रईस बाप की बिगड़ी हुई औलाद- 4

(Hot Girl Dirty Story)

सनी वर्मा 2024-08-31 Comments

हॉट गर्ल डर्टी स्टोरी में पति के लंड से मजा ना मिलने के कारण पत्नी ने अपने पुराने चोदू यार को अपने जाल में फंसाया और उससे सेक्स का मजा लेने लगी.

कहानी के पिछले भाग
पुराने यार के लंड की याद आई
में आपने पढ़ा कि रईस आदमी की गर्म बीवी को शादी के बाद पति से पूरा सेक्स नहीं मिला तो उसे अपना पुराना प्रेमी तलाशा और उसके साथ पुएने चुदाई के दिन याद करने का प्लान बनाया.
रईस बाप की बिगड़ी हुई औलाद- 3

अब आगे हॉट गर्ल डर्टी स्टोरी:

अब उसने शुचित की टी शर्ट उतार दी और उसके निप्पल को चूमने लगी.

निमिषा ने अपना एक हाथ नीचे करके शुचित के तने लंड को ऊपर से रगड़ दिया और फुसफुसाई- तुमसे ज्यादा तो तुम्हारे औज़ार को मालूम है कि आगे क्या करना है.

अब निमिषा शुचित को लेकर बेड के पास गयी और एक झटके मैं अपनी ड्रेस उतार फेंकी.
वह बिल्कुल नंगी खड़ी थी.

उसने अपनी नाजुक उंगलियों को शुचित के लोअर में फंसा कर मय अंडरवियर के उतार दिया.
अब दोनों मादरजात नंगे थे.

निमिषा बेड पर टाँगें फैला कर लेट गयी और इशारे से शुचित को बुलाया.
शुचित को मालूम था कि निमिषा को चूत चटवाना बहुत अच्छा लगता है.
वह नीचे झुका और अपनी जीभ निमिषा की गुफा पर रख दी.

क्या मदमस्त खुशुबू थी वहां … बिल्कुल चिकनी रेशम सी चूत थी आज भी निमिषा की!

निमिषा ने उसके बाल पकड़ कर उसे अपनी ओर खींचा.
शुचित ने उसकी फांकों को चौड़ाया और अपनी जीभ उतार दी पूरी गहराई में!

निमिषा की चूत को थूक से सराबोर करके वह जीभ अंदर से अंदर घुमाने लगा और अपनी उंगलियों से उसने आस पास के इलाके को रगड़ना शुरू किया.

तभी निमिषा ने भी अपनी उंगलियों से अपनी फांकों को चौड़ा दिया था.

शुचित ने एक हाथ ऊपर किया और निमिषा के मांसल मम्मे लपक लिए और लगा मसलने!
निमिषा के मम्मे पहले के मुकाबले खूब मांसल हो गए थे.

शुचित ने इतनी जोर से उन्हें रगड़ा कि निमिषा कसमसा उठी.

इससे शुचित समझ गया कि वह अब अपने मम्मे दबवाना चाहती है.
शुचित अब उसके ऊपर चढ़ गया और उसके मम्मे एक एक करके चूमने लगा.
उसने अपनी दांतों के दबाव से उन्हें खूब चूसा.

उसका लंड निमिषा की चूत के ऊपर मचल रहा था.

निमिषा ने टांगें खोली और अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत के मुंहाने पर रोक कर अंदर पेल लिया.
अब शुचित ने भी पूरा जोर लगाया. उसका लंड फिसलता हुआ सीधे निमिषा की चूत की गहराई में उतर गया.

आज पांच साल के बाद निमिषा की चूत में पुराने आशिक का मजबूत लंड घुसा था.
वह चीख उठी, बोली- फाड़ोगे क्या? अब आदत ख़त्म हो गयी है तुम्हारे लंड की. धीरे धीरे करो … फिर पूरी ताकत दिखाना. आज देखना चाहती हूँ कि तुम्हारे औजार में उतना जोश बचा है या तुम्हारी बीवी ने निचोड़ दिया.

शुचित की मर्दानगी पर चोट पड़ी.
वह भी महीनों से चुदाई का प्यासा था.

अब उसका संकोच पूरा ख़त्म हो गया था.
उसने निमिषा की टांगों को ऊपर करके चौड़ाया और पूरे दमखम से निमिषा की चुदाई शुरू कर दी.

निमिषा को मज़ा आने लगा था.
वह गंदे गंदे शब्द बोल कर उसे उकसा रही थी और नीचे से उचक रही थी.

शुचित भी पूरे जोश से धक्के लगा रहा था.

अपनी पुरानी आदत के अनुसार वासना की अग्नि में जलती निमिषा ने उसे नीचे किया और चढ़ गयी उसके ऊपर और लंड को अपनी चूत में सेट करके लगी जोर जोर से उछलने!

बहुत दिनों की प्यासी थी निमिषा की चूत … पूरा जिस्म जल रहा था उसका!
आज वह अपनी हर चाहत को शांत करना चाह रही थी.

वह जल्दी ही थक गयी.
शुचित की परफॉरमेंस उसकी सोच से ज्यादा अच्छी रही.

उसे शुचित ने वापस नीचे बेरहमी से पलटा और उसकी चूत में दोबारा पेलमपेल शुरू कर दी.

अब निमिषा का तो होने को था, वह बोल रही थी- जानू मजा आ गया. आज तो तुमने मेरी चूत की आग और भड़का दी. आज पूरी रात चोदना मुझे!

शुचित का भी होने को था, उसने पूछा- कहाँ निकलूं?
तो निमिषा ने उसे अपने से भींच लिया और बोली- पूरा मेरी चूत में ही निकाल दो.

शुचित ने अपने वीर्य से निमिषा की चूत की गोद भर दी और वहीं पास में लुढ़क गया.

थोड़ी देर में निमिषा ने उसे उठाया और दोनों वाशरूम में शावर के नीचे खड़े हो गए.

निमिषा भी गर्म थी.
शुचित ने वहीँ शावर के नीचे उसे घोड़ी बना कर एक बार और चोदा.

निमिषा अब पूरी तरह से निहाल हो चुकी थी.

रात के 2 बज गए थे.
निमिषा को सब कुछ देखना था, उसने शुचित से कहा कि कपड़े पहन कर अपना लैपटॉप लेकर आराम से अपने रूम में चला जाए.

अगले दिन सुबह 10 बजे ही निमिषा का फोन शुचित के पास आ गया.
उसने उसे गोवा में ही एक महंगे बीच रिसोर्ट में मिस्टर एंड मिसेज शुचित के नाम से एक कोटेज बुक करने को कहा.

शुचित की क्या हिम्मत जो वह उससे पूछता की किसलिए!

अगले दस मिनट में शुचित ने बुकिंग की और डिटेल निमिषा को दे दी.

अब निमिषा ने उससे कहा कि वह अपने रूम से चेकआउट करके टैक्सी से उस रिसोर्ट में पहुंचे और चेकइन करे.
आई डी में अपने साथ अपनी बीवी की आई डी लगा दे और कह दे कि उसकी बीवी अगली फ्लाइट से आ रही है.

शुचित ने ऐसा ही किया.
एक घंटे बाद निमिषा अपना एक बेग लेकर टैक्सी से रिसोर्ट पहुंची.

बाहर गेट पर शुचित ने उसे रिसीव किया.
दोनों एक दूसरे से चूमते चिपटते हुए लॉबी के साइड से होते हुए अपने रूम में पहुंचे.

चूंकि चेक इन हो चुका था तो किसी के रोकने टोकने का प्रश्न ही नहीं था.

रूम में पहुँचते ही निमिषा लिपट गयी शुचित से और बोली- कल तो तुमने मेरी आग भड़का दी. अब हमारे पास 24 घंटे हैं, कल दोपहर की फ्लाइट है दिल्ली की. उससे पहले मुझे अपने होटल जाकर चेकआउट करना है. इन 24 घंटों में तुम मेरे स्टाफ नहीं बल्कि आशिक बन कर रहो. सब कुछ भूलकर हम ऐसे प्यार करें कि सारी हदें टूट जाएँ.

कहकर निमिषा ने शुचित के होंठों से अपने होंठ भिड़ा दिए.
शुचित ने भी उसे कस कर भींच लिया अपने से.

निमिषा फ्रॉक पहने थी.

शुचित ने उसे चूमते चाटते धकेलते हुए पीछे दीवार से जा भिड़ाया.

निमिषा ने मुंह दीवार की तरफ कर लिया और हाथ ऊपर दीवार पर टेक दिए.

शुचित उससे पीछे से लिपट गया और उसकी बाँहों पर हाथ फेरते हुए उसकी फ्रॉक को ऊपर खींच कर उतार दिया.
साथ ही अपनी टी शर्ट भी उतार दी.

अब शुचित जीभ से उसकी गर्दन और पीठ पर चूमता रहा और दांतों से उसने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.

निमिषा अब पीछे घूमी और फुर्ती से उसने शुचित की जींस माय अंडर वियर के उतार दी और नीचे बैठ कर उसका लंड अपने मुंह में ले लिया.

शुचित उसके बालों में उंगलियाँ घुमाता रहा फिर थोड़ी देर बाद शुचित ने उसे गोदी में उठा लिया और चूमते हुए बेड पर लिटा दिया और उसके जिस्म को चूमने लगा.

निमिषा प्रिंटेड ब्रा पेंटी सेट में थी.
गोवा के चिपचिपे मौसम में नहाने का मूड बन ही जाता है.

शुचित ने भी निमिषा से फुसफुसाकर पूछा- चलो शावर लें.
निमिषा बोली- अब कल तक जैसे तुम्हारे मन में आये वह करो, बस मुझे प्यार करते रहो.

शुचित ने निमिषा को गोदी में उठाया.
निमिषा नंगी ही शुचित के गले में लटकी हुई थी.
शुचित का तना हुआ लंड उसके बम की दरार के आस पास टक्कर मार रहा था.

तब शुचित ने उसे निमिषा की चूत के मुंहाने पर सेट किया और अंदर सरका दिया.
वह ऐसे ही निमिषा को लेकर शावर के नीचे खड़ा हो गया.

ऊपर से ठन्डे पानी की फुहार ने सुलगते जिस्मों को और दहका दिया.
निमिषा शुचित को ताबड़ तोड़ चूम रही थी.

शुचित ने उसे नीचे खड़ा किया और उसके मम्मे कस-कस के चूसने लगा.
उसने निमिषा के निप्पलों को दांतों से हल्का सा काटा भी.

निमिषा नीचे बैठ गयी और उसने शुचित का लंड मुंह में ले लिया और लगी लपर लपर चूसने!

थोड़ी देर बाद शुचित ने निमिषा को खड़ा किया और उसकी एक टांग उठा कर बाथटब के ऊपर रख कर उसकी चूत में अपना लंड पेल दिया.

अब वह खड़े खड़े धक्के लगा रहा था.
निमिषा को बहुत मजा आ रहा था.
उसकी चुदास तो वह जितनी चुदती उतनी ही बढ़ती जाती थी.

हॉट गर्ल डर्टी सेक्स के लिए उसने शुचित को बेड पर चलने के लिए कहा.
दोनों ने अपने को टॉवेल से सुखाया.

निमिषा शुचित की पीठ पर पिद्दी बनकर लटक गयी और उसने अपनी टांगें शुचित की कमर पर लपेट दीं.

शुचित उसे लेकर बेड पर पहुंचा और आहिस्ता से उसे बेड पर लिटा दिया.

निमिषा अब 69 हो गयी.
अब दोनों एक दूसरे को चूम रहे थे.
निमिषा चुदासी हो रही थी तो वह शुचित के ऊपर चढ़ी और अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत के ऊपर सेट कर लिया और लगी उछलने!

वह जितना उछलती, उसके मम्मे उतना ही उछलते.

शुचित ने उन्हें लपक लिया और लगा मसलने.
अब वह सारी लिहाज ख़त्म कर के बड़ा बेदर्द सेक्स करने लगा.

निमिषा का जिस्म भी जल रहा था और उसे तलब थी इस समय एक फुद्दीफाड़ू सेक्स की.

वह नीचे लेट गयी और शुचित को खींच लिया अपने ऊपर.

शुचित उसे तड़फाना चाहता था.
वह उसके ऊपर लेट गया और मछली की तरह तैरते हुए उसके मम्मे चूमने लगा.

उसका लंड निमिषा की चूत से रगड़ता हुआ आगे पीछे होने लगा.

निमिषा के होंठ से शुचित ने अपने होंठ भिड़ा रखे थे.
उसने अपनी जीभ निमिषा के मुंह में डाल रखी थी.

अब निमिषा ने उसका लंड पकड़ लिया और अपनी चूत का रास्ता दिखा दिया उसे!
शुचित ने पूरी ताकत से लंड घुसेड़ा तो निमिषा चीख उठी.

इससे पहले की वह कुछ कहती, शुचित बोला- आज फाड़ दूंगा तुम्हारी चूत … बड़ी चुदास उठ रही है तुम्हें! आज तुम्हारी सारी गर्मी निकाल दूंगा. अब तुम्हें अपनी रखैल बनाऊंगा. तुम रोज़ चुदने मेरे पास आओगी मेरी बॉस बनकर नहीं मेरी रखेल बनकर. बोल आएगी न?

निमिषा के कान तो तरस गए थे ऐसी भाषा सुनने के लिए.
वह भी अकड़ी और नीचे से धक्के लगाते हुए अपने नाख़ून शुचित की पीठ में गड़ाते हुए बोली- हाँ मेरी पूरे दमखम से चुदाई कर. आज अपनी मर्दानगी दिखा मेरे शेर. तू मुझे रोज चोद, मैं तेरी रखेल बन कर रहूंगी. पर मर्दानगी दिखा अपनी. अब भोसड़ी वाले बातें बंद कर सिर्फ चूत फाड़ने पर ध्यान लगा. और नहीं फाड़ पाया तो ये तेरा औज़ार चाक़ू से काट दूँगी.

अब तो दोनों और से मशक्कत शुरू हो गयी.
शुचित पूरे दमखम के साथ निमिषा की चुदाई में लग गया.

वह आज उसका हर अर्ज़ा पुर्जा ढीला करना चाहता था.
निमिषा की चूत भी बिल्कुल कसी हुई थी.

शुचित के कसरती जिस्म को निमिषा की आग बुझाने में पूरी ऐड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा.

जब तूफ़ान थमा तो दोनों बेहाल थे.
बेड के तकिये कहीं दूर पड़े थे और गद्दे भी बेतरतीब हो गए थे.
ऐसा लगता था कि बेड पर कहीं कोई मल्ल युद्ध हुआ हो.

निमिषा थकी हुई पस्त सी पड़ी थी पर उसके चेहरे पर मुस्कराहट और आँखों में चमक थी.

वह बोली- शुचित, आज तुमने वही पुरानी याद ताज़ा कर दी. मजा आ गया आज की चुदाई में. आज रात भर सोने नहीं दूँगी.

तभी निमिषा का फोन बजा.
विजय था.
उसने बताया कि वह दुबई से सीधा गोवा ही आ रहा है. उसकी फ्लाइट शाम तक आने वाली थी.

निमिषा का सारा प्लान धरा रह गया.
वह तो अपने होटल से यह कह कर आई थी कि आज रात को वह नहीं आएगी, अब उसे तुरंत वापिस जाना होगा.

अगले दिन शुचित भी वापिस आ गया और ऑफिस जाने लगा.

दो दिन बाद उसे निमिषा का फोन आया कि वह तो विजय के साथ दुबई चली गयी है.
शुचित ने उससे हँसते हुए कहा- आजकल तो विजय सर जमकर चुदाई कर रहे होंगे. और वहां तो शेख भी मिल जायेंगे चोदने को!

निमिषा भी हँसते हुए बोली- उस दिन तुमने मेरे मम्मों और गर्दन पर कई निशाँ डाल दिए थे. मुझे जानबूझकर विजय को दारु पिलानी पड़ी ताकि वह निशाँ न देख पाए. पर हाँ अब विजय को इस बात का तो शक है कि मैं अपनी चुल्ल कैसे तो बुझाती हूँ. तो अभी एक डेढ़ महीने तो मेरे अकेले इंडिया आने की संभावना कम है.

पर निमिषा ने उसे बताया कि उसका इनाम ये है कि अगले महीने वह एक हफ्ते के लिए ऑफिस के खर्चे पर अपनी बीवी के पास जा सकता है.

निमिषा ने उससे कहा कि वह ऑफिस में अच्छी पकड़ बनाए और अपनी रिपोर्ट रोज उसे भेजता रहे.

शुचित का दिमाग गोवा में काम कर गया था.
वह गोवा में इस लाइन पर काम कर रहा था कि कैसे वह निमिषा के चंगुल से बाहर निकले.

तो उसने एक फर्जी मेल आईडी से विजय को मेल कर दी थी कि उसकी बीवी उसकी अनुपस्थिति में मसाज बॉय या कॉल बॉय बुलाकर सेक्स करती है.

विजय कैसा भी सही … पर आखिरकार हिन्दुस्तानी पति था.
वह चाहे दस को चोद ले पर उसकी बीवी उसकी बिना जानकारी के किसी से चुदे ये उसे बर्दाश्त नहीं था.

पर वह निमिषा से ये सब सीधे नहीं कह सकता था.

तो उसने यही तरकीब निकाली की निमिषा को अकेला कम से कम छोड़ा जाए.

अब शुचित के दोनों हाथों में लड्डू थे.
उसे बस बीवी और निमिषा के बीच में सामंजस्य स्थापित करना था.

कुछ महीनों बाद जब उसकी बीवी ने भी कम्पनी ज्वाइन कर ली तो शुचित की मौज हो गयी.

निमिषा की गैरहाजिरी में पूरे ऑफिस की जिम्मेदारी उस पर आ गयी तो पैसे के साथ पोजीशन भी मिली और रात को बिस्तर सजाने को बीवी भी मिली.

अब निमिषा महीने में दो बार दो तीन दिन के लिए इंडिया आती तो कैसे भी मैनेज करके शुचित और निमिषा जम कर चुदाई करते.

विजय उसको ले तो गया अपने साथ, पर निमिषा के उसके साथ रहने से उस पर भी बंदिश बहुत हो गयी.
अब हर पार्टी में निमिषा उसके साथ होती तो गैर औरतों के साथ विजय की अय्याशी में कमी आ गयी.

इसीलिए अब निमिषा जब भी इण्डिया आने को कहती, विजय उसे भेज देता ताकि उसके पीछे चुदाई का सारा कोटा वह पूरा कर सके.

तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी हॉट गर्ल डर्टी स्टोरी?
लिखिएगा मुझे मेरी मेल आईडी पर!
[email protected]

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