अंजू और माया की फुद्दी-2
प्रेषक : आशीष
जैसे ही हमने कपड़े पहने, भाभी आ गईं। मानो वे छुप कर हमारी चुदाई लीला देख रही थीं।
उनने पूछा- समझ लिया एक-दूसरे को?
इसके पहले मैं कुछ कहता, अंजू बोलीं- आशीष भैया बहुत ही अच्छे हैं।
घर पर सब खुश थे और मैं टेंशन में एक अकेला था कि एक चुदी-चुदाई लड़की के चक्कर में जिन्दगी भर के लिए फँसने वाला जो था।
मैंने सारी बात अपने भाई से कही उसने कहा- तुरंत अपने दोस्तों के यहाँ शिफ्ट कर लो। बाद का मैं संभाल लूँगा।
मैंने वैसा ही किया सब के रोकने पर भी अपने दोस्तों के पास शिफ्ट कर गया। भाभी के यहाँ जाना कम कर दिया।
एक दिन भाभी मेरे कमरे पर आईं, रूम पर कोई नहीं था, हमने खूब चुदाई की।
भाभी बोलीं- अच्छा है, तुम शिफ्ट कर गए वरना हमें चुदाई का मौका ही नहीं मिल पाता।
एक दिन टुंचा ने मुझ से शादी के बारे में पूछा, मैंने कहा- मेरा कॉलेज में किसी से अफेयर चल रहा है, उसी से शादी करूँगा।
अगले दिन भाभी फिर आ धमकी बोलीं- क्या करते हो? तुम मुझे धोखा नहीं दे सकते?
मैंने बोला- तुम्हें कौन धोखा दे रहा है। जानेमन जब जी करे आ कर चुद जाना मैं हमेशा तुम्हारे लिए तैयार हूँ।
वो पूछने लगीं- जो अंजू के साथ किया, वो क्या था?
मैं बोला- तुम्हारी सेवा का मेहनताना।
वो हँसते हुए मान गईं।
अंजू नाराज होकर अपने गाँव बलिया चली गई।
अंजू के घर वाले मेरे घर पर शादी का रिश्ता ले कर गए थे। मेरे भाई ने पापा से कह कर दस लाख के खर्चे की बात रख दी।
अंजू के घर वाले शादी से पीछे हट गए।
माया भाभी का मेरे रूम पर आना जाना बढ़ गया। दोस्तों को पता चल गया। वो बोलने लगे हमें भी छनवाओ। मुझे दोस्तों की बात ठीक नहीं लगी। मैंने भाभी से आने को मना किया और दोस्तों की बात बताई।
भाभी तो उलटे खुश हो गईं। बोलीं- एक बार वो भी इंग्लिश पिक्चर वाली स्टाइल में करना चाहती हूँ। और मजा लेना चाहती हूँ। मैं बात सुनकर दंग रह गया। सोचने लगा साली यह भी बड़ी चुदक्कड़ चालू शौकीन माल निकली।
मैं दोस्तों से बोला- भाभी नहीं आएगी आगे से।
पर एक दिन जब मेरे दोस्तों की नाईट शिफ्ट थी तो माया भाभी आ टपकी, दोस्त सो रहे थे, भाभी आ गई।
मैं भाभी को टरकाने की कोशिश कर रहा था पर वो जाने को तैयार ही नहीं हो रही थीं। मेरी और भाभी की आवाज सुन कर मेरा एक दोस्त जाग गया, वो आया, उसको भाभी देख कर खुश हो गई और उससे इधर-उधर की बात करने लगी, फिर पूछा- गर्ल-फ्रेंड है या नहीं? रूम पर लड़कियाँ लाते हो या नहीं। ब्लू-फिल्म देखते हो या नहीं?
मेरा दोस्त गर्म हो रहा था। वो भी भाभी के पास आ कर बैठ गया। उनकी पीठ पर और जाँघों पर हाथ फेरते हुए बात करने लगा। मैं एक कोने में खड़ा देखता रहा। ऐसा लगा मानो मैं कमरे में हूँ ही नहीं।
भाभी भी उसके जाँघों पर हाथ फेरते-फेरते उसके लंड को सहलाने लगीं। मेरी तरफ देख कर बोलीं- तुम्हारा दोस्त तो बड़ा हॉट है। इससे कभी नहीं मिलाया।
मैं कुछ बोलता इससे पहले वो बोल पड़ा- भाभी, कब से इसके पीछे पड़े थे। हमारी भी पहचान करवा दो पर यह मेरी सुनता ही नहीं था।
भाभी बोलीं- इसकी सजा तो इसे मिलेगी, आज इसे कुछ नहीं मिलेगा। तुम जो चाहोगे सब मिलेगा, जितना चाहोगे उतना मिलेगा।
माया भाभी ने उसके पैंट में हाथ डाल कर उसके लंड पर कुछ किया किया वो उचक गया।
उसने बोला- ये बात !?!
वो भाभी की साड़ी ऊपर से हटा कर ब्लाउज खोलने लगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
भाभी बोलीं- पहले दूध पियोगे? या झलक देखना है?
वो नहीं समझा और ब्लाउज खोल कर ब्रा उतार कर उनके उरोजों को चूसने लगा, भाभी मेज पर जा बैठीं और टाँगे उठा दीं।
मेरे दोस्त को जैसे अब बात समझ में आई हो क्योंकि भाभी ने नीचे कुछ नहीं पहना था, पेटीकोट के नीचे उनका भोसड़ा एकदम साफ दिख रहा था।
वो बोला- क्या बात है भाभी, एकदम चिकनी लौंडियों की तरह दिख रही हो?
भाभी बोलीं- मजा भी करोगे तो वैसा ही मजा भी दूंगी।
मुझसे रहा नहीं जा रहा था। समझ नहीं आ रहा था कि गुस्सा करूँ या साथ मिल कर चोदूँ।
मैंने सोचा कौन सी अपनी सगी भाभी है, साली खुद चुदने को बेकरार है तो मुझे कैसी शर्म। मैं भी जा कर भिड़ गया चोदने में।
भाभी नंगी पड़ी थी। मेरा एक पार्टनर उनकी बुर में मूसल पेल रहा था, मेरा लंड भाभी के मुँह में था, मैं मुँह में झटके दे रहा था, हम चोदने में लगे थे।
इतने में मेरा तीसरा पार्टनर भी जाग गया। वो भी जल्दी-जल्दी अपने कपड़े खोल कर आ गया।
भाभी बोलीं- क्या बात है, आज तो असली मजा आने वाला है।
उसका लंड 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था, मेरा हथियार तो उसके सामने बच्चे जैसा लग रहा था।
भाभी उसका देख कर बोलीं- ये है असली मर्द।
भाभी ने उसका लंड झट से मुँह में ले लिया मेरा निकाल दिया और बोलीं- अब तुम मेरे गाण्ड में डालो।
मेरा पहला दोस्त बुर पेल रहा था और एक दोस्त का लंड भाभी ने मुँह में ले रखा था। और मैं उनकी गाण्ड में डाल रहा था।
एकदम ब्लू-फिल्म का सीन चल रहा था।
हमने भाभी को नीचे लिटाया। फिर हम तीनों ने बारी-बारी से भाभी के मुँह में अपना लंड दिया। बारी-बारी उनकी चूत को बजाया। भाभी ने हम तीनों के लंड एक साथ लिए।
भाभी मेरा लंड अपनी गाण्ड में ले रही थी। एक पार्टनर मुँह में झटके दे रहा था। एक पार्टनर बुर पेल रहा था। मैं उनकी एक चूची दबा रहा था। दूसरा पार्टनर दूसरा पपीता मसक रहा था। बारी-बारी से हम अपनी पोजीशन बदल-बदल कर उनके साथ चुदाई का मजा ले रहे थे। जब झड़ने लगे तो माया भाभी ने हम सब का अपनी में ले लिया।
भाभी को हम तीनों ने एक साथ उस दिन तीन बार चोदा।
भाभी जाते-जाते बोलीं- आज मेरी असली प्यास शांत हुई है।
उस हफ्ते भाभी रोज आती रहीं। तीनों से चुदती कभी बारी-बारी से तो कभी एक साथ।
आपको मेरा यह अनुभव कैसा लगा, लिखना।
आगे मैं आपको अपनी बीवी अर्चना और अंजू की चंडीगढ़ में चुदाई के दास्तान बताऊँगा।
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