड़ी बनो.
मैंने उसकी बात खुशी खुशी मानी और घोड़ी बन गई.

घोड़ी बना कर वह मुझे चोदने लगा और उसी पोजीशन में उसने मेरे ब्लाउज और ब्रा दोनों को उतार कर फेंक दिया.
अब मैंने अपने खुद से अपने पेटीकोट का नाड़ा ढीला किया और सर के रास्ते उसे उतार फेंका.

कुछ देर चोदने के बाद उसने अपना लंड निकाला और सारा माल मेरी पीठ पर डाल दिया.
वह बेड पर लेट गया और तेज तेज हांफने लगा.

मैं कुछ देर छाती के बल लेटी रही.
थोड़ी देर बाद हम दोनों को ठंडी लगने लगी तो उसने कंबल खींचकर मुझेओढ़ा दिया और वह खुद भी उसमें आ गया.

हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे.
करीब एक घंटे तक हम दोनों ऐसे ही लेटे हुए थे.

फिर उसने मुझे कमर पर हाथ रखकर चित किया.
वह मेरे बोबे पर हाथ फेर रहा था.
काश ऐसा प्यार मेरे पति करते.

उसने पूछा- क्यों मेरी जान, तैयार हो?
मैंने कहा- किसलिए?
वह बोला- दुबारा चुदने के लिए!
मैं मुस्कुरा कर बोली- ये भी कोई पूछने की बात है यार.

यह सुनकर वह मेरे ऊपर चढ़ गया और लंड मेरी चूत के मुहाने पर सैट कर दिया.

उसने बिल्कुल आराम से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया और बोला- मेरी हुस्न परी आज तो तुम्हारी चूत का भोसड़ा बना दूंगा.
मैं बोली- तुम्हें जो करना है, करो.

अब वह मुझे फिर से रौंदने लगा.
फिर से कमरे का माहौल चुदनुमा हो चला.

वह मुझे जगह जगह चूमने और चाटने लगा.
अब हम दोनों ने कंबल हटा दिया और अब मैं भी गांड उठा उठाकर चुदवाने लगी.

मैं तो मानो जन्नत की सैर कर रही थी.
कुछ ही देर की चुदाई ने मेरी चूत का रस निकाल दिया और मैं पहली बार झड़ गई.

वह मुझे अभी भी दनादन चोदे जा रहा था.
मैं उसे किस करने लगी और उसका लंड मेरी चूत को फाड़ रहा था.

चुदाई की वजह से मेरे बोबे जोर जोर से हिल रहे थे.

करीब बीस मिनट और चुदवाने के बाद मेरी चूत ने दोबारा पानी छोड़ दिया मगर वह मादरचोद मुझे चोदे ही जा रहा था.

साले का लंड था या दानव का लंड था.
वह रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था.

थोड़ी देर और चुदवाने के बाद मैं तीसरी बार झड़ने वाली थी.
मेरी चूत और उसके लंड ने एक साथ पानी छोड़ दिया.

वह मुझसे लिपट गया और कसके मुझे खुद से चिपका लिया.

उसका गर्म माल मेरी चूत को सुकून दे रहा था.

हम दोनों थक गए थे और कुछ पल वैसे ही लेटे रहे.

उसका लंड अब भी मेरे अन्दर था.

कुछ देर बाद मैंने समय देखा तो लगभग एक बजने वाला था.

उसने बगल में पड़ी थैली में से दो सेब फल निकाल कर मुझे दिए और एक खुद भी खाने लगा.
वह बोला- खा लो, अभी तो आधी रात बाकी है.
मैंने वैसा ही किया.

कुछ देर बाद हमारी तीसरी पारी शुरू हुई. वह लंड को अन्दर बाहर करने लगा.

उसके माल की वजह से मेरी चूत चिपचिपी हो गई थी और लंड सटासट अन्दर बाहर हो रहा था.
अब वह फिर से पूरी रफ्तार से मुझे चोदने लगा था. वह मेरे बोबों को जोर जोर से मसल रहा था.

मुझे दर्द भी हो रहा था लेकिन उतना ही मजा भी आ रहा था.

वह मुझे धकापेल चोदे जा रहा था मानो मैं कोई सेक्स की गुड़िया हूं.
उसके हर धक्के से मेरी चूत में जलन हो रही थी.

अब मेरी चूत ने चौथी बार अपना पानी छोड़ दिया.
उसका लंड किसी मशीन की तरह मेरी चूत में अन्दर बाहर हो रहा था.

इससे सुखदायक पल मेरे जीवन में पहले कभी नहीं आया था.
मैंने भी खुद को उसके लंड के आगे समर्पण कर दिया था.

करीब दस मिनट मुझे और चोदने के बाद वह मेरी चूत में ही झड़ गया.
इतना पहले किसी ने मुझे नहीं चोदा था.

कुछ देर बाद सब शांत हो गया.
हम दोनों कंबल में लिपट कर सो गए.
मेरी तो हालत खराब हो गई थी.

जब मेरी नींद खुली तो वह मेरी चूचियां चूस रहा था.
उसने कहा- मुझे तुम्हारी चूत को और चोदना है.

मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया कि साला इंसान है या हैवान!
वह बोला- क्या हुआ, तुम्हें मेरा लंड पसंद नहीं आया क्या?

मैं बोली- अगर पसंद नहीं आता, तो चुदवाने थोड़ी आती!
वह बोला- फिर क्या बात है?
मैं बोली- मुझसे नहीं होगा. तुमने चोद चोद कर मेरी हालत खराब कर दी है.

मैंने घड़ी की तरफ देखा तो सुबह के चार बजने वाले थे.
रात कितनी जल्दी बीत रही थी, पता ही नहीं चल रहा था.

वह मुस्कुराकर बोला- बस इतने में फट गई तुम्हारी. तुमसे बढ़िया तो मेरी तान्या भाभी है, जो पूरी रात मेरा साथ देती है.
यह सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आया.

आखिर मैं थी तो एक लड़की ही, खुद के सामने दूसरी औरत की तारीफ कैसे सुन सकती थी!
मैंने कहा- मैं उससे बेहतर हूँ.

यह कहकर मैंने खुद उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत में डाल लिया.
मैंने कहा- चोदो मुझे, जितना चोदना है … रगड़ दो इस चूत को!

उसने फिर से रफ्तार बनाई और घचाघच मुझे पेलने लगा.
वह बड़े चाव से मुझे चोदने लगा था और मैं भी खुशी खुशी चुदवाने लगी थी.

मेरे बोबों को मसल मसल कर उसने लाल कर दिया था मगर अब मुझे इन सब चीजों की फिक्र भी नहीं थी.

कुछ देर बाद मैं एक बार फिर से झड़ गई और मेरे अन्दर अब और सहने की ताकत नहीं बची थी.
उसकी भी रफ्तार पहले जैसी नहीं थी. वह भी थक चुका था.

कुछ देर बाद उसके झटके काफी तेज हो गए. मैं समझ गई कि यह फिर से झड़ेगा.
मैंने बोला- अन्दर ही झाड़ो.

मगर उसने अपने लंड को निकाल कर सारा माल मेरी चूत के बाहर झांटों पर ही गिरा दिया.
मैंने हाथ से सारा माल वहीं पौंछ लिया.

मैंने उसे किस किया और बोली- और चोदोगे क्या मुझे?
इस पर वह कुछ नहीं बोला.

हम दोनों के जिस्म की आग शांत हो चुकी थी.
इस इंडियन सेक्स के बाद हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर सो गए.

सुबह जब मेरी नींद खुली, तो कमरे में मैं अकेली थी.
घड़ी की तरफ देखा, तो सुबह के दस बजने वाले थे.

कुछ देर बाद तान्या मेरे पास आई और मुस्कुरा कर उसने मुझे चाय पकड़ा दी.

मैं उसके सामने बिल्कुल नंगी थी और मेरे बाल बिखरे हुए थे.

उसने पूछा- कैसी बीती रात मोहित के साथ?
मैंने कहा- वह एक दरिंदा है.

वह मुस्कुराती हुई बोली- जैसा भी है, मजा बहुत देता है.
मैं भी मुस्कुराकर बोली- हां वह तो है. आपके मोहित ने मेरी चूत को मोहित कर लिया है.

वह बोली- तुम भी कम नहीं हो, अभी तक जितनी भी यहां आई हैं. उनमें सबसे गोरी और सुन्दर हो. तुम्हें चोदने में उसको बहुत मजा आया होगा!

उसके बाद मैंने कपड़े पहने और तान्या ने मुझे अपनी स्कूटी पर ले जाकर बरेली छोड़ दिया.
क्योंकि उसे भी वहां से कुछ सामान लेना था.

इस चुदाई के बाद तो मुझे अपने पति का लंड लेने का मन ही नहीं करता.
अब मैं अक्सर नए लंड की तलाश में रहती हूं.

एक बार अगर आपको किसी गैरमर्द ने चोद दिया, तो फिर पति को वह प्यार दे पाना मुश्किल होता है.
इसके बाद तो मेरी चूत का मजा किस किस ने लिया, यह सब अगली कहानी में बताऊंगी.

इस इंडियन सेक्स विद मैरिड वुमन की कहानी पर आपके विचार आमंत्रित हैं.
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