पतिव्रता पत्नी जवान लड़के से मजा लेकर चुदी- 9
(Good Wife Xxx Kahani)
गुड वाइफ Xxx कहानी में मेरी बीवी को गैर आदमी से चुद कर इतना मजा आया कि वह उसी के साथ नंगी सो गयी और बीच रात में मेरी नींद खुली तो वह डॉगी स्टाइल में चुद रही थी.
कहानी के आठवें भाग
मेरी पत्नी को गैर मर्द के लंड से मजा आया
में आपने पढ़ा कि पहले मेरी पत्नी पराया लंड चूत में ले नहीं रही थी. पर एक बार चुद कर उसे मजा आया तो वह पुनः उससे चुदने को तैयार हो गयी.
अब आगे की गुड वाइफ Xxx कहानी राज की जुबानी:
करीब रात 3 बजे मेरी नींद टूटी।
रश्मि मेरे बगल में ही सोई हुई थी।
मैं किचन में गया और पानी पीकर वापस लौटा।
रश्मि लाल नाइटी में अपनी टांग फैलाए बेड पर पड़ी थी।
लाल नाइटी में उसके गोरे दूधिया बदन को देख मेरे मन में उसे भोगने की लालसा एक बार फिर जागी।
लेकिन इस बार मैं रश्मि को अकेले में चोदना चाहता था।
मैं रश्मि के पास गया उसके होठों पर किस किया और उसे बड़े ही प्यार से उठाया।
रश्मि- क्या हुआ? तुम अब तक सोए नहीं?
मैं- जब किसी की इतनी खूबसूरत और जवान बीवी बगल में सो रही हो तो भला किस बेवकूफ को नींद आयेगी।
रश्मि अभी भी थोड़ी नींद में थी इसलिए मेरे इस बात पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पाई।
लेकिन मैं रश्मि को अपने बांहों में थाम कर उसे हॉल में लेकर आया और उसे हॉल के एक दीवार के पास खड़ा किया और उसकी एक टांग ऊपर उठा कर अपना कड़क लंड उसकी चूत में डाल दिया।
उसने आह की आवाज कर मुझे अपने दोनों हाथों से पकड़ा।
अब वह होश में आ चुकी थी।
मैंने उसके होठों पर किस किया और लंड को उसकी चूत में पेलने लगा।
वह भी मजे से पेलवाने लगी और मुस्कुराती हुई बोली- ठरकी कहीं के … तुम नहीं सुधरोगे। दो बार तो मुझे चोद चुके हो; और कितनी बार चोदोगे। तुमने तो मुझे अपना माल समझ रखा है। तुम्हारा मन नहीं भरता क्या?
मैं- तुम इतनी गोरी चिट्टी और जवान हो कि बस तुम्हारे जिस्म से ही चिपके रहने का मन करता है।
रश्मि- अच्छा जी, यू नॉटी बॉय … लेकिन जल्दी करो, इस बार मैं अपने पति के हाथों पकड़ी जाना नहीं चाहती।
मैं- ओके माई डार्लिंग … बस तुम मजे से चुदती जाओ।
उसके बाद मैंने चुदाई की स्पीड बढ़ाई और कुछ देर ऐसे ही चोदते हुए सोफे के ऊपर बैठाया उसकी एक टांग को अपने कमर में लपेटा और दूसरी टांग को जमीन पर ही रहने दिया।
मैं उसके बाद उसे दे दनादन चोदने लगा।
रश्मि भी बहुत जोर-जोर से अपनी कमर हिला हिला कर चुदवा रही थी।
दो-तीन मिनट ऐसे ही चुदाई करते हुए हम दोनों झड़ गए और फिर बेड पर जाकर सो गए।
इस बार फिर रश्मि को अपनी बाहों में भर के सो गया।
सुबह जब मेरी नींद खुली तो देखा किचन में रश्मि कुछ काम कर रही थी और अनीश टीवी देख रहा था।
जैसे ही मैं बनियान चंडी और पजामा पहन कर हॉल में आया, मैंने देखा आज रश्मि हल्के नारंगी रंग की साड़ी और ब्लाउज पहने काफी फ्रेश और आकर्षक लग रही थी।
लगता था कि वह नहा धो कर तैयार हो चुकी थी।
तभी रश्मि चाय लेकर आई, हम तीनों चाय पीने लगे।
फिर रश्मि ने अनीश को इशारा करते हुए कहा- इस को जल्दी से बताओ।
मैं- क्या बताना है?
अनीश- राज भाई, रश्मि का कहना है कि वह आपसे अब और नहीं चुदवाएगी। आप सुबह का खाना खाकर भोपाल वापस चले जाइए।
मैंने कहा- ठीक है!
और फिर रूम में जा कर आराम करने लगा।
अब आगे की कहानी अनीश की जुबानी:
सुबह 6 बजे उठ कर नहा धोकर रश्मि चाय नाश्ता बना रही थी।
मैं पीछे गया और उसे बाहों में पकड़ कर प्यार करने लगा।
रश्मि- ओह … तो अब आई है जनाब को अपनी पत्नी की याद?
मैं अपनी पत्नी की बूब्स दबाते हुए- तुम भी तो कल रात मुझे भूल कर राज के साथ मजे से चुदवा रही थी। डार्लिंग, तुम्हें राज से जमकर चुदवाती देख मुझे बहुत मजा आया। फिर एक वैसी ही चुदाई दिखा दो न!
रश्मि- नहीं. बस बहुत हो गई चुदाई … अब और नहीं, अब तुम उसे जाने को बोलो।
उसके बाद जब राज आया तो उसे मैंने बताया कि अब उसे जाना होगा।
वह चुपचाप कमरे में जाकर आराम करने लगा।
मैंने रश्मि को नाश्ता राज को देने को बोला।
इस पर रश्मि ने कहा कि वह फिर बाहर आकर ले लेगा।
तभी मैं थोड़ा गुस्से में आकर बोला- अरे क्या बाहर आकर ले लेगा। वह बहुत नाराज हो गया है। अरे … रात भर तो तुम उससे मजे से चुदवाती हो और सुबह होते ही तुम नखरे करने लगती हो और उसे जाने को बोलती हो। अब तुम खुद जाओ और उसे जाकर नाश्ता दो।
रश्मि– ओके, आखिरी बार उसके पास जा रही हूं। फिर मुझसे और कोई उम्मीद मत रखना।
वह गुस्सा दिखाती हुई नाश्ता लेकर अंदर कमरे में गई।
मैं बाहर सोफे पर बैठकर टीवी देख रहा था।
मेरी पत्नी को अंदर में गए काफी देर हो चुकी थी।
थोड़ी देर बाद मुझे पलंग पर कुछ गिरने की आवाज आई।
मैंने इग्नोर किया.
पर पता नहीं मन में क्या ख्याल आया कि मैं उठकर कमरे के अंदर झांकने लगा।
तो क्या देखता हूं कि मेरी पत्नी की एक टांग को राज ने उठा कर पकड़ उसे अपने बदन से सटा रखा है और दूसरे हाथ को उसके पीछे कमर को पकड़ रखा है।
राज मेरी पत्नी को लगातार चूमे चाटे जा रहा और धीरे-धीरे ही सही लेकिन मेरी पत्नी भी राज का साथ दे रही है।
इस दौरान रश्मि का पल्लू कब का नीचे गिर के फर्श पर लोट रहा था।
मतलब इस वक्त मेरी पत्नी की कमर पेट नंगे थे।
फिर जिस हाथ से राज ने मेरी पत्नी के एक टांग को उठा रखा था, उसे छोड़ कर तुरंत मेरी पत्नी की नंगी कमर को मसलने लगा।
राज ने मेरी पत्नी को अपने से इतना चिपका रखा था कि राज का लौड़ा रश्मि की साड़ी के ऊपर से ही चूत पर रगड़ा खा रहा था।
इस दौरान राज की पकड़ थोड़ी ढीली हुई और रश्मि ने अपने आप को उसे छुड़ाकर भागने लगी।
लेकिन राज ने में भी उसे फिर पीछे से पकड़ लिया और अब वह पीछे से मेरी पत्नी की रसीले चूचे दबा रहा था।
अब अब मेरी पत्नी की गांड राज के लौड़े से रगड़ खाने लगी।
मेरी पत्नी ने राज को छोड़ने के लिए कहा लेकिन राज पीछे से उसने चूचे दबाते हुए उसके गालों और गर्दन को चूमे चाटे जा रहा था।
तभी मैंने देखा कि रश्मि मुस्कुरा रही थी।
मतलब की राज के इस हरकत से उसे बुरा नहीं लगा था।
मैं तो बिल्कुल आश्चर्यचकित था। मैं तो समझ ही नहीं पा रहा था कि वह चाहती क्या है।
पहले तो उसने राज से चुदने से मना किया और खुद राज के साथ मजे ले रही है।
शायद इसी को स्त्री कहते हैं जिसे कोई नहीं समझ सकता।
फिर उसने तुरंत राज से अपने आप को छुड़ाया और अपने पल्लू को उठाकर हॉल में आ गई।
उसके बाद राज ने अपने बैग से कुछ कपड़े निकले और नहाने के लिए वॉशरूम में चला गया।
जब मैंने रश्मि से पूछा तो उसने मुझे कुछ नहीं बताया।
मैं हर रोज सुबह जोगिंग पर जाता हूं।
मैंने राज को भी अपने साथ जाने के लिए कहा लेकिन उसने मना कर दिया।
उसके बाद मैं जॉगिंग के लिए निकल गया।
जब पूरे 30 मिनट बाद मैं घर वापस आया और घर की रिंग बजायी तो दरवाजा खोलना कोई नहीं आया।
फिर थोड़ी देर बाद मेरे फोन पर राज का कॉल आया।
मैंने फोन उठाया तो उधर से राज ने हाँफते हुए बोला- भाई, मेरी और आपकी धर्मपत्नी की चुदाई चल रही है। हमारा बस होने ही वाला है। तुम 5-10 मिनट थोड़ा और घूम कर आओ।
तभी मुझे उधर से रश्मि की भी ‘आह आह’ की आवाज सुनाई दी।
मुझे यह सुनकर बड़ा धक्का लगा कि अभी सुबह में ही तो रश्मि ने कहा था अब वह पराये पुरुष से कभी नहीं चुदवाएगी और अब मेरी ग़ैर मौजूदगी में राज से चुदवा रही है।
उसके बाद मैं फोन काट के थोड़ा बाहर टहलने निकल गया।
मुझे यह सोच सोच कर अपनी पत्नी पर बहुत ही गुस्सा आ रहा था और थोड़ा यह सोच कर अच्छा भी लग रहा था कि चलो इसी बहाने रश्मि में आगे भी राज से चुदेगी।
फिर 5 मिनट बाद मुझे राज का कॉल आया और उसने कहा- भाई, अब आ जाओ हमारा हो गया है।
फिर मैं घर वापस आया और आते ही सबसे पहले रश्मि की आंखों में आंखें डाल कर देखने लगा।
रश्मि शरमाती हुई हमसे नज़र चुरा रही थी।
मैं- शरमाओ मत मेरी जान … तुमने कुछ गलत नहीं किया है। तुमने तो यह सब मेरी मर्जी से ही किया है। बस दुःख इस बात का है कि जब तुम परपुरुष संग संभोग कर रही थी तो उस समय मैं यह देखने के लिए मौजूद नहीं था। तुम तो जानती हो कि मैं तुम्हें पराये मर्द के साथ चुदते हुए देखना कितना पसंद करता हूं। तुम्हें किसी और की बाहों में आहें भरता देखना मुझे कितना पसंद है।
इस पर रश्मि सर झुकाते हुए बोली- ओके अब मैं जब भी चुदवाऊंगी आप के सामने चुदवाऊंगी।
यह सुनते ही मेरे खुशी का ठिकाना नहीं रहा और मैंने दौड़ कर रश्मि को अपनी गोद में उठाया और उसे लेकर गोल-गोल घूमने लगा।
मैं- अरे मेरी जान … क्या बात कह दी तुमने! यही तो मैं चाहता हूं। तुम पराये पुरुष के साथ चुदो, जी भर के चुदो और मैं तुम्हें चुदवाते देख मैं मुठ मारूं! मेरी जान आज तूने मेरे दिल की तमन्ना पूरी कर दी।
रश्मि प्यारी सी स्माइल करते हुए- ओके ओके मेरी जान, तुम्हारी हर बात मानूंगी। पहले मुझे नीचे तो उतारो।
उसके बाद मैंने उसे नीचे उतारा।
नीचे उतरते ही वह राज की पास गई, उसे अपने बाहों में भर लिया और एक सेक्सी अंदाज देते हुए बोली- राज, कल संडे तक हमारे साथ हैं. तब तक मैं इससे जी भर के चुदवाऊंगी। ओके, अब आप खुश?
मैंने कहा- हां खुश।
उसके बाद राज ने मेरे सामने मेरी बीवी की गालों पर पप्पी ली और उसके चिकनी कमर को पकड़ के मसलने लगा।
रश्मि दूर हटती हुई- अरे मेरे राजा, इतनी भी जल्दी क्या है, अभी तो पूरा दिन बाकी है।
उसके बाद उसने राज के होठों पर किस किया और उसे दूर हटी।
उसके बाद वह रसोई में खाना बनाने लगी।
तभी सोफे पर बैठे मैंने राज से पूछा- भाई यह जादू तुमने कैसे किया?
राज- भाई, तुम्हारी पत्नी बहुत ही पतिव्रता नारी है। लेकिन बेचारी कामवासना की भी मारी है। इसलिए जब चुदवाती है तो पूरे मजे लेकर चुदवाती है। लेकिन चुदाई के बाद फिर उसे अपने आप पर शर्म भी आने लगता है कि वह गैर मर्द के साथ चुदी है। पराये पुरुष का लंड अपनी चूत में पाकर कामोत्तेजना में मजे से चुदवा तो लेती है लेकिन फिर उसे अपने आप पर शर्म भी आती है. और फिर वह प्रण लेती है कि वह अब दोबारा किसी गैर मर्द के साथ संभोग नहीं करेगी। लेकिन जब कोई गैर मर्द उसके जिस्म से खेलने लगता है, तब उसके भीतर की कामवासना जाग जाती है। फिर वह सारी लोक लाज को छोड़ उस पराये पुरुष के लंड को अपनी चूत में लेकर उछल उछल कर चुदवाती है।
राज ने आगे बताया- तुम्हारी पत्नी के अंदर हवस भरी हुई है। तुम्हारे जॉगिंग जाने के दौरान मैंने उसके अंदर की हवस को बाहर निकाल दिया है। जब तुम्हारी पत्नी आज सुबह मुझसे चुदवा रही थी, सभी तरह के लाज शर्म को त्याग कर उसने खुद मुझसे कहा कि जब तक मैं यहां हूं, वह खुलकर मुझसे चुदवाना चाहती है, बार बार चुदवाना चाहती है। मेरा लंड उसे अपनी चूत में बहुत अच्छा लगता है। फिर चुदाई पूरी हो जाने के बाद उसे ध्यान आता है कि उसके पतिव्रता भंग हो चुकी है। और फिर यह सोच कर वह दुखी हो जाती है। यह है तुम्हारी पत्नी की कंडीशन। मगर तुम चिंता मत करो इन दो दिनों में मैं उसे पूरी तरह से खोल दूंगा। फिर वह बिंदास किसी भी गैर मर्द के साथ हर दम चुदवाना के लिए तैयार रहेगी। तुम्हारे एक ही इशारे पर कुछ भी कर गुजरेगी। तुम जिसकी और भी इशारा करोगे उसका लौड़ा अपनी चूत में ले लगी और मजे से चुदवाएगी।
अनीश- भाई, सच में ऐसा होगा? मेरी यही अभिलाषा है कि मैं अपनी पत्नी को अलग-अलग मर्दों के साथ चुदते हुए देखूं।
मैं- तुम्हारी अभिलाषा जरूर पूरी होगी।
उसके बाद फिर मैं ऑफिस जाने लगा और रश्मि को अपने पास बुलाकर बोला- देखो मैं ऑफिस जा रहा हूं। अब राज और तुम घर में अकेले हो। जितना मन करे तुम राज से उतना चुदवा सकती हो। इसमें कोई शर्म लिहाज करने की जरूरत नहीं है क्योंकि तुम मेरी मर्जी से कर रही हो। मुझे कोई धोखा नहीं दे रही हो। इसलिए बिना शर्म और बिना पछतावा के तुम दिन भर के राज से मजे ले लेकर चुदवायो। और राज के ये 2 दिन रंगीन कर दो। उसे भी तो पता चले कि उसका पाल किसी हसीना से पड़ा। यार तुम तो लाखों दिलों की धड़कन हो। कौन नहीं तुम्हें हर रात अपने बिस्तर पर देखना चाहेगा। मोहल्ले के लड़के तो कब से इसी तक में रहते हैं कि कब तुम्हारी कमसिन जवानी के मजे लेने का मौका मिले। इसलिए अपनी खूबसूरती और जवानी पर गर्व करो और इन दो दिनों तक राज को अपनी यौवन का रसपान कराओ।
मेरी यह बात सुनते ही रश्मि मुझसे लिपट गई और शर्माती हुई बोली- अब जैसा आप कहेंगे, वैसा ही होगा।
तभी रश्मि को राज की ओर धकेला और बोला- अब मुझे नहीं बल्कि राज से लिपटो क्योंकि इन दो दिन तुम उसी की हो।
राज तो इसी मौके में था।
उसने झट से पीछे से मेरी पत्नी को अपनी बाहों में भर लिया और बोला- भाई आप जाओ। रश्मि की चिंता मत करो, अब रश्मि मेरे साथ खुल के मजे करेगी।
और ऐसा बोलते हुए वह पीछे से मेरी पत्नी की नारंगी साड़ी के ऊपर से ही चूतड़ को रगड़ रहा था।
जैसे ही मैं जाने के लिए मुड़ा, तभी देखा कि राज मेरी पत्नी के ब्लाउज के ऊपर से ही बूब्स को दबाने लगा और गुलाबी होठों को चूसने लगा।
मैं समझ गया था कि मेरे जाने के बाद मेरी पत्नी की जमकर चुदाई होने वाली है।
उसके बाद फिर मैं ऑफिस चला गया।
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