फ्री सेक्स स्टोरी: अकेलेपन का इलाज-2

(Free Sex Story: Akelepan Ka Ilaz- Part 2)

सनी वर्मा 2017-09-06 Comments

चुदाई स्टोरी: अकेलेपन का इलाज-1

इस फ्री सेक्स स्टोरी में आपने अब तक पढ़ा कि रात में रयान और ऋषिका के बीच सेक्स हो गया और दोनों सो गए.
सुबह रयान की आँख पहले खुली, उसने ऋषिका को किस करके उठाया और अपने कपड़े पहन कर रूम में चला गया.
दोनों एक घंटे बाद किचन में मिले तो ऋषिका उससे चिपट गई और थैंक्स बोला… उसे कोई पश्चाताप नहीं था तो अब रयान भी रिलैक्स्ड था.

दोनों ने नाश्ता किया और बैंक निकल लिए.
अगले दिन बैंक हॉलि डे था तो रयान और ऋषिका दोनों ने ही अपने अपने घर जाने का प्रोग्राम बनाया.
रयान ने ऋषिका को तो दोपहर को ही फ्री कर दिया जिससे वो घर चली जाए, वो खुद शाम को निकल लिया.

निष्ठा को उसने फोन कर दिया था, रात को 10 बजे वो घर पहुँच कर सबके साथ डिनर करके, गप्पबाजी करके वो अपने रूम में पहुँचा.
थोड़ी ही देर में निष्ठा भी आ गई. डोर लॉक करते ही दोनों बरसों के बिछड़े की तरह चिपक गए.

निष्ठा रो रही थी कि उसका मन नहीं लगता और वो नौकरी छोड़ कर उसके पास आना चाहती है क्योंकि ट्रान्सफर नहीं हो पा रहा है.
रयान ने उसे समझाया कि ऐसे दिल छोटा नहीं करते… एक लगी बंधी आमदनी घर आ जाती है.
रयान ने उसे समझाया कि वो अपना फ्रेंड सर्किल बढ़ाये और मस्त रहे… दोनों के बीच यह तय हुआ कि हर पंद्रह दिनों के बाद दो दिन के लिए रयान यहाँ आयेगा और तीन दिनों के लिए निष्ठा वहाँ रहेगी.

निष्ठा रयान से चिपटी हुई थी.
दोनों साथ नहाने के लिए गए… शावर की बौछार के नीचे दो बदन चिपटे हुए अपनी प्यास बुझा रहे थे. रयान तो निष्ठा के मम्मों का पहले ही दीवाना था तो आज तो वो उन्हें खा ही जाना चाहता था.
निष्ठा अपने मम्मों को बचाने के लिए नीचे बैठ गई और रयान का लंड अपने मुंह में ले लिया. उसकी चुसाई इतनी जबरदस्त थी कि रयान को लगा उसका माल अभी छूट जाएगा तो उसने अपने को अलग किया और टॉवल लपेट कर बेड पर आ गया.

निष्ठा ने भी अपना बदन पौंछा और वो नंगी ही बेड पर आ गई और आते ही टूट पड़ी रयान पर… वो उसके ऊपर चढ़ गई और उसका लंड अपनी चूत में करके करने लगी उसकी घुड़सवारी… रयान भी नीचे लेटा लेटा उसे धक्के दे रहा था.
फिर रयान ने उसे नीचे पलटा और उसकी टांगें ऊपर करके चौड़ी कर दी और घुसेड़ दिया उसकी चूत में लंड… अब तो बेड पर वो घमासान हुआ कि शायद आवाज नीचे उसके माँ बाप तक भी पहुँच गई होगी.
थक कर दोनों चिपट कर सो गए.

निष्ठा की आँख सुबह 4 बजे खुली तो उसने रयान का लंड फिर मुख में ले लिया और उसकी नींद खोल दी… फिर एक बार चुदाई हुई.

सुबह नहाकर 9 बजे दोनों नीचे आये तो रयान की माँ पिताजी ने हंसते हुए कहा- खुल गई आंख…
दोपहर को पूरा परिवार मूवी गया और रात को बाहर डिनर लेकर लौटे.

इन दो रातों में रयान और निष्ठा ने अपना चुदाई का कोटा पूरा कर ही लिया. बीच में दो-तीन बार रयान की ऋषिका से भी बात हो गई.
ऋषिका ने रयान को बताया कि उसके पति कुशल का ट्रान्सफर रयान के पुराने शहर में ही हो गया है और उसके लिए कोई वन बेडरूम सेट वो ढूंढ दे.

रयान के पास तो टाइम नहीं था, इसलिए उसने कुशल से बात करके अपने पिताजी से मिलने को कह दिया और जब तक मकान न मिले वो रयान के घर ही रह ले, ऐसा उसने कुशल से कहा. कुशल की बारे में रयान ने निष्ठा और अपने पेरेंट्स को बोल दिया कि वो अच्छा आदमी है.

रयान के पेरेंट्स बोले कि कोठी के पीछे जो एक रूम सेट है, उसे ठीक करा देते हैं… ऐसी लगवा देंगे. अगर कुशल को ठीक लगे तो वह रह ले…
किराया तो कुशल की कंपनी देगी ही.
असल में रयान के पेरेंट्स को भी लगा कि उन्हें भी एक कंपनी मिल जाएगी, वर्ना पैसों की तो उन्हें कोई आवश्यकता नहीं थी.
रयान ने निष्ठा से कह दिया कि कुशल से वो एक बार ही मिला है पर वो ऋषिका के माध्यम से इतना कह सकता है कि वह खुशदिल, मस्त और दोस्ती लायक है.

रयान ड्यूटी पर चल गया, वो सीधे बैंक ही पहुंचा. ऋषिका एक दिन पहले शाम को आ गई थी तो वो ब्रेकफास्ट पैक करके लाई थी.
रयान ने उसे भी लंच के साथ ही खाया.

शाम को रयान को बैंक से जाते काफी लेट हो गया, ऋषिका को उसने जल्दी ही भेज दिया था.
रात को जब रयान घर पहुंचा तो पूरा घर महक रहा था. ऋषिका ने कल और आज में पूरा घर चमका दिया था और उसका बेड रूम भी अच्छे से सेट कर दिया था.
डिनर में उसने आज रयान का मनपसंद खाना बनाया था.

रयान ने मुस्कुरा कर उसके दोनों हाथ पकड़ कर थैंक्स कहा तो ऋषिका बोली- फटाफट नहा आओ, फिर खाना खायेंगे, बड़ी जोर से भूख लगी है.
रयान बोला- तुम भी फ्रेश हो आओ!
ऋषिका ने रयान के बेड पर नए लुंगी और कुरता रखे थे जो वो रयान के लिए खरीदकर लाई थी. रयान ने नहाकर वही पहन लिए. जब वो बाहर आया तो देखा ऋषिका किचन में है और उसने वही सेम नाइट ड्रेस पहनी हुई थी और उस पर बहुत खिल रही थी.

ऋषिका उसे देख कर मुस्कुराई… रयान ने जकर उसे पीछे से चिपटा लिया और उसके होंठों पर किस कर लिया जिसका जवाब ऋषिका ने अपनी जीभ उसकी जीभ से अच्छे से टकरा कर दिया.

डिनर तैयार था, आज ऋषिका ने एक ही प्लेट में खाना लगाया और दोनों ने एक ही प्लेट में खाना खाया. कभी रयान ने ऋषिका को बाइट खिलाया कभी ऋषिका ने रयान को!
डिनर से फारिग होकर दोनों ने मिलकर किचन को साफ़ किया.

रयान बोला- मैं तुम्हारे लिए कॉफ़ी बनता हूँ…
उसने दो कप कॉफ़ी बनाई और लेकर अपने बेड रूम में आ गया. दोनों बेड पर बैठ कर कॉफ़ी पीते हुए अपने घर के किस्से बताने लगे.

ऋषिका ने हंस कर कहा- वैसे तो तुम्हारी भी वही स्थिति रही होगी, मेरे पति का तो इन दो दिनों में मन ही नहीं भरता…
हालाँकि ऋषिका ये कहते हुए रुआंसी हो गई थी. बात भी ठीक है, बिना जीवनसाथी के क्या रहना… सिर्फ सेक्स सब कुछ नहीं होता.
रयान ने ऋषिका को रुआंसी देख के अपने पास कर लिया तो ऋषिका भी उसकी छाती पर सर रख कर सुबुकने लगी. रयान ने एक बार बहुत होली से उसके गालों को थपथपा कर किस कर दिया. उसके स्पर्श और प्यार से ऋषिका नार्मल हो गई.

दोनों ने कॉफ़ी ख़त्म की और ऋषिका अपने रूम में जाने के लिए उठी, तो रयान ने हाथ पकड़ लिया… ऋषिका भी जाना कहाँ चाहती थी, वो पलटी और रयान ने उसे खींच लिया, ऋषिका सीधी रयान की बाँहों में झूल गई, उनके होंठ मिल गए, दोनों बेड पर ही चिपट गए.

ऋषिका के पैर रयान के पैरों को रगड़ रहे थे, दोनों की लुंगी जांघों तक उठ गई थी… रयान के हाथ अब ऋषिका के मम्मों पर थे.
ऋषिका एक बार तो बोली- रयान, हम ये गलत तो नहीं कर रहे?
पर रयान ने बजाए जवाब देने के उसका टॉप उतार दिया और अपना भी… धीरे धीरे दोनों ही बिना कपड़ों के चादर के अंदर चिपटे ही थे. रयान ने लेटे लेटे ही अपना लंड ऋषिका की चूत में कर दिया.
ऋषिका ने अपनी टांगें कस के मिला ली जिससे रयान का लंड भी चूत में टाइट हो गया.
दोनों के जीभ आपस में टकरा रहीं थीं.

तूफ़ान ऐसा था कि मानो दोनों एक दूसरे में समा ही जायेंगे.
तभी ऋषिका ऊपर आ गई और रयान के ऊपर बैठ कर चुदाई करने लगी.
उसकी स्पीड तेज थी.. नीचे से रयान भी उछल रहा था. रयान ने सारा माल ऋषिका की चूत में भर दिया.. नीचे से किया था तो ऋषिका के उठते ही उसका वीर्य टपकता हुआ बेडशीट पर आ गया. ऋषिका बोली- छी.. सड़ा दिया सारा बेड…

दोनों हंसते हुए वाशरूम से साफ़ करके आये.

ऋषिका ने बेड शीट उतार कर वाश रूम में डाली और दूसरी बेड शीट बिछाई और रयान से बोली- अब चुपचाप सो जाओ… मैं भी अपने रूम में जा रही हूँ, सुबह ये शीट धो दूँगी.
अब रोज का सेक्स इनका नियम बन गया था.

उधर रयान के शहर में ऋषिका का पति कुशल भी रयान के घर पर शिफ्ट हो गया और जल्दी ही परिवार से घुलमिल गया.
एक बार ऋषिका भी आई तो उसे निष्ठा और रयान के पेरेंट्स ने बहुत प्यार दिया.

निष्ठा जब रयान के पास आई तो दोपहर बाद ऋषिका ने बैंक से छुट्टी ले ली और निष्ठा को समय दिया.

रयान के पेरेंट्स को अचानक एक शादी में दो दिन के लिए जाना पड़ा और उस समय क्लोजिंग का समय होने से न तो निष्ठा को छुट्टी मिली न रयान आ पाया.
रयान के पेरेंट्स निष्ठा को कुशल के भरोसे छोड़ कर चले गए.

शाम को जब निष्ठा घर वापिस आई तो कुशल ने पूछ लिया- कोई काम हो तो बता दीजियेगा.
निष्ठा हंस कर बोली- खाना बना दीजिये…
कुशल बोला- मेरा बनाया हुआ आप खा नहीं पाएंगी, चलिए डिनर बाहर करते हैं.

निष्ठा को भी कुशल के साथ कम्फ़र्टेबल लगता था और रयान के कहने पर उन दोनों के बीच दोस्ताना सम्बन्ध हो गए थे तो निष्ठा फ्रेश होकर जीन्स टॉप डाल कर कुशल के साथ उसकी बुलेट मोटरबाइक पर जाने के लिए बाहर आई. दोनों बिल्कुल कॉलेज स्टूडेंट्स लग रहे थे.

निष्ठा शादी के बाद कभी बाइक पर नहीं बैठी थी, अपनी कॉलेज लाइफ में तो उसने बाइक पर बहुत मस्ती की थी, तो वो संकोच में एक तरफ पैर करके बैठने लगी, तो कुशल हंस कर बोला- हम डेट पर जा रहे हैं या तीर्थयात्रा पर?
निष्ठा हंस पड़ी और दोनों ओर पैर करके बैठ गई और अपने दोनों हाथों से कुशल के कंधे पकड़ लिए.

कुशल ने बाइक दौड़ा दी निष्ठा को भी पुराने दिन याद आ गए… और रयान की ओर से दोस्ती की खुली छूट थी तो अब निष्ठा भी चिपक कर बैठ गई कुशल से. उसके मम्मों का दबाव कुशल की पीठ पर था तो कुशल को भी मस्ती आ गई.. एक इमरजेंसी ब्रेक.. और निष्ठा बिलकुल चिपट गई कुशल से…
निष्ठा उसकी बदमाशी समझ गई और उसने पीछे से एक धौल लगा दिया उसके, पर फिर चिपट गई और अपनी बाहें उसकी बाँहों के नीचे से ऊपर कर दीं.. बिल्कुल प्रेमी जोड़ों की तरह…

डिनर लेकर दोनों इंडिया गेट पर घूमते रहे. अब दोनों ने एक दूसरे के हाथ भी थाम रखे थे.
रात को 11 बजे के बाद ही दोनों घर वापस आये.

कुशल निष्ठा को बाय बोल कर अपने रूम में चला गया.. आज निष्ठा बहुत बेचैन थी, उसको कुशल का साथ बहुत अच्छा लगा था. उसकी चूत भी दो बार पानी छोड़ चुकी थी पर वो अपने मन में घबरा रही थी इस तरह रयान को धोखा देकर!
निष्ठा ने कपड़े बदले और बेड में घुस गई. उसने रयान को फोन मिलाया.

उधर रयान और ऋषिका चिपटे पड़े थे, निष्ठा का फोन देख कर रयान चौंका, फोन तो उठाना ही था, उसने ऋषिका को आहिस्ता से अलग किया और फुसफुसा कर कहा- निष्ठा का फोन है…
ऋषिका रयान से चिपटी हुई थी… वो भी झटके से अलग हुई और रयान की छाती पर उसके बालों से खेलने लगी.

रयान ने फोन उठाया, निष्ठा रो रही थी… बोली- तुम वापस आ जाओ, मेरे को तुम्हारी बहुत याद आ रही है.
रयान भी ये सुन कर बेचैन हो उठा… निष्ठा ने उसे शाम को बता दिया था कि कुशल उसे डिनर पर ले जा रहा है तो उसने तो उसे उकसाते हुए कहा था- कुशल बढ़िया लड़का है, उससे दोस्ती कर लो, तुम्हारा वक़्त भी अच्छा निकल जायेगा.
तो रयान ने पूछा- क्या हुआ.. क्या कुशल से कोई बात हो गई?

कुशल का नाम सुनकर ऋषिका भी चौंकी.. रयान ने स्पीकर फोन खोल दिया.. तो सुबकते हुए निष्ठा बोली- नहीं, कुशल तो बहुत अच्छा आदमी है. बहुत ध्यान रखता है, पर क्या इतनी नजदीकी ठीक है?
उसकी बात सुन कर रयान हंस पड़ा… बोला- कोई बात नहीं, वो रोमियो है तुम उसकी जूलिएट बन जाओ… कुछ भी करो, बस रोओ मत खुश रहो…
निष्ठा बोली- कल को बाद ज्यादा बढ़ गई तो?
तो रयान बोला- मुझे मालूम है कि तुम भागोगी नहीं उसके साथ… और भाग भी गईं तो लौट आओगी क्योंकि तुम जानती हो हम दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते.

रयान ने उसे फिर समझाया कि अगर किसी से दोस्ती करके मन बहलता है तो थोड़ी बहुत बेईमानी में कुछ हर्ज़ नहीं!
कह कर वो हंस पड़ा.

अब निष्ठा भी नार्मल हो गई थी और हंस पड़ी.
निष्ठा ने घड़ी देखी, 12 बज गए थे.. उसने कुशल को एक मिस्ड कॉल दी.

कुशल ने तुरंत ही पलट कर फोन किया, वो घबरा कर बोला- क्या हो गया?
निष्ठा बोली- नींद नहीं आ रही.. कॉफ़ी पियोगे?
कुशल ने हाँ कह दी.. पर बोला- एक शर्त है, वो ही पहने रहना होगा जो अभी पहने हो…
निष्ठा बोली- धत्त…
क्योंकि वो तो शार्ट नाइटी में थी.

उसने फटाफट एक गाउन डाला और किचन में चली गई… डोर पर नॉक हुई तो उसने दरवाजा खोला.. कुशल शॉर्ट्स और स्लीवेलेस टीशर्ट में था, उसका बॉडी का कसाव और मांसल डोले-शोले झलक रहे थे.. उसके हाथ में एक गुलाब का फूल था जो उसने बाहर लॉन से तोड़ा होगा.

कुशल ने बड़ी स्टाइल से नीचे बैठ कर फूल उसे प्रेजेंट किया तो निष्ठा ने भी झुक कर फूल लिया और फूल को किस किया.
कुशल बोला- हाय… काश हम फूल होते…
उसका मतलब समझकर निष्ठा ने हंसते हुए उसे भी किस कर लिया और किचन में भाग गई क्योंकि उसे मालूम था कि अब अगर वो रुकी रही तो तबला बज जायेगा.

कुशल ने पीछे से उसे बताया कि अभी ऋषिका का फोन आया था, कह रही थी कि निष्ठा का ख्याल रखना…
निष्ठा कॉफ़ी लेकर ड्राइंग रूम में आ गई, दोनों सोफे पर बैठ कर कॉफ़ी पीने लगे.

कुशल ने अपना मग टेबल पर रखा और निष्ठा के दोनों हाथ पकड़ कर बोला- आई लव यू…
निष्ठा बोली- आई लव यू टू… पर ये गलत है… धोखा है अपने पार्टनर्स से…
कुशल खड़ा हो गया और बहुत बेचैनी से बोला- निष्ठा, मैं अच्छे से जनता हूँ कि ये गलत है पर मैं क्या करूं, मैं ऋषिका के बिना नहीं रह पाता.. मुझे सेक्स का बहुत शौक है. अब मैं बाजार में तो जा नहीं सकता इसके लिए… आखिर हमारी भी कुछ बायोलॉजिकल नीड्स हैं.. और हमारे पार्टनर्स की भी मजबूरी है वर्ना वो हमें अकेला नहीं छोड़ते!

कुशल भला आदमी था.. वो निष्ठा के अकेलेपन का कोई फायदा नहीं उठाना चाहता था, उसने एक घूँट में कॉफ़ी ख़त्म की और तेज चलकर बाहर निकल गया.

निष्ठा गुमसुम सी बैठी रही, उसे नहीं समझ आ रहा था कि वो क्या करे… उसे कुशल से चिपट कर प्यार करने का मन हो रहा था पर कुछ मर्यादाएं उसे आगे बढ़ने से रोक रही थीं.

तभी अचानक रयान का फोन आया, वो बोला- मैं जानता था कि तुम अभी सोई नहीं होगी.. निष्ठा… मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ और एक बात बताना चाहता हूँ कि अगर यहाँ ऋषिका नहीं होती तो मैं यहाँ नहीं रह पाता.. वो एक अच्छे दोस्त की तरह मेरा बहुत ख्याल रखती है… इस समय वो भी मेरे पास बैठी है, लो बात करो उससे!

निष्ठा चौंक गई, इस समय ऋषिका रयान के बेड रूम में??
ऋषिका फोन पर आई, बोली- घबराओ मत निष्ठा, मैं अभी आई हूँ, मेरे पास कुशल का फोन आया था, वो बहुत परेशान था… वो बहुत रोमांटिक है पर धोखा देने वाला आदमी नहीं है. वो कहा रहा था कि उसकी किसी बात का तुम बुरा मान गई हो.. निष्ठा मैं अपने पति को जानती हूँ.. वो रोमांटिक है, आशिक मिजाज है पर कुछ ऐसा नहीं करेगा जिस पर तुम्हें या उसे बाद में पछतावा हो. तुम उस पर विश्वास कर सकती हो. और जो तुम्हें अच्छा लगे उतना उसका साथ एन्जॉय कर सकती हो.

फोन कट गया.

निष्ठा उठी और गेट खोल कर बाहर निकली.
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कुशल लॉन में बैठा था. वो भाग कर उसकी बाहों में जा समाई, दोनों के होंठ मिल गए.. कुशल ने उसे गोद में उठाया और अंदर ले आया और धीरे से सोफे पर लिटा दिया.
दोनों सोफे पर ही चिपट गये… कब उनके कपड़े उतर गए, कब दो शरीर एक हो गए… दोनों के चेहरे एक दूसरे के थूक से चमक रहे थे… दोनों की जीभें पूरे चेहरे पर घूम रहीं थी.

कुशल ने पूरी गहराई तक जाकर उसकी चुदाई की थी… दोनों के शरीर पसीने से लथपथ हो गए थे और दोनों निढाल होकर सोफे पर ही पड़ गए.
थोड़ा संभल कर कुशल उठा और निष्ठा को किस करके कपड़े पहन कर अपने रूम में चला गया.
निष्ठा ने भी डोर लॉक किया और सब कुछ ठीक करके वाशरूम में घुस गई.

अगले दिन कुशल सुबह निष्ठा को दिखाई नहीं दिया, शायद जल्दी ही चला गया था.
उसका व्ट्सएप मेसेज था.. ‘पता नहीं सही हुआ या गलत.. पर एक अच्छे दोस्त की तरह मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा…पर प्लीज कभी रयान या ऋषिका को ये मत बताना… वर्ना हम दोनों ही उनकी निगाहों में गिर जायेंगे…’
निष्ठा ने कुशल को जवाब दिया… ‘मैं भी एक अच्छे दोस्त की तरह तुम्हारे साथ हूँ.. शाम को घर जल्दी आना…’

तो दोस्तो, यह थी मेरी फ्री सेक्स स्टोरी… कैसी लगी, मुझे लिखियेगा.
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