मॉम के बाद उनकी सहेली को भी चोदा- 5

(Garam Aunty Ki Fuddi Mari)

सैम 68 2025-01-30 Comments

गरम आंटी की फुद्दी मारी मैंने उनके ही घर में! वे मेरी मम्मी की सहली हैं और जबरदस्ती मुझे अपने घर ले गई मेरे लंड का मजा लेने के लिए.

फ्रेंड्स, मैं अमित आपको अपनी मॉम की सहेली अनीता आंटी की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पिछले भाग
मम्मी की सहेली की चूत की आग
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मैं अनीता आंटी के साथ शॉपिंग करने के बाद उनके घर जा रहा था.

अब आगे गरम आंटी की फुद्दी:

अनीता और मैं नीचे आ गए. फिर मैं मेरी स्कूटी के पास आ गया.

अनीता- यार, मेरे पास गाड़ी है, ये स्कूटी मुझे दे दो. मेरी एक फ्रेंड है, उसके घर छोड़ आती हूं … लाओ चाभी दो ना!

उसने मेरी स्कूटी की चाबी ली और कुछ ही देर में स्कूटी छोड़ कर वापस आ गई.
फिर हम दोनों उसकी कार में चल दिए.

मैं कार ड्राइव कर रहा था और वह मेरे पास बैठ कर मेरे टूल पर हाथ फेर रही थी.

अनीता- आआह बाहर निकाल लो यार … अभी चूस लेती हूं .. कोई नहीं देखेगा यार … आज तो तेरे साथ बहुत मजा आएगा.

मैं- रहने दो यार, घर जाकर सब लेना. अभी तुम बस हाथ फेर सकती हो … यहां जगह भी नहीं है यार … कोई देख भी सकता है!

अनीता- यार, सब एडजस्ट हो जाएगा … और देख लेने दो … साले सब लोग करते हैं … खोल न यार!

उसने ऐसे बोला और खुद मेरी जिप खोल दी, फिर हाथ से पकड़ कर लंड बाहर निकाल लिया.

अनीता- ओह माय गॉड, बहुत मस्त लंड है यार … इसे चूसने में बहुत मज़ा आएगा.
वह अब मेरे लौड़े को पकड़ कर हिलाने लगी.

अनीता- आह यार, बड़ा मस्त टॉय है.
वह मेरी तरफ झुकी और लंड को मुँह में ले लिया.
पहले उसने टॉप को चाटा और अगले ही पल वह लंड चूसने लगी.

मैं- ओह अनीता, तू साली मरवाएगी आआ ह्ह्ह … आआ मेरी रंडी चूस अब … साली दस मिनट रुक भी नहीं रुक सकती थी रांड!

वह हंसती हुई अपनी जीभ और होंठ से लंड की टोपी चूसने चाटने लगी.
मुझको उससे अपना लौड़ा चुसवाने में मज़ा आने लगा.

अनीता- आआन्न …
मैं- आआहह यार, मस्त चूसती है तू … ओ चूस साली … आआ मजा आ गया!

थोड़ी दूर तक जाने के बाद एक सुनसान जगह आ गई.
मैं- अनीता डार्लिंग, यहां जगह खाली है. यहां करें क्या?

अनीता- ओह यार … यहां तो झाड़ियां भी हैं … यहां तो तू मुझे आराम से चोद भी सकता है. मैं यहां कम से कम लंड तो आराम से चूस ही सकती हूं. आआह … लंड चूसने दे.

वह अब आराम से चूसने लगी.
मैंने भी उसके मम्मों को पकड़ लिया था.
अब मुझे लंड चुसवाने में दोगुना मज़ा आ रहा था.

वह मेरे लंड को चूस रही थी, मैं उसके मक्खन से मम्मों को दबा रहा था.

अनीता- आआह … बड़ा मस्त लंड है … मेरी चुत में पेलोगे तो कितना मजा आएगा यार उम्माआ आहहह!

मैं- हां चल अब लंड को अन्दर तक ले साली.

वह लौड़े को मस्ती से चूसती जा रही थी, मुझे मज़ा ही मज़ा आ रहा था.

तभी सामने की ओर मेरी नजर गई तो देखा कि उधर से कुछ लोग आ रहे थे.
वे लोग शायद कहीं किसी प्रोग्राम से वापस आ रहे थे.
उनके पीछे भी कुछ भीड़ आती दिख रही थी.

मैं- अनीता छोड़ो यार … आह लंड छोड़ दो … वह सामने देख!
अनीता- ऊँह … क्या है?

मैं- वह देख न यार!
अनीता- अरे नहीं यार … ये तो हमारी तरफ ही आ रहे हैं … ओह यार … बहुत मजा आ रहा था!
मैं- अब चलो यार!

हम दोनों ने कपड़े ठीक किए और घर की ओर चल पड़े.
थोड़ी ही देर में घर पहुंच गए.

मैंने गाड़ी को पार्क किया और अनीता के साथ घर चला गया.
हम दोनों मस्ती करते हुए अनीता के घर में पहुंच गए.
अनीता ने मेनगेट को लॉक कर दिया.

अन्दर जाकर उसने अपना चेहरा साफ किया.
मैंने भी पानी से मुँह साफ किया.

थोड़ी ही देर में वह ठंडा शर्बत ले आई.
हम दोनों पीने लगे.

अनीता- अमित, रास्ते में बहुत मज़ा आया यार … अगर वे लोग नहीं आते तो बहुत मजा आता. चलो अब यहां अपने दोनों के अलावा कोई नहीं है. अब बेडरूम में चलते हैं.

हम दोनों बेडरूम में चले गए, बेडरूम का दरवाजा बंद किया.

दरवाजा बंद करते ही मैंने अनीता को पकड़ लिया.
वह मेरी बांहों में आ गई थी.

मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
वह कुछ बोलना चाहती थी, पर होंठ लगने से वह चुप हो गई.

मैंने उसके नीचे वाले होंठ को अपने होंठों में भर लिया और चूसने का मजा लेने लगा.

मेरा एक हाथ उसके सर के पीछे था और दूसरा हाथ उसकी कमर पर था.

उसने अपने हाथों से मुझे पकड़ लिया.
मैं उसके होंठों को बेदर्दी से चूसने लगा.
थोड़ी ही देर में मजा आने लगा.

अनीता मेरी गिरफ्त में थी और मैं अपनी मर्जी से उसके होंठ चूस रहा था.
वह कुछ नहीं बोल पा रही थी.

अनीता के होंठ वास्तव में मस्त रसीले होंठ थे.
उसके होंठ चूसते समय बहुत मज़ा आ रहा था.

मैं एक बार उसके होंठ को जोर से पकड़ कर खींचता और छोड़ देता.
फिर उसकी आंखों में देखता, तो वह मुस्कुरा देती.

हम दोनों फिर से किस करने लग जाते.

बहुत देर तक मैं कभी उसका निचला होंठ चूसता, तो कभी ऊपर वाला होंठ.

जब मैंने उसके होंठ छोड़े और गाल चाटना चालू किए, तब वह सिसकारने लगी.
अनीता- आआह अमित … बहुत मस्त हो तुम … आ ह आहहह यार … आज तू मेरे साथ जो करना चाहता है, सब कर आह. चूसने में ही इतना मजा आ रहा है … जब तू मेरी चुत चोदेगा, तब कितना मजा आएगा … आहहह यार. आज तो तू मेरे साथ सुहागरात ही मना ले. सारी रात मुझे रंडी की तरह चोद … आह आह अब से बस तू ही मुझे चोदेगा … आज की रात चुदाई की रात होगी … वैसे भी आज हम दोनों के अलावा कोई नहीं है … आह.

मैं- आह सच में बहुत मस्त माल है तू … इतने दिन तक कहां छिपी हुई थी. ओह यार!

तभी मेरा फोन बजने लगा.
मॉम का फोन था.
अनीता ने फोन उठा लिया.

मॉम- अमित कहां हो? घर नहीं आए?
अनीता- आह … क्या है साली क्यों डिस्टर्ब कर रही है … तेरा माल मेरे पास है … मैंने घर पर बुलाया है.
मॉम- पर आज इसे घर पर काम था!

अनीता- हां यार पता है मुझे कि आज तेरी सुहागरात थी … सब पता है मुझे … पर सॉरी यार, आज अमित नहीं आ रहा है … मैंने उसे अपने पास बुला लिया है. वह तो कह रहा था कि मॉम नाराज होगी.
मॉम- नहीं, ऐसी तो कोई बात नहीं है.

अनीता- यार, आज की रात तो ये मेरे साथ ही रहेगा. मैं तो मरी जा रही हूं. तुम यार कल मना लेना सुहागरात! मुझे भी इसका लंड चाहिए यार … तुमको तो रोज ही चोदेगा ये … आह आह अमित.

मॉम- चल तू आज अपनी चुत मरवा ले जी भर कर … क्या अभी चुद रही है?
अनीता- आह अमित ने अभी पकड़ रखा है … अभी लेगा ये मेरी!

मॉम- चलो कोई बात नहीं. वैसे मैं आज थकी हुई हूं … तुम अमित को सुबह भेज देना. अभी चुदाई का मजा कर. पर सब काम ढंग से करना. कोई गड़बड़ मत करना!

अनीता- आह डर मत, हम दोनों तो सिर्फ चुदाई करेंगे … गड़बड़ करने का समय किसके पास है!
मॉम ने फोन रख दिया.

मैंने अनीता को अब ठीक से पकड़ लिया.
उसके होंठ पर होंठ रख दिए.
वह कुछ नहीं बोली.

मैं अब उसके होंठ फिर से चूसने लगा.

वह भी मेरे साथ होंठ चूसने का मजा लेने लगी.
कभी वह चूसती तो कभी मैं चूसता.

मैंने लिप लॉक कर लिए.
उसके होंठ थोड़े मोटे होने से मुझे ज्यादा मजा आ रहा था.
मैं उसकी पीठ पर हाथ फेर रहा था.

अनीता की गोरी बांहें मुझे घेरे हुई थीं- आह आह … अमित आआह बड़ा मजा आ रहा है … यार तुम चाय या ठंडा कुछ लोगे क्या? बहुत देर से कुछ नहीं खाया. चलो मैं पहले चाय ले आती हूं … फिर चुदाई करेंगे!
मैं- हां यार, चाय तो जरूर चलेगी, ले आओ.

अनीता- आह पहले छोड़ो तो यार … अरे अमित अगर छोड़ोगे नहीं तो जाऊंगी कैसे! अगर तुमने थोड़ी देर और किया तो फिर नहीं जा पाउंगी … आह!

मैं- लो यार जाओ!

मैंने अनीता को छोड़ दिया.
वह चाय बनाने चली गई.

मैं बेड पर लेट गया और मैंने अपने कपड़े उतार दिए.
कुछ देर तक मैंने अनीता का इंतजार किया.

पर जब वह नहीं आई … तो मैं उठ कर नंगा ही उसको देखने किचन में चला गया.

मैंने उसको किचन में पीछे से पकड़ लिया, मेरा लंड उसकी गांड पर टिक गया.
वह मुझे देख कर थोड़ा चौंक गई- अरे पीछे ही आ गए. थोड़ी देर और लगेगी यार!

मैं- कोई नहीं तुम आराम से चाय बना लो … हम दोनों यहीं चाय पी लेंगे!

मैंने ऐसा कहते हुए उसके दूध दबा दिए.
वह आह भरने लगी.

मैं- चाय के लिए दूध है क्या!
अनीता- हां हैं, चाय में डालना है न तो आते समय ले आई थी … क्यों?
मैं- नहीं तो तुम्हारा दूध निकालना पड़ता न!

अनीता- अरे अमित … तुम भी ना. मेरे वालों में अभी दूध नहीं आता. इन्हें बस तुम दबा सकते हो और चूस सकते हो.

मैं- क्या यार … कम से कम ये साड़ी तो उतार देतीं … नंगी में मजा आएगा.
वह बोली- तुमको जैसे में मजा आए, वैसे कर लो!

मैंने अनीता का पल्लू हटा दिया और उसका ब्लाउज पेटीकोट भी खोल दिया.
फिर मैंने उसकी ब्रा और पैंटी खोल कर उसे एकदम नंगी कर दिया.

अब मैंने लंड उसकी गांड पर टिका दिया.
वह मेरे आगे थी.
मैंने उसको बांहों में भर लिया और उसके दोनों मोटे दूध पकड़ लिए.

अनीता- आह … मैं तो कभी सोच भी नहीं सकती कि कोई मुझे ऐसे किचन में चोदेगा … आह यार … तुम्हारा लंड कितना मस्त लग रहा है … आहहह!
मैं- अब सीधी हो जा साली … तेरे दूध चूसने दे … सबसे पहले यही तो मुझे मस्त लगे थे … चल घूम जा!

वह घूम गई.
मैंने उसके दोनों दूध पकड़ लिए और उसके दोनों दूध बारी बारी से चूसने लगा.

अनीता- आह यारर ओह … आह बहुत मज़ा दे रहे हो जानू … आहहह अमित ओह यार बहुत मस्त करते हो तुम आहह!

मैं- आह अनीता … साली तेरे दूध बड़े मस्त हैं. अभी तक बाहर से ही देख कर काम चलाना पड़ता था. साली, ये देख कितने गोल और मस्त हैं. तेरे निप्पल भी कितने मस्त हैं आह … ऐसे दूध हर किसी के नहीं होते … तभी तो तेरी जवानी इतनी मस्त लगती थी मुझे आह यार कितने गोरे दूध हैं … ऊँह निप्पल का गुलाबी रंग भी मस्त है यार. साली इतने दिन कहां थी तू … आह आज तो सारी रात तेरी चुदाई होगी. लगता है तू कभी ढंग से चुदी ही नहीं है … दूध वैसे के वैसे ही पड़े हैं!

अनीता- आआह आह यार … अब तू ही चोदेगा मुझे! तेरी मॉम और मैं दोनों तेरे लंड से चुत मरवाया करेंगी. तेरा जी करे तब अपने घर बुला लिया कर … मैं अपनी चुत चुदवाने के लिए आ जाया करूंगी. आह … तू बस मुझे अपनी ही प्रॉपर्टी समझ कर यूज कर यार!

तब तक चाय में उबाली आ गईतो वह बोली- आहह रुको यार, चाय उबल गई … दूध डालने दो आआह बस एक मिनट छोड़ दो यार!
मैंने उसे छोड़ दिया.

उसने चाय में दूध डाल दिया.
दूध डालने के बाद मैंने उसे फिर से पकड़ लिया.

अनीता- आहहह यार, आगे पीछे सब ओर से चोद लेना. तेरे लिए ही चूत गांड सब है. आह यार तू बहुत मस्त है यार!
मैं उसे गर्दन पर चूमने लगा.

“लो, पहले चाय पी लो. फिर बस चुदाई करेंगे. आह लो कप पकड़ो न यार!”
अनीता मुझे चाय देने लगी.

तभी वह किसी चीज से टकरा कर गिरने वाली थी कि मैंने उसे पकड़ लिया.

मैं- ओह यार क्या कर रही हो, अभी गिर जाती ना!
अनीता- यार, कुछ नमकीन ला रही थी. वह ऊपर वाली अलमारी में रखा है.

अलमारी ऊपर थी.
मैंने अनीता को बांहों में भर कर ऊपर किया तो उसने नमकीन का डिब्बा उतार लिया.
उस वक्त अनीता के दूध मेरे मुँह की तरफ थे तो मैं एक को चूसने लगा.

अनीता- आह तुम बड़े शरारती हो … अब उतार भी दो बाबा. चाय पीकर सब कर लेना यार अब सब कुछ तेरा ही तो है!
मैंने उसे उतार दिया और चाय पीने लगे.

चाय पीकर मैंने उसे फिर से बांहों में उठाया और सीधा बेडरूम में ले गया.

वहां जाते ही मैंने अपना लंड उसे पकड़ा दिया और वह घुटनों के बल बैठ कर लंड चूसने लगी.
कुछ देर तक लंड चूसने के बाद उसने केला छोड़ दिया.

मैं- आह, अब जल्दी से टांगें चौड़ी कर बहन की लौड़ी साली … चूत मारूंगा तेरी अनीता. आह यार जल्दी कर!
अनीता- ऊह अमित चोद ले मेरे यार … आह.

मैंने अनीता की चुत पर लंड रखा और झटके मारने लगा.
अनीता- आह आह आ … आआह यार … आराम से थोड़ा यार … आहह!

मैंने कुछ शॉट मारे तो लंड आराम से अन्दर जाने लगा.
फिर एक जोर से शॉट मारा तो लंड अनीता की चुत चीरता हुआ चुत की गहराई में चला गया.

अनीता की आहह निकल गई और आंख में आंसू भी आ गए- आआह मर गई मम्मी रे … बेदर्दी ने फाड़ दी.

मैं- अबे यार, क्या हुआ … आंसू क्यों निकल रहे हैं … क्या पहली बाद लंड ले रही हो?

अनीता- आह नहीं राजा … तेरा कड़क और मोटा है … आह ये उसी वजह से निकल आए हैं. आह अब थोड़ी देर अन्दर ही रख यार … सच में कितना मोटा है यार तेरा … उउई मर गई … आआहह आआ!
मैंने कुछ देर बाद उसकी धकापेल चुदाई शुरू कर दी.

अनीता- उउम्म हाय मैं मर गई … कैसा रगड़ रहा है … आह मज़ा आ रहा है यार … ओह … आज तो सच में मर ही गई रे कुत्ते साले … चुत पर हाथ मत फेर … आआहह नहीं रुकना मुझे … ओह साले जैसा तू कहेगा वैसे ही करूंगी तेरी रंडी बन जाऊंगी … जब तेरा जी करे तब चोद लिया कर आह चुत मेरी आह!

मैं- ले ले कुतिया साली, आह टांग ऊपर कर बहन की लौड़ी … चुत मारूं तेरी बहनचोदी आह.

अनीता- हाय रे … आआह मर गई रे … बहन के लंड अन्दर तक लौड़ा पेल कुत्ते ओह!

मेरा पूरा लंड मम्मी की सहेली की चुत में घुस गया.
मैं उसके ऊपर लेट गया.
उसकी जांघें मेरी जांघों के नीचे थीं.

अब समझो उसकी पिसाई होने लगी थी.
वह मेरे लंड को अपनी चुत में घुसड़वा कर हिल हिल कर चुदाई का मजा लेने लगी.

उसके दूध के निप्पल मेरे सीने से लग कर दब गए.
उसके दोनों दूध मेरे सीने से दब कर पिसने लगे थे.

वह मेरे नीचे पिसती हुई खुश थी.
गरम आंटी की फुद्दी में मेरा मोटा लंड घुसा हुआ था.
वह अपनी इज्ज़त लुटा रही थी.

अनीता- आह … कितना सुख मिल रहा है. आह अमित … लंड को अन्दर ही पड़ा रहने दो. आह अब तू रोज आकर अपनी रंडी को चोदेगा न!
मैंने कहा- हां मेरी रांड … साली अभी तेरी चटनी बन जाएगी.

मैं हैरान था कि वह मेरे वजन को कैसे झेल रही है.

थोड़ी देर बाद मैंने वापस अपना वजन अपनी टांगों और हाथों पर लेकर उसकी चूत में झटके देने शुरू कर दिए.

अब लंड चुत से रगड़ खाता हुआ अन्दर बाहर हो रहा था.

मेरे हर झटके में 440 वोल्ट का करंट था.

वह बस हर झटके पर किसी मशीन की तरह लग रही थी.
उसकी चूत के साथ कुछ मांस भी लंड के साथ बाहर आने लगा था.

इसी प्रक्रिया से चुत भोसड़ा बनने लगती है.

अनीता- उउ ऊउई मम्मी रे … मर गई रे … चोद दे राजा … आह साले हरामी चोद मुझे!

‘हां ले चुद … मादरचोदी … तुझे चुदने से कोई नहीं बचा सकता आआहह. मजा आ रहा है न?’

‘हां मुझे मजा आ रहा है. मैं भी आज चुदवा कर ही रहूंगी. चाहे कुछ भी हो जाए … तू मुझे छोड़ना मत चोद कर ही उठना मेरे राजा!’

उसे चोदते हुए करीब आधा घंटा हो गया था.
अब मैंने उसे डॉगी स्टाइल में किया और दूध पकड़ कर चोदने लगा.

मेरे हर शॉट पर उसकी गांड से आवाज़ आने लगी.
पट पट की आवाज से कमरा गूंजने लगा.

अनीता- आआ हहह यार, बहुत मज़ा आ रहा है … आह तू बस चोदता रह मुझे … मेरी चुत पर अब तेरा ही अधिकार है. आह ओह मेरे राजा … क्या दे दूं तुमको. मैं तो तेरी फैन हो गई यार! आह इतना मज़ा कभी नहीं आया यार! उउउइइ मम्मी रे आआह.

मैं उसे बहुत जोर जोर से चोदे जा रहा था.
मेरा लंड बहुत तेजी से चुत के अन्दर बाहर हो रहा था.

हम दोनों को काफी पसीना आ गया था.
अब बस मैं उसकी चूत में झड़ना चाहता था.
अनीता तो एक बार झड़ गई थी मगर मुझे अभी झड़ना था.

करीब 5 मिनट बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूं.
तो मैंने रफ्तार और बढ़ा दी.

बड़े बड़े शॉट मारे तो लंड की पिचकारी उसकी चुत में छूट गई.
मैंने तब बिना रुके कई शॉट मार दिए और आह आह कहता हुआ उस पर ढह गया.

तभी अनीता भी ढीली पड़ गई.
मैंने उसकी पीठ पर जोर से किस किया और उसे छोड़ दिया.
हम दोनों बेड पर लेट गए.

अनीता मुस्कुरा रही थी.

आप मुझे जरूर बताएं कि आपको हॉट स्टोरी कैसी लगी.
इसके बाद मैं आपको अपनी मॉम की, उनकी सहेली अनीता आंटी की और उसके बाद अपने दोनों बहनों की चुदाई की कहानी लिखूँगा.

आपको मेरी गरम आंटी की फुद्दी कहानी को पढ़ने में कैसा लग रहा है, प्लीज अपने मेल व कमेंट्स जरूर भेजें.
धन्यवाद.
आपका अमित
[email protected]

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