सीधी सादी लड़की ने भरे जिन्दगी में नए रंग- 4
(Hot Sex Marriage Kahani)
हॉट सेक्स मैरिज कहानी में घरेलू मेड के साथ सेक्स करने के बाद मालिक को लड़की से और प्यार हो गया. वह उससे शादी करके उसे अपनी बनाना चाहता था.
कहानी के तीसरे भाग
सीधी सादी लड़की की कुंवारी चूत
में आपने पढ़ा कि कैसे एक इंजिनियर लड़के ने अपने घर में काम करने वाली जवान लड़की के साथ पहला सेक्स किया.
अब आगे हॉट सेक्स मैरिज कहानी:
सुबह तड़के दीपा उठ गयी और अपने क्वार्टर चली गयी.
नाश्ता करके हर्ष भी ऑफिस चला गया.
उसके पहुँचते ही रामू वापिस आ गया.
हर्ष ने उससे कहा- दिन में अच्छे से सो लेना, रात को जगा करो देखभाली के लिए!
रामू अपनी चिरपरिचित मुस्कराहट के साथ हाथ जोड़ कर आ गया.
दिन में वह दोपहर को खाना दे गया था.
वापिस जाते समय हर्ष ने रामू से कहा कि उसे कुछ सामान लेना है शहर से! तो क्या वह या दीपा शाम को चल सकती है उसके साथ?
अब रामू क्या कहता.
हर्ष ने रामू को सौ रूपये दे दिए कि अपने लिए कुछ खाने पीने का सामान ले लेना और यहाँ 5 बजे तक आ जाना और दीपा से कहना कि मैं उसे ले लूंगा और सामान पकड़ा कर ले आऊंगा.
उसके जाते ही हर्ष ने दीपा को फोन कर दिया कि शाम को तैयार रहना, बाजार चलेंगे. तुम्हारे लिए कुछ कपड़े लेने हैं.
दीपा ने काफी मना किया तो हर्ष बोला- नहीं, इन गंवारू कपड़ों को अब बाय बाय कह दो.
रामू शाम को पांच बजे आ गया था.
उसकी मुस्कुराहट बता रही थी कि उसने अपनी रात की दारु का इंतजाम कर लिया है.
हर्ष मोटरसाइकिल से कोठी आ गया.
दीपा तैयार थी.
उसने एक सलवार सूट पहना था.
बिना मेकअप के भी उसका चेहरा दमक रहा था.
अब मेकअप का सामान होता तो बेचारी लगाती.
दीपा मोटरसाइकिल पर उससे चिपक कर बैठी.
उसके मम्मे हर्ष से टकरा रहे थे.
हर्ष के कहने पर उसने अपनी बांहें उसकी छाती से लपेट दीं.
हर्ष ने सुनसान रास्ता देख कर सर घुमाकर उसे चूम लिया.
मार्केट में दीपा की नानुकुर के बावजूद भी हर्ष ने उसे दो-तीन नाईट ड्रेस, फ्रोक, सलवार सूट और मेकअप का सामान दिलवा ही दिया.
दीपा ने धीरे से कहा- आप भी अपने लिए कुछ अंडरगारमेंट्स ले लें. सभी बहुत पुराने हैं.
हर्ष मुस्कुरा दिया.
उसने अंडर गारमेंट्स अपने भी लिए और दीपा को भी दो-तीन ब्रा पेंटी सेट दिलवा दिए.
चलते चलते दीपा बोली कि उसे एक टॉवेल और शेम्पू दिलवा दें.
हर्ष ने मुस्कुराते हुए उसे साबुन, शेम्पू और जो दीपा ने और कहा दिलवा दिया.
मेडिकल स्टोर के पास निकलते में हर्ष ने पूछा कि गर्भधारण न करने की दवाई ले लेता हूँ.
इस पर दीपा बोली- अभी जरूरत नहीं है. अभी कुछ दिन कोई डर नहीं है.
दीपा बहुत खुश थी.
तब दीपा ने उससे पूछा कि उसे दीपा के लिए इतना खर्च करने की क्या जरूरत थी.
तो हर्ष ने उसे बताया कि कम्पनी नयी जगह ज्वाइन करने पर सामान वगेरा के लिए उसे खासा पैसा देती है. तो उसी में से उसने दीपा को सामन दिलाया है.
दीपा ने उसका हाथ कस के पकड़ रखा था.
लौटते समय अन्धेरा सा हो गया था.
दीपा मोटरसाइकिल पर दोनों और पैर करके हर्ष से चिपक कर बैठी.
कोठी पहुँच कर हर्ष ने जब तक बाइक खड़ी की दीपा ने में गेट लॉक कर लिया.
हर्ष उसे देखता रहा.
दीपा नजदीक आई और चिपट गयी हर्ष से और बोली- थैंक यू.
अब हर्ष को वह बहुत सलीकेदार और चुलबुली लगने लगी थी.
दीपा का ड्रेसिंग टेस्ट भी अच्छा था.
सही मायनो में आंटी ने उसे किसी अच्छे घर लायक बना दिया था.
उनके साथ रहकर दीपा में सलीका, तहजीब और तरीका आ गया था.
दीपा आते ही किचन में घुस गयी.
असल में उसे खाने की देर हो रही थी.
उसने वहीं से आवाज देकर पूछा- साहब, क्या चाय बना दूं या सीधा खाना ही खायेंगे.
हर्ष बोला- पहले चाय पियूँगा. तुम बनाओ, मैं कपड़े चेंज करके आता हूँ. किचन में ही पी लूंगा.
तब हर्ष चेंज करके पहुंचा तो दीपा चाय छान ही रही थी.
वह बोली- यहाँ कहाँ पियेंगे, मैं रूम में ले आती हूँ.
चाय के साथ दीपा ने पापड़ तल कर रखे थे.
वह उन्हें लेकर रूम में आ गयी.
हर्ष सोफे पर बैठा और दीपा को अपनी बगल में ही बैठा लिया.
दीपा चकित थी, अभिभूत थी.
हर्ष ने उसके गलों पट चूमकर कहा- एक बात कहूं, सोचकर जवाब देना. मैं भी तुम्हारी तरह अनाथ हूँ. कोई नहीं है मेरा. हालाँकि तुमसे मिले अभी कुछ ही दिन हुए है, पर मेरा दिल तुम पर आ गया है. अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हें अपना सकता हूँ. रामू को कोई ऐतराज नहीं होगा.
दीपा चुप रही.
हर्ष ने उसक हाथ अपने हाथ में ले लिया, बोला- जवाब अभी मत दो. अच्छे से सोचो, फिर तय करना. और हाँ वैसे तो रामू तुम्हारे नजदीक नहीं आता, पर आये भी तो अगले कुछ दिन के लिए तुम उसे पास मत आने देना. फिर जैसा तुम तय करोगी. हाँ इस बीच हम दोनों एक होकर रहेंगे, किसी को कुछ मालूम नहीं पड़ेगा. और तुम्हें गर्भ नहीं ठहरे, इसका तुम्हें ख्याल रखना होगा.
दीपा शरमा कर जाने के लिए खड़ी हुई तो हर्ष ने हाथ पकड़कर गोद में बिठा लिया और उसे होंठों पर चूम लिया.
चाय पीकर दीपा किचन में चली गयी.
डिनर से निबटकर दीपा हर्ष के रोकने पर भी न रुकी और यह कहकर अपने अपने क्वाटर में चली गयी- मेरा सर भारी हो रहा है.
हर्ष ने भी उसे नहीं रोका.
हर्ष सिगरेट पीता हुआ रात 11 बजे तक कमरे में टहलता रहा.
वह बहुत बेचैन था. वह कमरे से बाहर निकला तो देखा कि दीपा बाहर बरामदे में सीढ़ियों पर गुमसुम बैठी है.
हर्ष उसके पास गया तो दीपा लिपट गयी उससे … और रो पड़ी.
रोते रोते उसने कहा- साहब, धोखा तो नहीं देंगे मुझे? किस्मत ने वैसे ही अभागी बना रखा है मुझे!
हर्ष ने उसे गोद में उठा लिया और कमरे में ले आया.
वह उसे लेकर सीधा भगवान की फोटो के पास गया और दीपा को नीचे खड़ा करके उसका हाथ थामा और पूजा से रोली लेकर उसकी मांग भर दी.
दीपा लिपट गयी उससे!
हर्ष ने उससे कहा- आज से तुम मेरी, मैं तुम्हारा! बस रामू से तुम्हें लेने का कोई रास्ता निकलता हूँ.
तब हर्ष ने दीपा से कहा- रो रोकर तुमने अपना चेहरा खराब कर लिया है. जाओ फ्रेश होकर आओ. और जो छोटी सी नाईट ड्रेस आज ली है, वही पहनना.
दीपा ने आज खरीदे सारे कपड़े हर्ष की अलमारी में ही नीचे रख दिए थे.
वह कपड़े निकालकर चुपचाप बाथरूम में चली गयी.
हर्ष किचन में जाकर एक बड़े मग में कॉफ़ी बना लाया.
दीपा नहाकर बाहर आई तो उसने चादर लपेटी हुई थी.
हर्ष ने हंस कर कहा- ये क्या?
तो दीपा बोली- ड्रेस बहुत छोटी है, मुझे शर्म आती है.
फिर कॉफ़ी देख कर उसने हर्ष से कहा- मेरे रहते आपने क्यों बनायी, मैं बना देती.
हर्ष बोला- आज मेरे हाथ की कॉफ़ी पीकर देखो.
तभी हर्ष ने उसे आलिंगन में लेकर चादर हटा दी.
दीपा शरमा गयी.
वह बिल्कुल किसी अक्षत नवयौवना दिख रही थी.
दीपा ने भागकर लाईट बंद कर दी.
हर्ष ने उसे बाँहों में भर लिया और माथे पर चूम लिया.
इस चुम्बन में वासना नहीं बल्कि प्यार था.
दोनों बेड पर आ गए.
हर्ष ने बाथरूम की लाईट खोल कर थोड़ा सा दरवाजा खोल दिया जिससे कमरे में हल्की रोशनी आती रहे.
दीपा इस नाईट ड्रेस में बिलकुल कामदेवी नजर आ रही थी.
हर्ष ने दीपा के साथ फटाफट कॉफ़ी निबटाई.
तब हर्ष ने दीपा को अपने सहारे बेड पर लिटा लिया.
दीपा अचानक हर्ष से लिपट गयी और बोली- जो कुछ हो रहा है, वह हकीकत है या सपना.
हर्ष ने उसके होंठों पर चुम्बनों की बरसात करते हुए कहा- तुम क्या चाहती हो?
दीपा ने उसे कस के चिपटाया और कहा कि वह उसे भरपूर प्यार देना चाहती है.
जल्दी ही दोनों के कपड़े उतर गए और दोनों एक दूसरे में समाने की होड़ में गुत्थम गुत्था हो गए.
आज दीपा को पागलपन चढ़ा था.
वह बढ़चढ़ कर हर्ष का सेक्स में साथ दे रही थी.
हर्ष दीपा के जिस्म के हर अंग को महसूस करना चाहता था.
उसने दीपा की पैर की उँगलियों से सर तक जिस्म के हर अंग को चूमा.
नए साबुन से नहाने से दीपा का जिस्म महक रहा था.
दीपा के हाव-भाव और कामभावना यह दर्शा रही थी उसका आज का समर्पण दिल से है.
वह हर्ष में समा जाना चाहती थी.
जब हर्ष ने अपना लंड उसकी चूत में घुसाया तो वह सिहरी, हल्की सी सिसकारी निकालते हुए उसने हर्ष को अपने से चिपटा लिया, मानो उसे डर हो कि कहीं वह हर्ष को खो न दे.
दोनों के जिस्म कुछ पलों के लिए तो इसे चिपक गए कि वे एक जिस्म और एक जान हो गए हों.
हर्ष ने चुदाई शुरू.
तो दीपा नीचे से उछल उछल कर उसका पूरा साथ दे रही थी.
हर्ष का मजबूत औज़ार आज दीपा की चूत में गहराई तक उतर कर धकापेल मचा रहा था.
पर आवेग दीपा का भी कम नहीं था; उसने शर्म लिहाज छोड़ कर हर्ष को नीचे किया और चढ़ गयी हर्ष के ऊपर!
दीपा ने यह कला एक बार अंकल आंटी के बेडरूम में झांककर देखी थी.
तो उसने उसी स्टाइल में हर्ष के साथ चुदाई शुरू की.
फिर तो अपने आप दीपा की हाथ ऊपर हवा में उठ गए और बाल लहराते रहे.
वह मस्ती में हर्ष के ऊपर उछल रही थी, हर्ष का लंड पूरी गहराई तक महसूस कर रही थी.
हर्ष ने भी उसके गोरे गोरे मांसल मम्मे रगड़ रगड़ कर लाल कर दिए थे.
दीपा ने जो लाल रंग की लिपस्टिक लगाई थी वह उसके और हर्ष के चेहरे पर फ़ैल गयी थी.
हर्ष ने बड़ी मुश्किल से उस पर काबू पाया और उसे नीचे लिटाकर फाइनल राउंड की चुदाई करते हुए सारा माल आज दीपा की चूत में ही निकाल दिया.
दीपा ने उसे कस कर भींच लिया.
मानो वह हर्ष के वीर्य का एक कतरा भी बाहर नहीं निकालना चाहती थी.
दोनों ऐसे ही चिपटकर नंगे ही सो गए.
अगली सुबह हर्ष की आँख साईट पर से ठेकेदार के फोन से खुली.
वह उसे बुला रहा था.
हर्ष ने पूछा- क्या बात है?
तो वह बोला- साहब, आप जल्दी आ जाइये.
हर्ष फटाफट कपड़े पहन कर साईट पर पहुंचा.
तो वहाँ सारी लेबर जमा थी.
उसको ठेकेदार ने बताया- रामू और एक मजदूर ने मिलकर चोरी की कोशिश की है. वह तो किसी अन्य लेबर ने देख लिया तो उन्हें पकड़ लिया और बहुत मारा.
अब वह हर्ष पुलिस को बुलाने को कहने लगा.
लेबर ने दोनों को ही बहुत मारा था.
रामू तो उसे देखते ही पैरों पर पड़ गया.
हर्ष ने सोचा कि यही मौक़ा है दीपा को रामू की कैद से छुड़ाने का.
उसने ठेकेदार से कहा- इस मजदूर को तो तुरंत काम से हटा दो और मैं रामू को पुलिस में जेल भिजवा देता हूँ.
रामू को उसके पास छोड़ सब वहां से चले गए.
अब रामू तो उसके पैर छोड़ ही नहीं रहा था.
हर्ष ने उससे एक कागज लिखवाया कि उसने चोरी की है और आगे नहीं करेगा.
फिर उसने रामू से कहा कि वह उसे इस शर्त पर जेल जाने से बचा सकता है कि वह दीपा को छोड़ दे.
इसके एवज में हर्ष उसके ऊपर लगे इल्जाम को हटा देगा और उसे कुछ धन भी देगा. पर उसे यह इलाका छोड़ कर जाना होगा.
रामू झट तैयार हो गया.
हर्ष ने एक कागज़ बनाया और उस पर रामू से यह लिखवा लिया कि उसका और दीपा का कोई सम्बन्ध नहीं है. वह तो दीपा बेसहारा थी इसलिए उसने उसे अपने पास रख लिया था. पर अब चूँकि दीपा अलग होना चाहती है तो उसे कोई ऐतराज नहीं कि वह अलग रहे या किसी से शादी कर ले.
हर्ष रामू को लेकर गेस्ट हाउस पर आया, दीपा को सारी बात बतायी.
रामू का सारा सामान एक टेम्पो में लादकर रामू को उसके गाँव भेज दिया.
साथ ही हर्ष ने रामू को यह कह कर भी धमका दिया कि अगर उसने कोई गड़बड़ की तो वह उसकी चोरी की पुलिस रिपोर्ट कर देगा.
रामू उसके पैर छूकर चला गया.
दीपा गुमसुम थी.
हर्ष ने उसे पुचकार कर कहा कि वह अपने वायदे पर कायम है. वह आज ही उससे मंदिर में शादी करने को तैयार है.
दीपा लिपट गयी हर्ष से!
हर्ष ने अपना वायदा निभाया और न केवल मंदिर में जाकर शादी की, बल्कि रजिस्ट्रार के यहाँ शादी भी रजिस्टर्ड करवा ली.
अब दोनों की जिन्दगी में नए रंग भर गए थे.
दीपा ने हर्ष की जिन्दगी सेक्स मैरिज करके गुलज़ार कर दी.
उसने हर्ष को अपना दीवाना बना लिया कि अब हर्ष बिना उससे रात को दो बार सेक्स किये सोता नहीं था.
दोनों को सेक्स का पुराना तजुर्बा नहीं था पर अब पोर्न फ़िल्में देख देख कर दीपा लंड चुसाई में परफेक्ट हो गयी थी.
और हर्ष ने भी चुदाई के नए नए आसन सीख लिए थे.
सबसे बड़ी बात यह थी कि दीपा सेक्स में उसका भरपूर साथ देती.
दीपा को शौक भी था और तहजीब भी … तो वह नित नए कपड़ों में परी बनी घूमती कोठी में!
चूँकि कोठी में एकांत का माहौल था तो हर्ष और दीपा अक्सर बिना कपड़ों या कम कपड़ों के रहते.
दुनिया में उनका कोई नहीं था पर एक दूजे के होकर उन्होंने अपने ऊपर लगा अनाथ का बदनुमा दाग हटा दिया.
दोस्तो,
कैसी लगी मेरी हॉट सेक्स मैरिज कहानी?
लिखिएगा मुझे मेरी मेल आई डी ‘[email protected]’ पर.
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