प्रियंका की गर्मी
प्रेषक : पंकज
हाय दोस्तो, मेरा नाम पंकज (बदला हुआ) है और अभी बीटेक कर रहा हूँ। मैं दुर्गापुर में रहता हूँ। मैंने अन्तर्वासना पर सारी कहानियाँ पढ़ी हैं। मैं इसका नियमित पाठक हूँ। मैं इससे तीन साल से आनंद ले रहा हूँ। इस पर आने वाली सारी कहनियाँ मुझे बहुत ही अच्छी लगती हैं। मेरे भी जीवन में कुछ ऐसी घटना हुई जिससे मुझे लगा कि मैं भी अपनी कहानी अन्तर्वासना पर लिखूँ और आज मेरी कहानी आप लोगों के सामने है। यह बिल्कुल ही सच्ची कहानी है।
यह बात तब की है जब मैं सेकंड इयर में था। मैं एक दिन फेसबुक पर था, तब मैंने एक लड़की जो मेरी ही क्लास में थी, उसको फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। उस लड़की का नाम प्रियंका था। वह बहुत ही सेक्सी लड़की थी। सब लड़के उस पर कमेन्ट करते रहते थे। बहुत ही मस्त फिगर था उसका 34-24-36 का। क्या माल लगती थी।
खैर अब कहानी पर आते हैं। अगले दिन जब मैंने फिर से फेसबुक खोला तो देखा कि प्रियंका ने मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली है। उसके थोड़ी ही देर बाद वो भी ऑनलाइन हो गई। मैंने उसे हाय लिख कर भेजा तो उसने भी मुझे हाय लिखा।
उसके बाद हम दोनों ने फ़ोन नंबर एक दूसरे को दिए।
रात को करीब एक बजे के आस पास उसका कॉल आया- तुम क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- अभी मुझे लैब लिखना है।
वो बोली- मैं लिख कर ला दूंगी, तुम मुझसे बात करो।
फिर इस तरह से हम दोनों के बीच बात होनी शुरू हो गई। उसके बाद हम लोग एक दूसरे से मिलने भी लगे। कॉलेज में ही कभी कभी हम लोग चुम्मा चाटी भी कर लेते थे। इस तरह हम दोनों एक दूसरे के काफी करीब आ गए। रात भर हम दोनों सेक्स की बातें किया करते थे। मैंने सिनेमा हॉल में उसकी चूची भी दबाई थी। इस तरह हम दोनों एक दूसरे से मिलने के लिए बेचैन रहते थे।
फिर हम लोग अगले सेमेस्टर में कोल्कता ट्रेनिंग के लिए गए। वो अपने दोस्तों के साथ गई थी, मैं भी अपने दोस्तों के साथ गया था।
एक दिन की बात है, रविवार का दिन था, रविवार को मेरी क्लास नहीं होती थी तो उसने फ़ोन करके बोला- तुम आज क्या कर रहे हो? मैंने बोला- बस कुछ नहीं, थोड़ा प्रोजेक्ट करूँगा।
तो उसने बोला- चलो घूमने चलते हैं।
फिर हम दोनों घूमने निकल गए। हम लोग शाम तक यहाँ वहाँ घूमते रहे। पार्क में भी गए, वहाँ पर हमने थोड़ी मस्ती भी की। उस दौरान वो बहुत ही गर्म हो गई थी पर वहाँ पर कुछ हो नहीं पाया।
मैंने उससे कहा- तुम मेरे रूम पर चलो।
तो वो बोली- तुम्हारे रूम पर और सब तुम्हारे दोस्त होंगे।
मैंने अपने दोस्तों को बताकर वहाँ से थोड़ी देर के लिए जाने के लिए बोल दिया।
फिर हम लोग कमरे पर पहुँच गए। मैंने कमरे का दरवाजा खोला और अंदर आकर दरवाजा बंद कर लिया।
मैं बोला- तुम बेड पर बैठो, मैं फ्रेश होकर आता हूँ।
तो वो बोली- कहाँ जा रहे हो?
और मुझे पकड़ कर अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए। उसके रसदार होंठों की गर्मी पाकर मैं भी उसके होठों को चूसने लगा।
क्या मज़ा आ रहा था यार।मैंने उसके होठों को चूसते चूसते बेड पर पटक दिया और उसके ऊपर आकर चूमने लगा। चूमते-चूमते मैं उसकी चूचियों को भी दबाने लगा।
वो बहुत ही गर्म हो गई थी, आहें भर रही थी। फिर मैंने उसके टॉप को उतारा। उसने लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी। फिर मैंने उसके ब्रा को भी खोल दिया और उसके दोनों चूचे बाहर निकल आये। क्या गोरी गोरी चूचियाँ थी यार, बिल्कुल दूध जैसी सफ़ेद।
मैंने उसके चुचद को मुँह में लेकर चूसने लगा। क्या बताऊँ, बस चूसने भर से ही मैं जन्नत में पहुँच गया था। वो गरम हो गई थी। मैंने उसके जींस को निकाला और पैंटी को भी निकाल दिया। उसकी चूत से हल्का हल्का पानी रिस रहा था। क्या मस्त चूत थी हल्के-हल्के बाल थे उसकी चूत पर, चूत पाव रोटी की तरह फूली हुई थी, लग रहा था कोई छोटा सा चीरा काट दिया हो।
मैं उसकी गुलाबी चूत में अपना मुँह लगा कर चूसने लगा। क्या मादक खुशबू थी उसकी चूत की।
मैंने जैसे ही उसकी चूत में मुँह लगाया, वो सिसकारी भरने लगी, थोड़ी देर चुसवाने के बाद वो बोली- मुझे भी तेरा लंड चूसना है।
फिर मैं बिल्कुल नंगा हो गया और अपना सात इंच का लम्बा और मोटा लण्ड निकालकर उसके मुँह में दे दिया और फिर हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए, मैं उसके चूत को चूस रहा था और वो मेरे लंड को चूस रही थी। वो बहुत ही गरम होकर अजीब तरह से सिसकारियाँ भर रही थी।
थोड़ी देर चूसने के बाद वो बोली- पंकज, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, अब अपना लंड मेरे अन्दर डाल कर मेरी प्यास मिटा दो।
मैं बोला- थोड़ी देर और बर्दाश्त कर जानेमन, तेरी प्यास तो आज मिट ही जायेगी।
मैंने चूसते चूसते उसके बुर के होंठ को लाल कर दिया। वो और तड़पने लगी, बोली- अब तो डाल दो अपना मूसल हथियार मेरी चूत में ! मेरी गर्मी मुझसे सही नहीं जा रही है।
फिर मैंने उसे लिटाया और उसकी दोनों टांगों को अपने कंधे पर रख कर अपने लंड को उसके चूत के मुँह पर सटाया। वो बहुत ही ज्यादा तड़पने लगी तो मैंने एक जोर का धक्का दिया, मेरा आधा से ज्यादा लंड उसके चूत में घुस चुका था।
वो जोर से चीखी तो मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए, फिर अपने लंड को बाहर निकाल कर एक जोरदार धक्का दिया। इस बार मेरा पूरा लंड उसके चूत में घुस चुका था। वो दर्द से तड़पने लगी। मैंने उससे पूछा- तुमने पहले कभी सेक्स नहीं किया?
तो उसने बोली- किया था पर तुम्हारा लंड ज्यादा ही बड़ा है।
थोड़ी देर के बाद जब उसे कुछ आराम मिला तो वह नीचे से चूतड़ उछाल कर चुदने लगी।
मैंने भी अब अपनी रफ़्तार बढ़ाई और उसे जोर जोर से चोदने लगा। हम दोनों को ही खूब आनन्द आ रहा था। करीब दस मिनट चोदने के बाद वो बोली- और तेज करो, अब मेरा निकलने वाला है।
मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और करीब पांच मिनट के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और वो झरने लगी।
उसके चूत का गर्म गर्म रस मेरे लंड से लगा तो मैं तो जैसे जन्नत में पहुँच गया।
मैं अभी भी उसे चोद रहा था, मैंने उसे बोला- अब तुम घोड़ी स्टाइल में आ जाओ, मैं पीछे से घुसाऊँगा।
फिर मैं उसे उस स्टाइल में चोदने लगा। करीब दस मिनट और चोदने के बाद मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया। झड़ते समय क्या आनन्द आया, मैं बता नहीं सकता। बहुत ही चरम सुख की प्राप्ति हुई।
वो बोली- मेरे चूत में गिरा दिया है, कोई दिक्कत हो गई तो क्या होगा?
मैंने बोला- कोई दिक्कत नहीं होगी, दवा खा लेना।
फिर हम दोनों फ्रेश हुए और मैं उसे उसके रूम पर तक पहुँचाने गया। रास्ते में ही मैंने उसे दवा खरीद कर दी और खाने के लिए बोल दिया।
फिर हम दोनों कई बार कोलकाता में ही मिले, अपने रूम पर कई बार हमने सेक्स किया। वो आज मेरे साथ, मेरे क्लास में होते हुए भी नहीं है, हम दोनों में ब्रेकअप हो चुका है, फिर भी उन पलों को याद कर मेरा लंड अभी भी खड़ा हो जाता है और जाकर बाथरूम में मुठ मारता हूँ।
आशा करता हूँ कि आप सबको मेरी कहानी जरूर पसंद आई होगी।
मुझे मेल करियेगा।
आपका पंकज
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