पतिव्रता बीवी की चुदाई पुराने आशिक से- 6

(Ex Lover Sex Kahani)

एक्स लवर सेक्स कहानी में अपनी बीवी को गर्म करके उसकी अधूरी चुदाई करके मैं निकल गया. अब उसके साथ उसका पुराना यार था जो उसे चोदने के लिए तड़प रहा था.

हैलो फ्रेंड्स, मेरी सेक्स कहानी के इस भाग में आपका पुनः स्वागत है.
कहानी के पिछले भाग
बीवी के आशिक ने उसकी चूत से मेरा माल चाटा
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरी बीवी अपने आशिक दिनेश के लंड को अपनी चूचियों में दबा कर उसे रगड़ सुख दे रही थी.

अब आगे एक्स लवर सेक्स कहानी:

एकाएक दिनेश बोला- जान, अब चोदने का मन कर रहा है!
संजू बोली- क्यों इसमें मजा नहीं आ रहा है, ये तो मैं आपके लिए ही कर रही हूँ!

दिनेश बोला कि कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा है, लग रहा है जैसे अब मेरा निकल जाएगा. इसी लिए तो बोल रहा हूँ कि चुत में पेलने दो.
इस पर संजू बोली- नहीं नहीं अभी नहीं निकालिएगा, मैं अभी पूरा चुदवाना चाहती हूँ.

संजू जनरली इस गंदी तरह से बात नहीं करती थी, पर आशिक से इस भाषा में बात कर रही थी.
अब उसने लंड को अपने चूचों से आजाद कर दिया. उसके मम्मों के घर्षण से दिनेश का लंड पूरा लाल हो गया था.

संजू ने देखा तो बोली- कितना प्यारा है यह .. मैं एक दिन इसे खा जाउंगी. फिर आप देखना!
यह कहकर उसने लंड को अपने मुँह में ले लिया और एक हाथ से अपनी बुर को रगड़ने लगी.

वह पूरी कामुक हो गई थी.
एकाएक दिनेश बोला कि मेरा निकलने वाला है छोड़ो.

संजू जल्दबाजी में मुँह से लंड निकालने लगी, पर ये क्या .. दिनेश के ना चाहते हुए भी उसके लंड से पिचकारी निकलने लगी.
लंड की पिचकारी का वेग इतना तेज था कि संजू की पूरा वक्ष स्थल, मुँह और गर्दन उसके वीर्य से पट गया.

इस समय संजू चुदने के लिए पूरी पागल थी, पर दिनेश के इस तरह से वीर्य निकल जाने से वह अफसोस करती हुई बोली- ये कैसे हो गया?

दिनेश बहुत ज्यादा टेन्शन में आ गया और वह संजू से बार बार सॉरी बोलने लगा.
उसे पता था कि संजू को इस समय चुदाई की बहुत ही ज्यादा जरूरत थी.

दिनेश रोनी सी सूरत बना कर बोला- क्या करूं, इतना ज्यादा मजा और एक्साईटमेन्ट था कि निकल गया.

संजू दिनेश के इस रोनी सी शक्ल को देखकर कुछ संयमित हुई और बोली- चलो कोई बात नहीं!
दिनेश बोला- पर तुम तो प्यासी रह गई ना!

इस समय दिनेश का लंड सिकुड़ कर छोटा हो गया था.

संजू कुटिल मुस्कान लेती हुई बोली- वह आप मुझ पर छोड़ दीजिए.

ये कहती हुई संजू उठी और दिनेश को फिर से किस करने लगी.
दिनेश बोला- अभी नहीं उठेगा ये!

पर संजू उसकी बात को अनसुनी करते हुए दिनेश के होंठ को चूसने लगी.

अभी भी संजू के चेहरे और चूचियों पर वीर्य लगा हुआ था जो टपक रहा था.
दिनेश बोला- इसे तो साफ कर लो जाकर!
संजू बोली- अच्छा इसे .. !

वह हंसकर सारी मलाई को उंगली से पौंछ पौंछकर ऐसे चाटने लगी, जैसे उसकी कोई पसंदीदा चटनी टपक गई हो.

उसके चेहरे से साफ झलक रहा था कि वह पूरी गर्म थी.

संजू ने एक तरकीब निकाली, वह बोली- एक सीन दिखाऊं, आप सिर्फ देखियेगा.

दिनेश कौतूहल वश बेड के एक तरफ दीवार से सट कर बैठते हुए संजू को देखने लगा.
संजू उसके सामने नंग धड़ंग घुटने के बल बैठ गई और अपने दोनों हाथों से अपने दोनों चूचों को जोर जोर से मसलने लगी.

फिर अपने एक हाथ से अपनी बुर को मसलने लगी.
उसकी बुर से पूरा पानी रिस रहा था.

फिर उसने एक हाथ से अपनी चूची को मसलती हुई दूसरे हाथ से अपनी एक उंगली बुर से घुसेड़ दी.

ऐसा करने से उसके मुँह से इस्स की आवाज निकली. वह आंखें बंद करके उंगली को बुर में अन्दर बाहर करने लगी.

एकाएक वह उठी और रूम से बाहर चली गई.
दिनेश आश्चर्य से ये सब देख रहा था. 15-20 सेकंड में ही वह फिर आ गई और फिर से उसी मुद्रा में बैठ गई.

उसके हाथ में कुछ था.

तभी उसके हाथ में एक खीरा दिखा जो कि मेरे और दिनेश के लंड से काफी ज्यादा लगभग दोगुणा मोटा और 07 इंच लंबा था.

मैं समझ गया कि वह क्या करने वाली है. ऐसा उसने कभी नहीं किया था.

उसने अपने हाथ पर दो-तीन बार थूक और उसी थूक को अपनी बुर में लगा कर मलने लगी.
फिर उस मोटे खीरा को अपनी बुर के द्वार पर लगाकर घुसाने लगी.

परंतु खीरा काफी मोटा था, सो घुस नहीं पा रहा था.

वह आंखें बंद करती हुई धीरे धीरे प्रयास कर रही थी, उसकी बुर से पानी टपकने लगा था.

एकाएक उस लंबे मोटे खीरे का अग्र भाग उसकी बुर में घुस गया.
उसने जोर से दांतों को भींचा और लंबी सी सीत्कार ली- इस्सस स …

उस वक्त संजू के चेहरे पर हवस और दर्द का मिला जुला असर दिख रहा था.

फिर वह दर्द को झेलती हुई खीरा के उतने ही भाग को अपनी चुत के अन्दर बाहर करने लगी और लंबी लंबी आहें भरने लगी.

उसकी बुर से फच फच की आवाजें आ रही थीं.
फिर उसने थोड़ा और दम भर कर खीरा को चुत से बाहर खींचा और काफी ताकत से अन्दर पेल दिया.

इस बार लगभग चार से पाँच इंच खीरा उसकी बुर को चीरता हुआ अन्दर चला गया.
वह दर्द से तिलमिला उठी, पर उस दर्द में भी हवस भरी हुई थी.

यह सब देख कर मेरी तो हालत खराब हो गई थी.
उधर दिनेश को यह सब सपना जैसा लग रहा था.

संजू का ये रूप देखकर उसके लंड में भी हलचल होने लगी और उसके लंड में कड़ापन आने लगा.

संजू की नजर दिनेश के लंड पर जमी हुई थी शायद वह अपनी कलाबाजी से अपने आशिक के लंड को कड़क करना चाहती थी.

लौड़े को अकड़ता देख कर संजू के होंठों पर जीत की कुटिल मुस्कान आ गई.

आखिर लंड लंड होता है, खीरा में वह अहसास कहां, जो लंड में होता है.

संजू ने अपनी बुर से खीरा को एकाएक खींच लिया, जिससे बुर से फक की आवाज आई.

खीरे में बुर का पानी लगा हुआ था, जिसे संजू ने बड़े सेक्सी ढंग से मुँह में लिया और उसके चुतरस से भिड़े हुए भाग की एक बाइट काटी और खा गई.

साथ ही उसने दिनेश को देखकर दांतों को खोल कर वापस खीरा चबाया और मानो यह जताया कि अब वह दिनेश के लंड को खा जाएगी.

फिर वह दिनेश के करीब आई और उसने अपने आशिक को बेड पर गिरा दिया.

दिनेश के लंड तनाव आने लगा था. वह उसको अपने मुँह में कैद करती हुई चूसने लगी.

दो मिनट चूसने के बाद उसने लंड को मुँह से बाहर निकाला और दिनेश के एक टट्टे को अपने मुँह में भरकर चूसने लगी.

इस बीच वह बार बार अपने हाथ से अपनी बुर का मर्दन कर रही थी.

वह इंतजार कर रही थी कि कैसे भी लंड पूरी तरह खड़ा हो जाए बाकी का काम तो वह खुद ही पूरा कर लेगी.
वह अपनी चुत चुदाने के लिए मरी जा रही थी.

संजू की मेहनत और पागलपन काम आई और दिनेश का लंड फुफकार मारने लगा.

यह देखते ही संजू की आंखों में चमक आ गई.
वह अब लंड के ऊपर बैठने ही वाली थी कि दिनेश ने उसे रोक दिया.

दिनेश बोला कि बस एक मिनट रुक जाओ मेरी जान, मैं अभी आया. मुझे बहुत जोर से पेशाब आ रही है.
संजू बोली कि नहीं, अभी नहीं करने दूंगी .. मैं बहुत तड़प रही हूँ!

दिनेश बोला- प्लीज बहुत जोर से लग रही है!
वह जबरदस्ती उठकर दौड़कर बाथरूम में चला गया.
संजू को बहुत गुस्सा आ रहा था.

दिनेश के बाथरूम में जाने पर उसके मुँह से अनायास ही निकल गया- मादरचोद मैं अपनी बुर चुदाने के लिए मरी जा रही हूँ और तुझे फर्क ही नहीं पड़ रहा है. लगता है मुझे भी बाथरूम में ही जाना पड़ेगा.

पहली बार मेरी बीवी के मुँह से गंदी गाली निकली थी.
वह नंगी ही बाथरूम में जाने लगी.

मुझे अफसोस हुआ कि बाथरूम का सीन कैसे देखा जाए.
तभी मैंने तुरंत बाहर से ही बाथरूम के वेंटीलेशन वाले शीशे को देखा.

वह थोड़ा खुला रहता है. उसमें से देखने के लिए पास पड़ी कुर्सी को सैट कर दिया और उस पर चढ़ कर शीशे से अन्दर झांकने लगा.

यहां मैं बता दूँ कि मेरा घर पूरा 10 फीट उंची चारदिवारी से घिरा है, जिससे कोई बाहर का आदमी बिना दाखिल हुए कुछ नहीं देख सकता है.

खैर .. मैंने जैसे ही अन्दर झांका तो दिनेश खड़े-खड़े पेशाब कर रहा था.
लंड खड़ा होने से बहुत कम कम पेशाब निकल रही थी.

उसके बगल में संजू नंगी खड़ी थी और उसे बोल रही थी कि आपको तो मेरा कुछ ख्याल ही नहीं है.

दिनेश बोला- मैं क्या करता, क्या वहीं रूम में ही पेशाब कर देता या …
यह कहता हुआ वह रुक गया.

संजू बोली- या …. क्या .. बोलिए न!
दिनेश दबी जुबान में बोला कि या मैं तुम्हारे मुँह में कर देता …

वह पुनः बोला कि मैं तो तुम्हारी पेशाब भी पी गया, पर तुम थोड़े ना मेरा पीती.
संजू बोली- तो क्या आपकी इच्छा है कि मैं आपकी पेशाब पियूँ?

इसी बीच दिनेश सफाई में कुछ बोलने ही वाला था कि संजू को पता नहीं क्या सूझा, उसने दिनेश को पेशाब करने की अवस्था में झिकझोड़ते हुए अपने तरफ घुमाया और नीचे बैठ गई.

संजू ने दिनेश के लंड से निकलती पेशाब की धार के सामने अपने मुँह को खोल दिया.
दिनेश और मेरे आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा.

इस सब के दौरान मुझे अहसास हुआ कि हवस में अंधा आदमी कुछ भी कर सकता है.

अब दिनेश के पेशाब की धार मेरी प्यारी, संस्कारी, खानदानी, अति सुंदर, उच्च शिक्षित बीवी के मुँह में गिरने लगा.

दिनेश की खुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा.
वह अब अपने लंड को हाथ से पकड़ कर संजू के एकदम मुँह के सामने आ गया और उसके मुँह में पेशाब करने लगा.

परंतु संजू ने पेशाब को नहीं पिया.

दिनेश ने उससे रिक्वेस्ट की कि इसे पियो ना!
संजू का मूड बहुत ही हवसी था, तो उसने एक घूंट दिनेश की पेशाब पी ली और बोली- छी: कितना नमकीन है ये!

लगभग एक मिनट तक संजू ये गंदा काम करती रही.
फिर जब दिनेश की पेशाब रुक गई तो वह काफी खुश दिख रहा था.
उसे इस कांड से और अधिक उत्तेजना आ गई थी.

दिनेश ने संजू को खड़ा करके वहीं बाथरूम के बेसिन के सहारे डॉगी बना दिया और पीछे से उसकी गांड पर 4-5 जोर जोर के झापड़ दे मारे.

संजू दर्द से चीखी, पर उसने मना नहीं किया.
इसका मतलब वह इस समय दिनेश से वाईल्ड सेक्स चाह रही थी और दिनेश इसका फायदा उठा रहा था.

दिनेश ने रॉड जैसे हो चुके अपने लंड को पीछे से ही संजू की बुर में घुसेड़ दिया.
संजू के मुँह से आह निकल गई.

दिनेश ने बिना देर किए फुल स्पीड में ही चुदाई शुरू कर दी.
दिनेश अधिकांश लंड बाहर निकाल कर दुगुनी रफ्तार से बुर में अन्दर घुसा रहा था.

संजू जन्नत में गोता खा रही थी, वह यही तो चाहती थी.

लगभग 05 मिनट के जोरदार चुदाई के बाद दिनेश हांफने लगा.
वह बुर में लंड डालते ही संजू के चूचों को अपने दोनों हाथों से किसी कसाई की तरह मसलने और नोंचने लगा.
संजू इससे चीखने लगी.

दिनेश रुक गया और बोला- क्या हुआ दर्द हो रहा है?
संजू कराहती हुई बोली- दर्द बहुत हो रहा है, पर तुम रुको नहीं .. आज मेरा मन वाईल्ड सेक्स करने का कर रहा है. मैं चाहे जितना चीखूँ .. फिर भी आप नहीं रुकना. आप मुझे गाली भी दो ना, अच्छा लगेगा.

दिनेश को सुनहरा मौका मिल गया.
वह संजू के चूचों को और कस कर भींचने लगा, जिससे उसकी चूचियाँ पूरी लाल हो गई थीं.
पीछे से वह पूरे वेग से संजू को चोद रहा था.

एकाएक संजू बोली- चोद मादरचोद … और जोर से चोद!
दिनेश को आश्चर्य हुआ, पर वह उसे चोदता रहा.
वह भी गाली देते हुए बोला- साली कुतिया ले लंड ले .. और जोर से ले बहन की लौड़ी!

तभी संजू चीखती हुई झड़ने लगी और उसकी बुर से पेशाब भी निकलने लगा.
वह दिनेश को थोड़ा रुकने को बोली, पर दिनेश नहीं रुका.

एक्स लवर सेक्स में संजू का लगातार स्खलन हो रहा था. वह निढाल हो गई थी.
इसी बीच दिनेश ने भी 10-12 धक्कों के बाद अपना पूरा वीर्य संजू की बुर के अन्दर गिरा दिया.

दोनों हांफ रहे थे.
थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद दोनों खड़े हुए और एक दूसरे को देखकर मुस्कुराए.

दिनेश ने मेरी बीवी को गले से लगा लिया और उसके बालों को सहलाने लगा.

उसने कहा कि सेक्स का असली सुख क्या होता है, ये मैंने आज जाना!
संजू बोली- लेकिन ये हमेशा नहीं हो सकता है ना. मैं किसी की पत्नी हूँ. आप कहां और मैं कहां?
दिनेश बोला- हां ये बात तो सही है.

संजू हंस कर बोली कि अब जाओ मुझे सुसु करनी है.
दिनेश बोला- तो करो ना!

संजू बोली- नहीं, मुझे शर्म आती है.
दिनेश बोला- अरे इतना होने के बाद भी शर्म!

संजू बोली- नहीं, आप जाओ!
पर दिनेश नहीं गया, वह बोला- मुझे देखना है.

हार कर संजू वहीं बैठ कर सुसु करने लगी और दिनेश उसकी बुर को सुसु निकलते हुए देखने लगा.

कुछ देर बाद वह दोनों अपने अपने बेडरूम में चले गए.

मैं करीब 10 बजे रात को घर आया, तो देखा कि दिनेश सो रहा था.
संजू खाना बनाने में लग गई थी.

मैंने जाकर उसे बांहों में भर लिया और बोला कि क्या कुछ हुआ दिनेश के साथ?
वह झूठा गुस्सा करती हुई बोली- आप क्या समझते हैं मुझे! माना कि वह मेरा पुराना प्यार था मगर अब मैं आपकी बीवी हूँ.

मुझे लगा कि यह मुझे नहीं बताएगी.
मैंने कहा- तो एक बार करवा लो ना .. बेचारे की प्यास बुझ जाएगी.

वह मुझसे बोली- भक्क … कितने गंदे आदमी हो आप!

मैं अब सीरियस होकर बोला कि देखो, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. तुम अगर उससे सेक्स करना चाहती हो तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन प्लीज मेरे पीठ पीछे कुछ ऐसा वैसा नहीं करना. नहीं तो मुझे पता चलने पर मैं कुछ भी कर सकता हूँ.
वह इस बात पर थोड़ी अकचकाई और डरी. पर संभलकर बोली- आप विश्वास करें मुझ पर!

मैंने आगे कुछ नहीं कहा.

फिर 11 बजे हम सब ने खाना खाया और अपने अपने बेड पर आ गए.

हम दोनों में कुछ नहीं हुआ और हम सो गए.
अगली सुबह 07 बजे दिनेश चला गया.

दोस्तो, यह था मेरी रियल एक्स लवर सेक्स कहानी!
और हां … मुझे पता है कि एक बार दिनेश को मेरी बीवी की चुत का स्वाद मिल गया है तो वह दोबारा भी इसे चखने का प्रयास अवश्य करेगा.
अगर ऐसा कुछ हुआ तो मैं उसकी भी वास्तविक कहानी साईट पर जरूर डालूँगा.
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top